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अनजान रीश्ता - 38

पारु पारुल ऐसे ही खयालों में डूबी हुई थी। वहां अविनाश के बारे में सोच रही थी। न जाने क्यों पारुल को ऐसा क्यों लग रहा था जैसे वह अविनाश को सालों से जानती हो। फिर भी अविनाश पारुल के लिए पहली की तरह था। पारुल जैसे ना चाहते हुए भी कुछ महसूस कर रही थी लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी । दूसरी ओर सेम अपने मोबाइल में किसी के साथ बात कर रहा था । सेम कहता है


सेम: हेय भाई..!


भाई: सेम देखो अभी मैं शुट पर जा रहा हूं और शायद मुझे आने में देर हो जायेगी तो मैं अगर समय पर ना आ पाऊं तो तुम लोग डिनर स्टार्ट कर देना। मैं बाद में ज्वाइन कर लूंगा।


सेम: क्यों क्या हुआ अभी थोड़ी देर पर रहता आपने कहा था कि आप आएंगे अब अचानक क्या हुआ यार आपको?


भाई: अरे!! कुछ नहीं हुआ है। मैं अभी सूट में काफी व्यस्त हूं और कुछ प्रॉब्लम हो गई है यहां इस वजह से शायद मुझे लगता है कि मुझे आने में देर हो जाएगी। इसीलिए मैं पहले ही तुम्हें इन्फॉर्म कर रहा हूं कि अगर मुझे देर हो जाए तो तुम लोग अपना समय बर्बाद ना करो मेरे इंतजार मै।


सेम: अरे कोई नहीं भाई वैसे भी आज डिनर काफी लंबा चलने वाला है। तो अगर आप देर से भी आएंगे तो भी चलेगा।


भाई: ( हंसते हुए ) आहाहाहाहाह!! जितना तुम मुझे भी कुछ ऐसा ही है खैर चलो फिर शाम को मिलते हैं।


सेम: ठीक है!! फिर शाम को मिलते हैं ख्याल रखिएगा अपना।


भाई: हम्म!! तुम भी।


सेम: बाय!


भाई: बाय।


सेम मोबाइल को साइड में रखते हुए पारुल की ओर देखता है तो पारुल किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी जिससे सेम पारुल के हाथों को अपने हाथ में लेते हुए कहता है


सेम: क्या हुआ पारो


पारुल: (सेम की और देखते हुए) नहीं कुछ भी तो नहीं


सेम: तो फिर इतनी गहरी सोच में क्यों डूबी हुई हो!


पारुल: बस ऐसे ही कुछ सवाल है जो सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। लेकिन जवाब नहीं मिल रहे है।


सेम: ऐसा है तो फिर छोड़ो उन सारे ख्यालों को और अभी तुम जिन्हें मिलने वाली हो उसके बारे में थोड़ी चिंता करो।


पारुल: (मुस्कुराते हुए) अच्छा और भला मैं क्यों चिंता करूं तुम जो हो मेरे साथ!!


सेम: हां वह तो है लेकिन फिर भी सारी परिस्थिति में मैं थोड़ी तुम्हारी मदद कर पाऊंगा। तो बेहतर है कि तुम तुम खुद को तैयार करके रखो। ज्यादा डरना मत!!।


पारुल: सेम यहां तुम डरना मत डरना मत कहकर मुझे और भी डरा रहे हों। तो बेहतर होगा की तुम यह पहली बुझाना बंद करो। और जल्दी से जहां जाना है वहां लेकर जाओ।


सेम: ( चिढ़ाते हुए ) अच्छा तुम्हें बड़ी जल्दी अपने ससुराल जाने की!!।


पारुल: क्या!! क्या! कहा भी तुमने जरा फिर से दोहराना अपनी बात!!।


सेम: कुछ भी तो नहीं मैंने कुछ भी नहीं कहा! लगता है तुम्हे बिना बोले ही बातें सुनाई दे रही है।


पारुल: सेम!!?


