Meri Kahani - 3 - Last Part books and stories free download online pdf in Hindi

मेरी कहानी - 3 - लास्ट पार्ट


लास्ट पार्ट।।
संजना फिर मुस्कुराके चली गई। और हम दोनों भी वहा से अपने घर आ गए । फिर हमने खाना खाया और फिर हम लोग क्रिकेट खेलने चले गए। जब क्रिकेट खेलके वापस घर आ रहे थे तब संजना मुझे रास्ते में मिली और स्माइल देके चली गई।

हम लोग घर आ गए फिर खाना खाया और थोड़ी आराम करने सो गए। आराम करने के बाद हम खेत देेेखने चले गए । वहा खेत में सब लोग काम कर रहे थे । हम भी साथ में काम करने लग गए मामा के साथ। फिर हम सामको घर आके खाना खाए और सो गए ।
सुबह उठकर चाय नाश्ता किया । फिर चल पड़े घूम ने दोस्तो के साथ । धीरे धीरे संजना से बात होती रही और मुलाकात भी मैने मूजको अपने प्यार का इज़हार किया और मैने भी धीरे धीरे हमारा प्यार बढ़ता गया ।

छुट्टियों के दिन में अपनें मामा के यहां आता और संजना को मिलता तो बहुत अच्छा लगता ।हमारा प्यार ऐसे ही चलता रहा धीरे धीरे। एक दूसरे को लव लेटर भी भेजते । हमारा प्यार ठीक ही चल रहा था ।
इसी बीच मुझे तीन लड़कियों ने प्रपोज किया पर मैने स्वीकार नहीं किया क्यू की हर किसीको प्यार नहीं किया जाता है।

फिर एक दिन मुझे पता चला कि वो प्यार नहीं सिर्फ टाइम पास कर रही थी मेरे साथ तो मुझे बहुत दुख हुआ और में बहुत रोया ??

में उसको मिला तो बोला कि तुम्हारे कितने बॉयफ्रेंड है ।तो उसने कहा बहुत है तो मुझे अफसोस हुआ कि इतने बॉयफ्रेंड तुम्हारे ।मैने संजना को बोला कि तुमने मेरे साथ टाइमपास क्यू किया तो उसने कहा बस यूंही। मैने उसको कहा कि तुमने मुझे धोखा दिया और मुझे तुमसे ये उम्मीद भी नहीं थी।

में वहा से चला आया फिर मुझे पता चला कि संजना के दो बॉयफ्रेंड थे और उसकी सगाई भी हो चुकी थी।
जिसके दो बॉयफ्रेंड हो वो प्यार की क्या कदर करेंगी बस उसको तो मेरे साथ टाइमपास करना था वो उसने कर लिया ।

भूल जाना तो जमाने कि फिदरत है,
पर तुमने सुरुआत हमसे ही क्यों की??

में अपने गांव चला गया फिर में अपनी जॉब करने सूरत चला गया । बस हर बार यही सोचता रहता था कि ये लड़की ऐसी नहीं थी। पर ऐसी क्यू निकली ये सोचने में दिन और रात कब होने लगी मुझे पता भी नहीं।

धीरे धीरे उसको भुलाने की कोशिश करता गया ।पर उसको भूल नहीं पाया में। ज़िन्दगी में भी क्या मोड़ आए है।

चले जाएंगे ,एक दिन तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,
कदर क्या होती है प्यार की ये तुझे वक़्त ही सीखा देंगा।


जिसको चाहा वो ना मिला ,जो ना चाहा वो मिला,
सोचता हूं ज़िन्दगी में,क्या खोया और क्या पाया मैने।
ज़िन्दगी में एक लड़की को प्यार किया वो भी
बेवफ़ा निकली यारो।

अबुर ये सोचता है कि अब इस टूटे दिल को कोन प्यार करेगा। क्या कोई लड़की अबुर को प्यार करेंगी??

।।समाप्त।।
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