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हूफ प्रिंट - 1

हूफ प्रिंट

Chapter-1

माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बंगले के बाहर मीडिया के लोगों का जमावड़ा था। आज उनके बेटे मानस भगनानी की अपनी गर्लफ्रेंड श्वेता रामचंद्रन के साथ इंगेजमेंट थी।

यह इंगेजमेंट कई वजहों से चर्चा में थी।

कुछ सालों पहले मिस एशिया पैसिफिक का खिताब जीत चुकी श्वेता रामचंद्रन की बॉलीवुड में पारी कुछ खास अच्छी नहीं रही थी। बॉलीवुड में वह केवल अपने अफेयर्स के कारण ही चर्चा में रही थी। उसका नाम कई नए और स्थापित एक्टर्स के साथ जुड़ा था। अचानक शादी करने के उसके फैसले ने सबको चौंका दिया था।

मानस भगनानी ने अपने पिता के बिज़नेस में हाथ बंटाते हुए उसे बहुत विस्तार दिया था। कुछ दिनों पहले ही उसे उभरते हुए व्यापारी का अवार्ड भी मिला था।

इसके अलावा उसका अपना एक स्टड फार्म था। रेस में उसके घोड़ों ने कई खिताब जीते थे। वह खुद भी एक अच्छा घुड़सवार था।

लेकिन व्यक्तिगत जीवन में वह एक दिलफेंक आशिक के नाम से जाना जाता था। उसके भी कई अफेयर्स चर्चा में रहे थे।

पर मानस का श्वेता से उम्र में पाँच साल छोटा हेना मीडिया के लिए गॉसिप का विषय बना हुआ था।

एक और बात जो लोगों में इस रिश्ते के लिए दिलचस्पी जगा रही थी कि एक ज़माने में मानस और श्वेता के पिता ने मुंबई के लिए साथ में क्रिकेट खेला था। किशनचंद एक गंभीर चोट के कारण क्रिकेट के मैदान से दूर हो गए। उन्होंने अपनी दूसरी ईनिंग व्यापार के क्षेत्र में शुरू की और कई उपलब्धियां हासिल करने के बाद भी पिच पर डटे हुए थे।

श्वेता के पिता कैलाश रामचंद्रन ने भारत के लिए करीब चालीस टेस्ट और एक सौ पच्छतर वनडे मैच खेले। वह स्पिन गेंदबाज थे और नंबर छह पर बैटिंग करते थे। उनकी सबसे यादगार पारी पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए टेस्ट की थी। इस मैच में उन्होंने दोनों पारियों को मिला कर कुल बारह विकेट लिए थे और दोनों ईनिंग में कुल पच्चासी रन बनाए थे।

दो भूतपूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों की समाधियों के तौर पर नई ईनिंग लोगों में कौतूहल जगा रही थी।

व्यापार जगत, राजनीति, क्रिकेट और बॉलीवुड से जुड़े कई बड़े लोग इस इंगेजमेंट में पहुँच रहे थे। जब भी किसी मेहमान की गाड़ी आती तो टीवी रिपोर्टर उनसे बाइट लेने के लिए दौड़ पड़ते।

बंगले के अंदर क्या चल रहा था इसकी मीडिया वालों को कोई खबर नहीं थी। किशनचंद ने मीडिया से कह रखा था कि एक बार समारोह पूरा होने के बाद मानस और श्वेता मीडिया के सामने आएंगे।

बंगले के अंदर इंगेजमेंट का समारोह हो रहा था। पिंक कलर के लहंगे में श्वेता बहुत खूबसूरत दिख रही थी। कई मेहमानों की निगाहें उस पर टिकी हुई थीं।

मानस भी डिज़ाइनर कुर्ते पजामे में गजब ढा रहा था। वहाँ मौजूद कई लड़कियों ने कभी ना कभी उससे शादी करने का सपना देखा था। आज वो सभी मन ही मन आह भर रही थीं।

मानस और श्वेता एक सोफे पर बैठे थे। फोटोग्राफर ईवेंट की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर रहे थे। कुछ लोग अपने मोबाइल फोन पर भी मानस और श्वेता की सुंदर जोड़ी की तस्वीरें ले रहे थे।

