Kahani Saraswati aur Sanskar ki - 2 in Hindi Fiction Stories by Hemant Sharma books and stories PDF | कहानी सरस्वती और संस्कार की - 2

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कहानी सरस्वती और संस्कार की - 2

पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा कि कॉलेज के सभी स्टूडेंट्स और टीचर्स आईएएस ऑफिसर संस्कार शर्मा का इंतजार कर रहे थे पर उनके न आने की खबर ने उन सबको उदास कर दिया। लेकिन फिर अचानक से संस्कार आ गया और मिस्टर शुक्ला से भी मिल लिया। अंदर जाते हुए संस्कार को कुछ याद आया और उसने शिवू नाम के शख्स को फोन लगाया। अब आगे…


संस्कार ने शिवू को जब फोन लगाया तो दूसरी तरफ से ग्रे कलर की टी–शर्ट और ब्लैक ट्राउजर्स पहनकर बेड पर लेटे हुए भूरी आंखों वाले एक लडके ने फोन उठाया और उनींदी से आवाज में बोला, "हेलो?"

संस्कार ने थोड़े गुस्से से कहा, "अभी तक सो रहा है तू?"

इस आवाज से उस लडके के आंखों की सारी नींद उड़ गई और वो तेजी से बोला, "टॉस?"

संस्कार ने थोड़े और गुस्से से कहा, "नहीं, भूत बोल रहा हूं।"

उस लडके ने संस्कार को मक्खन लगाते हुए बोला, "अरे, यार! तेरी आवाज तो लाखों में एक है। मेरा प्यारा टॉस!"

संस्कार ने गुस्से से कहा, "पहले तो तू मुझे ये 'टॉस' बोलना बंद कर और ये बता कि मैंने तुझे जो काम बोला था वो तूने किया कि नहीं?"

संस्कार की इस बात पर वो लड़का अपना सिर खुजलाने लगा तो संस्कार ने कहा, "सिर खुजाना बंद कर।"

उस लडके ने अपनी आंखें बड़ी करते हुए अपने सिर की तरफ देखा और संस्कार से पूछा, "तुझे कैसे पता कि मैं अपना सिर खुजा रहा हूं।"

संस्कार ने उससे कहा, "तेरी रग–रग से वाकिफ हूं मैं।"

संस्कार की बात पर उसने छोटा सा मुंह बना लिया।

संस्कार ने आगे कहा, "मैंने बोला था न तुझे कि आज सरस्वती को हमारे कॉलेज लेकर आना है और तू तो आराम से घोड़े बेचकर सो रहा है।"

संस्कार की इस बात पर उसे कुछ याद आया तो उसने अपने सिर पर हाथ रखते हुए कहा, "ओ तेरी! मैं तो भूल ही गया। मैं बस अभी तैयार होकर सरस्वती को कॉलेज लेकर पहुंचता हूं।" कहकर उसने फोन काट दिया और संस्कार के शब्द उसके मुंह में ही रह गए।

संस्कार ने फोन को देखते हुए खुद से ही कहा, "ये लड़का कभी पूरी बात नहीं सुनता।" कहकर संस्कार कॉलेज के अंदर चला गया।

शिवम भारद्वाज, संस्कार का बेस्ट फ्रेंड जिसे संस्कार प्यार से शिवू बुलाता है और शिवम संस्कार को टॉस। इन दोनों की फ्रेंडशिप क्लास 11th में हुई थी और इतनी गहरी हुई कि आज तक इस दोस्ती पर कोई आंच तक नहीं आई। अब आप सोच रहे होंगे कि ये टॉस का मतलब क्या है? तो वो तो आपको शिवम ही बताएगा।

जब संस्कार कॉलेज के अंदर आया तो उसने देखा कि चारों तरफ बहुत ही सुंदर तरीके से डेकोरेशन हो रही है। अंदर की डेकोरेशन बाहर से भी ज्यादा सुंदर लग रही थी। पूरे हॉल में शांति छाई हुई थी। संस्कार समझ पा रहा था कि इस शांति की वजह वो खुद था।

