Lavanya - 15 books and stories free download online pdf in Hindi

लावण्या - भाग 15

लावी अब ठीक थी और वो पहेले से बेहतर भी,,,,,, अपने सारा दोस्तो से मिलकर,,, सब वहा बैठेहुए थे लक्षको लगा उसका वहा रुक ना लावी को अच्छा नही लग रहा है ,!तो वो सब को बाय बोलकर अपने घर के लिए निकल गया............
लावण्या ने एक बार भी उसे मुड़ कर नहीं देखा था,,,,, पर लक्ष उसे बार-बार मुड़ कर देख रहा था,,,,।
शाम होने आई थी,,,,,
सब ने साथ मे ही डिनर लिया,,,,,, सिया _सचिन सबको बाय बोलकर अपने अपने घर चले गए,,,,,
लावण्या कुछ देर तक अपने मामा मामी के साथ बैठी फिर अपने रुम में चली गई,,,,,,
जब वो रूम में आई तो उसने देखा के विक्रांत के सात आठ मिसकॉल पड़े थे,,,,,, पहले उसने सोचा कि है जाने दो नहीं बात करनी फिर उसने कुछ सोचा और फोन लगा
दिया,,,,,,
विक्रांत _____ ने जैसे ही देखा लावी का फोन आया उसने तुरंत रिसीव करते हुए कहाँ
कैसी हो,,,,?

लावण्या ___
ठीक हुं ,,,

विक्रांत ___
कब आने वाली हो ,,,,?

लावण्या ने कहा_______कहां पर,,,??

विक्रांत ने कहा हमारे घर

ओ वह घर मेरा भी है मुझे आज ही पता चला,,,,,, लावण्या ने ताना कसा,,,,,!

विक्रांत ने उदास होते हुए कहा ,,,,,,,,,,,,सॉरी यार घर आ जाओ पर।

कहीं दूर जाकर बात करो शायद तुम्हारे मां-बाप आप पास होंगे,,,,,,,,
प्यार जताने की जरूरत नहीं है ,,,,,,,वह घर मेरा नहीं है,,, ना तुम,,,,!!
जिस दिन तुमने ने मुझे गलत तरीके से छुआ था,,, तब तुम मेरी नजरों से उतर गए थे ,,,,
जिस दिन तुमने शेखर की वजह से मुझ पर हाथ उठाया था उस दिन तुम और तुम्हारा घर,,,,, मेरे दिल से उतर गया था।।।।
और जिस दिन तुमने मेरे बच्चे को मारा था उस दिन से मेरे दिल में तुम्हारे लिए जो बची कुची इज्जत और थोड़ा मान था वह भी चला गया,, !!
मुझे नहीं पता में कब तक यहाँ रुकने वाली हुं।
पर मैं यहां हूं तब तक तुम मुझे ना कॉल करो ना मुझसे बात करने की कोशिश,,,,,,
मैं ठीक होने के बाद अपने आप ही वहाँ आ जाऊंगी,,,,, और उसे फोन कट कर दिया।
फिर वह खिड़की के पास आई और खुलकर अपने अंदर खुली हवा सांसों में भरने लगी जैसे आज उसे आजादी मिली हो,,,,!!!
बाहर खड़े सुधीर जी ने सारी बातें सुन ली थी,,,, उन्हें भी आज अच्छा लग रहा था,,,,
की इन तीन सालो मैं पहली बार लावण्या खुद के लिए सोचा था,,वो खुश थे।
वो लावी से बात किए बिना ही नीचे आ गए,,,,,
सुधा जी _____
क्या हुआ जी,,,, लगता है अपनी बेटी से बहुत ज्यादा बात की है ,,,,,,,खुश नजर आ रहे हो,,,,

सुधीर जी___
हा खुश हुं........ पर उस्से बात कर के नहीं,,,उसकी बात सुनकर,,,,,और उन्होंने सारी बात बता दी,,,,,,,
इस बात पर सुधा जी खुश हो गई ,,,,,,दोनों खुश थे,,, क्योंकि उनके लिए तो लावी उनकी बेटी ही थी,,,,,और आज वो खुश थी तो वो दोनो भी खुश थे,,,,,,,!
**********

