Chhoti si bhool - 2 - last part books and stories free download online pdf in Hindi

छोटी सी भूल ? - 2 - अंतिम भाग

छोटी सी भूल ?

(2)

“ जानते हो डैड मॉम, आप दोनों को देखकर अक्सर सोचा करती थी कि जोड़ी हो तो आप दोनों जैसी, मेड फॉर इच अदर.........और फिर डैड मैंने हमेशा आपको ही अपना आइडियल माना है, आप कितने केयरिंग हैं और कितने समझदार, हर सिचुएशन को ऐसे हैंडल करते हैं कि लगता है जैसे कहीं कुछ हुआ ही न हो उस पर आप का प्यार मुझे हमेशा बांधे रहा और जानते हो डैड, ये सारे के सारे गुण फ्रेडी में है, अब सोचिये जब मुझे बिलकुल आप जैसा मिला तो बताओ कैसे छोड़ सकती थी “, खनकती हुई सी एंजेल ने जवाब दिया.

“ ओके बाबा ओके, जस्ट चिल, खुश रहो हमें भी और क्या चाहिए “, कह मयंक वहां से उठा और अपने काम पर चला गया. बाकी सब भी अपने काम पर निकल गए.

मयंक का सारा दिन काम में मन नहीं लगा और वो काम छोड़कर घर आ गया और एक बार फिर इन्टरनेट खोल कर अपनी साईट पर गया जहाँ एक बार फिर अपनी पुरानी यादें और जीवन से खुद को परिचित कराने लगा, एक बार फिर उस दौर को जीने लगा, चलचित्र उसके जीवन का उसके सामने था.

“ हे वैभव, रितेश, मयंक क्या यूँ ही बोरिंग ज़िन्दगी जी रहे हो, आओ तुम्हें सपनो की दुनिया की सैर कराता हूँ “, कह सनी ने एक पोर्न साईट खोल ली और चारों मिल उसे देखने लगे. तभी वहां उन्होंने एक विज्ञापन देखा जिसमें स्पर्म डोनेट कर और पैसे कमाए जा सकते थे और वैसे भी उन्हें और तो कुछ काम था नहीं सिवाय यूँ ही सर्फिंग करने के तो पैसे की कोई जरूरत नहीं थी.

“ अबे यार, देखा आजकल कहाँ से कहाँ पहुँच गई दुनिया”, रितेश ने कहा

“ हाँ यार, अब तो स्पर्म डोनेट करो और जो चाहे ऐश करो, सारी दुनिया के मज़े लो. यार ये भी आज के लोगों ने धंधा बना लिया और यहाँ की गवर्नमेंट ने इसे कानूनी जामा भी पहना दिया कमाल है” वैभव ने कहा.

“ हाँ यार, इस तरह तो यहाँ कोई बेरोजगार रहेगा ही नहीं, कोई सोच भी नहीं सकता दुनिया कितनी आगे निकलती जा रही है और हमारे भारत में तो जो होता है ऐसे होता है चुपचाप यदि कोई सुन लेगा तो जाने कौन सा तूफ़ान आ जायेगा और यहाँ देखो कितना खुलापन है इसीलिए यहाँ बलात्कार जैसी समस्या बहुत ही रेयर देखने को मिलती है “, मैंने कहा.

“ वैसे ये है गलत “, वैभव ने कहा तो सबने चौंक कर उसकी तरफ देखा

“ कैसे गलत है “, रितेश ने पूछा ?

“ जानते हो इसका लोग दुरूपयोग भी कर सकते हैं.”

“ वो कैसे ?”

“अब देखो कोई भी लड़की जिसे कोई लड़का या आदमी पसंद आ जाए और वो सीधी तरह न माने तो वो माँ बनकर किसी पर भी जबरदस्ती यौन शोषण का आरोप लगा सकती है और डी एन ए टेस्ट से ये साबित भी हो जाएगा कि वो उसी का बच्चा है तो ऐसे में तो जाने कितने बसे बसाए घर बर्बाद हो जायेंगे “ जब वैभव ने कहा तो हम सब हतप्रभ रह गए.

