Vo kon thi - 13 books and stories free download online pdf in Hindi

वो कौन थी - 13

आबु का सर्द सुनहरा मौसम खुशनुमा था!
जिया

आबु का सर्द सुनहरा मौसम खुशनुमा था!
जिया गुलशन की मां सुल्तान और उनकी खातून एक साथ एक ही कार मे आबु निकले थे! जब पहुंचे श्याम के 4:00 बज रहे थे!

सुल्तान का ड्राइवर उसके कहने से किसी की गाड़ी ले आया था तत्पश्चात वह लोग बिना समय गंवाए निकल पड़े थे! ड्राइवर इकबाल ने पूछा भी था "आखिर अचानक ऐसी क्या बात हो गई सुल्तान भाई जो आनन-फानन में आबू जाना है!
सुल्तान ने उसे सारी बात से अवगत कराया ! फिर इकबाल चुप हो गया था परिस्थिति की गंभीरता को वो समझ गया था!
माउंट आबू का ये इलाका खुशनुमा वादियों और ऊंची पहाड़ियों के लिए दुनियाभर में मशहूर है बहुत सी रहस्यमई बातो से आज भी इस प्रदेश को जानने वाला खौफ खाया रहता है!
करीब ही माउंट एवरेस्ट है!
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने और उसकी ऊंचाई से तालमेल बिठाने में लोगों को लगभग 40 दिन लग जाते हैं.
यहां हवा की रफ्तार 321 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है और यहां का तापमान -80 डिग्री फारेनहाइट तक जा सकता है.
लगभग 280 लोग अब तक माउंट एवरेस्ट पर जान गंवा चुके हैं.
यह 150 शरीरों की खुली कब्रगाह है.
अब तक 4000 से अधिक लोग एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश कर चुके हैं. हर दस में से एक शख्स जो इसकी ऊंचाई तक पहुंचता है वो वापस बेस कैम्प तक नहीं पहुंच पाता. साल 2014 में जब 7.8 मैग्निट्यूड का भूकंप आया था तो 16 लोग मारे गए और 61 लोग बुरी तरह घायल हुए.
यहां एक छोटा और डरावना जम्पिंग मकड़ा रहता है. यह 22,000 फीट की ऊंचाई पर देखा जा सकता है...!
यहां से गुजरते वक्त ड्राइवर के दिमाग में यह सारी बातें आ गई!
वह सब के साथ यह बात पर शेयर करना चाहता था पर हालात ऐसे ना थे!
सुल्तान ने बताया!
घुमने निकले खलिल और गुलशन को एक्सिडेन्ट हुवा है! खलिल को यहां आबु महाविर होस्पिटल मे भरती करवा दिया गया है..!
सब के मन उखडे हुए थे.!
ईसिलिये ड्राईवर चूप था!
वह जल्द से जल्द गाडी को होस्पिटल पहुंचाना चाहता था!
चारो उसे कितनी बार पूछ चूके थे अब "कितनी देरी है..?"
जिया ने गुगल मेप से एक दो बार देख भी लिया की कहां तक जाना है..!
आबु पहोंच गए तो मन जल्द से जल्द खलिल से मिलने बेताब हुआ जा रहा था..!
खलिल से रूहानी रिश्ता था..! अपने पहले प्यार का रिश्ता...!
जिसके साथ वह जिंदगी गुजार देना करना चाहती थी! पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था!
खलील की जिंदगी गुलशन से जुड़कर एक बडी आंधी को आहवान दे चूकी थी!
सब किस्मत का लेखा जोखा है किस्मत की लेखनी को कोई टाल नहीं सकता!
आज मन बहुत उदास था उसका!
जिसको अपनी जान से अजीज समझा था उसे तन और मन से जख्मी हुए वह देख पाएगी..? खुद को संभाल पाएगी..? मन उलझ गया था!
वह नहीं चाहती थी की आज भी उसका दिल खलील की ओर झुका हुआ है ईस बात का खलिल को अहसास भी हो..!
वैसे भी उसने जानबूझकर ही अपनी दोहरी जिंदगी अपनाई थी!
अमन से शादी करके वो अपने आप को उससे दुर कर लेना चाहती थी क्योंकि नहीं चाहती थी उसका प्रेम खलील और गुलशन की खुशियों में कभी भी विघ्न बनकर आडे आए..!