सेम: पारो!!?


पारुल: मेरी कॉपी मत करो पहली बात और थोड़ी देर पहले क्या बोला तुमने वह बात बोलो पहले!!।


सेम: अरे!!अरे!! लेकिन अभी मैंने कुछ कहा ही नहीं तो मैं क्या फिर से बोलू।


पारुल: देखो सेंम के बच्चे ज्यादा गुस्सा ना दिलाओ मुझे। वरना ऐसा हाल करूंगी तुम्हारा कि तुम सपने में भी नहीं सोचा होगा। इससे अच्छा मुझे बताओ कि तुमने क्या कहा था थोड़ी देर पहले।


सेम: ( श्यतानी मुस्कुराहट के साथ ) हाय!!हाय!! जान ही ले लो ऐसे अंदाज से! और किसने कहा है कि मैंने सपने में कुछ भी नहीं सोचा मैं तो बहुत कुछ सोचा है। लेकिन क्या है ना तुम सुनती नहीं हो मेरी बात। मुझे सोच कर ही शर्म आ रही है। और रही बात तुम्हें कहने की कि मैंने थोड़ी देर पहले कहा था तो चलो मैं तुम्हें दिखाई देता हूं।


पारुल: ( चिल्लाते हुए ) सेम के बच्चे!! घटिया आदमी पता नहीं तुम्हारा दिमाग में क्या-क्या गंदगी भरी हुई है जब देखो तब न जाने उल्टा सीधा ही सोचते रहते हो। कभी तो इंसानों जैसे सोच लिया करो गधे कहीं के।


सेम: ( पारुल को चिढ़ाते हुए ) (हाथ के ऊपर करते हुए) मैंने क्या किया! मेने तो कुछ कहा ही नहीं मैंने सिर्फ इतना ही कहा तुमने कि तुम मेरे सपने में क्या-क्या करती हो!! अब तुम्हारे दिमाग में गंदगी पड़ी हुई है तो तुम मुझ पर क्यों शक कर रही हो हा!! मैंने तो कभी सोचा ही नहीं तुम क्या सोच रही हो मेरे बारे में । ( मासूम बनते हुए ) मुझे भी तो बताओ तुम्हारे दिमाग में क्या गंदगी भरी हुई है जो तुम मेरे जैसे शरीफ इंसान पर शक कर रही हो। जरा देखो तो मेरी शक्ल की तरफ इतने अच्छे लड़के की लड़के की इज्जत की बात है यार। तुम क्यों बदनाम कर रही हो!।


पारुल: आहाहा!!! शरीफ ओर तुम ओह प्लीज इससे अच्छा मै आइस्क्रीम खा के मर जाऊ!!।


सेम: ( मुस्कुराते हुए ) क्या?? आइस्क्रीम खा के सीरियसली!!।


पारुल: बात को घुमाओ मत ओर जो मुद्दा था उस पर आओ।


सेम: फाईन!! ( कार को गेट के पास ले जाते हुए ) इस जगह की बात कर रहा था ।


पारुल: ( गाड़ी के बहार देखते हुए ) काफी सुंदर घर है लेकिन किसका है ये !!?


सेम: तुम्हारे होने वाले सास ससुर और होने वाले पति का!!


पारुल: ( खांसते हुए) क्या !! क्या!! कहा तुमने!!!


