Nafrat se bandha pyaar - 48 books and stories free download online pdf in Hindi

नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 48

"मैं भी तुम्हे जबान देती हूं, अगर तुम अनिका को सिंघम मैंशन भेज दोगे और जब मुझे कन्फर्मेशन मिल जायेगा की वोह सही सलामत वहां पहुंच गई है तोह मैं तुमसे शादी कर लूंगी।"

रेवन्थ सेनानी की आंखे गुस्से से बड़ी हो गई। अगले ही पल उसने सबिता को ज़ोर दार थप्पड़ जड़ दिया। वोह थप्पड़ इतनी तेज़ था की सबिता लड़खड़ा कर नीचे गिर पड़ी।

"मेरे साथ दुबारा अपने ये पैंतरे आजमाना मत!" रेवन्थ सेनानी ज़ोर से चिल्लाया। "तुम्हे लगता है की मुझे पता नहीं होगा की जैसे ही तुम्हारी बहन अपने घर पहुंचेगी, उसी वक्त तुम मुझ पर अटैक कर दोगी और अपनी आखरी सांस तक मुझसे लड़ती रहोगी?"

"उसे कुछ मत करो!" सबिता ने अनिका की रोते हुए चिल्लाने की आवाज़ सुनी।

रेवन्थ सेनानी ने अनिका को घूर कर देखा। "इस बिच्च को यहां से ले जाओ और किसी कमरे में बंद करदो। मेरे ऑर्डर्स का इंतजार करो की इसका फिर क्या करना है।"

रेवन्थ के आदमी उसे घसीटते हुए ले जाने लगे। सबिता को उसकी चिल्लाने और रोने की आवाज़ धूमिल होती सुनाई पड़ी। सबिता ने महसूस की उसे दर्द होने लगा था जहां रेवन्थ सेनानी ने उसे मारा था। उसने अपनी नज़रों को ऊपर उठा कर घृणा भरी नजरों से रेवन्थ को देखा।

"अगर तुम सोच रहे हो की किसी भी तरह से तुम मेरी बहन और उसके बच्चे को नुकसान पहुचाओगे, तोह तुम कैसे सोच सकते हो की मैं तुम्हारी बात मानूंगी?" सबिता ने आराम से कहा।

रेवन्थ नीचे घुटने मोड़ कर झुका और सबिता के बालों को कस कर पकड़ लिया। उसे दर्द देते हुए उसने उसके बालों को खींचते हुए खड़ा किया। सबिता ने उसकी पकड़ से बचने के लिए बिल्कुल भी विरोध नहीं किया।

"क्योंकि, मेरी होने वाली पत्नी," रेवन्थ सेनानी ने फुसफुसाते हुए कहना जारी रखा। "क्योंकि मैं जानता हूं की तुम जितना हो सके उतना उसकी मौत में रुकावट डालना चाहती हो। यह सोच के की वोह जाबांज निडर सिंघम ब्रदर्स तुम लोगों को बचाने आयेंगे। बट गैस व्हाट? तुम्हारे इस फक्किंग लवर के आने से पहले हम शादी कर चुके होंगे। और मैं अपनी पत्नी के साथ सुहाग रात माना चुका होंगा।"

सबिता चुप रही।

"तुम्हे ऐसा क्यों लगता है की इसके बाद मेरे लोग तुम्हे एक्सेप्ट कर लेंगे?" सबिता ने धीरे से पूछा।

"तुम, तुम उन्हे मनाओगी। नही तोह इससे भी बुरा हो सकता है जो उनके लिए अच्छा नहीं होगा।"

सबिता को उसका लॉजिक बेतुक लगा। पर वोह उसकी क्रेज़ी आंखों में देखने के बाद, यह समझ गई थी की उस घटिया इंसान की बातों का कोई भरोसा नहीं। वोह जब चाहे कुछ भी कर सकता है। सबिता को अनिका का घबराना याद आ गया और वोह मासूम जिंदगी यानी उसका अजन्मा बच्चा। उसने यह भी याद किया की सुबह से कुछ देर पहले तक अनिका कितनी खुश थी और अपने बच्चे के बारे में कैसे बक बक किए जा रही थी। अचानक की सबिता को बच्चा खोने का दर्द महसूस होने लगा। वोह नही चाहती थी जो उसने महसूस किया था सालों पहले वोही दर्द अनिका भी महसूस करे। धीरे धीरे वोह अपने स्तब्ध खड़े शरीर को हरकत में लाने लगी।

"ठीक है। मैं तुमसे शादी करूंगी और जैसा कहोगे वैसा करूंगी। मैं तुम्हारी यह बात मान के चल रही हूं की तुम मेरी बहन और उसके बच्चे को कुछ नही करोगे।"

