Ahsaas pyar ka khubsurat sa - 23 books and stories free download online pdf in Hindi

एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 23






यहां सभी ऑफिस पहुंचते है । सभी अपने - अपने केबिन में चले जाते हैं । पर आदित्य वहीं धीमे - धीमे कदमों से अपने केबिन की ओर बढ़ रहा होता है । वह मन ही मन मीशा के बारे में सोच रहा होता है ।

आदित्य ( मन में ) - मीशा माफी कैसे मांग सकती है , वो भी इस तरह , सभी के सामने रोते - बिलखते हुए । ( अपने गले पर हाथ रख कर पीछे से अपने बालों पर हाथ फेरते हुए ) मुझे मीशा का माफी मांगना हजम क्यों नहीं हो रहा ??? ( दोनों हाथो को आपस में फंसाते हुए ) होगा भी कैसे !!!! आखिर उसने कभी किसी से भूलकर भी माफी नहीं मांगी है , इस लिए उसका ऐसे अचानक से अच्छा बन जाना , मेरे दिमाग में फिट नहीं बैठ रहा । ( यही सोचते हुए वह अपने केबिन में पहुंच जाता है । अपनी चेयर पर हाथ रखते हुए वह खिड़की की तरफ देखते हुए खुद से बोलता है ) क्या हो सकता है ऐसा , जो मुझे दिख नहीं रहा है । ( तभी उसे राजवीर का खयाल आता है ) राजवीर ....., राजवीर आज फिर दिखाई नहीं दिया । वह ऑफिस आया भी है या नहीं ???!!!! ( वह अपनी टेबल के पास आकर , वहां के लैंडलाइन से कॉल कर पियून से बात करता है ) सुनो रमेश , आज राजवीर ऑफिस आया है कि नहीं ????

पियून ( फोन की दूसरी तरफ से कहता है ) - सर अभी तक तो मैंने नहीं देखा । पर मैं उनके केबिन में चेक करके आता हूं ।

आदित्य ठीक है कहकर फोन काट देता है , और लैंडलाइन के स्पीकर को वापस लैंडलाइन में रख कर , अपनी चेयर पर बैठ कर फिर से सोच में डूब जाता है ।

यहां कॉलेज की कैंटीन में , सौम्या और शिवानी ही बैठ होते हैं । क्योंकि मीशा भी किसी काम का कह कर , वहां से चली गई होती है । शिवानी बहुत देर से किसी सोच में डूबी थी , सौम्या ने जब उसे , इस तरह गहरी सोच में डूबा हुआ देखा, तो अपने फोन की स्क्रीन से नजरें हटा कर , उससे कहा ।

सौम्या ( शिवानी से ) - ये तू किसके खयालों में खोई हुई है , इतनी देर से । कब से देख रही हूं , ऐसे शांत बैठ कर बस आसमान को देखे जा रही है । ( मुस्कुराकर उसे छेड़ते हुए मजाकिया लहज़े में कहती है ) आसमान से कोई गिरने वाला है क्या, तेरे लिए ????

शिवानी ( उसकी बात में खोते हुए कहती है ) - मेरे लिए किसी को आसमान से गिरने की जरूरत नहीं है । वो तो जमीन में ही मेरी राह तके बैठा है।

सौम्या ( हैरानी से उसे देखती है और उससे पूछती है ) - ये तुझे क्या हो गया है ??? ये कैसी बहकी - बहकी बातें कर रही है ??? ( कुछ देर रुक कर , शिवानी की बातों पर ध्यान देने के बाद वह कहती है ) कहीं तुझे इश्क़ की हवा तो नहीं लग गई !!!????

शिवानी ( वैसे ही खोई हुई सी कहती है ) - शायद .......। ( फिर सौम्या की बातों की गहराइयों को समझ कर कहती है ) नो .... नो ....., नो......., शायद नही.....!!! इनफेक्ट, डेफिनेटली मुझे इश्क़ की हवा ही लग गई है ।

सौम्या ( हैरानी से उसके माथे को छूती है और अपनी आंखें बड़ी - बड़ी करते हुए कहती है ) - तू ठीक तो है ना😳 !!!! दिखा, कहीं तुझे बुखार तो नहीं है🙁 ???? ( माथे को चेक कर कहती है ) तुझे बुखार तो नहीं है । फिर तुझे आज क्या हुआ??? तेरे मुंह से ... प्यार के बोल कैसे फूट पड़े😕😳😲 ????

शिवानी ( हैरानी से ) - ये तू क्या बोल रही है ??? मैं ठीक हूं , ( सौम्या को सवालिया निगाहों से देखते हुए ) और मेरे मुंह से प्यार के बोल क्यों नहीं फूट सकते ??? बता तो ज़रा!!!

सौम्या ( बेपरवाही से ) - क्योंकि तूने आज तक ऐसी बातें की ही नहीं । और तो और, जब हम सब ऐसी बातें करते थे , तो तू हम सभी को भी चार बातें, सुना देती थी ।

शिवानी ( सौम्या को घूरते हुए ) - अच्छा , इसका मतलब मुझे कभी प्यार नहीं हो सकता ??? मैं प्यार के दो शब्द भी नहीं बोल सकती !!!!???

सौम्या ( अपनी हंसी को कंट्रोल कर कहती है ) - मैंने ऐसा कब कहा ??? ( फिर शिवानी को एक बार फिर हैरानी से देखते हुए ) तुझे प्यार हो गया ??? ( अपने गालों पर हाथ रख , बड़ी - बड़ी आंखें करते हुए ) सच में ???? ( नौटंकी करते हुए ) हाय , मै कोई सपना तो नहीं देख रही ??? ये कैसे हो गया ??? कब हो गया ??? किससे हो गया ??? क्यों हो गया ??? मुझे क्यों नहीं बताया ??? क्या उसे पता है ??? ......

