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अनजान रीश्ता - 56

अविनाश अपने कमरे का दरवाजा बंद किए बिना ही सीधे वाशरूम की ओर आगे बढ़ता है । वह नल चालू करते हुए अपने चहेरे पर पानी छिड़क रहा था । और खुद को शीशे में देखता है । मानो टूट सा गया था । जैसे आज सब कुछ पूरी तरह से बिखर गया था। जो एक छोटी सी आश थी वह भी टूट गई । जो बंधन था वह आज पूरी तरह से टूट गया था । वह फिर से अपने चहेरे पर पानी छिड़कते हुए फिर से आईने में देखता है तो मानो उसकी आंखे जम सी गई थी । आंखे गुस्से से लाल हो रही थी । ( दांत को भीसते हुए ) वह पीछे मुड़ते हुए कहता है :
अविनाश: तुम... यहां क्या कर रही हो!?।
पारुल: ( सवालों से भरी नजरों से अविनाश की ओर देख रही थी पर कुछ बोल नहीं पाती । ) ।
अविनाश: ( चिल्लाते हुए ) मैने पूछा तुम यहां क्या कर रही हो!?। ( पारुल का हाथ को कस कर पकडते हुए )।
पारुल: ( जिस हाथ में चोट लगी थी उसी हाथ पर अविनाश ने कस कर पकड़ा था । ) अवि... यू... हर्टिंग मि..।
अविनाश: ( दर्द के साथ हंसते हुए ) हाहाहाहाह.... आहहान... सो में प्रिंसेस को दर्द पहुंचा रहा हूं .. ओह सॉरी ..सॉरी... ( हाथ को कसके पकड़ते हुए ) आई फ..किं.. ग डोंट केयर.. सुना तुमने मुझे कोई फर्क नही पड़ता तुम्हे दर्द हो रहा है या नहीं । गेट आउट..। ( पारुल का हाथ हवा में पटकते हुए ) ।
पारुल: ( शॉक में अविनाश की ओर देख रही थी । ) अवि.. आई.. ( शब्द नहीं निकल रहे थे उसके ) ।
अविनाश: क्या!! ( गुस्से में पारुल की ऑर देखते हुए )।
पारुल: ( खुद को संभालते हुए ) तुमने.. वो..!?।
अविनाश: ( गुस्से में कमरे से बाहर जा रहा था ।)
पारुल: ( चिल्लाते हुए ) तुमने वो गाना क्यों गाया..।
अविनाश: ( पीछे मुड़ते हुए पारुल की ऑर देखते हुए ) ( मुस्कुराते हुए ) क्या!! ? किस बारे में बात कर रही हो!?।
पारुल: ( गुस्से में अविनाश की ओर देखते हुए ) तुम अच्छी तरह से जानते हो मै किस बारे में बात कर रही हुं!।
अविनाश: ( सिर को ना में हिलाते हुए ) मै नहीं जानता क्योंकि मैंने तो ऐसे ही .. ! ( पारुल की ऑर देखते हुए ) मेरी गर्लफ्रेंड सोफिया को ये सांग पसंद था इसीलिए गाया क्या अब वह भी मुझे तुम्हारी इजाजत लेके गाना पड़ेगा ।
पारुल: ( मानो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई थी । उसका गला सुख रहा था । ) तो...!? ।
अविनाश: तो!! क्या ( सवाल भरी नजरो से पारुल की ऑर देखते हुए ) !! ? ।
पारुल: तो वह क्या था जो मैने स्टेज पर देखा था !?।
अविनाश: ( दांत भीस्ते हुए पारुल की ऑर कदम बढ़ाते हुए ) क्या देखा!!? ।
पारुल: ( कदम पीछे बढ़ाते हुए अविनाश की बात काटते हुए ) आंखो मे सवाल और दर्द !!दोनो ( दीवाल से टकराते हुए ) ।
अविनाश: ( दो और कदम पारुल की और बढ़ाते हुए ) ( धीरे से पारुल के कान में ) और तुम्हे ऐसा क्यों लगा की मेरी आंखों में दर्द और सवाल है । ( पारुल के बालो को छूते हुए उसके बालो का जुड़ा खोल देता है । जिससे कुछ बाल पारुल के चहेरे पर गिरते है । ) ।
पारुल: ( अविनाश को इतना करीब पाकर वह बोलना भूल गई थी। वह अभी भी दंग थी की अविनाश उसके बालो को छू रहा था। तभी उससे आभास होता है की उसकी हाइट कितनी छोटी है । मानो जैसा वह कोई खंभा हो । वह अविनाश को धक्का देने कोशिश करते हुए कहती । ) तू.. म.. जान.. ते.. हो..!!? ।
अविनाश: ( एक हाथ पारुल के सिर के पास दीवार पर रखते हुए । दूसरे हाथ से पारुल के चहेरे पर गिरे बाल को कान के पीछे करते हुए ! पारुल के चहरे के करीब अपना लाते हुए ) । मुझे पता होता तो मैं इतनी देर से तुम्हे थोड़ी पूछता । ( अविनाश की धड़कन तेज हो रही थी । ) ।
पारुल: ( दूसरी ओर चहेरा करते हुए ) क्या.. तुम..सच में सब कुछ.. भूल चुके हो!! इतनी.. आसानी से!!? जो हम (दर्द को छुपाते हुए ) डांस किया.. था .. और...।
अविनाश: ( आश्चर्य में मुस्कुराते हुए ) ( पारुल का चेहरा अपनी ओर करते हुए ) पहली बात मेरा चहेरा इस तरफ है । दूसरी बात आई मीन हमने किया होगा डांस उसमे कौन सी बड़ी बात है!! ।
पारुल: ( अविनाश का हाथ अपने चेहरे पर से हटाते हुए.. गुस्से में धक्का देते हुए। पर अविनाश अपनी जगह से एक कदम हिला तक नही । ) खास है यू इडियट... इसी सांग पर हमने एक दूसरे को वादा किया था की हम किसी और के साथ डांस नही करेगे ।
अविनाश: ( जोर जोर से हंसते हुए ) हाहाहाहाहा ... हाहाहाहाहा .... सीरियसली... तुम अभी तक उन सारी बातो को याद रखती हो । आई मीन कमोन ... ओहहह वैट ए सेकंड... अहहहा... तुम्हे मेरे साथ डांस करना है इसीलिए ये ड्रामा कर रही हो!! अरे! पहले ही बता देती मै मना नही करता इसमें कौनसी बड़ी बात...