मानस का जिगरी दोस्त सावन रायचंद मानस के पास खड़ा था। वह और मानस कुछ बात कर रहे थे। सावन की किसी बात पर सावन हंस दिया। श्वेता ने मानस को घूर कर देखा। सावन इशारा समझ गया और चुपचाप वहाँ से चला गया।

मानस की बहन मनीषा बहुत खुश दिख रही थी। वह भी एक मॉडल थी। मशहूर फैशन फोटोग्राफर जतिन छाबड़ा के कैलेंडर में जगह मिलने के बाद वह मॉडलिंग सर्किट में बहुत विख्यात हो गई थी। गोल्डन पीच कलर के ऑफ शोल्डर गाउन में वह भी उस पार्टी में रंग बिखेर रही थी।

मनीषा का ब्वॉयफ्रेंड अरमान बिजलानी उसके साथ ही था। अरमान टीवी एंकर था। कई मशहूर रियालटी शो का वह हिस्सा रह चुका था। इस समय वह बॉलीवुड की एक बिग बजट फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका कर रहा था।

बड़ी हस्तियों के बीच मोनिका सान्याल अपने बिंदास अंदाज में हाथ में जाम लिए इधर से उधर टहलती लोगों से बात कर रही थी। लोगों के बीच वह गॉसिप क्वीन के नाम से जानी जाती थी। नब्बे के दशक में वह सिज़लिंग पिनअप गर्ल रह चुकी थी। कई सालों तक लाइमलाइट से गायब रहने के बाद उसने पाँच साल पहले बॉलीवुड में कमबैक किया। पर एक दो फिल्मों के बाद मामला ठंडा पड़ गया। लेकिन जब उसने टीवी का रुख किया तो उसके सितारे बुलंदी पर पहुँच गए। इन दिनों उसका टॉक शो 'कटिंग चाय एंड गॉसिप विद मोनिका' धूम मचा रहा था।

छियालिस साल की मोनिका अपनी फिटनेस का खासा खयाल रखती थी। इस पार्टी में उसने बेश़ कलर की साड़ी पहनी हुई थी। पर उसकी नेवल रिंग सबको दिखाई पड़ रही थी।

किशनचंद और कैलाश मेहमानों का स्वागत करने में व्यस्त थे। तभी पंडित ने आकर कहा,

"मुहूर्त हो रहा है। विधि शुरु करवाइए।"

सभी मेहमान उस जगह पर पहुँच गए जहाँ मानस और श्वेता एक दूसरे को अंगूठी पहनाने वाले थे। पंडित ने कुछ मंत्र पढ़े। उसके बाद मानस और श्वेता ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई। सभी ने तालियां बजा कर उनका स्वागत किया।

सभी बारी बारी से मानस और श्वेता को बधाई दे रहे थे। मोनिका ने भी उन्हें बधाई दी। श्वेता की तारीफ करते हुए बोली,

"आज तुम मानस से पाँच साल बड़ी नहीं बल्की पाँच साल छोटी लग रही हो। तुम्हारी ब्यूटीशियन के हाथ में जादू है।"

मोनिका मुहंफट थी। अक्सर लोगों पर ऐसे कमेंट कर देती थी। श्वेता को उसका यह कटाक्ष बहुत खराब लगा। उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर मानस को गुस्सा आ गया। उसने भी तंज़ कस दिया।

"श्वेता को खूबसूरत बनाने में किसी का हाथ नहीं। उसे तो ऊपरवाले ने ही सुंदर बनाया है। हाँ ढलती उम्र में बूढ़ी घोड़ी को लाल लगाम लगानी पड़ती है।"

मानस की बात सुनकर मोनिका हंस दी। उसने जवाब देते हुए कहा,

"भूलो मत मानस कि इस बूढ़ी घोड़ी की लाल लगाम कुछ समय तक तुम्हारे हाथ में भी रही है।"

मोनिका चली गई। पर उसके जवाब से मानस खिसिया गया। पर उसने देखा कि उसके पापा विधायक रजत रहाणे को उससे मिलाने ला रहे हैं। उसने फौरन अपने पर काबू कर चेहरे पर मुस्कान चिपका ली। रजत रहाणे से उसके पारिवारिक संबंध थे। उसने बढ़ कर पैर छुए। रजत ने उसे सीने से लगा कर मुबारकबाद दी। श्वेता ने हाथ जोड़कर कर नमस्ते किया तो उसके सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद दिया।