देखते ही देखते दिन गुजरने लगे,,,,,, आज लावण्या को आए हुए एक महीना हो गया था,,,,,,
सब लोग उसे खुश करने की पुरी कोशिश करते थे,,,,,,और वह खुश भी रहने लगी थी,,,,,, सारे दोस्त मिलकर अलग-अलग जगह जाते वक्त निकाल कर,,,
सब घूमते थे,,,,,
लक्ष भी आता था ,,,,,,लावण्या उसकी इंसल्ट करती थी उसके बाद भी.......
क्योंकि इतने सालो बाद उसकी बातों को सुन्ने का मौका मिला था,,,,वो उसकी बकबक सुन्ने के लिए तरस गया था,,,,,,
उस पर ना लावी का गुस्सा असर करता था ना उसे वह बातें बुरी लगती थी,,,,,,!
पर अर्थ को बहुत ज्यादा गुस्सा आता था लावण्या की ऐसी बातों से,,,,
पर लक्ष उसे इशारा करता और वह चुप रह
जाता,,,,,,,!

आज लावण्या सब को लंच की ट्रीट दे रही थी ,,, उसने लक्ष को इनवाइट नहीं किया था,,,,,पर सिया ने उसे कोल करके बुला लिया था।
लावण्या ने टेरेस रेस्टोरेंट में टेबल बुक करवाया था,,,,,,, सर्दी का महीना चल रहा था तो सब धुप में बैठकर खाना इंजॉय कर रहे थे,,,,,
खुली हवा थी थोड़ी ठंड लग रही थी पर सबको मजा आ रहा था ।
सब अपनी पुरानी बातें कर रहे थे,,,, पुरानी बाते और वो दिन याद कर के सब बहुत हंस रहे थे,,,,,

तभी लक्ष ने लावण्या को कहा लावी तुम्हें याद हे आज के दिन क्या हुआ था,,,,???

लावण्या ने बिना कोई भाव से कहा,,,,,, नहीं

लक्ष ने थोड़ा सेड होकर कहा,,,,,, तुम भूल गई ,,,,,आज ही के दिन मैंने तुम्हें प्रपोज किया था,,,,,!!

लावण्या आह भरते हुए कहा_______ भूली नहीं हूं ,,,,,,बस भुला दिया है मैंने उस मनहूस दिन को,,,,
मुझे बस वो दिन याद रहेता है जिस दिन तुमने मुझ को खुद से दुर किया था।
प्यार लाइफ मे एक बार ही आता है,,, और आप उसकी इज्ज़त ना करो ना,,,,,
फिर तो वो आपका होकर भी आपका नहीं हो पाता,,,,,,,
बस मेरा यही हाल है।
लक्ष _____
लावी जैसा तुम सोच रही हो ऐसा बिल्कुल नहीं है,,, मैं भी तुमसे,,,,,वो रुक गया।

लावण्या_____
,,,,, बोलो..... रुक क्यु गए ,,,,?

