वो कौन थी.. - Novels
by SABIRKHAN
in
Hindi Horror Stories
(अपने अंदाज को बरकरार रखते हुये एक और कहानी लेकर हाजिर हुं ) ...Read More १ मकान हवा उजास वाला और काफी बडा है जिजु..! निगाहने सारे कमरे का मुआयना करके अरमान के चेहरे पर उभर आए विचित्र भावों को पढ़ने की कोशिश करते हुए कहावैसे आप और जीजी को रहना है !पसंद नहीं है तो दूसरा ढूंढ लेंगे तब तक आप मेरे घर में रह जाओ!फ्लैट के 3 बड़े बड़े कमरे और किचन को देखने के बाद अरमान को जो विचित्र एहसास हुए उसको वह जाहिर कर के अपनी पत्नी नाज को परेशान करना नहीं चाहता था!मन के विचारों पर
(अपने अंदाज को बरकरार रखते हुये एक और कहानी लेकर हाजिर हुं ) ...Read More १ मकान हवा उजास वाला और काफी बडा है जिजु..! निगाहने सारे कमरे का मुआयना करके अरमान के चेहरे पर उभर आए विचित्र भावों को पढ़ने की कोशिश करते हुए कहावैसे आप और जीजी को रहना है !पसंद नहीं है तो दूसरा ढूंढ लेंगे तब तक आप मेरे घर में रह जाओ!फ्लैट के 3 बड़े बड़े कमरे और किचन को देखने के बाद अरमान को जो विचित्र एहसास हुए उसको वह जाहिर कर के अपनी पत्नी नाज को परेशान करना नहीं चाहता था!मन के विचारों पर
( अगले पार्ट में हमने देखा की डरावनी रात का एक एक पल निगाह के लिए युग जैसा लग रहा था सास बहू दोनों परेशान हो जाते हैं! सर धूम रहा था! वो अपनी आंखो पर ...Read Moreमहसूस करती है!उसी वक्त किसी ने दरवाजा ठोका था अपनी दीदी और जीजा होने का अंदेशा पाकर वह दरवाजे पर आती है!दरवाजे पर से रेहान की आवाज सुनकर उसके ह्रदय को धक्का लगता है! अपनी गलती पर उसे बहुत पछतावा होता है अपने बच्चे रेहान को बाहर जाने देने गलती से कैसे हो गई?जब उस बच्चे के लिए वह दरवाजा
(अगले पार्टमे देखाकी.. एक कार हादसा देखकर फर्नाडिंज अमन की गाडी रुकवाता है..! वो घभराया हुवा भागकर गाडी की और आता हैं अब आगे) ठंड की वजह से अमन को गाड़ी से बाहर निकलने की जरा भी ...Read Moreनहीं थी मगर फर्नांडिस कब से जहां कार हादसा हुआ था ,उस जगह पर गया था! जब काफी देर हो गई तो अमन को उसकी चिंता होने लगी! रात के वक्त में ऐसी जगहों पर रुकना खतरनाक था! लुटेरों के आतंक की वजह से इस सड़क पर पहले काफी लूटपाट हो चुकी है !अनगिनत लोगों का मर्डर हुआ है ,जो
तभी वो शैतानी बच्चा उसके घर मे जा धमका है..! उसका मन अब खाने में नहि लगा..!
वो उठ गया! हवा के तेज रुख से दिवार पर टंगा कैलेन्डर उसके टेबल पर आकर गीरा! फडफडा कर सब ...Read Moreउलट गये.. रविवार और पूष्प नक्षत्र की तारीख पर रेड मार्कर से मार्क किया गया था!
7 तारीख थी.! मतलब कल की तारीख पर मार्क था!
अमन के दिमाग में एक अजीब विचार कौंधा..!