सेम: वहीं जो अभी तुमने सुना!!।


पारुल: सुना मैंने लेकिन क्यों?।


सेम: क्या मतलब है यार!! तुम से मिलवाने लाया हूं!!।


पारुल: ( चिल्लाते हुए ) व्हाट!!! आई मीन क्या!! क्यों!! किस लिए!!!? जरूरत क्या थी !!!।


सेम: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहअहाहा!!! चील !! तुम तो ऐसे बिहेव कर रही हो जैसे मै तुम्हे शेर के मुंह में हाथ डालने को कह रहा हूं!। मैं सिर्फ तुम्हें मेरे मोम डेड और भाई से मिलवाने लाया हूं । इसमें कौन सी बड़ी बात है हर लड़का अपनी होने वाली वाईफ को मिलवाता ही है अपने परिवार से तो में भी वही कर रहा हूं ।


पारुल: अच्छा अरे क्या बात है ! शुक्रिया मुझे बताने के लिए मुझे पता ही नहीं था ! ओह गॉड क्या करू मै इस गधे का मै इसके साथ और कुछ दिन रही तो मुझे हार्टअटैक आ जाएगा यह तो पक्का है।


सेम: ( कार को अपने घर के दरवाजे के सामने पार्क करते हुए ) क्या यार चलो इसमें कोन सी बड़ी बात है !!? मेरे मोम डेड ही है । कोई प्रेसिडेंट नहीं जो तुम इतना डर रही हो।


पारुल: ( झूठमुठ का हंसते हुए ) हाहाहाहा!! गोश सेम तुम्हे पता है तुम क्या कर रहे हो!! आई मीन तुम मुझे अपने मोम डेड से मिलवाने लाए हो? कितनी बड़ी बात है यह पता भी है तुम्हे!!।


सेम: हां तो होने वाली बीवी हो मेरी सास ससुर से तो मिलना पड़ेगा ना या फिर भाग के शादी करनी है । अगर ऐसा है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है । ( विंक करते हुए )


पारुल: ( गुस्से में ) सेम के बच्चे!! इस वकत भी तुम्हे मज़ाक की पड़ी है यहां मेरी हार्ट बीट बढ़ रही है और तुम!!


सेम: ( पारुल के हाथ को पकड़ते हुए ) ट्रस्ट मी सब ठीक ही होगा!! बस मेरे साथ ही रहना और कुछ भी प्रॉब्लम होगी तो मै हूं तुम्हारे साथ!।


पारुल: ( कुछ बोल नहीं पाती ) .........।


सेम: ( पारुल के लिए कार का दरवाजा खोलते हुए ) सो चले माय लव!!! । ( पारुल के लिए हाथ आगे बढ़ाते हुए )


पारुल: ( सेम की ओर देखती है ओर ब्लस को छुपाने की कोशिश करते हुए सेम के हाथ में हाथ देते हुए ) हम्म!!।


सेम: हहाहाहा!!! तुम सच में बहुत ही क्यूट हो !! गोड पता नहीं क्या होगा मेरा!!।


पारुल: ( कुछ भी नहीं कहती और सेम का हाथ कसके पकड़े हुए दरवाजे के सामने खड़ी थी। )


सेम: ( डोर बेल बजाते हुए ) देखो ज्यादा टेंसन लेने की जरूरत नहीं है !! आई मीन मेरे घर में सिर्फ तीन ही लोग है मेरे अलावा !! मोम जो की तुम्हे देखते ही पसंद कर लेगी !! डेड जो की तुम्हे ऑलरेडी पसंद करते है। और रही बात भाई की तो वह मुझसे भी ज्यादा कूल है वह तो तुम्हें मुझसे भी ज्यादा सपोर्ट करेगे। तो जस्ट स्माइल प्लीज!!!।


पारुल: ( मुस्कुराने की कोशिश करती है लेकिन टेंशन की वजह से बिल्कुल नकली मुस्कुराहट थी ।) हाहाहाहा!!।


सेम: सीरियसली पारो!! आई मीन कोई भी बता सकता है कि यह नकली मुस्कुराहट है !!!।


पारुल: ( सेम की ओर देखते हुए ) सच में!!!


सेम: हमम!! सच में!!।


पारुल: मै क्या करू वो... ( पारुल बोलने वाली होती हैं कि दरवाजा खोलने की आवाज आती हैं। पारुल ओर सेम दोनों दरवाजा खोलने वाले इंसान की तरफ देखते है ।)


सेम: ( मुस्कुराते हुए ) मॉम!!!