लक्ष _____लक्ष कुछ नहीं बोला।

लावण्या ने कहा____ मुझे पता था ,,,,तुम्हारे पास कहने के लिए कुछ भी नहीं..... तुम झूठे थे और झूठे ही रहोगे हमेशा के लिए ,,,,,,,
एक बात कहूं,,,,,मुझसे तुम डिस्टेंस रखा करो ,,,,,और हो सके तो मेरे सामने आने की कोशिश मत करो,,,,, हां मैं तुमसे प्यार करती हूं,,,,,,,
पर में माफ नहीं करूंगी,,,,,,! और जो प्यार तुमसे हुआ है वो शायद किसी और से नही होगा।
पर क्या करु तुम्हारी शक्ल देख कर मुझे वह सब पुराना याद आ जाता है,,,,
जो तुमने मेरे साथ किया और मुझसे जो कड़वी बात कही वो भी
लावण्या के मुंह से यह सब कड़वी बातें सुनकर लक्ष खड़ा हुआ और वहां से बिना कुछ खाए ही निकल गया,,,
उसकी आंखे नम हो गई थी,,,,,
और वह चाह कर भी उसे सच नहीं बोल पाया,,,,,!
जैसे लक्ष वहाँ से निकला अर्थ ने जोर से टेबल पर एक मुक्का मारा और कहा
बस लावी बस इनफ हो गया,,,,,
तुम बहुत ज्यादा कर रही हो,,,,,,, पिछले 1 महीने से देख रहा हूं कि जब देखो तुम लक्ष की इंसल्ट करे जा रही हो ,, ,,,,,,! तुमने एक बार भी कोशिश की कि उसने तुम्हारे साथ ऐसा क्यों किया ,,,,, कभी सोचने की कोशिश की कि वह तुम्हारे साथ ऐसा नहीं कर सकता और किया तो क्या रिजन है,,,,,,,,,,,,
बिना कुछ जाने पहचाने तुम उसको हर बार हर्ट कर रही हो,,,,,
सिया और सचिन इशारे से मना कर रहे थे,,,,,,,की वह कुछ ना बोले ,,,!
फिर भी उसने कहा_____ तुम दोनों चुप रहो,,,, यह तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड है ,,,तो मेरो भी है,,,,,पर आज मैं चुप नहीं रहुंगा,,,,,,
उसने कहा
जिस दिन तुम बेंगलुरु जा रही थी ना,,,,,, उस दिन तुम्हारे पीछे लक्ष आया था ना ,,,,,, तुम्हारे जाने के बाद उसका एक्सीडेंट हुआ था,,,,,,,जान लेवा
वह उस हाल में भी तुम्हें याद कर रहा था ,,,,,उसने तुम्हें अपने आप से दूर तब किया जब उसे पता चला कि उसकी दोनों किडनी डैमेज हो गई है,, !
और कभी भी वह खराब हो सकती है,,,, अगर डोनर ना मिला तो उसकी जान भी जा सकती है,,,,!!
उसने सबको कसम दे रखी थी ,,,, सबको ........जिसमें तुम्हारी फैमिली आती है,,,,
वो नहीं चाहता था कि तुम्हारी और उसकी शादी हो और उसके जाने के बाद तुम्हें उसकी विधवा बनकर जीना पड़े,,,,,,,,
इस लिए उसने खुद से तुम को दूर किया वह इन 6 सालों में कितनी तकलीफ में रहा है पता है,,,, मैंने बहुत करीब से देखा है तुम्हारे बिना तड़पते हुए,,,,,,, इतना बोल कर वो गुस्से में वहां से चला गया,,,,,,
जैसे ही लावण्या ने सब कुछ सुना वह बुत बनकर वहाँ जम गई,,,,,,
वो स्टेचू के मापक कुछ भी बोले बिना वही बैठी रही,,,,,
उसकी आंखों से लगातार आंसू बहने लगे,, वह क्या करें उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था।
लावण्या खड़ी हुई उसने सिया के हाथ से उसकी स्कूटी की चाबी ली और उसे कुछ भी बोले बिना वहां से चली गई ,,,,,,,,,,,,
सचिन ने उसे रोकने की कोशिश की तो सिया ने उसे रोकते हुए कहा,,,,,
जाने दो यार अब नहीं,,,,,,,,
लावण्या की आंखें भरी हुई थी वह स्कूटी फुल स्पीड में चलाते हुए जा रही थी।
वो काफि सिग्नल तोड़ते हुए लक्ष की जहां ऑफिस थी वो वहाँ पहुँची,,,,,,
सिक्योरिटी गार्ड ने उसे रोका तो नाम नंबर लिखवाकर वो लिफ्ट की राह देखे बिना ही सीढ़ियों से 4 माला चढ़कर उसकी ऑफिस मे पहुंची,,,,,,
वो पुरी तरह से हांफ रही थी ,,,,, उसने वहा की रिसेप्शनिस्ट को हांफते हुए कहा मुझे लक्ष से मिलना है,,,,,

रिसेप्शनिस्ट_____
ने उसे देखकर कहा देखो मैम आप पहले आराम से बैठ जाओ,,,,,, सर और बड़े सर दोनों अभी मीटिंग में है,,,,उन्हें आधा घंटा लगेगा,,,!!
तब तक आप उनका बाहर इंतजार करो,,,

लावण्या____
प्लीज मैम मुझे अभी मिलना है,,,, प्लीज मुझे बतादो वो कहा है ,,,, मैं चली जाऊंगी,, !