पारुल: ( गुस्से में और शोक में अविनाश की देखती है । अविनाश की सोच इतनी घटिया कब से बन गई । वह बिना सोचे समझे अविनाश को एक थप्पड़ जड़ देती है ।) तुम.. बदल गई हो ये तो मै जानती थी पर इतने घटिया बन गए हो ये कभी नहीं सोचा था । आई हेट यू... सुना तुमने आई रियली हेट...।( पारुल अपनी बात पूरी करे उससे पहले ही उसकी आंखे आश्चर्य से खुली की खुली रह गई थी । उसके पेट में मानो तितलियां उड़ रही थी । अविनाश उससे किस कर रहा था । अविनाश उसे किस कर रहा था । वह अपने हाथ अविनाश के हाथ में छुड़ाने की कोशिश कर रही थी । पर अविनाश और भी उसकी कमर कस कर पकड़ते हुए पारुल को अपने करीब कर रहा था ।)
अविनाश: ( दिल तो ट्रेन की गति से धड़क रहा था । वह जानता था इसके बाद जो भी परिणाम होगा वह गलत होगा पर वह गुस्से में या पारुल के हेट यू कहने से मानो उसके दिल को यह किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं था । पारुल के चहेरे को अपने दोनो हाथो में लाते हुए ) आइंदा जितनी थप्पड़ मारनी है मार लेना कभी ऐसा उल्टा सीधा मत बोलना जिसका खामियाजा भुगतने के लिए तुम तैयार नहीं हो !! एम आई क्लियर! ।
पारुल: ( दिल जोरो से धड़क रहा था । गुस्सा भी आ रहा था । वह कैसे कर सकता है ऐसा । वह अविनाश को कोई जवाब नही देती । ) ..।
अविनाश: ( पारुल को कस कर अपनी ओर करते हुए मुस्कुराते हुए ) आई थिंग तुम्हे अभी भी समझ नही आई मेरी बात । ( पारुल के करीब जाते हुए ) ।
पारुल: ( अपने मुंह पर हाथ रखते हुए ) नो.. आई अंडरस्टैंड !! ।
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए पारुल की ऑर देखते हुए ) ओके धेन!! ( पारुल और अपने बीच थोड़ी दूरी बनाते हुए ) तुम जा सकती हो।
पारुल: ( बिना कुछ कहे दरवाजे की ओर भागती है की तभी अविनाश कहता है । ) ।
अविनाश: अपनी लिपस्टिक तो ठीक कर लो पहले ... ।
पारुल: ( आखिरी बार गुस्से में अविनाश की ओर देखती है । ) घटिया आदमी... ।
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए पारुल की ऑर आंख मारता है।) ।

पारुल के जाते ही अविनाश के चहेरे पे जो शरारत भरा चहेरा चला गया था । और बदले की आग वाला भाव दिखाई दे रहा था । अविनाश शयतानी मुस्कुराहट के साथ जोर जोर से हंसते हुए कहता है । " तूतूतूतू... उफ्फ पारुल कितनी कोमल हो तुम बिल्कुल फूल की तरह । हाहाहाहाहा.... हहाहाहाहा... ओह गॉड .. आई एम प्राउड ऑफ़ माय सेल्फ ... आई मीन उससे लग रहा होगा मैने इस लिए किस किया क्योंकि मेरे दिल में उसके लिए कोई जगह है । हाहाहाहाहा... ( सोफे पर बैठते हुए ) ओह परी!! आई एम सॉरी... पर सो सेड... तुम्हारे दिल से खेलने के लिए सॉरी.... हाहाहाहाहा..... । चलो अविनाश खन्ना एक पड़ाव तो पूरा हुआ अब लेट्स बिगेन विथ नेक्स्ट सो... अब स्टेज पर कमाल दिखाने की बारी है। बि रेडी प्रिंसेस!!! ( मुस्कुराते हुए ) ।