सबिता की हार मानने वाली आवाज़ सुन कर भी रेवन्थ सेनानी को अपनी जीत का एहसास नहीं हुआ। उसने एक और थप्पड़ मार दिया सबिता को। "तुम्हे गर्व होना चाहिए सेनानी की दुल्हन बन कर। ना की ऐसे हार मान के!" रेवन्थ ने सबिता के चेहरे के नजदीक आके चिल्लाते हुए कहा। सबिता ने कोई जवाब नही दिया। उसका चेहरा और होंठ सूज गए थे दर्द की वजह से। वोह उसे खीच कर मंच तक ले गया और मंडप पर बैठा दिया। वोह खुद भी उसके साथ बैठ गया।

"सर, हमने पहले से ही मैडम के लिए कपड़े और ज्वैलरी तैयार रखी हुई है," रेवन्थ के एक आदमी ने सुझाव देते हुए कहा।

"जरूरत नही है!" रेवन्थ सेनानी ऊंची आवाज़ में बोला।
"मैं यह सब जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी पूरा करना चाहता हूं।" रेवन्थ ने फिर पुजारी जी की तरफ देखा। "जारी रखो! इसे जल्दी खत्म करो नही तोह तुम्हे मेरे गुस्से का सामना करना पड़ेगा।" उसने आदेशात्मक लहज़े में कहा।

पुजारी जी डरे हुए, घबराए से जल्दी जल्दी सब विधि करने लगे।

सबिता बेजान सी जमी हुई बैठी रही पूरी विधि के दौरान। वोह उस वक्त भी बेजान सी, गूंगे की तरह सुन्न सी रही जब उससे मैरिज सेरिफिकेट पर साइन कराया जा रहा था, ताकि यह शादी लीगल रहे।

वोह उस वक्त भी सुन्न थी जब उसे उसकी सुहाग रात के लिए एक बेहद खूबसूरत तरीके से सजाए हुए कमरे में ले जाया गया।

****

देव एक बड़े से कांफ्रेंस रूम में अभय के साथ बैठा हुआ था। और उनके साथ बाकी के इन्वेस्टिगेशन टीम भी थी। वोह लोग प्रोजेक्टर पर कुछ तस्वीरे देख रहे थे।

"स्टॉप।" उसने कहा।

उसने पहले काफी देर उस तस्वीर को गौर से घूरा और फिर अभय की तरफ पलटा। अभय भी उसकी तस्वीर को ध्यान से देख रहा था और देखते वोह अपनी सीट पर जम सा गया।

"मुझे लगता है की हमे इस तस्वीर से ढूंढना शुरू करना चाहिए।" देव ने अभय से कहा।

"यह बिल्कुल हमारे....."

"दादाजी।" देव ने अभय की बात पूरी की। "हम्मम मुझे पता है। दादी हमेशा कहती थी की राणा बिलकुल हमारे दादाजी 'अभिमन्यु सिंघम' के जैसा दिखता है।"

इस वक्त प्रोजेक्टर पर जो तस्वीर दिखाई जा रही थी वोह राणा की बचपन की तस्वीर से बनाई गई थी की अब वोह कैसा दिख सकता है, जब वोह अब पच्चीस साल का हो गया होगा तोह।

"कन्फर्म दिस इमेज।" अभय ने आदेश दिया। उनके इंवेस्टीगेटर अब इस तस्वीर के जरिए उसे उन अनाथ आश्रम में ढूंढेंगे जिनके बारे में मैथ्यू ने बताया था या फिर जहां रायडू उसे ले जा सकता है। अभय और देव ने अपने इंवेस्टीगेटर से कहा की फिलहाल के लिए रायडू के शूटर को ढूंढने की इन्वेस्टिगेशन को छोड़ दे और राणा को ढूंढ।

"उन सभी को हमारे पास लाना जो भी इस तस्वीर से मिलता जुलता आदमी मिले।" देव ने उनके लीडर से कहा। "पर जैसा हम पहले भी कह चुके है, ज्यादा से ज्यादा लोगों को ढूंढने में लगाइए पहले अनाथ आश्रम में।"

उनके लीडर ने अपना सिर हां में हिला दिया। "टेक्निकली इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। लिस्ट में सिर्फ पांच नाम ही हैं। पर क्योंकि यह रिकॉर्ड पच्चीस साल पुराना...."

