BAIRI PIYA - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

बैरी पिया - 1

" संजय धीरे धीरे चालिए ! आवाज मत कीजिए वरना वह जाग जायेगी । " , एक अंधेरे घर में हाथ में केक पकड़ कर चल रही औरत ने अपने साथ वाले आदमी से कहा ।

आगे उस आदमी यानि संजय ने फूस फसा कर कहा , " तुम बोल कर मुझ से ज्यादा आवाज़ कर रही हो मधु । तुम धीरे बात करो ना । "

वो दोनों घर के एक कमरे के सामने पहुंचे जिस का गेट बन्द था ।

मधु ने फूस फसा कर संजय से कहा , " संजय धीरे से गेट खोलिए । और आवाज़ मत करना मैं केक की कैंडल्स जला लूं । "

संजय ने धीरे से गेट खोला और और मधु ने केक के उपर लगी हुई कैंडल्स जलाई । दोनों ने एक साथ कमरे में एंटर किया । कमरे में अंधेरा छाया हुआ था । दोनों दबे पांव कमरे के बेड की तरफ़ बढ़े ।

मधु ने फूस फसा कर संजय को कहा , " संजय आराम से उठाना उसे । "

संजय ने मधु को बेड पर हाथ फेहराया और कहा , " मधु यहां तो कोई नहीं है । बेड तो पुरा ख़ाली है । "

मधु ने बौखला कर संजय से कहा , " ये आप क्या बोल रहे हैं संजय ? कहां है मेरी बेटी ? देखो ना यहीं होगी । "

संजय ने मना करते हुए मधु को कहा , " यहां नहीं है मधु । "

मधु ने संजय को कहा , " लाइट ऑन कीजिए ना । "

मधु और संजय दोनों बेड की ओर मुंह करके खड़े हुए थे । दोनों ने लाइट ऑन की और ख़ाली बेड को देख कर संजय ने मधु को कहा , " देखो कोई नहीं है यहां पर । "

अचानक उन के पीछे से एक लड़की ने ज़ोर कहा , " बूम... । मै यहां हूं । "

संजय और मधु ने अपने पीछे मुड़ कर देखा और एक साथ कहा , " गौरी ! ...। "

उन दोनों के सामने एक प्रीटी सी नौजवान लड़की नाइट सूट पहने खड़ी हुई थी ।

मधु ने गौरी के चेहरे को प्यार से सहलाते हुए कहा , " तुम ने तो हमें डरा ही दिया था बेटा । तुम्हें ना हमेशा पता चल जाता है हमारे सरप्राइज़ का । "

गौरी यानि उस लड़की ने केक देख कर मुस्कराते हुए कहा , " तो मुझे सरप्राइज़ देने आए थे आप दोनों । "

मधु और संजय ने एक साथ स्माइल करते हुए कहा , " गौरी हैप्पी बर्थडे बेटा ! "

गौरी ने केक देख कर संजय और मधु को कहा , " थैंक यू वाउ केक चालिए हॉल में चल कर काटते हैं । मुझे बहुत भुख लगी है । "

गौरी , मधु और संजय तीनों केक लेकर घर के हॉल में पहुंचे और हॉल में रखे हुए टेबल पर केक रख दिया । गौरी ने मुंह से फुक मार कर केक के उपर लगी कैंडलस को बुझाया तो मधु और संजय ने उस के लिए क्लैपिंग करते हुए एक साथ गुण गुनाया , " हैप्पी बर्थडे टू यू ! हैप्पी बर्थडे टू यू ! हैप्पी बर्थडे टू गौरी ! .

गौरी ने केक काट कर और उस का एक पीस मधु और संजय की ओर बढ़ाया ही था कि तभी अचानक किसी ने गौरी की गाल पर एक ज़ोर दार थपड़ मारा ।

मधु और संजय एक साथ चिलाए , " गौरी ! "

गौरी ने अपनी गाल पर हाथ रख कर अपने सामने खड़े हुए टॉल और डैशिंग हंक को देखा और गौरी ने गुस्से से पूछा , " कौन हो तुम ? और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इतनी रात में मेरे घर में घुस कर मुझे मारने की ? "

सामने खड़े सख्श ने गौरी का हाथ पकड़ कर गुस्से से कहा , " चलो मेरे साथ । "

सख्श के साथ 2 हट्टे कट्टे बॉडीगॉर्ड भी थे ।

संजय ने उस सख्श को रोकते हुए कहा , " रुको ! कहां ले जा रहे हो मेरी बेटी को ? "

मधु ने गौरी को छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा , " छोड़ो मेरी बेटी को । कौन हो तुम ? "