उसकी आंखें बेजान सी हो गई थी! वो भीतर से टूट कर रो रही थी मगर चाह कर भी खलील के पेरंट्स के सामने रो नहीं सकती थी!
खलील जख्मी हुवा है ये सूनकर उसके अम्मी अब्बा विचलित जरुर हुए थे पर चिंताग्रस्त नही थे.. जितनी की गुलशन की मां डिस्टर्ब थी..!
वो बहोत रो रही थी..! उनकी चिखे रूह को चीर रही थी! उनके मुखसे निकलने वाला एक एक लब्ज आर्तनाद था!
"मेरी बच्ची कहा हो तूम..? मुझे छोडकर कहां चली गई..? तुम्हें देख देख कर तो जी रही थी मै..! अब क्या होगा मेरा..?
उसका आक्रंद दिल दहला ने वाला था!
जिया और सुलतान ने होसला बंधाया.!
"वह जहां कहीं भी होंगी उसे ढूंढ निकालेंगे..! कंट्रोल योरसेल्फ आंटी जी..!"
उनके चेहरे पर जियाने डर देखा उनके आंसुओं के पीछे सहमी हुई शख्सियत जो किसी बात को लेकर बहुत परेशान थी! फिलहाल जिया ने वक्त की नजाकत देखकर चुप रहना मुनासिब समझा!
शहर के बीच सेंटर में महावीर हॉस्पिटल की 4 मंजिला इमारत की पार्किंग में इकबाल ने गाड़ी पार्क की!
रिसेप्शनिस्ट से पता लगा कर सुल्तान के साथ सभी सेकंड फ्लोर के एक बड़े से ओपीडी वार्ड में दाखिल हुए!
कॉर्नर वाली एक बेड पर खलील सोया हुआ था!
करीब जाकर खलील की अम्मी ने उसके माथे पर हाथ रखा!
आंखें खोलते ही खलील ने अपनी मां को सामने पाकर उन्हें अपने गले से लगा लिया..!
फिर वह बहुत रोया..! उसके कंधों पर हाथ रखकर सुल्तान ने उसे आश्वासन दिया..! उसकी भीगी झार झार आंखो में जिया का चेहरा नजर आया!
वह चेहरा जिसकी आंखों में प्यार के अलावा कुछ नहीं था! उसकी आंखें बोल रही थी होंठ कांप रहे थे! चूप रहकर भी वो कितने सारे राज खोल रही थी!
खलील ने उस रात हुए हादसे के बारे में सबको बताया!
तभी एक वार्ड ब्वॉय आकर सुल्तान से मुखातिब हुआ..!
"सर जी आपसे ईस्पे. तावडे मिलना चाहते है! सामने वेटिंग रूम में चले जाइए..!"
सुल्तान के पीछे जिया भी भागी..!
वो जानना चाहती थी पुलिस इस हादसे के बारे में क्या सोच रही है!
तावडे वेटिंग रूम में कतार सें लगी कुर्सी में से एक पर गंभीर मुद्रा मे बैठा था!
सुलतान को देखते ही उसकी आंखो मे गजब की चमक उभर आई..!
"आईए आप खलील के पिता है ना..?"
"हा.. वो मेरा बच्चा है..!"
सुलतान और जिया तावडे की बगल में बैठे!
"किस मनहूस घड़ी में यह लोग घूमने निकले थे यार..! मेरा दिमाग खराब हो गया है!
तावडे की चीड उसके लफ्जों में सुनाई दे रही थी!
"अगर टीवी न्यूज़ देखते हो तो आबू के आसपास हुई वारदातों के बारे में पता ही होगा..! यहां पर हुए मर्डर के किस्से कुछ दिन से सुर्खियों में है..!"
"अच्छा.. मैंने तो ऐसा कुछ नहीं सूना..! वैसे भी टीवी मैं कम देखता हूं..! किसका मर्डर हुआ है और उससे मेरे बच्चों से क्या तालमेल है..?
मैंने कहा ना सुल्तान सर ..मेरा दिमाग इसी क्वेश्चन मार्क को लेकर घुमा हुआ है!
कार में से आपकी बहू गुलशन का फोन बरामद हुआ है ! उस पर लास्ट कॉल शायद आप की थी है ना..?