क्या ये कोई अगमचेती थी? कोई संकेत था ,जिसके पिछे कोई दिल दहलाने वाला राज छूपा था? क्योंकि घरकी दिवार पर लिखी अरबी ईबारत कुछ दफन राज की और ईशारा कर रही थी! कुछ अनसुलझी पहेली जरुर थी, जो फिलहाल उसकी समझ मे नहीं आ रही थी!
उसने मरने से पहले जिस बच्चे को जन्म दिया था वह बच्चा गायब था ! फर्नांडिस काफी डर गया था! उसके दिमाग में यह बात आई थी की वह मरी हुई औरत पुलिस के हाथ्ये लग जाती है तो ...Read Moreवह पकड़ा जाएगा ! इसलिए फर्नांडीज नें किसी की हेल्प ले कर उस औरत की डेड बॉडी को ठिकाने लगाने का प्लान बना दिया!
भागता हुआ वह ढाबे पर पहुंचा!
ढाबे वाला लड़का फर्नांडिस को अच्छी तरह जानता था!
फर्नांडीज ने जब इशारा करके उससे बाहर बुलाया तो वह बेझिझक उसके पास चला आया!
तन्ने कुछ मारो सपोर्ट करणो है..?
ऐळी कई बात है ? कुछ परेशाणी वाली बात है?
यो काम करण वास्ते कलेजो छत्तीस रो चावे! काम थारे मुफ्त में नीं करणो है! थन्ने मिठाई खिलाउला!
अमन गेलरी मे आ गया! वो ईस वक्त दो मंजिला मकान के उपरी हिस्से मे था! ठीक सामने वाले मकान मे एक खौफ़नाक नजारा उसने देखा! एक औरत छत पर एक बच्चे को दोनो हाथो में जकडे हूये थी! ...Read Moreके हाथो के ठीक नीचे बिजली का खंभा उसी मकान से एक ईन्च की दूरी पर मौजुद था! अमन की नजरे जैसे ही उस पर पडी, हवा में लहराते खुले बालो वाली उस औरत ने रहस्यमय मुस्कान के साथ अमन को देखा और उस बच्चे को खंभे के उपरी छौर पर बिठा दिया! बच्चे को वहां से उठा लो..! वो
पिछले भाग में हमने देखा कि वारिस खान की बीवी बताती है 10 रोज पहले अमन की गाड़ी एक कार से टकराई थी!जहां अमन की मौत हो गई थी फर्नांडीस उसकी धड़कने दोबारा शुरू कर दी तभी फर्नांडिस की ...Read Moreउसके सामने थी अब आगे) बाहर शीत लहर छाई होने के बावजुद कमरे में जरा भी ठंड महेसूस नही हो रही थी! कमरा पूरी तरह पेक था! वारिसखान के बेडरूम मे परदे के भीतर एक परछाई बेठी थी!उसकी गोद में वो बच्ची लेटी थी! अपनी बच्ची के बालो को अपने हाथों से वो सहला रही थी! आधी रात
अमन आगे बढा..! गुलाब की खुश्बु से कमरा पूरी तरह महक उठा था! दीवार पर टंगी बहुत ही पुराने माडल की एन्टिक घडी की बडी सूई सरसर आवाज के साथ खिसक कर रात के 2 पर स्टोप हुई! तभी ...Read Moreके इस खौफनाक सन्नाटे में 'टन.. टन 'घडी के घंटे की आवाज दूर-दूर तक चली गई! इस वक्त कोई भी आवाज उसको छूं नहीं रही थी! अमन ने जैसे ही उस पर्दानशीन औरत की बेड के आसपास बंघे रेशमी परदे को छूआ..!कोई छलावे ने बिना नजर आये ही एक भारी घूंसा अमन को रसीद कर दिया!वार इतना जबरदस्त था कि