“यार वैभव, बात तो तेरी सही है, जितनी साइंस तरक्की कर रही है उतना ही उसके दुरूपयोग की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं “ सोचते हुए सनी बोला.

“ लेकिन ये भी तो सोचो यदि ऐसा कोई करती भी है तो क्या वो बताएगा नहीं कि उसने डोनेट किये थे स्पर्म तो इसने वहां से लिए होंगे और आर्टिफीसियल तकनीक से गर्भवती हुई है न कि शारीरिक सम्बन्ध या जबरदस्ती से और जब जांच होगी तो सच सामने आ जायेगा क्योंकि जब ऐसी योजना को सरकार अनुमति देगी तो ऐसे प्रावधान भी बनाएगी कि जो भी वहां से स्पर्म लेगा उसकी पूरी डिटेल्स सुरक्षित रखी जाएँ ताकि भविष्य में कोई उसका दुरूपयोग न कर सके “ रितेश ने कहा तो उसकी बात में भी वजन लगा.

“हाँ यार, यहाँ सब फुलप्रूफ होता है हमारे देश की तरह नहीं कि पहले ही इतने लूपहोल छोड़ दिए जाते हैं कि कोई भी दुरूपयोग कर सके” सनी बोल उठा.

“ वैसे ये आजकल बहुत कॉमन होने लगा है, करते हैं हमारे देश में भी स्पर्म डोनेट मगर चोरी छुपे यहाँ की तरह कानूनन मान्यता अभी प्राप्त नहीं हुई है तो हमारे देश में तो ये तरीका ज़िन्दगी को खुलकर जीने के लिए बहुत से लड़के प्रयोग में लाते हैं ताकि एक एक पैसे के लिए तरसना न पड़े और उनका ऐसे हॉस्पिटल्स से गुप्त रूप से अग्रीमेंट होता है जब भी उन्हें जरूरत होती है फ़ोन पर सूचित कर देते हैं” रितेश बोला तो मैंने कहा :

“ यार रितेश, तुझे इतना सब कैसे पता ? हम तो उतना ही जानते हैं जितना न्यूज़ आदि से पता चलता है या कोई मूवी इस पर बन जाती है जैसे वो विक्की डोनर.”

“ उसे छोड़ मयंक, कैसे पता, आजकल ये सब पता करना कोई मुश्किल नहीं इन्टरनेट ने सारे रास्ते खोल दिए हैं “ वैसे मैं सोचता हूँ

“अरे यार, कैसा लगता होगा न डोनेट करके ? क्यों न हम भी आजमायें ?” हम चारों को उत्सुकता से देखते हुए वो बोला .

और हम सब सुन कर जो हँसे तो फिर हँसते ही गए .

“ हे यार, आय एम् सीरियस अबाउट दिस. यूँ मजाक में मत लो. मानता हूँ हम में से किसी को कोई जरूरत नहीं फिर भी. वैसे भी हम तो ६ महीने के लिए यहाँ आये हैं फिर वापस चले जायेंगे लेकिन जाने से पहले इस देश को अपनी निशानी क्यों न देकर जाएँ. अच्छा है न, हमारे स्पर्म किसी जरूरतमंद के काम आयेंगे.”

और अचानक मयंक के दिमाग में एक घंटी सी बज उठी, जाने कितने ही छनछनाते कांच टूट पड़े हों जैसे ही उसने ये देखा और वो सोच में पड़ गया कि कहीं फ्रेडी वो ही तो नहीं जो उसके स्पर्म डोनेशन से हुआ हो और सोचते - सोचते पसीने- पसीने हो उठा मयंक, घबराहट का एक दौरा - सा उसे पड़ा और वो अचेत हो गया.