तावड़े जिया पर नजरे गडा दी!
मैं जान सकता हूं आखिर उस वक्त आपकी क्या बातें हुई उनसे..! जो भी हो सच-सच बताना क्योंकि मेरा दिमाग पहले से घूमा हुआ है अब गोल गोल घूमना मेरी सेहत के लिए ठीक नहीं..!
ठंडे कलेजे से तावडे ने अपनी अकड़ दिखाई!
दो पल के लिए जिया परेशान नजर आई क्योंकि वो बात को बताना नहीं चाहती थी"
"क्या बातें हुई वह बताने में मुझे कोई हर्ज नहीं है ! मगर सर.. मुझे लगता है शायद उस बात पर आपको भी यकीन ना हो..! इसलिए जरा हिचकिचाहट हुई..!"
"किस बात पर यकीन करना और किस बात पर नहीं वह मैं मेरा मैटर है आप शुरू हो जाओ..!"
तावडे ने खुलासा किया!
सुल्तान भी बड़ी हैरानी से जिया को देख रहा था!
उलझ गया था वह कि आखिर जिया किस बात को लेकर परेशान थी?"
दरअसल मुझे कल रात को एक बहुत ही डरावना ख्वाब आया था!
"अच्छा वो कैसा ख्वाब बता सकती हो..?"
मैं रात के वक्त घने जंगलों के बीच फस गई हो मौसम बहुत खराब है और तभी एक बच्चे को देखती हूं जो शक्ल सूरत से काफी डरावना था दूर से किसी लड़की की आवाज सुनाई देती है बच्चा उसी दिशा में भाग जाता है मैं भी उसके पीछे लग जाती हूं!
फिर एक पेड़ के पीछे छुप कर मैंने जो नजारा देखा वह काफी भयावह था!
वह बच्चा ताजी बनी हुई कब्र की मिट्टी उड़े रहा था उसमें से एक लड़की की लाश निकाल कर उसके चेहरे का मांस नॉंच नॉंच कर खाता है!
तभी मेरी आंख खुल जाती है!
ख्वाब के बारे में मैं अपने पति को बताती हूं क्योंकि पहले भी मेरे ख्वाब को सच का सामना करना पड़ा था मैं काफी डर गई थी इसलिए खलील और गुलशन को फोन करके वापस आज आने को कहा था!
"ओके..! और कुछ बताना चाहती हो..? जान सकता हूं तुम खलील और गुलशन को कैसे जानती थी!
हम एक ही कॉलेज में पढे हैं और एक दूसरे के फ्रेंड है सर..!"
"गुड.. थैंक्स फॉर हेल्प मी..!"
चक्कर कुछ बड़ा है सुल्तान भाई क्योंकि यह मात्र एक्सीडेंट का मामला नहीं है..! जिस रोज यह हादसा हुआ था मेरे सर वारिसखान को किसी लेडी ने फोन करके सुबह सुबह बुलाया था फिर उनकी मेरे फोन पर कॉल आती है वह काफी घबराए हुए थे बता रहे थे कि वहां 2- 3 मर्डर हो गए हैं और कुछ है जो उनकी समझ में नहीं आ रहा ! उनकी जान को भी खतरा है!
मैं इस घटना से पहले इन सब बातों में नहीं मानता था पर अब लगता है कुछ तो है जो पहले से मौजूद है!
फिर जब वारिस खान की लाश को मैंने देखा तो यकीन हो गया है की गड़बड़ जरूर है! कोई ऐसी बात है जिसके तहतक जाकर पता लगाना काफी मुश्किल है!
सर मैं वह जगह देखना चाहती हूं जहां वारिस खान की मौत हुई है!
जहां यह कार इक्सिडेन्ट हुआ है!
"ठीक है चलो क्या आप भी आना चाहेंगे सुल्तान साहब..!"
यस सर क्योंकि मुझे लगता है जिया गुलशन को ढूंढने जा रही है और उसके साथ मेरा होना काफी आवश्यक है !
"ठीक है फिर चलो मैं गाड़ी निकालता हूं..!
सुल्तान अपने बेगम को खलिल को संभालना ईतना बोलकर बाहर निकल गया..
जिया सुलतान के पीछे तावडे की पुलिस जीप में सवार होकर गई! तावडे ने गाडी जंगल की ओर भगाई. . तब उन्हें पता नहीं था की एक भयानक दौर से उनका सामना फिर होने वाला है!