(पिछले पार्ट में हमने देखा की अंजुमन के शरीर में रही रूहानी शक्तियां अमन को बताती है कि वो आखिर कौन थी और क्यों एक-एक करके सब को मौत के घाट उतार रही है अब आगे) ...Read Moreचक्कर धिन्नी की तरह धुमने लगा उसका! जब अंजुमन की बच्ची ने दस्तक होने पर दरवाजा खोला !भीगी हवा ने बेफाम होकर मिनटो मे धर का माहौल पलट दिया! वो डोर लोक करके वापस मां के पास बैठ गई थी! उस वक्त अंजुमन का मन और दिमाग सतर्क हो गये !हथोडे की तरह एक बात दिमाग पर चोट कर रही थी
(पिछले पार्ट में हमने देखा कि वारिस खान को फज्र के वक्त किसी अनजान लड़की कि कॉल आती है!घबराई हुई वह लड़की वहां पर हुए अत्याचार के बारे में बताती है वारिस खान वहां पर पहुंचकर बहुत ही खौफनाक ...Read Moreको देखता है फर्नांडिस की लाश रोंगटे खड़े कर देने वाली हालत में पाई जाती है घटना की तफ्तीश करने ढाबे पर पहुंच था जहां अपने बच्चे को दोषी पाकर ढाबे वाला गबरुसिंग वारिसखान को पैसे देकर चुप कर देता है! तभी उन्हें मालूम होता है कि छोरे की खौफनाक मौत हुई है गबरुसिंग भूमि पर लुढ़क कर
(पिछले पार्ट में हमने देखा कि अपने दांपत्य जीवन में सुखी जिया के सामने एक रहस्यमई घटना घटती है अचानक एक कौवा उसके पास आकर बैठ जाता है उसकी आवाज कर्कश और विचित्र है दूसरी तरफ एक छोटे से ...Read Moreके बच्चे को डर देखकर डरी हुई निगाह के साथ क्या होता है पढीए इस भाग में..) वह रात अमन की जिंदगी में सबसे खौफनाक रात साबित हुई!तकरीबन तीसरा प्रहर था!अगर वारिसखान की रूह उसे अपने घर ना ले आती तो गुलशन की आत्मा उसी का भी वही हश्र करती जो उसने कसूरवार लोगो का किया था!जब गुलशन की
(पिछले पार्ट मे हमने देखा की अमन का रुप धरकर वो निगाह से फिझिकल रीलेशन बनाने की कोशिश करता है... अब आगे..) ...Read More वो कौन थी ( होररकथा) ---------भयावह अंधेरा देख कर उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी!घने जंगलों में जमीन की तह तक चंद्रमा की चांदनी भारी तूफान की वजह से लुका छुपी खेल रही थी! आधा आसमा घऩे बादलों से गिरा हुआ था !जबकि आधा सितारों से जगमगाया हुआ था!दूर जा रहा शशी कभी-कबार बदलीअों के पीछे छुप कर अपनी लीला बार-बार समेट लेता था!एक पेड़ के
आबु का सर्द सुनहरा मौसम खुशनुमा था!जिया आबु का सर्द सुनहरा मौसम खुशनुमा था!जिया गुलशन की मां सुल्तान और उनकी खातून एक साथ एक ही कार मे आबु निकले थे! जब पहुंचे श्याम के 4:00 बज रहे थे! ...Read Moreका ड्राइवर उसके कहने से किसी की गाड़ी ले आया था तत्पश्चात वह लोग बिना समय गंवाए निकल पड़े थे! ड्राइवर इकबाल ने पूछा भी था आखिर अचानक ऐसी क्या बात हो गई सुल्तान भाई जो आनन-फानन में आबू जाना है! सुल्तान ने उसे सारी बात से अवगत कराया ! फिर इकबाल चुप हो गया था परिस्थिति की गंभीरता को वो
