Risky Love - 38 books and stories free download online pdf in Hindi

रिस्की लव - 38



(38)

समर बहुत परेशान था। इस समय उसे पुड्डूचेरी से निकलने की कोई राह नज़र नहीं आ रही थी। वह बेचैन था। किसी भी कीमत पर देश छोड़कर भागना चाहता था। उसके पास रवि शेखर के नाम से एक दूसरा पासपोर्ट भी था। वह पासपोर्ट मंगाना चाहता था। उसने मोटेल के मैनेजर श्रीकांत को फोन किया। उससे उसका पासपोर्ट लेकर पुड्डूचेरी आने के लिए कहा। श्रीकांत ही था जो अब तक उसकी सहायता कर रहा था।
इंस्पेक्टर कौशल सावंत को श्रीकांत पर शक था कि वही ऐसा शख्स है जो समर के साथ संपर्क में है। उसने उसके फोन रिकॉर्ड्स चेक करवाए। पर कुछ संदिग्ध नहीं मिला। श्रीकांत के पास एक दूसरा नंबर था। वह उसी नंबर से समर के साथ संपर्क में था। लेकिन इंस्पेक्टर कौशल सावंत को पक्का यकीन था कि श्रीकांत की समर से बातचीत होती है। कोई जल्दबाजी करने की बजाए उसने श्रीकांत पर नज़र रखनी शुरू कर दी।
असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर नोएल समर के गोवा वाले घर के बाहर था। अभी कुछ समय पहले ही श्रीकांत घर में दाखिल हुआ था। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर नोएल ने इंस्पेक्टर कौशल सावंत को फोन पर सूचना दी। इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने उससे कहा कि वह उस पर नज़र रखे। वह कुछ देर में वहाँ पहुँच रहा है।

श्रीकांत समर के निर्देश के अनुसार उसके कमरे में गया। उसकी कबर्ड खोली। समर ने जो जगह बताई थी वहाँ से रवि शेखर के नाम का पासपोर्ट लिया। एक बैग में समर का कुछ और सामान रखा। सब लेकर वह बाहर निकला। अपनी कार की तरफ बढ़ ही रहा था कि अचानक इंस्पेक्टर कौशल सावंत उसके सामने आ गया। उसे देखते ही श्रीकांत घबरा गया। बैग उसके हाथ से छूटकर गिर गया। इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने कहा,
"यह तो समर का घर है। तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? वह तो कहीं गायब है।"
यह सवाल सुनकर श्रीकांत और अधिक डर गया। हकलाते हुए बोला,
"वो... देखने आया था कि सब ठीक है कि नहीं।"
"क्यों ? तुम तो मोटेल के मैनेजर हो। समर के घर की इतनी चिंता क्यों ? या फिर समर ने यहाँ आने को कहा था।"
श्रीकांत घबराहट के कारण पसीना पसीना हो रहा था। तभी असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर नोएल ने बैग से पासपोर्ट निकाला। उसे इंस्पेक्टर कौशल सावंत को देते हुए बोला,
"सर....यह पासपोर्ट देखिए।"
इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने पासपोर्ट देखा। फिर श्रीकांत को दिखाते हुए पूँछा,
"यह किसका है ?"
श्रीकांत नज़रें झुकाए खड़ा था। इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने उसे पुलिस जीप में बैठने के लिए कहा। श्रीकांत जानता था कि उसे पुलिस के सवालों के जवाब देने पड़ेंगे। वह चुपचाप जाकर जीप में बैठ गया।

पुलिस स्टेशन पहुँचकर श्रीकांत ने सारी बात सच सच बता दी। उसने बताया कि समर विदेश जाना चाहता है। क्योंकी मीडिया में उसका नाम आ चुका है इसलिए उसने उससे रवि शेखर के नाम से उसका दूसरा पासपोर्ट पुड्डूचेरी लेकर आने को कहा था। वह वहीं जा रहा था। इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने उससे पुड्डूचेरी में समर का पता लिया। उसके बाद अपनी टीम के साथ फौरन पुड्डूचेरी के लिए रवाना हो गया।

