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इश्क़ जुनून - 5

" अरे प्रिया सुनो तो चलो ना कही घुमने चलते है देखो मना मत करना प्लीज "

" हा दी ठीक है चल लेंगे और क्या बोलिए कहा जाना है "

" बस पास वाली बाज़ार मे जाना है क्यू की वहा थोडा ना शहर जैसा है तो कुच शॉप कर लेंगे "

" ठीक है जैसी आपकी मर्ज़ी होर क्या "

" तुम्हे पता है वहा ना सब अलग ही सो आज जायेंगे ठीक है "

" हा दी तो अभी चलो "

" हा चलो तयार हो जाओ "

" हम तो तयार ही है "

" ओके तो चलो "

" पहले मॉम को बोल दे की हम जा रहे है ऐसा वरना वो परेशान रहेगी बिना बताये कहा चली गये सो चलो बता देते है "

" हा चलो "

" अरे मॉम... हम पास के लोकेशन पे जाके आते है ठीक है "

" ठीक है पर संभाल कर जाना राश्ते मे अनचाहा सा बहुत होता है "

" हा डोंट वरि मॉम हम बिल्कुल अच्छे से ध्यान रखेंगे "

" चलो ठीक है और हा तनु तुम ना इसका और खुदका ध्यान रखना तुम्हे पता है ना ये चोटी सी गुडिया हर एक एक सैकेण्ड मे यहा फुर होवेगी तो दुसरे सैकेण्ड मे वहां फुर होवेगी सो इसका कुच भरोषा नही वो कहते है ना की बम चोटा है पर धमाका बडा होता है सो इसका हाथ मत छोड़ना वरना ये कही गुम हो जायेगी "

" मॉम क्या मतलब है आपका की मेरे खुद पे खुदका कण्ट्रोल नहीं रहता "

" सही सुने बेटा जी क्यू की जब हम अपको कही पे लेजा ते है तो हमे पता है इस लिये तनु को बता रहे है "

" अरे मॉम आप निचिन्त रहिये हम ना एक पल के लिये भी इसका हाथ नही छोड़ेंगे फिर ये कही भी जाने से रही "

" अरे मॉम एन दी मे कोई चोटी बच्ची ना हू जो आप हमे ये सब बता रहे हो कमाल है "

" हा बहुत देखा है तुम्हे चोटी बनते हुआ आज ना ये तुम्हारी तनु दी देखेगी "

" हा प्रिया आज तो ये आदते तुम्हारी देखनी पड़ेगी कसम से अगर आज नही देखा तो फिर कभी नही देख पायेंगे "

" आप भी ना दी कमाल करते हो "

" अब चलो भी लेट होगा फिर "

" हा चलो बाई मॉम..."

लोकेशन चेंज...

" अरे अंकल जी क्या हुआ आप यहा अकेले क्यू बैठे हो "

" पता नही बेटा बस कुच अच्छा नही लग रहा और पता नही बुरे बुरे खयालात आ रहे है हमारे दिमाग मे "

" अरे ऐसे कैसे अंकल जी आप हमे बताये क्या प्रॉब्लमस है अगर कुच दिक्कत है यहा तो हम यहा से चले जायेंगे ठीक है "

" अरे नही बेटा ऐसा है नही पर हमारे खयाल और हमारा इशारे को भी तो इग्नोर नही कर सकते ना "

" लक्स बेटा कहा है "

" हा वो आ रहे है देखो "

" हेय गाइज़ क्या हुआ आप कुच परेशान से लग रहे हो "

" हा सर ये अंकल को कुच बुरे खयाल आ रहे है इस लिये अंकल का मूड ऑफ़ है "

" क्यू अंकल जी कुच होने वाला है क्या आकस्मात जैसा "

" इन्न्नाफ भाई कुच भी बोलते हो शट अप ओके "

" अरे अरे विवान रिलैक्स अंकल ऐसा बोल रहे है तो मुह से निकल गया ना यार "

" डोंट रिपिट ओके वरना हम से बुरा और कोई नही होगा "

" ओके बाबा रिलैक्स अब नही बोलेंगे ऐसा ओके "

" गुड बॉय और हा अंकल जी आप क्या ये बुरा खयाल लाने लगे अपने दिमाग मे ऐसा कुच भी नही होगा ओके और शान्त हो जाओ ठीक है "

" हम भी तो यही चाहते है ना बेटा की कुच भी ना हो पर अनहोनी को कौंन टाल सक्ता है "

" आप फिर शुरु हो गये प्लीज अंकल जी आप ना ये सब बोलो ही मत "

" अरे रिलैक्स गाइज़ जो भी होगा देखा जायेगा ठीक है फिलहाल कुच करने की जरुरत नही है "

" विवान बेटा और लक्स बेटा इ थिंक हमे घर वापस जाना चाहिये कम ऑन बैक टू होम "

" ओके हम भी कोई रिस्क नही लेना चाहते सो चलो भाई "

" अरे विवान तुम्हे क्या हो गया और अंकल जी आपको क्या हो गया है हा प्लीज आप शान्त हो जाये ऐसा कुच नही होगा ठीक है क्यू की हमे ना इस दुनिया ऐसा कोई इन्सान नही पैदा हुआ होगा जो इस लक्स का कुच बिगाड़ सके और हा कोई कही नही जायेगा ओके "

" हा जानते है भाई पर अभी के लिये चलो "

" नो नो नेवर अरे हम लोग यहा एन्जॉय कर ने आये है यार आप समझ नही रहे है और हमने बोला ना जो भी होगा देखा जायेगा "

" पर एक शर्त पर हम यहा रुकेंगे "

" क्या विवान "

" अगर मुझे थोडा सा भी गड़बड़ जैसा लगा तो हम यहा से लीव ले लेंगे "

" ओके शर्त मंजूर है क्या कहते हो अंकल जी "

" हा ये सही रहेगा विवान बेटा इस बात पे हम भी अग्री करते है "

" ओके सो फिलहाल तक हम अपना एन्जॉयमेनट कंटिन्यू रखे क्या "

" हा भाई जरुर "

पढ्ना जार रखे...