नहीं मैम आप एसे नहीं जा सकती

दोनों के बीच बहस हो गई,,, लावी गुस्से मैं बोलने लगी मुझे अभी मिलना है,,,, तुम मुझे नहीं रोक सकती

रिसेप्शनिस्ट___थोडा घबराई उसने
सिक्योरिटी गार्ड को बुला दिया,,,,,,,,,,,,
सिक्योरिटी गार्ड ने उस्से रिक्वेस्ट की और कहा मैम प्लीज शांति रखो,,,,,,,,वो उसे समझाने लगा,,,, पर वो अब किसी की सुन्ने वाली नहीं थी।
इन लोगों की आवाज इतनी तेज थी कि सारे ऑफिस वाले स्टाफ खड़े होकर वहां जमा हो गए,,,
वहां के प्यून ने मीटिंग रूम में जाकर बताया कि कोई लड़की आई है जो लक्ष सर से मिलना चाहती है,,,और वहा हल्ला मचा दिया है,,,,
लक्ष और चंद्रशेखर जी थोड़े दुविधा में पड़ गए क्योंकि लावण्या के आनेकी तो वो कोई उम्मीद ही नही कर सकते थे ,,,,,,
तो यह कौन आया है जो यह तमाशा कर रहा
है,,,,,
वह सब मीटिंग रूम से बाहर आये ,,,,,,जैसे ही दुर से लावण्या ने देखा की लक्ष आ रहा है ,,, वो सबको धक्का देती हुई,,,,, दौड़कर लक्ष से लिपट गई,,,,
लक्ष ने भी उसे उठाकर कर अपनी बाहो मैं भर लिया,,,,,
वो जोर जोर से रोए जा रही थी,,,,
चंद्रशेखर जी ने सबको बोला मीटिंग कल होगी आज मेरे बेटे की खुशियां वापस आइ हैं,,,,
उन्हों ने सबको अपनी जगह जाकर अपना-अपना काम करने को कहा
और उन्होंने मीटिंग पोस्पोन करदी।

उन्होंने अपने पार्टनर की और देखकर कहा हम कल मिलते है,,, मिटिंग कल होगी ईतना कहकर वो अपने केबिन में चले गए,,,,,!
वहाँ सब लोग इन दोनो को देख रहे थे,,,, लावण्या छोटे बच्चे की तरह उसकी बाहो मैं थी,,,, उसका रोना बंद नही हुआ था,,,,!
लक्ष उसे एसे ही उठकर जहाँ मिटिंग चल रही थी उस कमरे में ले गया,,,,,
उसे टेबल पर बिठाया और शांत करते हुए कहां यार चुप हा जाओ प्लीज,,,,,,
क्या हुआ ये तो बताओ,,,,??
ऐसे रोना बंध करो।
लावण्या_____ ने उसकी बात सुनकर उसे
जोर से चाटा मारा,,,,,
लक्ष _____
शोक्ड था,,,, उसने अपना गाल सहलाते हुए कहा यार तुम मुझे मार क्यों रही हो,,,,,?
वो फिर पर उसके सीने पर दोनो हाथ से मारने लगी,,,,,,उसके आंसु अभी भी बंध नही हुए थे,,,,,,,
लक्ष को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह उसे चुप कैसे कराएं,,,
उसने लावण्या के चहेरे को अपने दोनो हाथो मे लिया और उसके होठो पर अपने होठ रख दिये,,,,,,
ये एहसास दोनो को काफि सालो बाद हुआ था दोनो एक दुसरे में खो गए,,,,,
थोडी देर बाद लावी ने लक्ष को अपने आपसे दूर किया और फिर से एक थप्पड मार दिया,,,,,
लक्ष ने फिर हंसकर कहा ,,,,,बस यार अब तो दोनों गाल लाल हो गए मेरे,,,,,,
मार क्यु रही हो,,,,???