सख्श के साथ 2 बॉडीगार्डस को इशारा करते हुए कहा , " संभालो इन दोनों को मैं इस लड़की को लेकर जाता हूं । "

बॉडीगार्ड मधु और संजय को पकड़ लेते हैं । गौरी ने गुस्से से कहा , " तुम हो कौन ? छोड़ों मुझे । और इन दोनों को छूना भी मत । "

संजय गुस्से से सख्श को बोला , " छोड़ो मेरी बेटी को । तुम जबरदस्ती हमारे घर में घुस कर मेरी बेटी को ऐसे नहीं ले जा सकते । "

संजय बॉडीगार्ड से छूटने की कोशिश करता है कि तभी बॉडीगॉर्ड उसे एक घुसा मारता है जिस से संजय का सिर टेबल से टकराता है और उस के सिर पर चोट लगती है और वो बेहोश हो कर फर्श पर गिर जाता है । उसे देख गौरी और मधु एक साथ चिलाई , " नहीं ! "

सख्श गौरी ने गौरी को जबरदस्ती खींचते हुए कहा , " चलो अब मेरे साथ । "

मधु ने रोते हुए कहा , " संजय ! क्या किया तुम ने मेरे पति के साथ ? "

सख्श ने अकड़ कर मधु को कहा , " कुछ नहीं हुआ । बेहोश हुए हैं । थोड़ी देर में होश आ जायेगा । मैं इस लड़की को लेकर जा रहा हूं । "

मधु ने बॉडी गार्ड से खुद को छुड़ाने की कोशिश करते सख्श को कहा , " कहां ले जा रहे हो मेरी बेटी को ? छोड़ो उसे । "

गौरी ने भी खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा , " लीव मि बेस्ट्रेड । हाउ डेयर यू डू दिस ? तुम मुझे ऐसे जबरदस्ती अपने साथ नहीं ले जा सकते । "

सख्श गौरी की एक बात नहीं सुनता और गौरी को ज़बरदस्ती अपने साथ ले जाता है । मधु उस के पीछे जाने की कोशिश करती है ।

बॉडीगॉर्ड ने मधु को रोकते हुए गुस्से से कहा , " अगर अपनी बेटी को ज़िंदा देखना चाहती हो तो एक कदम मत निकालना अपने घर से । वरना लाश भी नहीं मिलेगी तुम्हें अपनी बेटी की । "

मधु रोने लग जाती है । मधु अपने पति को संभालती है । बॉडीगार्ड्स भी गौरी और सख्श के पीछे पीछे घर बाहर चले जाते हैं।

मधु ने रोते हुए अपने पति से कहा , " प्लीज संजय उठिए ना ? क्या हुआ आप को ? "

दुसरी ओर घर के बाहर 3 ब्लैक एसयूवी कारें खड़ी हुई थी । सख्श ने गौरी को बीच बीच मे खड़ी हुई एसयूवी कार ओर खींचा और बॉडीगार्ड ने उस कार की बैक सीट डोर खोला । सख्श ने गौरी को कार में धकेला और खुद उस की बगल में बैठ गया । और बॉडीगार्ड ने डोर लॉक कर दिया । गौरी ने गुस्से से सख्श को कहा , " डिस्गस्टिंग यू आर । हू आर यू बेस्ट्रेड ? एंड हाउ डेयर यू डू दिस नॉन सेंस ? "

सख्श ने आगे से गुस्से से गौरी को कहा , " शट यॉर माउथ । डांट अक्स एनीथिंग टू मि । यू डोंट नो हू एम आई ? "

बॉडीगार्ड्स भी कार में बैठ गए और तीनों कारें वहां से निकल पड़ी । गौरी ने गुस्से से सख्श को बोली , " तुम ऐसे जबरदस्ती मुझे कहां लेकर जा रहे हो ? "

सख्श ने गुस्से से गौरी को जवाब दिया , " जबरदस्ती तो अभी मैंने की ही नहीं है । चलो तो सही सब कुछ पता चल जाएगा । "

कौन है ये सख्श ? और क्यूं गौरी को जबरदस्ती अपने साथ लेकर जा रहा है ? क्या करने वाला है ये सख्श गौरी के साथ ? जानने के लिए वेट फॉर नेक्स्ट एपिसोड । दोस्तों रूद्र गौरी का नाम मैंने अपनी दूसरी कहानी मैं तेरी जोगणिया से लिया है । आप नाम को मायिना ना देते हुए स्टोरी को मयीना दे । और एंजॉय करें स्टोरी को ।