Safar ka Ant - 7 in Hindi Travel stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | सफर का अंत - 7

Featured Books
Categories
Share

सफर का अंत - 7

अरे इतनी भी बड़ी चुड़ैल नहीं है वो ओके जो मुझे तुम डरा रहे हो। में तो वहा घूम के भी वापस आ सकता हूं और में ये चुड़ैल आत्मा में भरोसा नहीं करता तुमको करना है करो और डरो ठीक है में तो चला

अरे अभी तो तुम डर रहे थे अचानक क्या हुआ तुम चेंज कैसे हुए और देख भाई में झूट नहीं बोल रहा और हा में कोई पेपर या टीवी न्यूज में नहीं देख कर आ रहा ठीक है।

अरे चोडो यार ऐसा कुछ नहीं होता ठीक है ऐसे वहेम मत पाल अपने मन में ओके

[कुछ देर बाद]

हाहाहा मुझे मारा था ना अब बदला लूंगी मेरी मौत का हहाहा किसीको नहीं छोडूंगी सबको मर दूंगी हाहहा। ये तुम लोगो ने बिल्कुल भी अच्छा नहीं किया है जिस वक़्त काली रात शुरू हुए उसी वक़्त से तुम लोगो का बुरा वक़्त शुरू समझो

[लोकेशन चेंज]

अरे रुद्र सुनो तो चलो अब घर के लिए निकलते है मेने सब कुछ ले लिया है

ठीक है फिर चलो और वैसे भी लेट हो रहा है। और घर भी काम है

और हा सुनो वो कंपनी की डिटेल वाली फाइल भी लेले ना ठीक है मुझे सारी इनफॉर्मेशन चाहिए

ठीक है भाई में लेलुंगा। और कुछ लेना है तो बतादो

नही नही बस इतना ही। लेना है अब चलो हमे लेट भी हो रहा है

ओके ओके

वैसे भाई सुनो तो आपकी कोई लव शव की स्टोरी है भी या नहीं

अरे शंकर भाई कहा से होगी बचपन से काम पे फोकस करते आ रहे है ऐसी चीजों में ध्यान ही नही दिया है आज तक

ओह अच्छा ऐसा है। कोई नी सबकी किस्मत में एक तो लव स्टोरी होती ही है सो डोंट वरी आपकी भी लव स्टोरी बनेगी

चलो देखते है। क्या होता है अगर तुम्हारी बात सही निकली तो हम तुम्हे मान जाएंगे

तो ठीक है फिर अब समय आने पर में तुमको ओके का इशारा कर दूंगा तुम समझ जाना कि अब लव का लफड़ा शुरू हो गया है

ठीक है तो फिर यही होगा अब

चल छोड़ जब होगा तब देखा जाएगा देख लेंगे आने वाली को और रही बात लव स्टोरी की फिर वो कहीं हमारी दोस्ती ख़तम होने का न्योता ना लेके आए वरना क्या पता प्यार के चक्कर तुम अपने दोस्त को भी भूल जाओ

अरे शंकर भाई तुम इस तरह बात क्यू कर रहे हो। पहली बात ये कि में अपनी दोस्ती के बीच में प्यार को नहीं आने दूंगा। और तुम भी अपनी दोस्ती के बीच में प्यार को नहीं लाओगे ओके

ओके भाई पहले आने तो दो ऐसे डिस्कसन करने का कोई मतलब नहीं क्यू की अगर हम आगे का सोचते रहेंगे तो खामखां परेशान ही रहेंगे इस लिए आगे का मत सोचो अगर आगे का सोचना ही है तो बेटर सोचो जो हमारे काम आए ओके

येस ऑफ कोर्स भाई। वैसे सुनो अब घर आग़या है सो कल फिर मिलेंगे ठीक है

ओके चलो बाय

[सफर का अंत पढ़ने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ]
पढ़ना जारी रखे...