सौम्या की नौटंकी और उसके सवालों की झड़ी , खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी । शिवानी ने तंग आकर, चेयर से उठ कर तेज़ आवाज़ में चिल्लाते हुए कहा ।

शिवानी - बस ........., बस , बंद कर अपनी नौटंकी !!! वरना तुझे ......।

इतना कहते ही उसकी नजर , अपने आस - पास के लोगों पर गई , जो उसके चिल्लाने से उसे ही घूरकर देख रहे थे । वह उन लोगों को देखते हुए थोड़ा शांत हुई और वापस चेयर में बैठते हुए, धीमी आवाज़ में उसने सौम्या से कहा ।

शिवानी - हां मुझे प्यार हो गया , अब पड़ गई तेरे कलेजे को ठंडक !!!???

सौम्या ( मुस्कुराते हुए ) - हां , मिल गई मेरे दिल को ठंडक । ( शिवानी की आंखों में झांकते हुए ) वैसे एक बात बता !!! देख सही - सही बताना । ( शिवानी ने अपना सिर हां में हिला दिया , तो सौम्या ने आगे कहा ) तुझे नील से प्यार हुआ है ना ????!!!!!

शिवानी ( हैरानी से उसे देख कर कहती है ) - तुझे कैसे पता ????? तू कैसे जानती है मेरे दिल की बात ???

सौम्या ( हल्की मुस्कान के साथ अकड़ते हुए कहती है ) - तेरी बेस्ट फ्रैंड हूं , तेरे दिल में कब क्या चल रहा होता है, सब कुछ बहुत अच्छे से जानती हूं ।

इतना कह कर सौम्या हंस देती है । तो शिवानी भी उसकी बातों को सुनकर मुस्कुरा देती है और उससे कहती है ।

शिवानी - मानना पड़ेगा तेरी गेसिंग को । एकदम परफेक्ट जाकर लगी है ।

सौम्या ( आंखें चमकाते हुए ) - मतलब मैंने सही कहा ??? ( शिवानी शरमाते हुए हां में सिर हिलाती है , तो सौम्या उसे गले लगाते हुए कहती है ) मैं आज बहुत खुश हूं , तुझे नील से प्यार हो गया । ( शिवानी से अलग होकर , उसके हाथों में हाथ रख कर कहती है ) तुझे पता है, नील इस दिन का कब से वेट कर रहा है । तूने उसे बताया !!!!???

शिवानी ( उदास होकर ) - नहीं अभी नहीं , ( चहकते हुए ) पर बहुत जल्द बता दूंगी । ( सौम्या उसकी बात सुन खुश हो जाती है , तो शिवानी अपने चेहरे के एक्सप्रेशन चेंज कर , नॉर्मल बनते हुए कहती है ) वैसे मुझे पता था । ( सौम्या सवालिया निगाहों से उसे देखती है , जैसे पूछ रही हो कि क्या पता था। शिवानी उसे देख कर कहती है ) यही , कि नील मुझे बहुत टाइम से चाहता है ।

सौम्या ( हैरानी और सवालों के मिले जुले भाव से कहती है ) - तो फिर तूने उसे कभी बताया क्यों नहीं ???

शिवानी ( उदास होते हुए कहती है ) - क्योंकि मैं नहीं बताना चाहती थी ।

सौम्या ( बड़ी - बड़ी आंखें करते हुए ) - पर क्यों ????

शिवानी ( सौम्या की ओर एक नजर देखती है , फिर अपनी फिलिंग्स को उसके सामने व्यक्त करते हुए कहती है ) - पहले तो मुझे लग रहा था , कि नील से मेरा प्यार सिर्फ़ एक तरफा है । पर जब मैंने उसकी आंखों में, अपने लिए बेशुमार प्यार देखा , तो मुझे यकीन हो गया , कि मेरा प्यार एक तरफा नहीं है । ( फिर कुछ पल रुक कर आगे कहती है ) पर सौम्या , मैंने हमेशा से अपने आस - पास के लोगों में प्यार को कम होते ही देखा है । ( सौम्या का हाथ पकड़ते हुए ) मतलब कि , मैंने हमेशा लव मैरिजेस को टूटते देखा है , और लवर्स के बीच ब्रेकअप होते देखा है । मैंने हर प्यार भरे रिश्तों में धोखा , फरेब और न जाने किन - किन कारणों की वजह से , रिश्ते टूटते देखे हैं । इस वजह से मैं डरती थी , अपने प्यार का इज़हार करने से । ( मुस्कुराते हुए सौम्या की तरफ देखते हुए ) पर मैंने फिर तुम्हें और आदित्य को देखा , तुम दोनो बहुत समय से एक साथ हो । साथ ही तुम दोनो मे बहुत अंडरस्टैंडिंग भी है । इसके साथ ही मैंने आरव को भी देखा , वह कायरा से बहुत प्यार करता है । तुम दोस्तों को देख कर मुझे भी लगा , कि मैं भी प्यार कर सकती हूं और नील के साथ अपने रिश्ते को निभा भी सकती हूं । इसी वजह से अब मैं नील से अपने प्यार का इज़हार करना चाहती हूं , क्योंकि मैंने उसकी आंखों में, मेरे लिए आज भी प्यार देखा है । और मुझे उम्मीद है , हमारी लव लाइफ भी, तुम दोनों की तरह ही सफल होगी ।

सौम्या उसकी बात पर मुस्कुरा देती है और फिर उसके हाथो को कस कर थामते हुए कहती है ।