समर सोच रहा था कि श्रीकांत के पासपोर्ट लेकर आने के बाद उसे क्या करना है। उसने प्लान बनाया था कि वह पहले बस पकड़ कर चेन्नई जाएगा। उसके बाद वहाँ से फ्लाइट पकड़ कर दुबई चला जाएगा।‌ वहाँ जाकर इत्मीनान से सोचेगा कि क्या करना है। इस बीच उसने अपनी दाढ़ी मूंछ बढ़ा ली थी। इससे उसकी शक्ल आसानी से नहीं पहचानी जा सकती थी। उसे अब बस श्रीकांत का इंतज़ार था जो उसका पासपोर्ट लेकर आने वाला था।
सब तय कर लेने के बाद भी वह टेंशन में था। वह जानता था कि उसे बहुत सावधानी बरतनी पड़ेगी। छोटी सी चूक भी उसे मुश्किल में डाल सकती है। वह इसी टेंशन में बैठा शराब पी रहा था। तभी कॉलबेल बजी। उसने घड़ी देखी। मेड के आने का समय था। उसने उठकर दरवाज़े के होल से झांककर देखा। मेड ही थी। उसने दरवाज़ा खोल दिया।
दरवाज़ा खुलते ही मेड को पीछे हटाकर इंस्पेक्टर कौशल सावंत और सब इंस्पेक्टर रोवॉन अंदर आ गए। पुलिस को देखकर समर के होश उड़ गए।
इंस्पेक्टर कौशल सावंत उसे गिरफ्तार कर गोवा ले गया।

पहले तो समर ने मानवी और निर्भय की किडनैपिंग में अपना हाथ होने से इंकार कर दिया। उसने कहा कि या तो माइकल झूठ बोल रहा था नहीं तो उसने जिस समर का नाम लिया था वह कोई और है। लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद उसने सबकुछ कुबूल कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि उन दोनों का अपहरण उसने अंजन के कहने पर करवाया था। उसने यह भी बता दिया कि मानवी और निर्भय की अंजन से दुश्मनी थी। उन दोनों ने उस पर जानलेवा हमला किया था। लेकिन उस हमले में वह बच गया। इसी बात का बदला लेने के लिए अंजन ने उन्हें किडनैप कर मुंबई लाने को कहा था।

निर्भय अब उकता चुका था।‌ वह अब इस सबसे अलग होकर अपनी पुरानी ज़िंदगी में जाना चाहता था। अपने बिज़नेस पर ध्यान देना चाहता था।‌ मानवी भी अब किसी तरह इस झंझट से निकलना चाहती थी। दोनों बैठे इसी विषय में बात कर रहे थे। निर्भय ने कहा,
"अब और कितने दिन इंतज़ार करेंगे। मुझे तो लगता है कि हम दोनों को अब यहाँ से चले जाना चाहिए। माइकल के आदमी ने समर का नाम लिया था। ऐसा हो सकता है कि वह अंजन का नाम ले और फिर बात हम तक आ जाए। अभी पुलिस समर तक नहीं पहुँच पाई है। अच्छा होगा कि उसकी गिरफ्तारी से पहले हम यहाँ से चले जाएं।"
जाना तो मानवी भी चाहती थी। उसे भी वही लग रहा था जिसके बारे में निर्भय बात कर रहा था। पर उसके मन में अंजन का डर था। उसने कहा,
"निर्भय तुम सही कह रहे हो। पर अंजन के आदमी हम पर नज़र रखे हुए हैं। जहाँ भी जाएंगे अंजन को पता चल जाएगा।"
"तो अंजन के डर से कब तक बैठे रहेंगे। बिना कुछ किए काम नहीं चलेगा।"
"ठीक है...पर जाएंगे कहाँ ?"
"सिंगापुर चलेंगे। जब तक सब शांत नहीं होता हम वहीं रहेंगे। उसके बाद देखेंगे।"
मानवी उसके सुझाव के बारे में सोचने लगी। मार्वल की अधिकांश प्रॉपर्टी लंदन में थी। गोवा में सिर्फ डिसूज़ा विला और कुछ दूसरी प्रॉपर्टी थी। वह गोवा की प्रॉपर्टी बेचना चाहती थी। पर अभी सही समय नहीं था। उसे लगा कि निर्भय की बात सही है। उसने कहा,
"जैसा तुम ठीक समझो। तुम जैसा कहोगे मैं तैयारी कर लूँगी।"
"तो फिर तुम तैयारी कर लो। मैं यहाँ से चलने का इंतज़ाम करता हूँ।"
मानवी उठकर जाने लगी तभी नौकर ने आकर कहा कि इंस्पेक्टर कौशल सावंत मिलने के लिए आए हैं। मानवी और निर्भय एक दूसरे को देखने लगे। उन्हें लग रहा था कि जिस बात के लिए वह चिंतित थे वही हो गई। पर इंस्पेक्टर कौशल सावंत से मिलना तो था ही। उन्होंने नौकर से कहा कि इंस्पेक्टर कौशल सावंत को हॉल में बैठाए।
नौकर के जाने के बाद दोनों ने आपस में तय किया कि इंस्पेक्टर कौशल सावंत के सामने दोनों अंजन से अपनी पहचान के बारे में कुछ नहीं कहेंगे।

