Nice to meet you - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

Nice to meet you - 1

राशि आज उसी रेस्टोरेंट मैं बैठी थी जहाँ राशि और प्रतिक पहली बार डेट पर गये थे । आज राशि और प्रतिक को मिले तीन साल हो चुके हैं । राशि अपने बगल वाली सीट पर सलगिरा का तौफा साथ में लिए बैठी थी और दरवाजे की ओर नज़रें टिकाकर प्रतिक की राह देख रही थी । रेस्टोरेंट के बायें तरफ जहाँ की खिड़की से बाहर का नज़र दिखता रहा था , सभी बड़ी जल्दी में दिख रहे थे ।

राशि एक साधारण सी लड़की थी जो अपने शहर से दूर मुम्बई में काम करती थी । वह एक अर्पाटमेंट में अकेली रहती थी । राशि यूँ तो सबसे घुल मिल कर रहती थी मगर वह जल्दी अपने दिल की बात किसी को बताती नहीं थी । राशि और प्रतिक दोनों एक ही ऑफिस में काम करते थे , वहीं उनकी मुलाकात हुई और मुलाकात प्यार में बदल गया ।

राशि बड़ी बेसब्री से प्रतिक का इंतजार कर रही थी । तभी सामने से राशि को प्रतिक आता हुआ दिखा । राशि प्रतिक को देख बेहद खुश हो गयी । प्रतिक राशि के पास आया ।

राशि आज इतनी खुश थी कि वह अपनी नजरें प्रतिक से हटा ही नहीं पा रही थी । राशि की आँखों में ये ख़ुशी देख प्रतिक से रहा नहीं गया । वह अपनी चिंतित भरी नजरों से राशि को देख कर कहता है " राशि , लेट'स ब्रेक उप ।"

यह सुनते ही राशि की चमकती आंखे अचानक से बुझ गईं । वह समझ नहीं पाई है कि प्रतिक ने उससे ये क्या कह दिया । तीन साल का रिस्ता यूँ अचानक एक पल में तोड़ दिया । राशि अंदर ही अंदर बिखर सी गयी । वह इतने सदमे में चली गई कि वह प्रतिक को कुछ बोल ही न सकी ।

तभी प्रतिक आगे कहता है " देखो राशि , मैं पहले तुमसे बहुत प्यार करता था मगर आज कल पता नहीं क्यूँ मैं तुम्हारे लिए पहले की तरह फील नहीं करता ... और ऊपर से ये काम का प्रेशर..."

प्रतिक कुछ देर रुक कर कहता है " तुम तो जानती हो न कि मेरा प्रमोशन होने वाला है । मुझ पर इतना प्रेशर आ गया है की मैं क्या कहूं । मैंने इस दिन के लिए बहुत मेहनत करी है राशि, तुम जानती हो न । और इस सिचुएशन मैं तुमसे झूठा प्यार नहीं कर सकता। आई एम शॉरी राशि । तुम ... समझ रही हो न ।"

प्रतिक के इतना कहने पर भी राशि अपने मुँह से एक लफ्ज़ नहीं निकल पाई । शायद राशि को पहले से अहसास था कि उनके रिश्ते अब पहले की तरह नहीं रहे। अब वो दोनों बदल चुके हैं । मगर शायद राशि अकेले ही अपने रिश्ते को बरकर रखने कि कोशिश कर रही थी । उसे शायद उम्मीद थी । पर अब वह उम्मीद भी उसे छोड़ गई ।

प्रतिक कहता है "ठीक है राशि मुझे बहुत सारे काम करने बाकि हैं, अब मैं चलता हूँ । तुम अपना ख्याल रखना । बाय । '" इतना कह कर प्रतिक वहां से चला जाता है और राशि उसे खुद से दूर जाते देखती रह गई ।

प्रतिक के जाने के बाद भी राशि रेस्टोरेंट में अकेली बैठी रही । वह उदास तो थी मगर उसके चेहरे पर एक भी भाव नहीं था ।

राशि रेस्टोरेंट की विंडो से बहार की दुनिया को देखती है । वह कुछ सोच नहीं पा रही थी कि वह क्या करे ।उसकी नज़रें एक दम से में झुक जाती हैं ।

राशि कुछ देर के लिए कुछ खो सी जाती है और फिर एक गहरी सांस ले कर रेस्टोरेंट से बाहर निकल गई ।