सौम्या ( मुस्कुराते हुए ) - मुझे बेहद खुशी है, कि तुमने सही डिसीजन लिया और खुद के प्यार को जीने का, एक मौका दिया । ( अपने चेहरे पर गंभीरता का भाव लाकर , शिवानी को समझाते हुए कहती है ) शिवानी !!! जितना मैं जानती हूं , उस हिसाब से अगर कहूं, तो प्यार भरे रिश्तों को अच्छे या बुरे तरीके से निभाना हमारे हाथ में होता है । अगर हम अपने प्यार को समझे , उसे सही से जीने का मौका दें , उसकी गलतियों को नज़र अंदाज़ कर , सिर्फ उसकी अच्छाइयों को परखें , उसे समय दें , अपने ईगो को दरकिनार कर , सामने वाले के ईगो को हर्ट करने से बचें । तो उस हिसाब से हमारा प्यार भी हमें समझेगा और हमें भी उसे समझने में आसानी होगी । उस नाते कभी भी , दो लोगों के बीच अंडरस्टैंडिंग की प्रॉब्लम नहीं होगी । और सच कहूं , तो अगर रिश्ते टूटते हैं , तो उसका भी कोई न कोई कारण होता है । अगर हम उस कारण को ही जड़ से खत्म कर दें , तो हम अपना रिश्ता बहुत अच्छे से निभा सकते हैं । और अगर हम उस कारण को सुधारने की , उसे ठीक करने की, कोशिश ही नहीं करेंगे , तो फिर उस रिश्ते की कोई अहमियत ही नहीं रह जायेगी । साथ ही उसे टूटने में वक्त भी नहीं लगेगा । ( सौम्या मुस्कुराते हुए शिवानी से कहती है ) इस लिए शिवानी , अपना रिश्ता संभालना और बिगाड़ना , अपने ही हाथ में होता है । और हर किसी का रिश्ता टूटे , ये जरूरी नहीं होता । कुछ लोगों का रिश्ता आबाद भी होता है । और तुम ज्यादा दूर क्यों जा रही हो , अपने पैरेंट्स को ही देख लो , अपने भाई - भाभी को देख लो । उनका रिश्ता भी बिना किसी समस्या के चल रहा है ना!!! और उसका रीजन बस अपने प्यार को किसी भी हालत में निभाने का जुनून होना है । अगर वह जुनून तुम्हारे अन्दर आ गया , तो बड़ी से बड़ी आंधी भी तुम्हारे रिश्ते को हिला तक नहीं सकती ।

इतना कह कर सौम्या मुस्कुराते हुए उसे देखती है । शिवानी उसकी बात को समझते हुए , उसके हाथों में हाथ रखते हुए कहती है ।

शिवानी - तुम जो कह रही हो , वह सही है सौम्या । सच कहते हैं लोग , इन्सान के साथ एक अच्छा दोस्त होना बेहद जरूरी होता है । जिस तरह कायरा के साथ , रूही हमेशा रहती है , वैसे ही तुम भी हमेशा मुझे सही - गलत का रास्ता समझाती हो । ( मुस्कुराते हुए ) और मैं तुम्हारी सीख हमेशा याद रखूंगी और अपने रिश्ते को, सारी रुकावटों को पार कर निभाऊंगी ।

दोनों ही एक - दूसरे के गले लग जाती है और फिर कॉफी पी कर लाइब्रेरी चली जाती हैं।

इधर कायरा अपने केबिन में आती है और सारे काम को दरकिनार कर , बस आरव के खयालों में खोए हुए, चेयर में बैठी , पेपर वेट को घुमा रही होती है । आज उसके लिए ये प्यार का एहसास बेहद ही खास था । उसे इतनी खुशी शायद ही कभी महसूस हुई थी , जितनी कि उसे आज हो रही थी ।

तभी उसके केबिन में कोई नोक कर करता है। कायरा हड़बड़ा कर चेयर से उठती है और दरवाज़े की तरफ देखती है । दरवाज़े पर उसे पीयून दिखता है । उसे देख कर वह राहत की सांस लेती है और उसे अन्दर आने को कहती है । पीयून अंदर आकर उसे बताता है , कि आरव उसे परसों होने वाली मीटिंग्स की, डिजाइंस और प्रेजेंटेशन की फाइल्स के साथ बुला रहा है । इतना कह कर, वह केबिन से बाहर चला जाता है । कायरा अपने आप को रिलेक्स करती है , और वह यही सोच रही होती है, कि वह आरव के पास अकेले होगी , कहीं उससे कोई गलती न हो जाए । उसे आरव के पास जाने में थोड़ा अजीब सी फीलिंग आ रही थी । और हो भी क्यों ना ...., आखिर प्यार का अहसास होने के बाद , अकेले में अपने प्यार से जो मिलना था या यूं कहें कि उसे जी भर के देखना था । पर ऑफिस में होने के कारण वह घबरा रही थी ।

कुल मिला कर उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था । उसने पल भर के लिए एक लम्बी सांस ली , और फाइल्स को हाथ में लेकर वह सीधे आरव के केबिन में पहुंच गई । आरव बहुत बुरी तरह से काम में उलझा हुआ था । उसे देख कर कोई भी नहीं कह सकता था, कि वह वर्तमान में कॉलेज स्टूडेंट भी है । वह अपने काम में उलझा हुआ , किसी अकडू बॉस सा दिख रहा था , साथ ही वह इस रूप में काफी हैंडसम भी लग रहा था । आरव अपने काम में इतना उलझा हुआ था, कि उसे पता ही नहीं चला, कि कायरा, कब उसके केबिन में दाखिल हो गई । जबकि हमारी कायरा तो उसके इस अंदाज को देख कर ही, मन ही मन बलैया ले रही थी और प्यार भरी निगाहों से उसे घूर रही थी ।

एकाएक आरव की नज़र कायरा पर गई , उसने उसे वहां खड़े देखा तो हैरान हो गया , और सोचने लगा कि ये यहां कब आयी ??? पर खुद काम में बिज़ी होने की वजह से, शायद उसे पता नहीं चला होगा, सोचकर उसने बात को वहीं खत्म कर दिया । और कायरा को देखते हुए उससे पूछा ।