( क्रमश)

गुलशन की मां सुल्तान और उनकी खातून एक साथ एक ही कार मे आबु निकले थे! जब पहुंचे श्याम के 4:00 बज रहे थे!

सुल्तान का ड्राइवर उसके कहने से किसी की गाड़ी ले आया था तत्पश्चात वह लोग बिना समय गंवाए निकल पड़े थे! ड्राइवर इकबाल ने पूछा भी था "आखिर अचानक ऐसी क्या बात हो गई सुल्तान भाई जो आनन-फानन में आबू जाना है!
सुल्तान ने उसे सारी बात से अवगत कराया ! फिर इकबाल चुप हो गया था परिस्थिति की गंभीरता को वो समझ गया था!
माउंट आबू का ये इलाका खुशनुमा वादियों और ऊंची पहाड़ियों के लिए दुनियाभर में मशहूर है बहुत सी रहस्यमई बातो से आज भी इस प्रदेश को जानने वाला खौफ खाया रहता है!
करीब ही माउंट एवरेस्ट है!
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने और उसकी ऊंचाई से तालमेल बिठाने में लोगों को लगभग 40 दिन लग जाते हैं.
यहां हवा की रफ्तार 321 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है और यहां का तापमान -80 डिग्री फारेनहाइट तक जा सकता है.
लगभग 280 लोग अब तक माउंट एवरेस्ट पर जान गंवा चुके हैं.
यह 150 शरीरों की खुली कब्रगाह है.
अब तक 4000 से अधिक लोग एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश कर चुके हैं. हर दस में से एक शख्स जो इसकी ऊंचाई तक पहुंचता है वो वापस बेस कैम्प तक नहीं पहुंच पाता. साल 2014 में जब 7.8 मैग्निट्यूड का भूकंप आया था तो 16 लोग मारे गए और 61 लोग बुरी तरह घायल हुए.
यहां एक छोटा और डरावना जम्पिंग मकड़ा रहता है. यह 22,000 फीट की ऊंचाई पर देखा जा सकता है...!
यहां से गुजरते वक्त ड्राइवर के दिमाग में यह सारी बातें आ गई!
वह सब के साथ यह बात पर शेयर करना चाहता था पर हालात ऐसे ना थे!
सुल्तान ने बताया!
घुमने निकले खलिल और गुलशन को एक्सिडेन्ट हुवा है! खलिल को यहां आबु महाविर होस्पिटल मे भरती करवा दिया गया है..!
सब के मन उखडे हुए थे.!
ईसिलिये ड्राईवर चूप था!
वह जल्द से जल्द गाडी को होस्पिटल पहुंचाना चाहता था!
चारो उसे कितनी बार पूछ चूके थे अब "कितनी देरी है..?"
जिया ने गुगल मेप से एक दो बार देख भी लिया की कहां तक जाना है..!
आबु पहोंच गए तो मन जल्द से जल्द खलिल से मिलने बेताब हुआ जा रहा था..!
खलिल से रूहानी रिश्ता था..! अपने पहले प्यार का रिश्ता...!
जिसके साथ वह जिंदगी गुजार देना करना चाहती थी! पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था!
खलील की जिंदगी गुलशन से जुड़कर एक बडी आंधी को आहवान दे चूकी थी!
सब किस्मत का लेखा जोखा है किस्मत की लेखनी को कोई टाल नहीं सकता!
आज मन बहुत उदास था उसका!
जिसको अपनी जान से अजीज समझा था उसे तन और मन से जख्मी हुए वह देख पाएगी..? खुद को संभाल पाएगी..? मन उलझ गया था!
वह नहीं चाहती थी की आज भी उसका दिल खलील की ओर झुका हुआ है ईस बात का खलिल को अहसास भी हो..!
वैसे भी उसने जानबूझकर ही अपनी दोहरी जिंदगी अपनाई थी!
अमन से शादी करके वो अपने आप को उससे दुर कर लेना चाहती थी क्योंकि नहीं चाहती थी उसका प्रेम खलील और गुलशन की खुशियों में कभी भी विघ्न बनकर आडे आए..!