राशि ने आज ऑफिस से छुटि ली हुई थी इसलिए उसे कहीं जाने की चिंता नहीं थी । वह रेस्टोरेंट से निकल कर अपने अपार्टमेंट की तरफ अपने बेजान क़दमों के साथ चल पड़ती है ।

राशि के मन में क्या चल रहा था कोई नहीं जनता । वह बस इन सारी बातों से दूर चले जाना चाहती थी । राशि को घूमने का काफी शौक था और वह जाना भी चाहती थी मगर वह कभी अकेले कहीं गई नहीं।

राशि को उसके किसी ऑनलाइन फ्रेंड ने अम्बोली गाँव के बारे में बताया था जो महाराष्ट्र में सह्याद्रि घाटी के नीचे बसा था ।

राशि अपने अचानक हुए ब्रेकअप को भुला देना चाहती थी तो उसने ऑफिस में एक कॉलिग को कह कर एक हफ्ते की छुटी और ले ली । फिर अगले ही सुबह बस पकड़ कर अम्बोली के लिए निकल पड़ी ।

राशि बस के विंडो सीट पर बैठी थी । उसका मन अब भी खामोश था । तभी उसे उसकी दोस्त भानु का कॉल आता है । भानु फ़ोन पर जोर से कहती है " ये क्या ? तू मुझे बिना बताये ही छुटी पर चली गयी । मुझे बताया क्यूं नहीं, मैं भी तेरे साथ चल लेती । वैस भी यहाँ बॉस हमारा दिमाग ख़राब करता रहता है ।"

"तू ...सुन रही है न." राशि भानु का जवाब नहीं देती । मगर भानु समझ जाती है कि राशि क्यों कुछ नहीं बोल रही ।

वह आगे कहती है " देख राशि तेरे दिल की बात तो मैं नहीं समझ सकती, मगर तुझसे मैं इतना कहूँगी कि तो जो भी करे ,जहाँ भी जाये, बस याद रखना की तुझसे प्यार करने वाले, तुम्हारी परवाह करने वाले बहुत सारे लोग हैं । तुम्हारे पेरेंट्स हैं, तुम्हारे भाई बहन हैं , तुम्हारे इतने सारे दोस्त हैं, मैं हूँ ।" "लाइफ में ये सारे रिश्ते और प्यार सभी को नहीं मिलती राशि । इसलिए तू जो भी कर रही है लाइफ में हमें एक बार जरूर याद कर लेना ।"
"वादा कर की तू कुछ ऐसा वैसा कुछ कुछ नहीं करेगी." " बोल ।"

भानु की बातें सुन राशि कहती है "हम्म, नहीं करुँगी ।"

"ठीक है फिर मैं फ़ोन रखती हूँ , अम्बोली पहुँच कर मुझे एक बार फ़ोन जरूर कर देना , वरना मैं तुम्हारी माँ को सब कुछ बता दूंगी ।" "ठीक है ।"

राशि लम्बी साँस लेती है और छोड़कर कहती है "ठीक है ।" इतना कह कर राशि और भानु दोनों कॉल एन्ड कर देते हैं ।
अब बस में बैठी राशि, भानु की बातों को सोचती हुई अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ जाती है ।

राशि मुंबई से सुबह पांच बजे ही अम्बोली के लिए रवाना हो गयी थी और अब शाम हो चली है ।

बस अम्बोली गांव की मुख्य सड़क पर रूकती है, जहाँ राशि बस से उतर जाती है । बस के चले जाने के बाद राशि आस - पास नज़र घुमा कर देखती है । वहां चारों तरफ हरियाली ही हरयाली थी । सारे खेत धान से सजे हुए थे और दूर खेतों के बाद पूरी सह्याद्रि घाटी कमाल की लग रही थी । घाटी के नीचे अम्बोली गाँव बसा था, जिसका रास्ता मुख्य सड़क से लगे एक कच्ची सड़क से हो करकर जाता था । इस सड़क के किनारे धान के खेत मज़े से लहलहा रहे थे ।