आरव - मिस कायरा !!!! आपने डिजाइंस रेडी कर लिए हैं , परसों की प्रेजेंटेशन के लिए ???? ( इतना कह कर वह लेपटॉप पर हाथ चलाने लगा , जब कुछ पल तक कायरा का कोई रिप्लाई नहीं आया , तो आरव के उसे फिर आवाज़ देकर कहा ) मिस कायरा !!!!! आई एम आस्किंग यू समथिंग।

कायरा को तो जैसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था । देता भी कैसे??? वह तो अपने प्यार के रंग रूप और उसके नैनो में जो खोई हुई थी । कायरा को खुद कर होश ही कहां था आज !!??? कायरा का जब कोई भी जवाब नहीं आया , तो आरव ने ध्यान से, कायरा की ओर नजर दौड़ा कर देखा । आरव ने जब उसे ध्यान से देखा, तो पाया कि , कायरा एक टक उसे ही देख रही है । वह थोड़ा हड़बड़ा गया । फिर उसने एक नजर फिर उसे देखा , तो उसे आज कायरा की आंखों में एक अलग ही चमक दिख रही थी। उसने और गौर किया तो पाया कि , आज कायरा की आंखों में कुछ अजीब सा था या यूं कहें कि अजीब सी कशिश सी बसी थी उसकी आंखों । वह कायरा के नैनों का राज़ और अच्छे से समझ पाता, के तभी आदित्य चिल्लाते हुए अंदर आया । उसकी आवाज़ इतनी तेज़ थी कि आरव के साथ - साथ कायरा को भी होश आ गया , और दोनों ही हड़बड़ा गए । कायरा जमीन की ओर देखने लगी तो आरव आदित्य की ओर देखने लगा । आदित्य हांफते हुए आरव के पास आया और उसने तुरंत आरव से कहा ।

आदित्य - आरव ......, आरव !!!!! राजवीर आज फिर ऑफिस नहीं आया है ।

आरव आदित्य की बात सुन हैरान हो गया , और फिर कुछ सोचने लगा । असल में ये बात पीयून ने उसे तब बताई थी, जब कायरा, आरव के केबिन में पहुंच चुकी थी । जब आदित्य को राजवीर के न आने का कन्फर्मेशन हुआ , तो वह भागते हुए आरव के केबिन में आ गया और उसे जल्दबाजी में बता दिया । आदित्य अपनी बात कह कर शांत हुआ , तभी उसकी नज़र अपने पास में खड़ी कायरा पर गई । वह हड़बड़ा गया , कि उसने ये कायरा के सामने कैसे बोल दिया । कायरा भी ये बात सुन कर हैरान हो गई , कि राजवीर के ऑफिस न आने से, आदित्य इतना टेंशन में क्यों है ??? कायरा यही सब सोच रही थी, कि उसके हाथो से फाइल गिर गई , जो उसने आरव को दिखाने के लिए अपने हाथों में पकड़ी हुई थी । कायरा एक बार फिर हड़बड़ा गई और आरव से डरते हुए फाइल के पन्नों को उठाने लगी , जो उस वक्त चारों तरफ बिखर गए थे । उसे डर था, के कहीं उसे आरव से, ठीक तरह से, काम न करने के लिए डांट न पड़ जाए , क्योंकि आखिर था तो आरव कायरा का बॉस ही । उसे जब डरते हुए आरव ने, पेजेस को कलेक्ट करते हुए देखा , जिसे वह पूरी कोशिश कर रही थी, कि पेजेस जल्दी से कलेक्ट होकर फाइल में फिट हो जाएं , पर पंखें की हवा की वजह से, पेजेस उसके हाथों में नहीं आ रहे थे, तो वह भी कायरा के नजदीक आकर पेजेस कलेक्ट करने लगा । जबकि कायरा अपने डर में ही गुम इस बात से अनजान, कि आरव भी उसकी हेल्प कर रहा है , वह हड़बड़ी में पेजेस कलेक्ट करने में लगी हुई थी ।

पेजेस कलेक्ट करते हुए ही , एक पल को आरव और कायरा का सिर टकरा गया, क्योंकि दोनों ही काफी नज़दीक आ गया थे । सिर टकराते ही दोनों ने एक दूसरे को देखा , तो बस देखते ही रह गए । एक तरफ जहां कायरा के बाल, हवा की वजह से बिखर चुके थे , तो वहीं दूसरी तरफ आरव के चेहरे पर, झुक कर पेजेस कलेक्ट करने की वजह से , हल्की थकान के कारण, हल्का सा पसीना आ चुका था । आरव तो बस कायरा के बिखरे हुए बालों के बीच छुपे हुए चेहरे को देख, उसकी नशीली आंखों में ही खो गया था । जबकि कायरा उसके चेहरे पर आए हुए पसीने को देख उसके चेहरे में ही खो गई । क्योंकि इस वक्त आरव एक मासूम सा और बहुत ही हैंडसम इन्सान लग रहा था ।

आदित्य पता नहीं कब से इनकी ये हरकतें देख रहा था । और मुस्कुरा भी रहा था । जब बहुत देर तक दोनों को होश नहीं आया , तो आदित्य ने खांसने की एक्टिंग की , पर उसकी ये एक्टिंग का उन दोनों पर कोई असर नहीं हुआ । तो आदित्य ने , आरव के टेबल पर रखी हुई बेल बजा दी , जो आरव कई बार, लैंडलाइन के काम न करने पर , बाहर से पीयून को बुलाने के लिए यूज करता था । बेल की आवाज़ सुन, कायरा और आरव को होश आया , और वहां आदित्य को उन्हें ही मुस्कुराकर देखता हुआ पाकर, दोनों ही झेंप गए । कायरा ने जल्दी से, बचे हुए पेजेस उठाए और बाद में आऊंगी बोल कर, केबिन से बाहर चली गई । तो वहीं आरव अपनी चेयर पर बैठ गया । जबकि आदित्य उसे अभी भी मुस्कुराते हुए ही देख रहा था । पियून आरव के केबिन में आया तो, आदित्य ने उससे दो कॉफी मंगाई और पियून के जाने के बाद, आरव और आदित्य दोनों ही बातें करने लगे ।

