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दरिंदें - 2

दरिंदें ( 2 )


हर्ष को अपनी ओर आता देख कर वह अजीब सा शख्स लोगों को छोड़कर हर्ष को दबोचने के लिए उसकी ओर आने लगा।

कुछ ही देर में वह अजीब सा शख्स हर्ष के बिल्कुल सामने आ गया, वह शख्स उसे दबोचने ही वाला था कि हर्ष बेहद चपलता के साथ झुका और बड़ी फुर्ती से दौड़कर उसके ठीक पीछे आ गया।

अब हर्ष ने उस शख्स को पीछे से कमर से कसकर पकड़ा और उसे ऐसे ही ऊपर हवा में उठाकर फुर्ती के साथ पीछे की ओर पटक दिया ।

अब तक सारे लोग वापस अपने अपने घरों में दौड़ आए थे , और अपने अपने घरों का दरवाजा लगाकर खिड़की से बाहर का मंजर देख रहे थे।

अब हर्ष ने अपनी राईफल निकाली और उसके निचले भाग से उस शख्स के जबड़े पर ताबड़तोड़ वार करना शुरू किया ।

हर्ष ने अपना पूरा जोर लगाकर उस शख्स पर वार किया जिससे उसके सारे दांत टूट गए।

हर्ष उसे और मार ही रहा था कि अचानक से लोगों का शोर सुनकर वह चौकन्ना हो गया।

वह झुककर बड़ी फुर्ती के साथ पलटा, उसके सामने वही पीली शर्ट और नीली जींस पहने व्यक्ति तेजी से बढ़ रहा।

वह व्यक्ति पहले से काफी बदला हुआ सा प्रतीत हो रहा था, उसकी एक आंख तो उस अजीब से शख्स ने पहले ही नोच ली थी और एक आंख का रंग असामान्य रूप से सफेद लग रहा था।

उसके चेहरे और बाकी शरीर की रंगत उस पहले वाले शख्स की तरह सफेद पड़ चुकी थी , और उसकी उंगली और उस एक आंख की जगह से झर झर कर खून बह रहा था।

हर्ष अपनी जगह पर थोड़ा सा झुका, उस पीली शर्ट वाले व्यक्ति ने झुककर हर्ष को दबोचने की कोशिश की लेकिन तभी हर्ष बड़ी फुर्ती के साथ उसके सामने से हट गया।

हर्ष इतनी चपलता के साथ अपनी जगह से हटा कि उस पीली शर्ट वाले व्यक्ति को संभलने का मौका ही नहीं मिला और वह आगे की ओर मुंह के बल गिर गया।

उस पीली शर्ट वाले व्यक्ति ने जल्दी से उठने की कोशिश की लेकिन तभी हर्ष ने बड़ी ही फुर्ती से अपने दाएं पैर का पूरा जोर लगाकर उसके सर को जमीन पर दे मारा।

हर्ष ने उस पीली शर्ट वाले व्यक्ति के सिर को इतनी जोर से जमीन पर मारा कि उस व्यक्ति की नाक से खून झर झर कर बहने लगा ।

अब हर्ष ने बिना समय गंवाए उस पीली शर्ट वाले व्यक्ति को अपने एक हाथ से पलटा और फिर बड़ी ही तेजी से अपनी राईफल के पिछले हिस्से से उसके मुँह पर ताबड़तोड़ वार करने लगा , जिससे उसके भी सारे दांत टूट गए ।

हर्ष उस पीली शर्ट वाले व्यक्ति को मारने लगा कि तभी पीछे से पहले वाले अजीब से दिखने वाले शख्स ने उसे दबोच लिया और उसके मांस को नोचने के लिए उसके बाईं तरफ़ के कंधे पर अपने दांत गड़ाने की कोशिश की लेकिन हर्ष ने पहले ही राईफल के पिछले हिस्से से वार करके उसके सारे दांत तोड़ दिए थे।

अब हर्ष ने उस अजीब से शख्स की गर्दन कस कर पकड़ी और पूरी ताकत के साथ उछलते हुए जमीन पर दे मारा।

अब हर्ष बिना समय गंवाए उठा और उस पीली शर्ट वाले व्यक्ति को अपने कंधे पर उठाकर उस पहले वाले व्यक्ति के ऊपर पटक दिया।

वहां उपस्थित सारे लोग अपने अपने घरों की खिड़की से मुंह फाड़े यह नज़ारा देख रहे थे।

इसी मारपीट के दौरान ऊपर उपस्थित हेलीकाप्टर में से मोटी रस्सी और मध्यम आकार का मोटी सलाखों वाला लोहे का पिंजरा नीचे हर्ष के पास आया।