(पिछले पार्ट में हमने देखा कि जिया सुल्तान की फैमिली के साथ गुलशन को ढूंढने आबू पहुंचते हैं अब आगे) सांझ ढल रही थी! सूरज की सुनहरी किरने जैसे रंग बदलने लगी थी!तावड़े भले ही ...Read Moreड्राइव कर रहा था, पर उसका दिमाग उन लाशों के ढेर में उलझा हुआ था..!पुलिस जीप को मेईन रोड पर लेते हुए सुल्तान के सामने तावडे ने अपनी उलझन का राग आलापा! जनाब एक बात तो पक्की है ! तुम्हारे बच्चों के साथ हुआ एक्सिडेंट और इन हत्याओं की वारदातो के बीच कुछ ना कुछ कम्युनिकेशन जरूर है! कोई सोच भी
सांझ ढल रही थी! सूरज की सुनहरी किरने जैसे रंग बदलने लगी थी!तावड़े भले ही गाड़ी ड्राइव कर रहा था, पर उसका दिमाग उन लाशों के ढेर में उलझा हुआ था..!पुलिस जीप को मेईन रोड पर लेते हुए ...Read Moreके सामने तावडे ने अपनी उलझन का राग आलापा! जनाब एक बात तो पक्की है ! तुम्हारे बच्चों के साथ हुआ एक्सिडेंट और इन हत्याओं की वारदातो के बीच कुछ ना कुछ कम्युनिकेशन जरूर है! कोई सोच भी नहीं सकता कि ऐसा भी हो सकता है , लेकिन सर जी(वारिसखान) के कॉल के बाद इस गुत्थी को सुलझाने में मेरी
गाडी रुकते ही पगलाई सी जिया जंगल की ओर भागी जैसे इस जमी से बखूबी परिचित हो..!सुल्तान नें एक उडती नजर अपनी लिनिया पर डाली! भुमि पर सुखे पत्तौ की परत बिछी थी तभी तो पांव बजने लगे ...Read Moreजो गुलशन की कोख मे पल रहा था! राक्षसी पेड़ों के घेरे में छुपकर बैठे गिद्घ अभी भी गोश्त के लोथडों के साथ एक दूसरे से छीना-झपटी कर रहे थे! वह खूंखार जानवर आक्रमक रूप अख्तियार कर के अधमरे किसी भी जीव पर धावा बोलने हमेशा तत्पर रहते.! एक दुसरे पर हमले के वक्त निकलती उनकी आवाजो ने जंगल के माहौल
एक जबरदस्त खेल शुरू हुआ था!जिसका अंदाजा जिया को हो चुका था..!यकीनन कोई ऐसी बात थी जो दिमाग के परखच्चे उड़ाने की ताकत रखती थी..!तावड़े का अचानक ही बदला हुआ रूप सुल्तान और जिया दोनों को आंख में कंकर ...Read Moreतरह चुभा था..!जिया ने सूचक नजरों से सुल्तान को देखा ! जिया की बात को सुल्तान समझ गया! जो होगा देखा जाएगा! यही बात दोनों ने मन में ठान ली!तावडे की गाड़ी पहाड़ियों के रास्ते में तेजी से भाग रही थी..! उसका चुप हो जाना जैसे किसी बड़े आने वाले तूफान का अंदेशा था..!कामदेव ने पूरे प्रदेश पर अपना जादू बिखेरा था..!