यहां कायरा हांफते हुए अपने केबिन में आयी , और उसने फाइलों को साइड में रख कर, अपने दिल पर हाथ रख लिया , और जोर - जोर से सांसें लेने लगी । साथ ही उसे महसूस हुआ, कि उसका दिल बहुत तेजी से धड़क रहा है । वह खुद में ही बड़बड़ाते हुए बोली ।

कायरा ( खुद से ) - ये क्या हो गया था मुझे ??? मैं आज एक बार फिर उनकी आंखों और उनके चेहरे के नूर में खो गई । ऐसा मेरे साथ फिर से क्यों हो रहा है ??? ( फिर उसने मुस्कुराते हुए अपने सिर पर हल्की सी थपकी दी , और खुद से कहा ) कायरा , तू ना एकदम झल्ली है , बताया तो था रूही ने , कि इसे ही तो प्यार कहा जाता है ।

इतना कहते हुए, वह खुद में ही मुस्कुरा दी , और एक बार फिर उसके मन ने , आरव के प्रति खयालों को हवा दे दी ।

शाम के सात पैंतालीस पर कायरा अपने घर पहुंची । आज कोई भी एक्स्ट्रा काम नहीं था , तो सभी टाइम पर अपने - अपने घर पहुंच गए थे । कायरा को आज टाइम पर घर आया देख , मालती जी को बेहद खुश हुई । उन्होंने कायरा को चाए दी और कायरा अपनी चाए लेकर , सीधे अपने रूम में आ गई । उसने कपड़े चेंज किए , और अपनी फर्स्ट सेमेस्टर की बुक्स ओपन कर चाए पीते हुए पढ़ने लगी । जब तक चाए खत्म नहीं हुई , तब तक तो कायरा का पढ़ने में मन लगा रहा , पर जैसे ही उसने चाए का कप साइड में रख कर , फिर से अपना ध्यान बुक्स में केन्द्रित करने का सोचा , तभी उसे आरव का खयाल आ गया । अब पहले - पहले प्यार में पड़े हुए इन्सान का मन कहीं और कहां लगता है , जब उसके आंखों के सामने अपने इश्क़ का चेहरा मंडरा रहा हो । तो वह तो चाह कर भी, कहीं और मन नहीं लगा सकता ।

कायरा ने एक बार फिर बुक्स में अपना सिर खपाने की कोशिश की , पर अफसोस वह ऐसा कर नहीं पाई । तंग आकर उसने बुक बंद कर , स्टडी टेबल पर रख दी और चाए का जूठा कप नीचे लेजाकर, किचेन की सिंक पर रख दिया । मालती जी सभी के लिए खाना लगा रही थी । उन्होंने ने कायरा को देखा, तो उसे भी खाने के लिए बुला लिया । कायरा ने सभी के साथ बैठकर अपना खाना खत्म किया और अपनी मम्मी की, किचेन के कामों में हेल्प करा कर, अपने रूम में आ गई । रूम में आकर वह अपने बिस्तर की चादर ठीक करने लगी , कि तभी उसका फोन रिंग हुआ । उसने टेबल से अपना फोन उठाया, तो देखा कि, फोन की स्क्रीन पर रूही का नाम उभर रहा था । उसने मुस्कुराते हुए फोन रिसीव किया । रूही ने उसे किसी बुक से रिलेटेड कॉल किया था । जब रूही ने अपने काम की बात कर ली, तो उसने फोन डिस्कनेक्ट करने को कहा । पर तभी कायरा ने उसे रोक दिया और मुस्कुराते हुए उसने रूही से फोन पर कहा ।

कायरा - तूने मेरे दिल में उठ रहे जज्बातों के बारे में तो जान लिया और मुझे उसका एहसास भी करा दिया । पर तू अपना बता , तू कब अपने दिलों के जज्बातों को समझेगी ?

रूही ( कायरा की बात सुन, हड़बड़ा जाती है। पर तब भी, खुद को नॉर्मल करते हुए, फोन की दूसरी ओर से कहती है ) - ये ..., ये तू क्या कह रही है ??? मैं कुछ समझी नहीं ।

कायरा ( मुस्कुराते हुए ) - तो समझ जा मेरी जान........, और जल्दी ही इज़हार कर ।

रूही ( उसकी बात सुन कर, आश्चर्य से कहती है ) - तू किसके बारे में बात कर रही है ????

कायरा ( मुस्कुराते हुए , मोबाइल को दूसरे कान से लगा कर कहती है ) - तेरे और राहुल के बारे में ।

रूही ( कायरा की बातें सुनकर , रूही की आंखें फटी की फटी रह जाती है , वह हड़बड़ाते हुए कहती है ) - तू .....तू...
....तुझे कैसे पता ????

कायरा ( अपने चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान लिए कहती है ) - तू शायद भूल रही है कि मैं तेरी बेस्ट से भी ज्यादा वाली बेस्ट फ्रैंड हूं । अगर तूने मुझे हर वक्त नोटिस किया है , तो मैंने भी तुझे हर एक पल नोटिस किया है । तेरी उदासी , तेरी खामोशी सब जानती हूं मैं। वो अलग बात है कि, मैं तुझसे कभी कुछ कहती नहीं हूं , क्योंकि मुझे पता है , कि तू खुद मुझे सब बताएगी । पर इस बार मैं वेट नहीं कर पाई, इस लिए मैंने तुझसे खुद ही पूछ लिया । मुझे तेरे नैन मटक्के की, अच्छी तरह से खबर है । अब बता , कब इश्क़ का इकरार कर रही है ????

