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दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 8

बढती दोस्ती - दो पागल - कहानी सपने और प्यार की अंक ८

       हेल्लो दोस्तो तो कैसे हो आप लोग। मे फिरसे हाजिर हु आप सब के बिच आपकी अपनी सबसे मजेदार नवलकथा को लेकर जीस मे प्यार, दोस्ती , ड्रामा सबकुछ है लेकिन इसको पढने से पहले मेरी आपसे एक अपील है कि आप पहले आगे के  सातो अंक अगर आपने नहीं पढे हैं तो उन अंको को पढ ले और फिर इस अंक को पढना शुरु करे । पढने के बाद इसे अपने दोस्तों के साथ शेर करना ना भुले।

-> शुरुआत 

        तो आइये शुरु करते है आज का मोज मस्ती वाला अंक। आगे की कहानी । अभी तक आपने देखा की केसे रुहान जीज्ञा को मनीषभाई के पास लेकर जाने का प्रपोझल देता है जीसे सुनकर जीज्ञा बहुत ही खुश हो जाती है। अब आगे।

        धन्यवाद रुहान तुझे पता नहीं है कि तु मेरा कितना बडा सपना शाकार करने जा रहा है... जीज्ञाने खुश होकर रुहान से कहा।

        अरे तु मुझे क्यो धन्यवाद कह रही है मे तो बस अपनी दोस्ती नीभा रहा हुंँ तुझे जो कुछ भी मिलने वाला है वो तेरे टेलेन्ट की वजह से मिलने वाला है अगर तुझे सुखरीया कहना ही है तो तु उपर वाले को बोल... रुहानने जीज्ञा से कहा।

        फिर भी मे जानती हुं रुहान की जीज्ञा के लिए एक प्रोफेशनल लेखक बनना मतलब जीते जी स्वर्ग पाना... पुर्वीने रुहान से कहा।

        हा पर यह सब मे मुफ्त मे थोडे ही करुंगा इसके लिए मेरी एक शर्त है अगर तुम दोनो को मंजुर है तो यह सब मे करने को तैयार हुं... रुहानने शर्त रखते हुए कहा।

        हम मुझे पता था कि यह लडके लोग मुफ्त मे लडकीओ के लिए कुछ भी नहीं कर शक्ते... पुर्वीने अपनी आखे फाडते हुए कहा ।

       ओह पुर्वी हर जगह मुफ्त मे लडकीओ के लिए हम लोग पुरे उपर से नीचे तक बिक जाते हैं चाहे वो सिनेमाघर हो, पिझा स्टेशन हो बाग बगीचा, आइस्क्रीम, वो बुढ्ढी के बाल वगेरा हम को तुम लोगो को खिलाना पडता हैं तब जाके तुम लोग हमसे पटती हो... महावीरने झटसे पुर्वी को जवाब देते हुए कहा।

       हा तो इस मे कोई बडा अहसान नहीं करते। हम ही लोग अपना घर छोडकर लडको के लिए जाते हैं कही लडके नही आते ...पुर्वीने भी महावीर से कहा।

       पुर्वी तु दो मिनट चुप रह के जान तो ले उसकी शर्ते क्या है... जीज्ञाने पुर्वीको समझाते हुए कहा।

       बे जाडिया चुप हो जा तेरे से वेसे भी कोई नहीं पटनेवाली... रुहानने महावीर से कहा।

       हा बोल रुहान... जीज्ञाने रुहान से कहा।

       मे इतना कह रहा था कि हमारी जिम्मेवारी है तुम्हें तुम्हारे सपनो तक पहुचाने की अगर तुम हमारी एक शर्त मानलो तो। और वो शर्त मतलब की हम लोग तुम दोनो को आज रात  रवी के रुम पे एक छोटी सी पार्टी करने वाले है तो हम लोग तुम्हें वहा आने के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं बस और कुछ नहीं ... रुहानने अपनी शर्त सुनाते हुए कहा।

       ( रवी अहमदाबाद का रहने वाला है। बरोडा मे पढाई के लिए आया है और किराए पे रुम रखकर रहे रहा है।)

       देख जीज्ञा देख मेने कहा था तुमसे यह लोग के इरादे गलत लग रहे है मुझे। तु मना कर दे अभी के अभी... पुर्वीने जीज्ञासे कहा।

