Nafrat se bandha hua pyaar - 21 books and stories free download online pdf in Hindi

नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 21

"मुझे लगता है की यह वोही है।"

देव सोफे पर बैठा था अभय और अनिका के साथ ऑफिस के बंद कमरे में। और उनके साथ बैठे हुए इन्वेस्टीगेटर के हैड उनको कुछ फोटोज़ दिखा रहे थे। साथ ही उनकी करवाही यानी की इन्वेस्टिगेशन कहां तक पहुंची यह भी बता रहा था।

फोटोज़ कुछ फटी फटी सी थी, सही से कुछ दिख नही रहा था। लेकिन उनमें से एक फोटो थी जिसमे उस आदमी की गर्दन पर कुछ दिख रहा था। कुछ हरा और लाल रंग का शायद टैटू जैसा था।

"यस, यह वोही है।" देव ने ठीक से पहचानते हुए कहा।
उसने सभी पिक्चर्स वापिस टेबल पर रख दी। "कहां ली हैं यह सब तस्वीर?" उसने पूछा।

"कई अलग अलग जगहों से लेकिन यह सब दस दिन पुरानी है।" उस इन्वेस्टीगेटर ने जवाब दिया।
उसने आगे बताया की जैसे ही रायडू इंडिया में उतरा वोह तुरंत ही रिमोट प्लेसिस में ट्रैवल करने लगा।
"सबसे ज्यादा मुश्किल तब आई जब उन सभी जगह में से कुछ जगह पर पब्लिक कैमरे नही थे तो उसकी असल लोकेशन का पता नही लग पाया। वहां पर इंटरनेट की भी कमी थी। टेक्नोलॉजी के बिना किसी को ढूंढना बहुत ही मुश्किल है। हमे कई जगह पर पुराना तरीका अपनाना पड़ा जैसे उसकी फोटो को जगह जगह हर किसी को दिखा कर पूछा कि कहीं देखा है या नही।" उस आदमी ने आगे कहा।

"और कुछ रिसेंटली पता चला?" अभय ने पूछा।

"हां कुछ चीज़े हैं। लेकिन पहले हम खुद उसके बारे में कन्फर्म होना चाहते हैं।" उस आदमी ने जवाब दिया।

"और किस एयरपोर्ट से वोह यूनाइटेड स्टेट्स पहुंचा था उसके बारे में कुछ पता चला?" देव ने पूछा।

"अभी तक तोह नही सर। हमने सिंघम ज़िले के आस पास के कई शहरों के ट्रैवल एजेंट्स से पूछताछ की है लेकिन कुछ पता नहीं चला। हमे कोई भी ऐसा पैसेंजर नही मिला जो उसके नाम से या फिर उसके इस्तेमाल किए हुए नकली नमो से मैच करता हो।"

बीस साल पहले, ऑनलाइन बुकिंग का ज़माना नही था। लोगों को टिकट्स बुक करने के लिए किसी ट्रैवल एजेंट के पास ही जाना पड़ता था या फिर सीधे एयरपोर्ट जा कर बुक करना पड़ता था। देव जनता था की उस ट्रैवल एजेंट को ढूंढना, जिसने रायडू के लिए टिकट्स बुक करी थी, कोई आसान काम नही है इन्वेस्टीगेटर के लिए इसमें बहुत मेहनत है।

"नीलांबरी प्रजापति के बारे में क्या पता चला?" अनिका ने पूछा। "क्या रायडू का कोई लिंक है नीलांबरी प्रजापति से?"

"ज्यादा कुछ नही।" उस इन्वेस्टीगेटर ने जवाब दिया। "
"हमारे पास बस इतनी ही जानकारी है की उन्होंने आपका और आपके परिवार की देखभाल की है। और अभी भी कुछ लोग है उनके जो आप पर नज़र रखे हुए हैं। रायडू का उनसे कोई लिंक नही मिला है।"

इन्वेस्टीगेटर ने देव की तरफ देखते हुए कहा, "सबिता प्रजापति जिसे ढूंढ रही है वोह रायडू नही है।"

"तोह फिर वोह किसे ढूंढ रही है?" देव ने सवाल किया।

"हम ठीक से तोह नही जानते कौन है, लेकिन हम यह जरूर जानते हैं की वोह जिसे ढूंढ रही है वोह दो औरतें हैं।" इन्वेस्टिगेटर ने जवाब दिया।















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(पढ़ने के लिए धन्यवाद
कहानी अभी जारी है.......)