Past to Future - 2 in Hindi Fiction Stories by Raj Bhati books and stories PDF | पास्ट टू फ्यूचर - 2

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पास्ट टू फ्यूचर - 2

17 sep 2023
(सावित्री) - युवराज मेरा बच्चा.. {रोते हुए}
हे भगवान् क्या जुर्म किया था हमने जो ऐसी सजा दी हमें।
(हरिलाल) युवराज के पिता- खुद को संभालो सावित्री होनी को कौन टाल सकता है।
तभी घर का दरवाजा खटकता है...
हरिलाल दरवाजा खोलता है।
दरवाजे पर हरिलाल का दोस्त केशव खङा था।
केशव- हरिलाल... हरिलाल मेरे साथ चल तूझे कुछ दिखाना है।
सीन शिफ्ट होता है-
अली एक स्कूल में पहुंचता है। ये वही स्कूल है जहाँ युवराज पढता था‌। अली अंदर जाता है सभी उसे देख कर बहुत हैरान हो जाते हैं और डर जाते हैं।

केशव और हरिलाल शमशान में जाते हैं।
(हरिलाल) - क्या हुआ क्या दिखाना चाहते थे।
ये बातें हो ही रही है कि हरिलाल का फोन बजता है।
हरिलाल फोन पिक करता है।
(हरिलाल) - हैलो कौन?
आगे से आवाज आती है..
मैं प्रकाश शर्मा सुन रहे हो तुम्हारा पङोसी।
(हरिलाल) - हां बोलो
(प्रकाश शर्मा ) - आपकी पत्नी की तबियत ठीक नहीं है जल्दी घर आ जाईये।
हरिलाल और कैशव जल्दी से घर जाते हैं।
हरिलाल को एक और कोल आता है। पर वह काट देता है।
सावित्री को अस्पताल ले जाया जाता है। उसे अडमिट‌ किया जाता है।
टर्न टर्न... फिर हरिलाल का फोन बजता है। वह पिकअप करते हैं..
हैलो हरिलाल जी मैं‌ स्कूल से मीणालाल बोल रहा हूँ। आप जल्दी से स्कूल आ जाईये आपको कुछ जरुरी बात बतानी‌ है।
(हरिलाल)- देखिए मेरी पत्नी बीमार है और अस्पताल में अडमिट‌ है। मैं बाद में मिलता हूँ। ऐसा कहकर वह फोन काट देते हैं।
(डोक्टर) - हरिलाल जी आपकी पत्नी को.. Brain stock आया था।
(हरिलाल) - चिंतित भाव से- क्या....
स्कूल में अली को अलग बैठाया गया था। तभी अचानक स्कूल का मुख्य दरवाजा जोर से टूट कर गिर पङता है।
अली‌ के साथ पास्ट से आये दुश्मनों ने‌ अली को‌ ढूंढ लिया था। वे सब स्कूल के अंदर प्रवेश करने ही वाले थे कि अचानक उनमें से एक दुश्मन पीछे की और जोर से गिरता है। ये देख बाकी सब रुक जाते हैं। उन्हें पता ही नहीं चला कि कब अली ने उसे एक खतरनाक किक मारी।
अब अली पूरे लङाई वाले मूड में था।
(अली) - तो तुम सब यहाँ आ ही गये।
अली के साथ उसके चार दुश्मन आये थे।
उन चारों के नाम- काल, विश्वा, मधगजा, ली।
(काल) - अली तुमने क्या सोचा तुम हमसे बच जाओगे। अब तुझे हमसे कोई नहीं बचा सकता।
अली‌ कुछ देर शांत रहा फिर एकदम स्कूल से बाहर की तरफ भागा।
वे चारों उसके पीछे दौङे।
स्कूल में सब‌ छुपे हुए थे उन्हें जाते देख सब बाहर आ गये।
अली आगे आगे दौङ रहा था दुश्मन‌ उसके पीछे शिकारियों की तरह दौङ रहे थे। कुछ दूर जाने के बाद अली रुक जाता है। उसे देख काल बोलता है।
(काल) - क्युं थक गया। हार मान ले वरना बहुत बुरी तरह मारा जायेगा।
(अली) - जब तक अली‌ मरा नही ं तब तक अली हारा नहीं। ऐसा बोलकर वह बहुत ज्यादा रफ्तार से काल का गला काट देता है। काल की वही ं पर मौत हो जाती है।
अब अली वहाँ से भाग निकलता है और सोचता है कैसे भी करके उसे वापिस पास्ट में जाना ही होगा जहाँ से वो आया है।
ये सब सोचते सोचते उसकी नजर सामने खङे एक आदमी पर पङती है जो कि अली‌ को देख रहा था। आंखों में आंसू हैरान व डरे हुए भाव से वह अली की तरफ बढता‌ है। ये आदमी और कोई नहीं युवराज के पिता हरिलाल थे।
वह चौंके क्यूँ थे क्युंकी अली की शक्ल हुबहू युवराज से मिलती थी। यही वो बात थी जो केशव और स्कूल वाले हरिलाल को बताना चाहते थे।
(हरिलाल) - युवराज मेरे युवराज कहाँ चले गये थे तुम।
हरिलाल अपना मानसिक संतुलन खो चुके थे उन्हें कुछ भी याद नहीं रहा जो उनके बेटे युवराज के साथ हुआ।
(अली) - युवराज क... कौन युवराज और आप कौन हैं?
तभी पीछे से एक खंजर आकर अली को लगता है।
अली जोर से चीखते हुए पीछे देखता है।
विश्वा, ली, और मधगजा खङे थे।
(ली) - अली तू तो गया।
तभी अचानक खतरनाक तुफान आता है ।
थोङी देर बाद.......
सब वहाँ से गायब हो जाते हैं। to be continued....