       बे यार पुर्वी तु हम लोगों को इतना भी नीच मत समझ हा समझा की थोडे बहुत हरामी है हम लोग पर हम नशे मे भी लडकीओ की सुरक्षा करना जानते हैं और हमारे घर में भी मांँ बहन है...रवीने पुर्वी को कहा।

       पर रुहान एसे रात को हम लोग किसी अंजान जगह केसे जा सकते हैं और फिर हमारी होस्टेल में भी रात 9:00 बजे के बाद बहार जाना मना हैं। पुर्वी की बात सही है हम लोग एसे रात को किसी के उपर भरोसा केसे करे। माना कि तुम लोग दोस्त हो पर नहीं रुहान हम रात को कही भी बहार नहीं जा सकते...जीज्ञाने कहा।

       देख जीज्ञा हम पर भरोसा कर... रवी के इतना बोलते ही रुहान उसे रोक देता है।

       एक मिनट रवी। जीज्ञा चलो माना कि तुम लोगो को अभी हम पर इतना भरोसा नहीं है कि तुम रात को कही हमारे साथ बहार आ शको अगर एसा है तो हम लोग छुपकर तुम्हारी होस्टेल में आते हैं और पार्टी करते हैं प्लीज़ जीज्ञा अब इसके लिए मना मत करना ...रुहानने रीकवेस्ट करते हुए कहा ।

       हा यार यह हो सकता है... महावीरने कहा।

       रुहान के बोलने के बाद जीज्ञा थोडी देर सोचती हैं और फिर वो अपनी बात रुहान के सामने रखती है।

       रुहान कही तुम इस पार्टी के चक्कर में तो हम से मनीषभाई वाला जुठ तो नहीं बोल रहे ना... जीज्ञाने कहा ।

       हा रुहान जीज्ञा के साथ केसा भी मजाक करना पर उसके सपनो पर कभी मजाक ना करना... पुर्वीने कहा।

       अरे नहीं जीज्ञा अब तुम मुझ पर इतना तो भरोसा कर सकती हो यार। अब कहो तो हम अम्मी की कसम खा लेते हैं क्योकी दुनिया में मेरे पास मेरी अम्मी के प्यार से किमती कुछ भी नहीं है... रुहानने कहा।

       थोडा सोचने के बाद जीज्ञा मान जाती है।

       हा ठीक है आ जाना लेकिन ग्यारह बजे के बाद आना तब सभी सो गए होंगे... जीज्ञाने कहा।

      पर जीज्ञा तुझे पता है यह पागलो जेसी हरकत करने जेसा है एसे केसे तु किसी लडको को लडकीओ की होस्टेल मे बुला सक्ती हैं... पुर्वीने चोकते हुए कहा।

      पागल तो मे हु क्योकी मेरे पास जीने के लिए सिर्फ तीन साल हि हैं उसके बाद मुझे नहीं पता की पापा मेरी जींदगी मे कोन सा नया मोड लाके रख देंगे। अगर मे यह रात दिन और होस्टेल का देखने जाउंगी तो मे अपनी जिंदगी नहीं जी सकुंगी और तु तेरी जीज्ञा पर भरोसा कर मजा आएगा... जीज्ञाने कहा।

       पुर्वी यार इतना तो भरोसा रख हम लोग तुम्हारे दोस्त हैं कोई चोर लुटारे नहीं...रवीने कहा।

       पर रुहान तुम मनीषभाई से कब बात करने वाले हो... जीज्ञाने कहा ।

      मे कल ही उनसे बात करता हुं और फिर तुमको बताता हुं और हा आज रात का फिक्स हा हम खाने पिने का सामान लेकर आ जाएगे तुम बस हमे फोन पर अंदर घुसने का रास्ता बता देना... रुहानने कहा ।

      वो सब बाद में तय कर लेना अब अभी के खाने पिने का कुछ करो यार वरना आज तुम लोगो को पार्टी की बजाय मेरी अंतिम सभा करनी होगी...महावीरने कहा।

      ओह वेइटर भैया... रुहानने खाने का ओर्डर देने के उदेश्य से वेइटर को कहा।

      तो कुछ एसे इन दोस्तो का होटेल का संवाद पुर्ण होता है और रात की मस्ती की शरुआत होती है। रात के लगभग ग्यारह बजकर पंदरा मिनट हो चुके थे। जीज्ञा और पुर्वी अपने रुममे जागकर रुहान और उनके दोस्तो की राह देख रहे थे।