तुमने मुझसे इतनी बड़ी बात क्यों छुपाई,,,,, उसने रुआँसी आवाज में कहा,,,,

कौन सी बात उसने अंजान बन्ने की कोशिश की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मुझे अर्थ ने सारी बात बता दी है,,,क्यु एसा किया यार,,,,,, तुम्हें क्या लगता है,,,,,
तुम अकेले मुझसे प्यार करते हो मैं नहीं करती तुमसे,,,?
इतना कुछ झेलते रहें,,,,,,,
मेरी गलती की वजह से
इसके जिम्मेदार भी में थी ,,, तुम्हारी जगह यह सब मेरे साथ होना था।
अकले ही बिछड़न का दर्द झेलते रहै,,, मेरी नज़रो में बुरे बनते रहे,,,,मुझे भनक तक नहीं लगी,,,,,
लावी की आंखें लाल हो चुकी थी उस की आंखों से आंसू अभी भी बह रहे थे,,,,,!

लक्ष ने फिर से उसे गले लगा दिया और उसके बाल सहलाते हुए कहा सॉरी,,,,,

लावण्या___
सॉरी कहने से ना मेरे छे साल वापस आ जाएंगे ना तुम्हारा दर्द कम होगा,,,,
यार तुम्हारे साथ जिया हुआ एक पल भी मेरे सदियों के बराबर हैं,,, और तुम केसे बोल सकते हो की तुमको कुछ होगा,,,,,तुम को क्या लगता है ,,,में तुम्हे कुछ होने देती
और मुझसे अलग होने का फैसला तुम अकेले कैसे ले सकते हो,,,
उसने लक्ष का कोलर पकड़कर कहा..........अगर प्यार हम दोनों का था तो यह फैसला भी हम दोनों को होना चाहिए,,,,,,,!!!
क्यु किया ,,,,
लक्ष _____
सॉरी सॉरी सॉरी माफ करदे यार,,,,,
हो गई गलती मैं तुम्हें परेशान करना नहीं चाहता था मुझे लगा अगर तुम्हें पता चलेगा तो तुम मेरे पीछे अपनी पूरी लाइफ खराब कर दोगी इसीलिए मैंने यह सब किया,,,,,

वैसे भी खराब हो गई, एक गलत इंसान से शादी कर कर,,,,,,,,,, एक बार बोला होता हम बहुत कुछ बदल सकते थे।
तुम्हें पता है मेरे साथ क्या-क्या हुआ और उसने अपनी शादी की पहली रात से लेकर अब तक जो कुछ हुआ वह सब बता दिया,,,,,
सारी बातें श्रुति ने नहीं बताई थी जो लावण्या ने बताई,,,,,,,,
लक्ष कि आंखें गुस्से मैं , लाल हो चुकी थी ,,,
उसने अपनी लावण्या को फिर से कसकर गले लगाकर कहा अब कुछ भी हो जाए ,,,
मैं तुम्हें दूर नहीं जाने दूंगा,,,,,
लावण्या_____
मुझे भी कहा तुमसे दुर जाना है,,,,,
लक्ष ने लावी को अपने और करीब लाया फिर लावी के चहेरे पर आ रहे बालो को हटाया और उस चहेरे को प्यार से देखता रहा,,,,

लावण्या____
क्या देख रहे हो,,,,,

लक्ष _____ तुम को,,,,
सच कहु तो
तुम्हारे जाने के बाद मैं बहुत अकेला हो गया था,,,,, मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि कभी इस तरह से मैं तुम्हें छू पाऊंगा या महसूस कर पाऊंगा।
मुझे लगा था,,,,,,तुम मेरे लिए बस वो हवा हो जैसी हो,
जिसे सिर्फ फिल किया जाता है,, पकड़ा नहीं

क्रमश..........जारी है