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मिशन : X – 4 (Hindi) - अंतिम भाग

End in India

आर्यन भारत आकर सीधे जोन के ऑफिस पर धस जाता है। वहा उसको जोन और सलीम दोनों मिलते हैं। आर्यन को देखकर सलीम भागने की कोशिश करता है लेकिन आर्यन उसको पकड़ लेता है और उसे मारने लगता है। तब सलीम सब सच उगल देता है कि "मैंने जोन के कहने पर यह सब कुछ किया था।" आर्यन सलीम को छोडकर जोन की तरफ आगे बढ़ता है। जोन आर्यन के गुस्से से बहुत ही घबरा जाता है। आर्यन उसका कोलर पकडकर गुस्से से पुछता है कि "ये सब तुने क्यों किया?" तब जोन डर के मारे सब हकीकत बता देता है कि "यह सब कुछ उसने IIS के डिरेक्टर प्रशांत के कहने पर किया था।" आर्यन जोन से कहता है कि "तू झूठ बोल रहा है।" तब जोन उसको बताता है कि "मैं सच बोल रहा हूं। वह मेरा पुराना दोस्त है, उसीके कहने पर मैंने कविता और उसकी सहेलियों को दूसरी होटल पहुंचाया था।" आर्यन उसका गला दबोचकर गुस्से से लाल होकर पुछता है कि "कविता कहां है?" जॉन बताता है कि "कविता भी उसी के पास है।" यह सुनकर आर्यन shocked हो जाता है और वह जॉन को छोड़कर प्रशांत से मिलने के लिए IIS की बिल्डिंग की ओर रवाना होता है।

जब आर्यन IIS की बिल्डिंग में दाखिल होता है तब IIS के ऑफिसर उसको रोकने की कोशिश करते हैं लेकिन आर्यन किसकी बात नहीं सुनता है। वह गुस्से में बस एक ही रट लगाए हुए था कि उसको प्रशांत से मिलना है तभी रिसेप्शन पर प्रशांत का फोन आता है कि "आर्यन को कोई नहीं रोकेगा, उसको मेरे ऑफिस में आने दो।" आर्यन बहुत ही गुस्से में प्रशांत की ऑफिस में दाखिल होता है तब प्रशांत धीरे धीरे हसके, अपने दोनों हाथ फैलाकर आर्यन का स्वागत करने जाता है तभी आर्यन अपने पास रखी हुई रिवाल्वर निकालकर प्रशांत के ऊपर ताकता है। अचानक, पीछे से दो ऑफिसर आकर उसको पकड़ लेते और उसके पास से रिवाल्वर छीन लेते हैं। आर्यन गुस्से में छटपटाता है। प्रशांत दोनों ऑफिसर को आर्यन को छोड़ने के लिए और ऑफिस से बाहर जाने के लिए कहता हैं। दोनों ऑफिसर आर्यन की रिवाल्वर लेकर बाहर निकल जाते हैं। प्रशांत उसको बैठने के लिए कहता है, आर्यन गुस्से से लाल होकर चिल्लाकर उससे पूछता है "Why...why... आखिर तुमने यह सब किसलिए किया?" प्रशांत उसको शांत रहने के लिए कहता है और पानी का गिलास आगे करता है। आर्यन उसको नजरअंदाज करता है, उसका गुस्सा शांत नहीं होता है, वह सब कुछ जानना चाहता है।

प्रशांत उसको बताता है कि 1 साल पहले उसकी भतीजी उसके दो मॉडल फ्रेंड के साथ पेरिस घूमने के लिए गई थी तब तीनों का होटल में से किसीने अपहरण कर लिया था। उसको ढूंढने के लिए उसने जमील को वहां पर भेजा था। उसने 1 साल में सब जानकारियां हासिल कर ली थी लेकिन Wilson के खिलाफ कोई सबूत नहीं होने के कारण उस पर legally कोई कार्यवाही नहीं हो सकती थी। Wilson का पर्दाफाश करने के लिए उसको कोई स्मार्ट, intelligent, दिलर, बहादुर आदमी की जरूरत थी जो उनका मुकाबला कर सके और उसको बेनकाब कर सके। IIS मे मुझको सबसे ज्यादा तुम पर भरोसा था। तुम यह काम कर सकते थे लेकिन legally मैं तुम्हें वहां पर जाने की परमिशन नहीं दे सकता था इसलिए मुझे जैसे ही मालूम हुआ कि तुम्हारी पत्नी कविता और उसकी सहेलीया मॉडलिंग इवेंट मे participate करने गई है मैंने अपने मित्र जोन से कहकर तुम्हारी पत्नी कविता और उसकी सहेलियों को वहां पर पहुंचा दिया जहां से मेरी भतीजी और उसकी सहेलियां गायब हुई थी।