     यार जीज्ञा तुझे नहीं लगता कि यह अब थोडा ज्यादा हो रहा है... पुर्वीने कहा।

      कुछ ज्यादा नहीं हो रहा है यार। दोस्तों के साथ नास्ता करना है और कोलड्रिन्क पीनी हैं... जीज्ञाने बडी आसानी से पुर्वी के सवालो का जवाब देते हुए कहा।

      ओह मेरी बहन यह खाली नास्ता करना हि नहीं है वो लडके है और यह कन्या छात्रालय हैं अगर किसीने देख लिया और हम पकडे गए ना तो सीधी बात गीरधन फुआ के पास पहुचेगी और फिर तु अंजाम तो जानती ही है... पुर्वीने कहा।

      तु एसी नेगेटिव कब से हो गए हैं। देख यह सब ख्याल तेरे दिमाग से निकाल दे और एन्जोय कर एसा कुछ नहीं होगा... जीज्ञाने कहा।

      अंदर दोनो का संवाद चल ही रहा था की बहार तीनो दोस्त होस्टेल के पास पहुचते है। अपनी एक्टिवा होस्टेल के गेट से थोडी दुर खडी रखकर रुहान जीज्ञा को फोन लगाता है और इस तरफ अंदर बेठी हुई जीज्ञा रुहान का फोन रीसीव करती है।

       हा रुहान बोल... जीज्ञाने फोन रीसीव करते हुए रुहान से कहा।

       हा हम होस्टेल के गेट से कुछ 10 मीटर दुर है...रुहानने कहा।

       ठीक है पहले तुम होस्टेल के पीछे कि तरफ आ जाव... जीज्ञाने फोन पर कहा।

       ठीक है तुम फोन चालु रखना... अपनी एक्टिवा को होस्टेल के पीछे की तरफ लेते हुए रुहानने कहा।

       होस्टेल के पीछे एक पीपल का पेड था वहा पे आकर रुहान और उसके दोनो दोस्त रुकते है। चारो और किसी भी प्रकार की हलचल नहीं थी। आस पास का विस्तार एकदम गुमसुम था। वहा पे सिर्फ चार लोग थे। आप को लगा होगा की चार केसे रुहान और उसके दो दोस्त मिलकर तीन ही हुए लेकिन वहा उनके अलावा उनसे थोडी दुर कोने में अंधेरे की आड में एक रहस्यमय आदमी छुपा हुआ था जो छुपकर तीनो दोस्तों की हरकते को अपने केमरे में कैद कर रहा था। अब यह कोन था यह तो वो आदमी खुद ही बता सकता है। फोटो खीचने के पीछे उसका क्या मक़सद है वो आपको आगे कहानी मे पता चलेगा तब तक आगे देखिए तीनो बंदरो मतलब की तीनो दोस्तो की हरकते।

       बे रुहान जीज्ञा को जल्दी बोल की अंदर का रास्ता बता दे वरना यह पीपल का पैड है मेने सुना है की पीपल के पैड के नीचे भुतो का निवास होता है... महावीरने डरते हुए कहा।

       अबे गधे एक भुत दुसरे भुतो से कब डरने लगा हा... रवीने महावीर से कहा।

       साला तुम रवी किशन का नाम उधार लेके अपना नाम रवी रख के अपने आप को रवी किशन समझ लिए हो का कि हम पर टिप्पणी कर रहे हो। अभी अगर तुम्हारे मे हिम्मत है तो उस पेड के उपर चडके बताना साला भुत ना दिखाई देना तो हमारा नाम बदल देना... डरते हुए महावीर से कहा।

       अच्छा जीज्ञा वो हम पीछे पीपल के पेड के पास खडे है... रुहानने फोन पर जीज्ञा से कहा।

       हा सुनो हम दोनो होस्टेल के टेरीस पर आ गए हैं तुम लोग एसा करो निचे तो पुरा होस्टेल चारो तरफ से बंद है तुम लोग वो पीपल के पेड पे चडकर उसकी एक डाली होस्टेल के दुसरे माले की तुटी हुए खीडकी के पास जाती है तो उस खीडकी से होस्टेल में आजाव और फिर आगे चलकर दो सीडिया आएगी उसमे दुसरे नंबर की सीडी से चडकर उपर आजाव सिम्पल... एक तरफ बेठी हुई पुर्वी के सामने इधर से उधर चक्कर लगा रही जीज्ञाने हलकी सी स्माईल के साथ कहा।