संस्कार चारों तरफ देख ही रहा था तभी मिस्टर शुक्ला प्रिंसिपल के साथ बाहर आए। संस्कार ने उन्हें प्रणाम किया और थोड़ी बातें भी की। फिर मिस्टर शुक्ला ने सभी स्टूडेंट्स को बाहर बुलाया और खुद संस्कार के साथ स्टेज पर पहुंच गए।

मिस्टर शुक्ला ने अपने हाथ में माइक पकड़कर सभी स्टूडेंट्स से कहा, "बच्चों! तो जिसका आपको बेसब्री से इंतजार था वो यहां पर आ चुके हैं– संस्कार शर्मा।"

सभी बच्चे एक साथ हूटिंग करने लगे। मिस्टर शुक्ला ने सबको शांत कराया। फिर आगे कहा, "आज संस्कार आपके सामने अपने एक्सपीरियंसिज शेयर करेंगे और ये भी बताएंगे कि उनकी इस कामयाबी का मूल–मंत्र क्या है?" कहकर मिस्टर शुक्ला ने संस्कार के हाथ में माइक देना चाहा तो संस्कार ने इशारे से उन्हें थोड़ी देर रुकने के लिए कहा और फिर एक कोने में जाकर फोन करने लगा।

सभी लोग संस्कार की तरफ ही देख रहे थे। संस्कार ने जैसे ही फोन रखा उसके चेहरे पर फिर से मुस्कान ने जगह बना ली। वो फिर से स्टेज पर आया और माइक हाथ में लेकर बोला, "सबसे पहले तो आप सभी को मेरा नमस्कार! और मैं माफी चाहूंगा कि मेरी वजह से आप सभी को मायूस होना पड़ा। बस थोड़ी देर और रुक जाइए क्योंकि आज मेरी कामयाबी जिनकी वजह से है वो अभी थोड़ी देर में यहां पर होंगे। एक्सक्यूज मी!" कहकर संस्कार ने मिस्टर शुक्ला को माइक पकड़ाया और बाहर की तरफ जाने लगा कि शिवम अंदर आ गया।

शिवम को देखकर संस्कार के चेहरे पर मुस्कान आ गई और संस्कार ने इशारों से ही शिवम को सरस्वती के बारे में पूछा तो शिवम ने अपने चेहरे पर सांत्वना वाले भाव लेकर उसे संतुष्ट करा दिया। संस्कार खुशी से स्टेज पर चढ़ गया।

संस्कार ने माइक में कहा, "देरी के लिए एक बार फिर से माफी। लेकिन जिनका मैं इंतजार कर रहा था वो अब यहां पर पहुंच चुके हैं।"

संस्कार ने धीरे–धीरे अपने कामयाब होने के बारे में बताया, अपनी स्टडी की स्ट्रेटजी के बारे में और डिस्ट्रैक्शन को कैसे दूर करें... वो सब कुछ बताया।

उन स्टूडेंट्स में से एक ने पूछा, "सर! आपकी सफलता की वजह क्या है?" तो संस्कार ने जवाब दिया, "और रही बात मेरी कामयाबी की तो उसमे मेरी मेहनत के साथ–साथ मेरे टीचर्स का आशीर्वाद और सरस्वती का साथ भी था।"

'सरस्वती' नाम सुनकर सभी लोग आपस में बातें करने लगे। तो संस्कार ने उनकी परेशानी को दूर करने के लिए कहा, "आप लोग यही सोच रहे होंगे कि ये सरस्वती कौन है? तो मैं आपको बता दूं कि सरस्वती की वजह से ही आज मैं यहां आप सभी के सामने खड़ा हूं।"

उनमें से दूसरे स्टूडेंट ने पूछा, "तो, सरस्वती आपकी गर्लफ्रेंड हैं? क्योंकि जहां तक हमें पता है, आपकी अभी शादी तो नहीं हुई है।"

संस्कार पहले मुस्कुराया और फिर उसकी बात के जवाब में कहा, "जी, बिलकुल। मेरी अभी शादी नहीं हुई है क्योंकि मुझे सरस्वती से ही बहुत ज्यादा प्यार मिला है। और आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि सरस्वती मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है बल्कि वो तो..."


आखिर कौन है ये सरस्वती जो संस्कार के लिए है इतनी स्पेशल? जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड।

कृपया समीक्षाओं के जरिए अपना प्यार मुझ तक भेजते रहिए।

–हेमंत शर्मा