"मैने नही जानता की कितना पैसा खर्च करना पड़े जांच को तेज़ करने में। बस मुझे रिजल्ट्स जल्द से जल्द चाहिए। दिस इस द टॉप प्रायोरिटी।" देव को अब तनाव होने लगा था।
अभय और भी इंट्रक्शंस देने वाला था इन्वेस्टिगेशन टीम को लेकिन उससे पहले ही उसका फोन बज पड़ा।
अभय की भौंहे सिकुड़ गई अपने फोन की स्क्रीन को देखते हुए। और फिर अचानक ही वोह परेशान हो उठा।

"क्या हुआ?" देव ने पूछा।

"उनके पास अनिका और सबिता हैं।"

देव को डर से दिल में झटका लगा। "उनके? नीलांबरी और उसके आदमी?"

अभय ने देव की तरफ देखा। "नही। सेनानी।"

गुस्सा भड़क उठा देव के अंदर। वोह कमीना रेवन्थ सेनानी, वोही ले गया होगा दोनो को। पर वोह इतनी आसानी से सबिता को कैसे ले गया? देव जनता था की सबिता इतनी आसानी से सेनानी के हाथ नही आयेगी।
तुरंत ही उसके दिमाग में उठ रहे सवाल का उसे जवाब मिल गया।
अनिका

पक्का उस कमीने ने अनिका का इस्तेमाल किया होगा सबिता पर काबू पाने के लिए।
"अच्छा हो की उसने कोई चोट नही पहुंचाई हो उन दोनो को नही तोह मैं उन ****सेनानिस को जला कर राख कर दूंगा।" देव गुस्से से भड़कते हुए बोला।

अभय भी उतना ही गुस्सा में दिख रहा था जितना की देव दिख रहा था। "मुझे पक्का यकीन है यह अनिका ही होगी जिसने मुझे लोकेशन सेंड की है जहां वोह अभी इस वक्त एक्सेक्टली हैं। तोह शायद इस वक्त तक वोह ठीक हों।"

जब तक अभय सेनानी तक पहुंचने का इंतजाम कर रहा था, देव ने ध्रुव को कॉल लगा दिया। ध्रुव ने उसे बताया की आज सबिता उसे अपना बॉडीगार्ड बना कर नही ले गई है। इसकी बजाय दो दूसरे आदमी गए हैं। देव पहले से ही जानता था की अनिका के साथ आज कौन से बॉडीगार्ड गए हैं। इसका मतलब है की सबिता के किसी आदमी ने धोखा दिया है।

"क्या तुमने सेनानी के यहां फोन करके बता दिया था की तुम्हारा नर्मदा से शादी करने का क्या डिसीजन है।" अभय ने देव से रास्ते में पूछा। वोह दोनो ड्राइव करके उस जगह जा रहे थे जहां उनके लिए उनका प्लेन तैयार खड़ा था उड़ान के लिए।

"नही। अभी नही। मैं पहले तुम्हे वार्न करना चाहता था। मैं इस गठबंधन के लिए तैयार नहीं हूं।"

अभय ने अपना सिर हिला दिया। "मुझे तुमसे यह उम्मीद भी नही थी।" अभय ने कहा। "तोह फिर सेनानी ने ऐसा क्यों किया जब उन्हे तुम्हारे डिसीजन के बारे में पता ही नही?"

"रेवन्थ सेनानी की वजह से। सबिता अपना डिसीजन पहले ही बता चुकी थी।"

घबराहट और डर से देव के दिल में बढ़ने लगा, सबिता के बारे में सोच के की उसके साथ क्या क्या हो रहा होगा।

*"है भगवान! प्लीज बस उसे जिंदा रखना।"*
वोह लगातार बस यही शब्द अपने मन में दोहराता रहा। पर देव जनता था की जिस औरत से वोह बेइंतीहा प्यार करता है, वोह ठीक होगी। सबिता इस तरह की लड़की नही थी जो इतनी आसानी से हार जाए या हार मान ले। वोह लगातार प्राथना कर रहा था, सबिता के लिए, की वोह इस लड़ाई में से जिंदा बाहर आए विजेता की तरह।

अगर ऐसा नहीं हुआ तोह देव सब कुछ बर्बाद करके रख देगा।

****

सबिता उस कमरे की देख रही थी जिसमे उसे लाया गया था।

"अपने कपड़े उतारो," रेवन्थ सेनानी की कड़क आवाज़ सबिता को अपने कानों में सुनाई पड़ी।

जब सबिता ने कोई रिएक्ट नही किया और नही अपनी जगह से एक इंच भी हिली और ना ही उसने कुछ कहा तोह रेवन्थ सेनानी उसकी तरफ बढ़ने लगा।







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(पढ़ने के लिए धन्यवाद 🙏)