मानस ने शिकायत करते हुए कहा,

"अंकल आप अकेले आए हैं। आंटी और रचना को साथ नहीं लाए।"

"तुम तो जानते हो कि तुम्हारी आंटी की तबीयत ठीक नहीं रहती है। इसलिए रचना भी नहीं आ पाई।"

उसी समय मृणालिनी डे वहाँ आ पहुँची। मृणालिनी एक मानी हुई लेखिका थी। कुछ दिनों पहले उसने अपनी किताब के ज़रिए बहुत हंगामा खड़ा कर दिया था। इस किताब में उसने बहुत ही बोल्ड अंदाज में कुछ नामी हस्तियों के छुपे अफेयर्स लोगों के सामने रखे थे। इस किताब पर बैन लगाने की बात उठी थी। मृणालिनी पर मानहानि का मुकदमा भी दर्ज हुआ था।

मृणालिनी को देखते ही रजत चुपचाप वहाँ से चले गए। उसकी किताब में एक चैप्टर उनके ऊपर भी था।

मेहमान बारी बारी से आकर मानस और श्वेता से मिल रहे थे। दोनों ही अब इस प्रक्रिया से ऊब चुके थे। फिर भी चेहरे पर मुस्कान रखना जरूरी था। मानस और श्वेता को अकेला देख कर एक बार फिर सावन उन लोगों के पास आया। श्वेता से माफी मांगते हुए बोला,

"आई एम सॉरी। वो दोस्तों के बीच की बात थी। पर मुझे ध्यान रखना चाहिए था।"

श्वेता कुछ नहीं बोली। सावन ने उससे पूँछा,

"वुड यू लाइक टु ड्रिंक समथिंग..."

पर उसके जवाब से पहले ही कैलाश वहाँ आ गए।

"चलो किशन तुम दोनों को बाहर बुला रहा है। मीडिया के कुछ लोगों को तुम्हारी तस्वीरें लेनी हैं।"

मानस और श्वेता बाहर मीडिया वालों के पास चले गए।

मेहमान अब विदा हो रहे थे। मानस और श्वेता खाना खा रहे थे। मनीषा अपनी स्कूल के दिनों की सहेली वर्षा को लेकर आई। मानस ने कहा,

"क्या हुआ वर्षा इतनी देर में आई ?"

"सॉरी भइया वो नितिन के पैरेंट्स को आज ही यूएस वापस जाना था। उन्हें एयरपोर्ट छोड़ कर आई हूँ।"

"कब कर रहे हो तुम लोग शादी ?"

"नितिन का इरादा तो अभी एक साल और रुकने का है।"

मनीषा ने कोई जवाब नहीं दिया। वर्षा को लेकर चली गई।

अगले दिन मुंबई के सभी प्रमुख अखबारों में मानस और श्वेता की इंगेजमेंट की खबर थी। न्यूज़ चैनलों पर भी उन दोनों की तस्वीरें दिखाई जा रही थीं।

मानस किशनचंद के साथ नाश्ता कर रहा था। मनीषा भी उनके साथ आकर बैठ गई। मानस ने मनीषा की तरफ देख कर कहा,

"तुम कल कुछ ज्यादा बिज़ी थी। अपने भाई को विश करने की भी फुर्सत नहीं थी।"

मनीषा को उसकी बात अच्छी नहीं लगी।

"मैं मेहमानों को देख रही थी।"

"मेहमानों या किसी खास को ?"

मनीषा कोई जवाब देती उससे पहले ही मानस का फोन बज गया। उसके स्टड फार्म के साईस नंदन का फोन था। मानस ने फोन उठाया।

बात करते हुए मानस बहुत परेशान हो गया था। उसके माथे पर पसीने की बूंदें छलक आई थीं।

"नंदन मैं अभी कुछ ही देर में पहुँचता हूँ।"

फोन काट कर वह कुछ देर तक चुपचाप बैठा रहा।

किशनचंद और मनीषा उसकी हालत देखकर परेशान थे।

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