"कहां होगी मेरी बच्ची ..? किस हाल में होगी ? कोई उसे ढूंढ कर ले आओ ..! गुलशनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल था! वो बार-बार एक ही बात बोले जा रही थी! "मुझे मेरी बच्ची से मिलाओ..! मैं ...Read Moreबच्ची के बिना नहीं जी सकती..!इन बूढी आंखों की रोशनी है मेरी बच्ची...! मुझे मेरी बच्ची के पास ले चलो..! जनरल वार्ड में उनकी ऐसी दयनिय हालत देखकर बहुत सारे पेशेंट और उनके रिलेटिव पिघल से गए थे! काफी हद तक खलिल ठीक था! अपनी सास की हालत को वह अच्छी तरह समझ सकता था! एक मां का दिल
सूरज ढल चुका था, फिर भी क्षितिज गुलाबी चुनरी ओढ़ कर और भी लुभावनी लग रही थी...! आबू का खूबसूरत प्राकृतिक नजारा कैमरे में कैद कर लेने को किसी का भी मन उतावला हो उठे एेसा था! ...Read Moreको प्रसन्नता से भर देने वाले अनुपम करिश्माई मंजर आंखों की ठंडक बने हुए थे!धीमे-धीमे पश्चिम की ओर क्षितिज पर मंडराने वाली सिंदूरी रोशनी अपनी रोनक समेटते हुए अंधेरे के आगोश में ढलने लगी !घाढ अंधेरा हो जाए उससे पहले तावड़े को फर्नांडिज का पर्स हासिल करने की तलब लगी थी! वारिसखान की आत्मा का अचानक प्रकट होना और फिर गायब हो जाना बात कुछ हजम
काले घने अंधेरे में गुलशन का सिर हाथ में लेकर अमन को भागते हुए देख कर सुल्तान भी चौक गया था!"Oh my god... ये तो मोहम्मद अमन है..! उसके हाथों में गुलशन का कटा हुआ सिर है ! भागो ...Read Moreहमें इसका पीछा करना है! किसी भी हाल में उसे पकड़ना रहै!"सुल्तान का रोंया रोंया खडा हो गया !रात के अंधेरे में जिया का पीछा करते हुए दोनों एक दूसरे का हाथ थाम कर भागे!"आखिर ये मो. अमन है कौन..?और हम से पहले इसने गुलशन का सिर कहां से हासिल कर लिया..?""आपने देखा नहीं परवाने
रात काफी हो चुकी थी! लिनिया तेजी से आबू को पीछे छोड़ कर पालनपुर की ओर भाग रही थी! होस्पिटल से खलिल को छुट्टी मिलने के बाद खलिल उसकी अम्मीजान और गुलशन कि मां सबकी राह तक कर बैठे ...Read Moreतावडे ने लिनिया को एक्सिडेन्ट प्लेस से बिना झिझक होस्पिटल पहोंचाया था! सुल्तान ने तावडे का शुक्रिया अदा करते हुए कहा था! "आप जैसे पुलिसिये बहोत कम मिलते हैं, जो जी जान से हर कदम मुश्किलो मे साथ देते है! आप हमेशा मेरे दिल और दिमाग मे रहोगे..! मुस्कुराकर तावडे बिदा हो गया था! खलिल शोक में डूबा हुआ था!
दूर-दूर से लंबी दूरी की गाड़ियों की व्हिसल सुनाई दे रही थी!रात के लास्ट पहर में भी शहर में रोशनी बिखरी हुई थी! एकल-दोकल वाहनो में निकलने वाले इंसानों को छोड़कर अभी कोई चहल-पहल नहीं थी!शहर की अंदरूनी गलियां ...Read Moreथी!इस वक्त उस मकान की खिड़कियों की झिर्रियों से झांकते वक्त उसका दिल धाड-धाड बज रहा था!जब उसने पूछा क्या चाहिए तुम्हे..?वो काला बच्चा चुप हो गया!जब बार-बार पूछा गया! तो खिलखिला कर उस बच्चे ने जो मांगा वह सुनकर उसकी हालत पतली हो गई!फज्र के वक्त चुपके से उनकी बातें सुन रही जिया के पैर कांपने लगे!उसकी सारी आशंका