निर्मला: समीर!! ( सेम की ओर देखती है ओर फिर पारुल की ओर देख कर मुस्कुराती है ।) पारुल!! राइट।


सेम: यस मोम पारो!!
पारुल: जी आंटी ( हार्टबीट को कंट्रोल करते हुए ! टेंशन कि वजह से उसका गला सूख रहा था। )
निर्मला: अरे!! तुम दोनों दरवाजे पर क्यों खड़े हो अंदर आओ!!।
पारुल: ( सेम की ओर देखती है ओर फिर निर्मला की ओर )...
निर्मला: अरे!! तुम उस गधे की ओर मत देखो ओर इससे अपना ही घर समझो अंदर आओ ( पारुल का हाथ पकड़ते हुए )
सेम: ( चिल्लाते हुए ) मोम!!!?
पारुल: ( मुस्कुराहट को छुपाते हुए ) जी!!!
निर्मला: अब यूं लड़कियों की तरह बिहेव करना बंद करो और चुपचाप दरवाजा बंद करो!! । ( मुस्कुराते हुए )
पारुल: ( हंस रही थी ) ...।
सेम: मॉम यार आज के दिन तो बेइज्जती ना करो और स्पेस्यली पारो है आज तो !!।
निर्मला: हा तो उसे भी तो पता चलना चाहिए कि तू कितना बड़ा गधा है !! और उसे देख कितनी प्यारी बच्ची है । ( पारुल के चहेरे पे हाथ फेरते हुए ) ।
पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) शुक्रिया आंटी !!।
निर्मला: अरे!! अच्छा ही हुआ तुम लोग जल्दी आ गए वैसे भी काफी सारी बाते करनी है तुमसे !! । सेम ने तो तुम्हे उसके बचपन के बारे में बताया नहीं होगा । चलो मै तुम्हे उसके बचपन के फोटोज दिखाती हूं !!।
सेम: ( चिल्लाते हुए ) मॉम नो वे!! आप एक भी तस्वीर भी दिखाओगी उन्हें !! प्लीज ।
निर्मला: अच्छा वो भला क्यों!! चुपचाप जाओ ओर पारुल के लिए नाश्ता बनाया है किचेन में वो लेकर आओ तब तक में आलबम निकलती हूं !!।
सेम: मॉम हरी है ना वो नाश्ता ले आएगा !!।
निर्मला: सेम!!।
सेम: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) फाईन!।
निर्मला: ( पारुल की ओर देखते हुए ) डोंट माइंड हा वह थोड़ा लड़कियों जैसे बिहेव करने की आदत है उसे !! आहहाहाहाहा!!।
पारुल: ( पारुल अपनी हंसी को रोकते हुए ) जी!!।
निर्मला: चले !!।
पारुल: ( मुस्कुराते हुए हा में सिर हिलाते हुए )

सेम किचेन में से पारुल ओर उसकी मोम को देख रहा था । पारुल सोफे पर बैठे हुए सेम की बचपन कि तस्वीर देख रही थी । सेम की मोम पारुल को सारे किस्से बता रही थी । उन दोनों को ऐसे देखकर मानो सेम के सिर से एक टेंशन दूर हो गया हो । अब सिर्फ उसके पापा ओर भाई के आने की देर है । बस जल्दी से वह दोनों भी आ जाए ताकि सेम सगाई के के बारे में बात कर सके । सेम पारुल के लिए नाश्ता लेकर हॉल में जाता है। और फिर वह पारुल की ओर नजरे चुराते हुए देख रहा होता है । लेकिन पारुल का सारा ध्यान तस्वीरों पर ही था । तभी सेम चुप के से मोबाईल निकलते हुए पारुल की तस्वीर खींच लेता है । और फिर वह भी पारुल के साथ अपनी बचपन कि तस्वीर देखने मै व्यस्त हो जाता है ।