       अबे यह तुम को कहा से सिम्पल लग रहा है। और तुम यह भुल रही हो की हमारे साथ एक हाथी भी रहता है... रुहानने फोन पर जीज्ञा से कहा।

       रवी तुमने बताया नहीं की हमारे साथ एक हाथी भी है। मेने देखा नही कभी... महावीरने रवी से पुछते हुए कहा।

      अबे गधे वो तुम्हारी बात कर रहा है...रवीने कहा।

      साले वो मेरे को हाथी बोलेगा तुम गधा बोलोगे तुम लोगो ने क्या मुझे पुरा झु समझ रखा है क्या देख रुहान अब तु मेरी बेइज्जती कर रहा है... महावीरने रुहान से कहा।

      सोरी भाई एसे ही बोल दिया अब तु मेरे को बात करने देगा...रुहानने कहा।

      हा क्या कह रही है जीज्ञा रास्ता कहा है अंदर जानेका... रवीने कहा।

      देख रुहान एक ही रास्ता है अब तुम्हें सोचना है कि तुम्हें क्या करना है...इतना बोलकर जीज्ञा अपना फोन कट कर देती है।

      बोल रही वो तुटी हुई खीडकी है ना वहा से अंदर आजाव और फिर दुसरे नंबर की सीडी से चडकर उपर टेरीस पर... रुहानने रवी को समझाते हुए कहा ।

      हा तो इसमे क्या जीज्ञा ने क्या कहा सीडी कहा है...रवीने रुहान से पुछा।

      वही तो प्रोब्लेम है सीडी नहीं है इस पीपल के पेड के उपर से चडकर जाना है... रुहानने कहा ।

      क्या... रवी और महावीरने साथ मे कहा।

      बे मे उस भुतीया पेड पे नहीं आनेवाला... महावीरने कहा।

      रुहान यह तुम को कुछ ज्यादा रिस्की नही लग रहा... रवीने कहा।

      लग तो रहा है लेकिन जाना तो होगा हमारे पास कोई दुसरा रास्ता नहीं है... रुहानने उस पेड के पास जा कर चढने की कोशिश करते हुए कहा।

      चलो फिर ठिक है चड जाते हैं...रवीने भी उस पेड के पास जाते हुए कहा।

      बे यारो रुको मे बोल रहा हूँ यह बहुत ही भयानक पेड है उसके उपर भुत वगेरा होते हैं... पेड के उपर चडते हुए रुहान और रवी को महावीरने कहा।

      देख जाडिय वो खाने का सामान दे दे और पीने का तु लेके आ क्योकी यहा पे अभी भुत दीख नहीं रहा है मतलब वो निचे ही कही चक्कर लगा रहा होगा... रुहानने पेड के बिच पहुचते हुए मजाक मे महावीर से कहा।

      अगर उसने तुझे देख लिया तो तु तो गया...रवीने भी उपर चडते हुए मजाक मजाक में कहा।

      मे क्या कहता हुं तुम दोनो उपर मरो और मे निचे यह अच्छा थोडी लगता है चलो साथ मे उपर ही मरते हैं... डरे हुए महावीरने खाने-पीने का सामन रवी और रुहान को देते हुए कहा ।

        फिर तीनो बडी मेहनत लगाकर पीपल के पेड से होते हुए होस्टेल की उस तुटी हुइ खीडकी से अंदर की और घुस्ते है। रुहान, रवी और बादमे महावीर उस खीडकी मे घुस्ता हैं।

      यार बडा कठीन था... महावीरने होस्टेल के अंदर आकर कहा ।

      अब अपना मु बंद रख और शांति से यह शराब के थेले को पकडकर हमारे पीछे चुप-चाप चले आ... रवीने महावीर से कहा।

