Ek Mohabbat aisi bhi - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

एक मोहब्बत ऐसी भी - 1

एक मोहब्बत ऐसी भी (भाग 1)

रचना अपनी सहेलियों के साथ कॉलेज जा रही होती है । और उधर से मंयक अपने दोस्तों के साथ आ रहा होता है । तभी अचानक रचना मंयक से टक्करा जाती है, और रचना के हाथों में पड़ी सारी किताबें नीचे जमीन पर गीर जाती है ।
रचना को बहुत गुस्सा आता है और रचना गुस्सा भरे अंदाज में आँखों को लाल पिला करते हुए बोलती है ।

"ओ हैलो मिस्टर तुम्हें दिखाई देता है या नहीं....?"

मंयक प्यार से मुस्कुरा कर सॉरी बोल देता है

रचना:- "तुम्हारे सॉरी बोलने से क्या होगा ? जान बुझ कर लड़कियों से टक्कराते हो और बाद में सॉरी बोलते हो, तुम्हें शर्म नहीं आती?"
मंयक:- आती थी लेकिन, तुम्हारे जैसी लड़कियों के समाने नहीं आती ओके ,एक तो सॉरी बोल रहा हूँ उपर से मुझे ही सुना रही है ।"

"तुम्हारी जैसी लड़कियों का मतलब क्या है तुम्हारा..?",
रचना गुस्सा हो कर बोलती है
मंयक:- "मतलब तुम खुद समझ जाओ वैसे भी तुम जैसी पागल से मुँह लगाकर क्या फायदा वैसे भी मैं लेट हो रहा हूँ।"

रचना मंयक का रास्ता रोकते हुए बोलती है
"ओ मिस्टर ये किताबें कौन उठायेगा....?"
मंयक:- "जिसकी किताबें है वो उठायेगा, मैं चला..."

"ओ मिस्टर ज्यादा स्मार्ट ना बनो मेरे सामने, चुपचाप मेरी सारी किताबें उठाकर मेरे हाथों में दो।"
रचना मंयक का हाथ पकड़ कर पीछे खिचती हुए कहती है ।

"मैं तुम्हारे बाप की प्रोपर्टी नहीं हूँ, जो तुम मेरा हाथ पकड़ी हो, और हाँ मेरा नाम मंयक है मिस्टर नहीं ओके ..."
बोलते हुए मंयक हाथ झटक कर छुड़ा लेता है ।

रचना:- "जो भी हो तुम मुझे उससे क्या..? मेरी किताबें उठाओ..."
मंयक:- "पहले तो मैं सॉरी बोला था ना अब तुम्हें भी सॉरी
बोलना होगा।"

"क्या रचना क्यों जिद्द कर रही हो मैं उठा देती हूँ ।"
रचना की दोस्त सोनालिका बोलतीं है
रचना:- "पहले ये बता की तुम दोस्त किसकी हो....?"
सोनालिका:- "तुम्हारी हूँ।"
रचना:- "तो मेरी साइड ले ना ,उसकी साइड क्यों ले रही है?"

"हे! भगवान ये कहाँ फस गई मैं....?"
सोनालिका सर पर हाथ रखते हुए कहती है

मंयक:- "सोच क्या रही हो बोलना है की नहीं....?"
रचना:- "नहीं, नहीं कभी नहीं...."

"आप यहाँ से जाओ , मैं किताबें उठा देती हूँ ।"
सोनालिका मंयक से कहती है

रचना:- "चुप रह सोना किताबें तो इसे ही उठानी होगा..."

तभी सोनालिका मंयक के कानों में कुछ कहती है और मंयक किताब उठाकर रचना के हाथो में हुए कहता है
"नकचढ़ी लड़की......"

रचना:- "एक मिनट तुम ने कुछ कहा....."
मंयक:- "हाँ कहा क्यों उसका जबाब दे सकती हो...?"
रचना:- "हाँ क्यों नहीं मेरे पास हर बात का जबाब है। दुंगी बोलो क्या बोले थे?"
मंयक:-" I love you"
रचना:- "क्या कहा तुम ने ?"
मंयक:- "I love you बोला था उस टाइम भी और अभी भी है कोई जबाब...?"

रचना चुप हो जाती है
मंयक:- "क्या हुआ चुप क्यों हो गई अब बोलो...?"

"कुछ नहीं हुआ, होगा क्या...?"
घबड़ा कर रचना कहती है

मंयक:- "ज्यादा सोचो मत,नहीं चाहिए मुझे जबाब और,i love you नहीं बोला था मैं, और तुम जैसी लड़की को कभी बोलुँगा भी नहीं...."
रचना:- "हाँ,हाँ मत बोलो तुम जैसे लड़के को पंसद कौन करेगा.....?",

मंयक:- "मुझे ऐरा गेरा मत समझो पुरे कॉलेज की लड़कियाँ मुझ पर फिदा है ।"
रचना:- 😏😏
इतना बोलते हुए दोनों दो तरफ चले जाते हैं ।

कुछ ही देर बाद रचना कॉलेज पहुंच जाती है और अपने क्लास में बैठी होती है क्लास चालू होता है सर पढ़ा रहे होते हैं ।तभी क्लास के बाहर से आवाज आती है ।
" क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?"

सभी की नजर क्लास के दरवाजे पर खड़े मंयक पर पड़ती है

सर:- "हाँ आ जाओ लेकिन, सुनो आज तुम्हारा कॉलेज में पहला दिन है इसलिए माफ कर रहा हूँ । लेकिन, याद रखना कल से तुम्हें सही समय पर आना होगा ।"
मंयक:-" जी सर"

तभी रचना अपने जगह पर खड़ी हो कर बोलती है
"आज मैं आप सबको हमारे नए मेहमान मिस्टर क्या नाम है आपका....?"
मंयक के तरफ हाथ बढ़ाते हुए रचना कहती है ।

मंयक:- "जो भी नाम है मेरा, मैं खुद अपना परिचय दे सकता हूँ। तुम्हें कष्ट करने की कोई जरूरत नहीं"
रचना:- "तुम्हारी मर्जी वैसे भी तुम्हारी जानकारी के लिए मैं बता दू मैं इस कॉलेज की टॉपर हूँ, टॉपर....."
मंयक:- "जी बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका..."

क्रमशः...............


Swati kumari