रूही ( उदास होते हुए कहती है ) - तू जैसा सोच रही है वैसा कुछ भी नहीं है । राहुल और मैं सिर्फ एक अच्छे दोस्त हैं । तू ज्यादा मत सोच । ( फिर मुस्कुराते हुए कहती है ) तू तो बस अपनी मोहब्बत के बारे में सोच , और उसी के खयालों में डूबी रह । रखती हूं फोन , अगर आरव के खयालों से तुझे छुट्टी मिल जाए , तो सो जाना , सुबह हमें आपके दर्शन भी करना है, कॉलेज में ।

रूही की बात सुन कर, कायरा मुस्कुरा देती है और जी जरूर का जवाब देकर , फोन कट कर देती है । और रूही की कहीं बातों पर मुस्कुराने लगती है, जो उसने कायरा और आरव के बारे में, अभी फोन पर कहीं थी । कायरा एक बार फिर आरव के खयालों में डूब जाती है । तभी उसे कुछ सूझता है , और वह अपने लैपटॉप पर रेडियो चैनल स्टार्ट कर गाने सुनने लगती है ।

आज का मौसम बहुत ही सुहाना सा था , बादलों के साथ हवाएं भी अपने जोर पर थी । कायरा की खिड़की से ठंडी - ठंडी हवा के झोंके, उसके कमरे में आ रहे थे , और उन ठंडी हवा के झोंके को महसूस कर कायरा अपने आप को , आसमान में उड़ता हुआ सा महसूस कर रही थी ।

तो वहीं शिवानी का भी कायरा की तरह ही हाल था , वह भी आज बहुत खुश थी । और नील के खयालों में डूबी हुई सी टीवी ऑन कर उसमें गाने सुन रही थी ।

तभी कायरा के लेपटॉप के रेडियो चैनल में और शिवानी के सॉन्ग्स के टीवी चैनल में एक जैसा ही गाना बजा , जिसे सुनते ही दोनों के पैर अपने आप ही थिरकने लगे । कायरा अपने रूम के खिड़की के पास आयी और बाहें फैलाते हुए , मुस्कुराकर गाने के बोल के साथ ही गाना गाने लगी ।

हाँ है कोई तो वज़ह
जो जीने का मज़ा
यूँ आने लगा

यहां पर शिवानी खिड़की की चौखट पर बैठकर हवाओं का आनन्द लेते हुए , मुस्कुराते हुए गाने के साथ ही गाती है।

ये हवाओं में है क्या
थोड़ा सा जो नशा
यूँ छाने लगा

तभी कायरा की नज़र अपने रूम के दरवाज़े पर जाती है , जहां पर उसे एक परछाईं खड़ी हुई सी दिखती है । अब क्योंकि रूम की लाइट्स कायरा ने डिम कर दी थी , इस वजह से उसे वहां सिर्फ़ परछाईं ही दिख रही थी । कायरा ने उसकी ओर कदम बढ़ाए, तो वह उस शक्श को देख कर हैरान हो गई । कायरा के सामने और कोई नहीं , बल्कि आरव खड़ा था और वह हाथों की घड़ी बांधे, कायरा को मुस्कुराते हुए देख रहा था । कायरा ने भी उसे मुस्कुराते हुए देख कर कहा ।

पूछो ना पूछो मुझे क्या हुआ है
तेरी राहो में आकर

यहां पर शिवानी की नजर अपने रूम के सोफे पर गई , जहां पर उसे, नील बैठा हुआ दिखा , जो कि बड़े ही प्यार से शिवानी को निहार रहा था । शिवानी ने उसे देखा, तो दौड़ कर उसे गले लगा लिया और कहा ।

पूछो ना पूछो मुझे क्या मिलेगा
तेरी बाहो में आकर

कायरा आरव को अपने रूम के अंदर लाई और उसके हाथो को अपने हाथो मे लेकर डांस करते हुए गाने लगी ।

ये इश्क़ हाय बैठे बिठाये
जन्नत दिखाए हाँ
ओ रामा…

तो वहीं शिवानी भी नील का हाथ पकड़ कर, उसे सोफे से उठाया और उसे रूम के बीचों - बीच बाहों में भर कर उसके साथ डांस करते हुए गाने लगी ।

ये इश्क़ हाय बैठे बिठाये
जन्नत दिखाए हाँ

तभी नील ने शिवानी के हाथों की उंगलियों को अपनी उंगलियों में फंसाया और उसके गर्दन के नजदीक आते हुए, उसे अपने होठों से छूने की कोशिश करने लगा, कि तभी शिवानी शर्मा गई और वह उसे धक्का देकर , बेड के सिरहाने के पास जाकर खड़ी हो गई । नील ने ये देख कर, झूठे गुस्से के साथ अपना मुंह फेर लिया । शिवानी को नील का ऐसा रूठना अच्छा नहीं लगा । तो वह उसके पास आई और उसके हाथों को थाम कर अपनी कमर से लगाकर , नील के सीने पर अपना सिर रख कर उसने कहा।

तोड़े मैंने सारे ही बंधन ज़माने तेरे
तोडूंगी ना मैं वादा

कायरा ने अब आरव को खिड़की के सामने लाकर खड़ा कर दिया और वह आसमान की खुबसूरती को देखने लगी । तभी उसे आरव की छुअन का एहसास हुआ । आरव ने उसकी उगलियों से हाथ फिराते हुए , उसके कंधे पर हाथ रखा , और उसे पीछे से ही, अपनी बाहों में जकड़ लिया । कायरा तो बस उसके छूने से ही बर्फ सी जम गई । आरव उसके कंधे को किस करने लगा, कि तभी कायरा के दिल की धड़कने हवा से भी तेज चलने लगी। वह झट से आरव की तरफ मुड़ी और उसने एक झटके से आरव को कस कर गले लगा लिया और गाने के साथ, उसने शब्दों को और अपने दिल के एहसासों को मिलाते हुए कहा ।