उसकी आंखें बेजान सी हो गई थी! वो भीतर से टूट कर रो रही थी मगर चाह कर भी खलील के पेरंट्स के सामने रो नहीं सकती थी!
खलील जख्मी हुवा है ये सूनकर उसके अम्मी अब्बा विचलित जरुर हुए थे पर चिंताग्रस्त नही थे.. जितनी की गुलशन की मां डिस्टर्ब थी..!
वो बहोत रो रही थी..! उनकी चिखे रूह को चीर रही थी! उनके मुखसे निकलने वाला एक एक लब्ज आर्तनाद था!
"मेरी बच्ची कहा हो तूम..? मुझे छोडकर कहां चली गई..? तुम्हें देख देख कर तो जी रही थी मै..! अब क्या होगा मेरा..?
उसका आक्रंद दिल दहला ने वाला था!
जिया और सुलतान ने होसला बंधाया.!
"वह जहां कहीं भी होंगी उसे ढूंढ निकालेंगे..! कंट्रोल योरसेल्फ आंटी जी..!"
उनके चेहरे पर जियाने डर देखा उनके आंसुओं के पीछे सहमी हुई शख्सियत जो किसी बात को लेकर बहुत परेशान थी! फिलहाल जिया ने वक्त की नजाकत देखकर चुप रहना मुनासिब समझा!
शहर के बीच सेंटर में महावीर हॉस्पिटल की 4 मंजिला इमारत की पार्किंग में इकबाल ने गाड़ी पार्क की!
रिसेप्शनिस्ट से पता लगा कर सुल्तान के साथ सभी सेकंड फ्लोर के एक बड़े से ओपीडी वार्ड में दाखिल हुए!
कॉर्नर वाली एक बेड पर खलील सोया हुआ था!
करीब जाकर खलील की अम्मी ने उसके माथे पर हाथ रखा!
आंखें खोलते ही खलील ने अपनी मां को सामने पाकर उन्हें अपने गले से लगा लिया..!
फिर वह बहुत रोया..! उसके कंधों पर हाथ रखकर सुल्तान ने उसे आश्वासन दिया..! उसकी भीगी झार झार आंखो में जिया का चेहरा नजर आया!
वह चेहरा जिसकी आंखों में प्यार के अलावा कुछ नहीं था! उसकी आंखें बोल रही थी होंठ कांप रहे थे! चूप रहकर भी वो कितने सारे राज खोल रही थी!
खलील ने उस रात हुए हादसे के बारे में सबको बताया!
तभी एक वार्ड ब्वॉय आकर सुल्तान से मुखातिब हुआ..!
"सर जी आपसे ईस्पे. तावडे मिलना चाहते है! सामने वेटिंग रूम में चले जाइए..!"
सुल्तान के पीछे जिया भी भागी..!
वो जानना चाहती थी पुलिस इस हादसे के बारे में क्या सोच रही है!
तावडे वेटिंग रूम में कतार सें लगी कुर्सी में से एक पर गंभीर मुद्रा मे बैठा था!
सुलतान को देखते ही उसकी आंखो मे गजब की चमक उभर आई..!
"आईए आप खलील के पिता है ना..?"
"हा.. वो मेरा बच्चा है..!"
सुलतान और जिया तावडे की बगल में बैठे!
"किस मनहूस घड़ी में यह लोग घूमने निकले थे यार..! मेरा दिमाग खराब हो गया है!
तावडे की चीड उसके लफ्जों में सुनाई दे रही थी!
"अगर टीवी न्यूज़ देखते हो तो आबू के आसपास हुई वारदातों के बारे में पता ही होगा..! यहां पर हुए मर्डर के किस्से कुछ दिन से सुर्खियों में है..!"
"अच्छा.. मैंने तो ऐसा कुछ नहीं सूना..! वैसे भी टीवी मैं कम देखता हूं..! किसका मर्डर हुआ है और उससे मेरे बच्चों से क्या तालमेल है..?
मैंने कहा ना सुल्तान सर ..मेरा दिमाग इसी क्वेश्चन मार्क को लेकर घुमा हुआ है!
कार में से आपकी बहू गुलशन का फोन बरामद हुआ है ! उस पर लास्ट कॉल शायद आप की थी है ना..?
तावड़े जिया पर नजरे गडा दी!