इंस्पेक्टर कौशल सावंत हॉल में बैठा उनका इंतज़ार कर रहा था। मानवी और निर्भय हॉल में पहुँचे। दोनों एकदम सामान्य दिखने की कोशिश कर रहे थे। निर्भय ने बैठते हुए कहा,
"इंस्पेक्टर कौशल कहिए कैसे आना हुआ ? केस में कोर्इ नई प्रोग्रेस हुई है ?"
इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने कहा,
"आपको जानकर खुशी होगी कि ‌माइकल के साथी ने जिस समर का नाम लिया था वह हमारी गिरफ्त में आ गया है।‌ उसने आप दोनों के अपहरण की बात स्वीकार भी कर ली है।"
मानवी और निर्भय खबर सुनकर मुस्कुराए। निर्भय ने कहा,
"बहुत अच्छी बात है। चलिए अब केस सॉल्व हो गया। अब हम भी गोवा से जा सकते हैं।"
इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने गंभीरता से कहा,
"चले जाइएगा। पर कुछ बातें साफ कर दीजिए।"
निर्भय ने कहा,
"कैसी बातें ?"
"आप दोनों अंजन को जानते हैं ?"
निर्भय ने मानवी की तरफ देखा। जैसा तय किया था उसके अनुसार दोनों ने अभिनय किया जैसे अंजन का नाम पहली बार सुन रहे हैं। निर्भय ने कहा,
"हम लोग किसी अंजन को नहीं जानते हैं।"
इंस्पेक्टर कौशल सावंत की नज़रें मानवी पर टिकी थीं। समर ने उसे बताया था कि मानवी अंजन की पत्नी थी। उसने निर्भय के साथ मिलकर उसे धोखा दिया था। इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने भी मानवी के बारे में पता किया। उसने कहा,
"मानवी जी आप सच में अंजन को नहीं जानती हैं।"
मानवी पहले ही नर्वस थी। इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने सीधा उससे सवाल कर दिया। वह घबरा गई। घबरा कर उसने निर्भय की तरफ देखा। निर्भय सचेत हो गया। उसने कहा,
"कहा ना हम किसी अंजन को नहीं जानते हैं।"
इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने कुछ सख्त लहज़े में कहा,
"मेरा सवाल मानवी जी से है।"
मानवी ने अपने आप को संभाल कर कहा,
"मैं किसी अंजन को नहीं जानती हूँ।"
इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने तेज़ आवाज़ में कहा,
"आप जिसकी पत्नी रह चुकी हैं उसे नहीं जानती हैं। आपके भाइयों रघुनाथ और यदुनाथ परिकर की मौत के बाद अंजन ने ‌उनके कारोबार पर कब्ज़ा कर लिया था। आपने निर्भय के साथ मिलकर उसे धोखा दिया था। आप इनके साथ गायब हो गई थीं। कुछ महीनों पहले आप लोगों ने अंजन पर जानलेवा हमला किया था।"
यह सब सुनकर मानवी बुरी तरह घबरा गई थी। निर्भय को लगा कि अब उसे अकेले ही बात संभालनी पड़ेगी। उसने कहा,
"मानवी उस बदमाश अंजन की पत्नी थी। पर उससे अलग होकर इसने उसकी तरफ मुड़कर नहीं देखा। इसने मार्वल डिसूज़ा से शादी कर ली थी। अब उसकी विधवा की तरह रह रही थी। यह हमले वाली बात तो सरासर झूठ है। आपके पास क्या सबूत है कि हमने अंजन पर हमला किया था।"
इंस्पेक्टर कौशल सावंत ने उठते हुए कहा,
"निर्भय जी बहुत जल्दी इस बात का सबूत लेकर आऊँगा। तब तक आप दोनों पुलिस की निगरानी में यहीं रहेंगे। समर ने अपने बयान में कहा है कि आप दोनों ने अंजन पर जानलेवा हमला किया था।"
वह उन दोनों को चेतावनी देकर चला गया। मानवी अपने ऊपर काबू नहीं रख सकी। वह ज़ोर ज़ोर से रोने लगी।