आधा हिस्सा
मेरे तो दिल की कहानी का तू
पिया मैं बाकी आधा

शिवानी मुस्कुराते हुए नील से अलग हुई , और उसने अपनी मुस्कान बिखेरते हुए नील से कहा ।

देखो ना देखो मुझे क्या हुआ है
तेरी यादोँ में खो कर

कायरा ने , आरव के सीने से अपना सिर हटा कर, उसे अपने हाथो से बाहों में भरे हुए ही, उसके होठों को देखते हुए कहा ।

पूछो ना पूछो मुझे क्या
मिलेगा तेरी बातो में जीकर

तभी कायरा ने आरव को खुद से अलग किया और उसका हाथ पकड़ कर झूमते हुए कहा ।

ये इश्क़ हाय बैठे बिठाये
जन्नत दिखाए हाँ
ओ रामा…

शिवानी ने नील का सिर अपने सिर से लगाकर गाने के बोल के साथ गुनगुनाते हुए कहा।

ये इश्क़ हाय बैठे बिठाये
जन्नत दिखाए हाँ

तभी आरव ने कायरा को एक झटके से अपनी ओर खींचा और उसे मुस्कराकर एक पल देखा और उसे बेड पर बैठा दिया । कायरा तो बस आरव की मुस्कुराहट पर ही फिदा हो गई । आरव ने कायरा के चेहरे के पास आकर, उसे एक बार फिर अपने करीब खींचा और उसके होठों को अपने होठों से छूना चाहा, कि तभी कायरा ने बेड पर, पड़े हुआ पिलो से उसे मारा और उसे धक्का देकर बेड की दूसरी तरफ आ गई । आरव ने उसे मुस्कुराते हुए देखा और फिर से उसके करीब जाकर उसे अपनी बाहों में ले लिया । कायरा ने मुस्कुराते हुए आरव को देखा और कहा ।

मेरे जैसे लाखो मिले होँगे तुझको पिया
मुझे तो मिला तू ही

नील ने शिवानी को अपनी बाहों में लिया और उसके चेहरे के करीब आकर , अपने होंठ धीरे से उसके कानो की तरफ ले गया और उसके कानों को अपने होठों से स्पर्श कर लिया । शिवानी ने उसके होठों की सिहरन से , झटके से नील को गले लगा लिया । नील ने उसे अपने गले से थोड़ा दूर किया और उसके बालों को उसके कानों के पीछे करते हुए , उसके होठों को अपनी उंगलियों से स्पर्श करने लगा । तो शिवानी ने मुस्कुराते हुए कहा ।

तू ही मेरे होंठों की खिलती हुई सी हँसी
गिला भी पिया तू ही

तभी शिवानी ने भी उसके चेहरे को प्यार से देखा, तो नील ने उसके हाथों को अपने होठों से स्पर्श कर लिया । तो शिवानी ने गुनगुनाते हुए कहा ।

देखो ना देखो मुझे क्या हुआ है
तुझे सपनो में लाकर

कायरा ने शरमाते हुए आरव को खुद से अलग किया और एकबार फिर खिड़की के पास आकर, आरव को मुस्कुराकर देखते हुए कहा ।

पूछो ना पूछो मुझे क्या हुआ है
तेरी बातो में आकर

एकबार फिर कायरा ने आरव को खिड़की के पास लाकर खड़ा कर दिया और उसके कंधे पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए कहा ।

ये इश्क़ हाय बैठे बिठाये
जन्नत दिखाए हाँ
ओ रामा…

शिवानी ने नील को दीवार से लगा कर, उसे प्यार से मुस्कुराते हुए देख कर कहा ।

ये इश्क़ हाय बैठे बिठाये
जन्नत दिखाए हाँ

शिवानी ने नील को दीवार से अलग किया और उसे खिड़की के पास लाकर, उसके गालों में उंगली चलाते हुए कहा ।

हाँ है कोई तो वज़ह
जो जीने का मज़ा
यूँ आने लगा

कायरा ने हवा में, उड़ते हुए खिड़की के पर्दों में उलझकर , उसकी आड़ से आरव को देखते हुए कहा ।

ये हवाओं में है क्या
थोड़ा सा जो नशा
यूँ छाने लगा

शिवानी ने नील का हाथ पकड़ा और उसके साथ कदम से कदम मिला कर डांस करते हुए, गाने को गाने लगी ।

पूछो ना पूछो मुझे क्या हुआ है
तेरी राहो में आकर

आरव ने कायरा को पर्दे के साथ ही, उसे अपनी बाहों में भर लिया । तो कायरा ने उसके सीने में, अपना सिर छुपाते हुए मुस्कुरा कर कहा ।

पूछो ना पूछो मुझे क्या मिलेगा
तेरी बाहो में आकर

कायरा आरव से अलग हुई और पर्दे के पीछे से हट कर, आरव को खिड़की के पास लाकर, उसके हाथों को अपने हाथो मे लेकर, उसे हवा के झोंको के साथ, खुद में महसूस करते हुए कहा ।

ये इश्क़ हाय बैठे बिठाये
जन्नत दिखाए हाँ
ओ रामा…

शिवानी ने नील को अपनी बाहों में भर लिया और फिर मुस्कुराते हुए कहा ।

ये इश्क़ हाय बैठे बिठाये
जन्नत दिखाए हाँ

तभी एक तेज़ हवा का झोंका आया और उस झोंके की वजह से कायरा के रूम में, खिड़की के पास, टेबल पर रखा हुआ फ्लॉवर पॉट गिर गया और टूट गया । उसकी आवाज़ से कायरा डर गई । और उसने पॉट की तरफ देखा , जिसके टूटने की वजह से उसके टुकड़े पूरे फर्श पर बिखर गए थे ।
कायरा ने उसे देखने के बाद , अपने आस - पास देखा । तो उसे आरव कहीं नहीं दिखाई दिया । वह आरव को रूम के हर जगह पर ढूंढ़ने लगी। पर आरव उसे कहीं नहीं मिला । मिलता भी कैसे ??? जब आरव वहां होता, तब ना कायरा को मिलता !!!!!!