मेरे प्लान के मुताबिक ही विक्रम, जमील और माइकल तुम्हारी मदद कर रहे थे। विक्रम ने मेरे ही कहने पर तुम्हारी पेरिस की टिकट करवा दी थी। जमील ने तुम्हें एयरपोर्ट पर ही पहचान लिया था लेकिन उसने मेरे कहने पर तुम्हें वहां से जाने दिया था और तुम्हारा पीछा करता रहा। Wilson के काले साम्राज्य का अंत करने के लिए, मेरी भतीजी और अलग-अलग देश की हजारों लड़कीया जो Wilson के कब्जे में थी उसको छुड़ाने के लिए मेरे पास और कोई दुसरा रास्ता ही नहीं था। तुम्हें बागी जासूस की तरह वहां पर भेजना भी हमारा प्लान का हि एक हिस्सा था। हमारे प्लान के मुताबिक हि तुम मेरी परमिशन के बगैर पेरिस चले गए जीससे officially मैंने तुम्हें सस्पेंड कर दिया और तुम्हे पकडकर वापस लाने का नाटक किया ताकि किसी को IIS के संस्था पर शक ना जाए। हा... यह सच है कि मैंने कविता, जेनिफर और नजमा की जिंदगी को खतरे में डाला और उसके लिए मैं तुमसे माफी मांगता हूं लेकिन जैसे ही मुझे ज्यादा खतरा महसूस हुआ जोन से कहकर मैंने कविता को वापस भारत बुला लिया। हजारों लड़कियों की जिंदगी के सामने मुझे यह जोखम कुछ भी नहीं लगा। हमारे expectation के मुताबिक हि तुमनें Wilson के साम्राज्य में घुसकर उसका सफाया कर दिया। "I am really proud of you" ऐसा कहकर प्रशांत इसको salute करता है।

आर्यन का गुस्सा अब शांत हो चुका था। वह कुर्सी पर बैठकर ठंडे दिमाग से प्रशांत की हर बात पर गौर कर रहा था। उसको लगता था कि प्रशांत ने जो भी किया है, ठीक हि किया है। क्योंकि प्रशांत IIS का वड़ा होने के साथ साथ एक दिलेर, बहादुर, देशभक्त और साफ दिल वाला इंसान भी था। आर्यन की आंखें नम हो जाती है। थोड़ी देर बाद, वह स्वस्थ होकर प्रशांत से पूछता है कि "कविता कहां है?" प्रशांत दूसरी ऑफिस में से कविता को बुलाता है।

कविता को देखकर आर्यन का मुरझाया हुआ चेहरा खिल जाता है। वह दौड़कर कविता के गले लग जाता है। दोनों की आंखों में आंसुओं की धाराएं बहने लगती है। थोड़ी देर बाद, कविता स्वस्थ होकर आर्यन से कहती है कि "प्रशांत सर ने मुझे सब कुछ बता दिया है, मुझको तुम पर गर्व है।" आर्यन प्रशांत की ओर मूडकर उससे माफी मांगता है। प्रशांत उसको बीच में से रोककर कहता है कि "मेरी भतीजी और ऐसी अनगिनत लड़कियों को उस राक्षस के पंजे से छुड़ाने के लिए तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया।" इतना सुनते ही आर्यन प्रशांत के गले लग जाता है। प्रशांत उसकी पिठ थपथपाता है। आर्यन जब कविता को लेकर IIS की बिल्डिंग से निकलता है तब सब ऑफिसर उसका तालियां बजाकर अभिवादन करते है। आर्यन सबका आभार व्यक्त करता है।
घर लौटते वक्त टैक्सी में कविता आर्यन का हाथ पकड़कर कहती है कि "मुझे पूरा विश्वास था कि तुम मुझे बचाने जरूर आओगे।" तब आर्यन smile करके कविता का सिर चूम लेता है और कहता है "I love you" कविता भी smile करके उससे कहती है "I love you too".

मिशन - X समाप्त