        तो कुछ इस तरह तीनो दोस्त होस्टेल में घुस्ते है और इस तरफ बहार वो अंजान आदमी तीनो दोस्तो की इस हरकत को अपने केमरे में केद कर लेता है और वहा से चला जाता है अब यह कोन है और उसका फोटो खीचने में और विडियो बनना ने के पीछे का मक़सद क्या वो अभी किसी को नहीं पता लेकिन आगे यह आदमी तीनो के जीवन बडा भुचाल लाकर खडा कर दे तो बता नहीं सकते। क्या होता है वो आपको आगे की कहानी मे जरुर जानने को मिलेगा।

        अब तीनो दोस्तो धीरे से संभालकर होस्टेल में कोई जाग ना जाए एसे उपर टेरीस पर पहुचते है जहा जीज्ञा और पुर्वी पहले से उनका इन्तजार कर रहे थे।

        बहुत बडे वाले कमीने हो तुम तीनो मुझे लगा नही आओगे... जीज्ञाने कहा।

        एसे ही थोडे संजयसिह से पंगा ले लिया था। हम उससे भी बडे कमीने है... रुहानने कहा।

        चलो बताओ क्या क्या खाने को है तुम्हारी इस पार्टी मे जीसको करने के लिए तुम इतने उतावले हो रहे थे... पुर्वीने तीनो लडको से कहा।

        हम लोग खाने से ज्यादा पीने मे रुची लेते हैं खाना तो सिर्फ तुम दोनो के लिए है... महावीरने कहा।

        अच्छा तुम्हें यह कोको-कोला वगेरा पीना इतना पसंद है... जीज्ञाने कहा ।

        जीज्ञा की इस बात को सुनकर तीनो दोस्त हसने लगते हैं।

        इस मे कोलड्रिन्क नहीं इसमे वो है जीसको पीने से आदमी यहा बैठै बैठे चांद तक जाके आ सकता है... रुहानने कहा।

        वो मतलब क्या है... जीज्ञाने हलकी सी आशंका के साथ कहा।

        वो मतलब दारु और क्या... बडी आसानी से रवीने कहा।

        दारु... चौकते हुए जीज्ञा और पुर्वीने कहा।

        अब तो होने से रही तुम्हारी यह पार्टी... पुर्वीने तीनो दोस्तो से कहा।

        बे तुम लोगो को क्या हम एसी वेसी लडकीया लगते हैं की हम तुम्हारे साथ दारु पीने बैठ जाएगे... साला वो डंडा कहा है पुर्वी आज तो हम इन लोगो को यहा से बेइज्जत कर के ही भेजेंगे...आस पास मे डंडा ढुंडते हुए जीज्ञाने कहा।

        बे जीज्ञा क्या कर रही हो थोडा धीरे बोलो मरवाओगी क्या... रुहानने जीज्ञा को रोकने के लिए अपना हाथ आगे करते हुए कहा।

        मरवाने का तो पता नहीं मारुंगी जरुर... कोने में पडे डंडे को उठाकर जीज्ञाने कहा।

       बे भाग जाडिया यह तो पागल हो गई है... टेरीस पर ही चारो के बिच भाग-दोड शुरु होती हैं।

       सालो कन्या छात्रालय मे दारु लेकर आओगे ...गए अब बिना दारु पीए मे तुम लोगो को चांद तक पहुचाती हु रुको... तीनो के पीछे दोडते हुए जीज्ञाने कहा।

      दोडते दोडते महावीर गीर जाता है और पीछे चंडी चामुंडा बनी जीज्ञा लोहे का डंडा लेकर मारने आ रही जीज्ञा को देखकर महावीर की आखे फटी की फटी रह जाती है।...

      तो आगे भी जारी रहेगी इन दोस्तों की मस्ती और उस अंजान आदमी का रहस्य, सजंयसिह का बदला, जीज्ञा और उसके पापा के बिच की लडाई और जीज्ञा का सपना और लास्ट में केसे होगा जीज्ञा और रुहान के बिच प्यार इन सभी सवालो के जवाब के लिए पढते रहीए इस मज़ेदार नवलकथा के आनेवाले सारे अंको को। 

       तो कुछ एसे गाढ हो रही थी इन पाचो की दोस्ती अब देखना होगा की जींदगी इन पाचो को कोन से नए मोड पे लाकर खडी करती है। 

      अगर आपको मेरी कहानी पसंद आ रही है तो इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेर करे |

TO BE CONTINUED NEXT PART...

|| जय श्री कृष्णा ||

|| जय कष्टभंजन दादा ||

A VARUN S PATEL STORY

 

 

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