मैं जान सकता हूं आखिर उस वक्त आपकी क्या बातें हुई उनसे..! जो भी हो सच-सच बताना क्योंकि मेरा दिमाग पहले से घूमा हुआ है अब गोल गोल घूमना मेरी सेहत के लिए ठीक नहीं..!
ठंडे कलेजे से तावडे ने अपनी अकड़ दिखाई!
दो पल के लिए जिया परेशान नजर आई क्योंकि वो बात को बताना नहीं चाहती थी"
"क्या बातें हुई वह बताने में मुझे कोई हर्ज नहीं है ! मगर सर.. मुझे लगता है शायद उस बात पर आपको भी यकीन ना हो..! इसलिए जरा हिचकिचाहट हुई..!"
"किस बात पर यकीन करना और किस बात पर नहीं वह मैं मेरा मैटर है आप शुरू हो जाओ..!"
तावडे ने खुलासा किया!
सुल्तान भी बड़ी हैरानी से जिया को देख रहा था!
उलझ गया था वह कि आखिर जिया किस बात को लेकर परेशान थी?"
दरअसल मुझे कल रात को एक बहुत ही डरावना ख्वाब आया था!
"अच्छा वो कैसा ख्वाब बता सकती हो..?"
मैं रात के वक्त घने जंगलों के बीच फस गई हो मौसम बहुत खराब है और तभी एक बच्चे को देखती हूं जो शक्ल सूरत से काफी डरावना था दूर से किसी लड़की की आवाज सुनाई देती है बच्चा उसी दिशा में भाग जाता है मैं भी उसके पीछे लग जाती हूं!
फिर एक पेड़ के पीछे छुप कर मैंने जो नजारा देखा वह काफी भयावह था!
वह बच्चा ताजी बनी हुई कब्र की मिट्टी उड़े रहा था उसमें से एक लड़की की लाश निकाल कर उसके चेहरे का मांस नॉंच नॉंच कर खाता है!
तभी मेरी आंख खुल जाती है!
ख्वाब के बारे में मैं अपने पति को बताती हूं क्योंकि पहले भी मेरे ख्वाब को सच का सामना करना पड़ा था मैं काफी डर गई थी इसलिए खलील और गुलशन को फोन करके वापस आज आने को कहा था!
"ओके..! और कुछ बताना चाहती हो..? जान सकता हूं तुम खलील और गुलशन को कैसे जानती थी!
हम एक ही कॉलेज में पढे हैं और एक दूसरे के फ्रेंड है सर..!"
"गुड.. थैंक्स फॉर हेल्प मी..!"
चक्कर कुछ बड़ा है सुल्तान भाई क्योंकि यह मात्र एक्सीडेंट का मामला नहीं है..! जिस रोज यह हादसा हुआ था मेरे सर वारिसखान को किसी लेडी ने फोन करके सुबह सुबह बुलाया था फिर उनकी मेरे फोन पर कॉल आती है वह काफी घबराए हुए थे बता रहे थे कि वहां 2- 3 मर्डर हो गए हैं और कुछ है जो उनकी समझ में नहीं आ रहा ! उनकी जान को भी खतरा है!
मैं इस घटना से पहले इन सब बातों में नहीं मानता था पर अब लगता है कुछ तो है जो पहले से मौजूद है!
फिर जब वारिस खान की लाश को मैंने देखा तो यकीन हो गया है की गड़बड़ जरूर है! कोई ऐसी बात है जिसके तहतक जाकर पता लगाना काफी मुश्किल है!
सर मैं वह जगह देखना चाहती हूं जहां वारिस खान की मौत हुई है!
जहां यह कार इक्सिडेन्ट हुआ है!
"ठीक है चलो क्या आप भी आना चाहेंगे सुल्तान साहब..!"
यस सर क्योंकि मुझे लगता है जिया गुलशन को ढूंढने जा रही है और उसके साथ मेरा होना काफी आवश्यक है !
"ठीक है फिर चलो मैं गाड़ी निकालता हूं..!
सुल्तान अपने बेगम को खलिल को संभालना ईतना बोलकर बाहर निकल गया..
जिया सुलतान के पीछे तावडे की पुलिस जीप में सवार होकर गई! तावडे ने गाडी जंगल की ओर भगाई. . तब उन्हें पता नहीं था की एक भयानक दौर से उनका सामना फिर होने वाला है!
( क्रमश)