जाने कितने घंटे वो अचेत पड़ा रहा जब शाम को एंजेल और फ्रेडी आये तो उन्होंने उसकी वो हालत देखी तो हॉस्पिटल ले गए और मुस्कान को भी वहीँ बुला लिया. उसे माइल्ड हार्ट अटैक आया था और जब उसे होश आया तो उसने फ्रेडी को जैसे ही देखा एक बार फिर घबराहट का दौरा उसे पड़ने लगा ये देख मुस्कान चिंतित हो उठी और एक अनजान आशंका से काँप उठी.

किसी तरह खुद को काबू कर उसने कहा, “ मुस्कान मुझे कुछ देर सिर्फ फ्रेडी से बात करनी है प्लीज लीव अस अलोन. “

मुस्कान और एंजेल बाहर आ गए और सोच में पड़ गए आखिर ऐसी किस बात से परेशान है मयंक ?

वहीँ फ्रेडी खुद परेशान था ये सब देखकर. आखिर मयंक ने ही बात शुरू की और उससे पूछा

“ फ्रेडी, आई वांट टू नो अबाउट योर बर्थ ? “ ( मैं तुम्हारे जन्म के बारे में जानना चाहता हूँ )

“ व्हाट डू यू मीन अंकल ? ” ( मतलब )

“ आई मीन,( सारा संवाद इंग्लिश में होता है ) क्या तुम अपने पेरेंट्स से ही हुए हो या कोई आर्टिफीसियल तरीके से ? “

“ क्यों अंकल ? उसका आपकी तबियत से क्या सम्बन्ध ? “

“ प्लीज बताओ मुझे “, जैसे पानी की एक बूँद के लिए कोई प्यासा तरसता है ऐसे घबराते हुए मयंक बोला

“अंकल मेरे डैड नहीं हैं, मुझे मेरी मॉम ने ही पाला है. मेरे मॉम डैड का तलाक हो गया था और मेरी मॉम दोबारा शादी नहीं करना चाहती थीं इसलिए उन्होंने अकेले माँ बनने का फैसला लिया और स्पर्म सेंटर से आर्टिफीसियल तरीके से मुझे जन्म दिया”.

“ कौन से स्पर्म सेंटर से ? उसका नाम बताओ “

फ्रेडी जो आश्चर्यचकित था अब कुछ कुछ समझने लगा था तो उसने बताया

“ इट्स मी सेंटर, नाम सुनते ही, जिस आशंका से मयंक ग्रस्त था, एक बार फिर पसीने- पसीने हो उठा जिसे देख फ्रेडी घबरा गया और डॉक्टर को बुलाया तो एंजेल और मुस्कान भी दौड़ी आयीं.

किसी तरह डॉक्टर्स ने मयंक को स्टेबल किया और जब मयंक होश में आया तो आंसुओं का दरिया उसकी आँख से बहने लगा. जिसे देख मुस्कान और एंजेल परेशान हो उठीं और जब उन्होंने जबरदस्ती पूछा तो जो सत्य आज तक किसी को नहीं पता था जब उससे नकाब उठा तो किसी के भी पैरों के नीचे खड़े होने को जमीन नहीं बची थी.

मयंक रोते हुए हाथ जोड़कर एंजेल की तरफ देखते हुए बोला :

हमने तो शौकिया एक एडवेंचर की तरह इस बात को लिया और चारों पहुँच गए अपने स्पर्म डोनेट करने और कर आये. बेशक ये न तो हमारा पेशा था न जरूरत लेकिन फन के लिए ऐसा करना हमें गलत नहीं लगा. मेरी एक छोटी सी भूल ने आज मुझे किसी से नज़र मिलाने लायक नहीं छोड़ा, हो सके तो मुझे मेरे इस गुनाह के लिए माफ़ कर देना एंजेल, मगर तुम समझ सकती हो अब ये रिश्ता किसी भी कीमत पर नहीं हो सकता.......कहते कहते मयंक की गर्दन एक तरफ लुढ़क गयी.

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