जिया ने डोरबेल को पुश किया!उसी पल दरवाजे के भीतर लगे सेंसर के स्पीकर से आवाज उठी!"अस्सलाम वालेकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातहू..! दरवाजा खोलिए..! कोई बाहर दरवाजे पर मौजूद है..! दरवाजा खोलिए..! दरवाजा खोलिए..!"स्पीकर बजने लगा!एक एक पल जिया ...Read Moreलिए बहुत ही भारी साबित हो रहा था! उसके साथ पेश आए वाकये से वो इतनी बुरी तरह डरी हुई थी कि बार-बार पीछे मुड़कर गली में देख रही थी!डोरबेल बजने के बावजूद दरवाजा खोलने में देरी हुई तो उसने दरवाजे को जोरों से ठोकना शुरू किया!"दरवाजा खोलो..! खलिल दरवाजा जल्दी खोलो..!""कौन है..?" दूर से खलिल की आवाज सुनाई दी..!""मैं
जिया के चेहरे पर उड़ने वाली हवाईयां नापते ही सुल्तान चीखा था! "तुमको मना किया था मैंने कि अपनी मनहूस शक्ल मुझे मत दिखाना? फिर तुम मेरे घर पर क्यों आई हो..?" सुल्तान के बदले तेवर देखकर खलिल और ...Read Moreमां बुरी तरह चौके ! "गेट आउट.. अभी की अभी मेरे घर से निकल जाओ..! फूटो यहां से..!!" सुल्तान जब फिर से दहाड़ा तो खलिल के भंवे सिकुड़ गए..! बात कुछ हजम नहीं हो रही! अब्बा बेवजह जिया को डांटे ये मुमकिन ही नहीं है! जिस तरह से जिया अब्बा को देख कर चौक गई थी, जाहिर था की उसने
सुब्हा का वक्त..!लोबान के धुंप से ढका मजार का माहौल..गुलाब के फूलो की महक..!तरह-तरह के ईत्र की मिली-झुली खुशबू का लुभावना आलम..! ढोलक के ताल कव्वालियां की रौनक..धुएं के गुब्बारो में से अलप-झलप दिखने वाले डरावने चहरे..!कुछ भी बेअसर ...Read Moreथा!जिया खलिल का हाथ थामे खडी थी!कोई लंबी घनी डाढी वाला शख्श मिर्गी के मरीज की तरह छटपटा रहा था ,तो कोई बड़ी बड़ी आंखों से उसे घूर रहा था! कोई अपना सर पीट रहा था तो कोई चिल्ला रहा था!"मत जलाओ मुझे..! छोड़ दो ! जाने दो यहां से!"जिया लोबान के धूप में गुम हुए उस शख्स की ओर
रुहो का कोई धर्म नही होता!इस बात को ईल्म धारण करने वाले बखूबी जानते है!बाबा का मजार में होना ईतफाक नही था, तय था पहले से.. ! किसी के प्राणो को बचाने वो कुछ भी कर गुजरते है!एक सिध्धयोगी ...Read Moreवो उपरी ताकतो को ताड लेते है! उनको कंट्रोल अपने तरीके से करते है!बाबा अच्छी तरह जानते थे की कोई है, जिसने जिन्न को वश किया है! उस इन्सान को पहचान लिया जाता तो बहुत जल्द जिया और खलिल के परिवार को जिन्न के करतूतो से बचाया जा सकता था!जिया को किसी भी हालत में 7 दिन तक मजार पर
बड़ा ही घुमावदार चक्कर था!खलिल सुल्तान और यहां तक कि बाबा भी उसे पकड नही पाये थे!उस रात अम्मी ने जिया की बच्ची गुम होने की खबर सूनाई, तो खलिल के होश उड गये..!कहीं जिन्नात ने उस मासूम बच्ची ...Read Moreनुकसान पहुंचाया तो नही पहुचाया..?उस नन्हीं सी जान को अगर खरोच भी आई तो..?यह सोचकर भी खलिल की रूह कांप उठी!भागता हुआ वह जिया के घर पहुंचा! तब तक अपनी बच्ची बाहर नहीं है यह सूनकर वो बावली सी हो गई!"अब वो मेरी बच्ची को नहीं बख्शने वाला..! मेरे कर्मों की सजा मेरी बच्ची को भुगतनी पड़ेगी..! मैं क्या करूं