तो वहीं तेज़ हवा के चलने से , खिड़की का डोर तेज़ आवाज़ के साथ फड़फड़ाने लगा । उसकी आवाज़ इतनी तेज़ थी, कि टीवी में चलने वाले नेक्स्ट सॉन्ग की आवाज़ भी, उसकी आवाज़ से मध्यम जान पड़ रही थी । शिवानी उसकी आवाज़ से घबरा गई और उसने जल्दी से जाकर , खिड़की के डोर को बंद किया और फिर अपने चारों तरफ देखा । उसे नील कहीं भी दिखाई नहीं दिया । उसने रूम के हर कोने में अपनी नज़र दौड़ाई , पर नील उसे कहीं नहीं दिखा । वह खिड़की के पास से आकर, अपने बेड पर बैठ गई , और उसने अपने माथे पर हाथ रखते हुए , मुस्कुराकर खुद से कहा।

शिवानी - इसका मतलब, कि ये मेरा सपना था । नील यहां नहीं आया था, बल्कि मैं उसे अपने पास महसूस के, उसके सपने देख रही थी ।

इतना बोलते ही वह खिलखिलाकर हंस दी । उसने जल्दी से टीवी को बंद किया और एसी चालू कर , कंबल ओढ़ कर नील के खयालों में खोई हुई ही सो गई ।

यहां पॉट के गिरने की आवाज़ , नीचे किचेन से पानी लेने आई मालती जी के कानों में पड़ी , उन्होंने वहीं से कायरा को चिल्ला कर पूछा, कि क्या हो गया है । कायरा उनकी आवाज़ से घबरा गई , और बाहर आकर अपने रूम की सीढ़ियों पर खड़े होकर, उसने मालती जी से कहा ।

कायरा ( तेज़ आवाज़ में मालती जी को बताते हुए ) - कुछ नहीं मम्मा !!! तेज़ हवा की वजह से, फॉलवर पॉट गिर गया ।

मालती जी ( नीचे से ही खड़े होकर कहती है ) - ध्यान रखना अपना बेटा । और रात बहुत हो गई है , सो जा , वरना सुबह लेट हो जाएगी , कॉलेज के लिए । और खिड़की बंद कर ले ....., तेज़ हवा से बचने के लिए ।

कायरा ने उन्हें हां कहा , और वह रूम के अंदर आ गई । उसने फिर से चारों तरफ रूम में देखा , पर उसे तब भी आरव कहीं नहीं दिखा । तभी उसे एहसास हुआ, कि वह आरव के, उसके पास होने के सपने देख रही थी । उसने अपने बेड पर बैठते हुए , खुद के सिर पर हल्की से थपकी मारकर , मुस्कुराते हुए खुद से कहा ।

कायरा ( खुद से ) - कायरा !!!! तू ना सच में पागल है । तू उनके खयालों में खो कर खुद ही डांस कर रही थी और उन्हें अपने पास महसूस कर रही थी। जबकि वो तो यहां, है ही नहीं ....। झल्ली है तू ...., पूरी की पूरी ।

इतना कह कर उसने लाइट्स को ऑफ किया और बिस्तर पर लेट गई और एक बार फिर आरव के खयालों में खो गई ।

इधर कायरा की बात सुनकर , रूही की नींद उड़ी हुई थी । वह बिस्तर के एक कोने में बैठे हुए सिसक रही थी । जैसे उसे कायरा की बातें सुनकर, किसी भी प्रकार की खुशी ही न हुई हो । उसने खुद से रोते हुए कहा ।

रूही - तेरी किस्मत मुझसे अच्छी है कायरा , कि तुझे अपने जज्बातों को बयां करने का, आरव के सामने मौका मिलेगा । पर मेरी ऐसी किस्मत नहीं है कायरा । मुझे तो किसी के लिए, ये एहसास अपने मन में लाने की भी इजाजत नहीं है । तो फिर मैं कैसे राहुल के बारे में , उससे प्यार करने के बारे में सोच सकती हूं ???

इतना कह कर रूही फूट - फूट कर रोने लगी । तो वहीं कायरा आरव के खयालों में खोई, आने वाले पलों के, सपने संजो रही थी। तभी कायरा एक झटके से उठ कर बैठ गई । उसके चेहरे पर , पसीने की बूंदें उभरने लगी । जैसे उसने किसी भूत को देख लिया हो । उसने अपने माथे पर हाथ रखकर, खुद से घबराते हुए कहा ।

कायरा - हे भगवान !!!! ये तू क्या कर रही है, कायरा ??? तू भूल गई क्या सबकुछ ??? ( हड़बड़ाते हुए खुद से कहती है ) नहीं कायरा ....., तू ऐसा नहीं कर सकती, तू नहीं भूल सकती सबकुछ । तुझे आरव से दूर रहना होगा । इन प्यार के एहसासों से, तुझे कोसों दूर जाना होगा कायरा । वरना ......., वरना सब कुछ बिखर जाएगा , सब तबाह हो जाएगा । इससे अच्छा है, कि तू इन सबसे दूर ही रह , आरव से, उनके खयालों से तू दूर रह । तभी सब कुछ बिखरने से बच सकता है ।

इतना कह कर, कायरा एक बार फिर अपने बिस्तर पर लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी । पर नींद थी , कि उसके आंखों को, अपने आगोश में लेना ही नहीं चाहती थी । वह सारी चीज़ों के बारे में, रात भर सोचती रही और उसकी आंखों से बेतहाशा आसूं भी गिरने लगे, जिसे वह सिसकते हुए पोंछे जा रही थी.............।

क्रमशः