उन दोनों को चारों खाने चित्त करने के बाद हर्ष ने वह रस्सी उठाई और जल्दी से उन दोनों को कसकर बांधा ,इस दौरान उन दोनों ने दोबारा हर्ष पर हमला करने का प्रयास किया लेकिन हर्ष ने उन दोनों को राईफल के पिछले हिस्से से मार मार कर बेहाल कर दिया ।

अब हर्ष ने बड़ी ही मशक्कत से उन दोनों को उस लोहे के पिंजरे में डाला और पिंजरे में ताला लगाया।

हर्ष ने पिंजरे में ताला लगाया ही था कि इतने में ऊपर हेलीकाप्टर से एक मोटा लोहे का हुक आया, हर्ष ने बड़ी ही सावधानीपूर्वक वह हुक उस पिंजरे के ऊपरी हिस्से पर लगाया।

हुक के लगते ही हर्ष ने अपना दायां हाथ ऊपर हिलाकर इशारा किया, हर्ष का वह इशारा पाते ही वह पिंजरा उस हुक की सहायता से ऊपर की ओर उठने लगा।

वह पिंजरा ऊपर की ओर जाता देख लगभग 5 फीट की पीली सूती साड़ी पहनी महिला दौड़कर हर्ष के पास आई और रुआंसे स्वर में बोली " आप कहाँ ले जा रहे हैं इन्हें? "

" जी आप कौन? " हर्ष ने पूछा।

" जी मैं प्रशांत की पत्नी " उस महिला ने कहा।

" प्रशांत ? "

"जी वही पीली शरट वाले ...."

" जी देखिए फिलहाल तो हम इन्हें ऐसी जगह लेकर जा रहे हैं जहाँ ये किसी को नुकसान ना पहुंचा पाए। "

"क्या आप लोग इन्हें मार डालोगे? " वह महिला रोते हुए बोली।

" जी अगर इनका इलाज ना हो पाया तो शायद...लेकिन जब आप लोगों को पता था कि शहर में यह सब हो रहा है तो ऐसे में ये घर से बाहर क्यों निकले? "

" यह सब इन दोनों मां बेटी की वजह से हुआ है.... " उस औरत उन दोनों मां बेटी को घूरते हुए रोते हुए आक्रोशित स्वर में कहा।

" ये आप क्या कह रहीं है शर्मिला भाभी?" उस महिला ने अपनी बेटी को सीने से चिपकाते हुए कहा।

" बिल्कुल ठीक कह रही हूं मेरे पति ने खिड़की से उस दरिंदे को तुम दोनों पर हमला करते हुए देख लिया था, वह तुम दोनों को बचाने के लिए बाहर निकले थे लेकिन वह खुद ही इसका शिकार बन गए। "

"देखिए जो भी हुआ उसपर किसी का जोर नहीं था लेकिन आगे से सभी संभलकर रहिऐगा। "कहकर हर्ष ने उस हेलीकाप्टर से लटकती हुई वही रस्सी जिससे वह नीचे आया था पकड़ी और वह हेलिकप्टर वापस अपने गंतव्य तक चल दिया।

वह महिला इस पर कुछ ना बोल सकी और वह बच्ची अपनी माँ से लिपटकर अभी हुए सारे घटनाक्रम को याद करने लगी।

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सूरज ढलने लगा था , पूरे आसमान पर लाल रंग की लालिमा छाई हुई थी , उस लाल आसमान में बहुत से पंछी अपने अपने घोंसलों की तरफ जाते हुए दिखाई दे रहे थे।

हर्ष अपने कुछ साथियों के साथ हेलीकाप्टर से एक सफेद रंग की भव्य बहुमंजिला इमारत में पहुंचा ।

वह इमारत बहुत ही ज्यादा विशाल थी, उस इमारत में चारों ओर बहुत से फौजी हाथों में राईफल थामे उस इमारत में इधर उधर चहलकदमी कर रहे थे , उन सभी के चेहरों पर गंभीरता साफ जाहिर हो रही थी ।

उस विशाल इमारत की छत पर हर्ष का हेलीकाप्टर लैंड करता है , उस इमारत की छत भी बेहद विशाल थी, वहां 4-5 अन्य हेलीकाप्टर भी कतार से खड़े थे।

हर्ष अपने साथियों के साथ हेलीकाप्टर से उतरता है , वह उतरा ही था कि एक लगभग 6 फीट का सावंला व्यक्ति उसके पास आया और बोला " हर्ष, तेरे घर से बहुत फोन आ रहे हैं........ "

क्रमश:........
रोमा...........