राशि ने इसी सड़क पर अपने कदम बढ़ा दिए । शाम हो चली थी मगर सूरज डूबने में अभी एक डेढ़ घंटा बाकि था । गाँव ज्यादा दूर नहीं था और राशि के पास वक़्त भी काफी था गाँव तक पहुँचने के लिए । इसलिए राशि आस - पास के नज़रों को देखती, अपने कैमरे से फोटोज खींचती जा रही थी । राशि प्रकृति से मिलकर काफी शांत और सुकून महसूस कर रही थी ।

तभी अचानक पीछे से राशि को साइकल की घंटी की आवाज़ सुनाई देती है ।

राशि जैसे ही पीछे मूढ़ कर देखती है । एक लड़का साइकिल पर सवार लड़खड़ाते हुए "हटो सामने से, हटो सामने से ..."चिल्लाते हुए उसकी ओर तेजी से बढ़ रहा था। अचानक से यह देख राशि की आंखे बड़ी हो जाती हैं और वह समझ नहीं पाती कि वह क्या करे । साइकिल पर सवार लड़का जैसे ही राशि से टकराने वाला होता है कि वह लड़का अपनी साइकिल का हैंडल खेतों की ओर मोढ़ देता है और फिर उन्ही खेतों में धड़ाम से जा गिरता है ।

"हाई ... मेरी कमर..." लड़के न कहा । फिर गुस्से वाली शकल बनाकर राशि की ओर देख कर राशि से कहाता है "तुम्हें दिखाई सुनाई नहीं देता क्या ... कितनी बार कहा हटो सामने से, हटो सामने से । तुम हटी क्यों नहीं ।" " बेचारी मेरी धन्नो को इस जलजले मटमैले पानी से भरे खेत में गिरा दिया." "अब मेरी धन्नो का क्या होगा, बताओ मुझे ?"

"ऐ मुझे क्यों बोल रहे हो । साइकिल चला रहे थे तुम । हैंडल पकड़ा था तुमने । साइकिल का हैंडल मोढ़ा तुमने । साइकिल को खेत मैं उतारा तुमने । और मुझे दोषी ठहरा रहे हो ।"

" ओ हैलो, तुम रस्ते के बीच में चल रही थी समझी और यहाँ क्या फिल्म की शूटिंग चल रही है जो बीच रस्ते पर पोज़ दे रही थी । जब मैं 'हटो सामने से, हटो सामने ' चिल्ला कर अपना गाला फाड़ रहा था तो क्या कर रही थी । बहरी हो गयी थी क्या । हटी क्यों नहीं ? "

" वो ,मेरा ध्यान कहीं और था ।"

" एक मिनट , तुम साइकिल चला रहे थे ,तो तुम ब्रेक भी तो मार सकते थे । लोगों को हटो हटो क्यों चिल्ला रहे थे ? साइकिल का ब्रेक ख़राब था या तुम्हारा दिमाग खराब था?"

"अअअ..."

" डोंट टेल मी कि तुम एक ब्रेक फेल वाली साइकिल चला रहे थे । "

" अम ... "

" हूँह ... सिरियसली और तुम मुझे डांट रहे थे कि इसमें मेरी गलती है, बोलो ।"

"अ ह हा ....मैं ...मेरी धन्नो को देखता हूँ । ओह मई डार्लिंग धन्नो तुम ठीक हो या नहीं, तुम्हे कहीं चोट तो नहीं लगी ।"

"हुंह ... इडियट " यह कहते हुए राशि गाँव की ओर बढ़ जाती है ।

गाँव पहुँच कर राशि ठहरने के लिए लोगों से पूछती है । कुछ बुजुर्ग जो खाट पर बैठकर शाम की चाय का आनंद ले रहे थे, राशि को गाँव के होटल में ठहरने की सलाह देते हैं ।

गाँव के लोगों ने गाँव के ही एक घर को मरम्मत कर उसे बाहर के लोगों के लिए होटल बना दिया था जो गाँव के बाकि घरों से काफी बड़ा था ।

राशि जब होटल पहुंची तो उसने एक कमरा बुक किया और चाभी ले कर सीधा अपने कमरे में चली गयी ।

अब पूरी तरह से दिन ढल चूका तथा और राशि पूरी तरह से थक चुकी थी । राशि ने होटल में काम करने वाले एक व्यक्ति से खाना लाने को कहा । वह व्यक्ति राशि के लिए खाना ले आया । दिन भर की थकान के बाद राशि वह खाना खाकर तुरंत ही सोने चली गयी ।