Story of Mowgli, Ballu books and stories free download online pdf in English

मोगली, बल्लु की कहानी

जंगल बुक गरमियों के दिन थे। जंगल के सभी जानवर दोपहर में आराम कर रहे थे, ताकि शाम के समय वे शिकार पर जा सकें।

शाम को भेड़िया पापा अपने परिवार के लिए शिकार करने निकले। अचानक उन्हें जंगल में एक आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने अपने आसपास देखा, तो उन्हें झाड़ियों में एक अजीब-सा जीव दिखाई दिया। वह एक मानव जीव था। उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था।

भेड़िया पापा ने आश्चर्य से कहा, “इन्सान का बच्चा!” उन्होंने इधर-उधर देखा और भगवान को धन्यवाद दिया कि कोई अन्य जानवर वहां नहीं पहुंच पाया। फिर वे उस बच्चे को अपने साथ घर ले गए।

इस तरह वह इन्सानी बच्चा भेड़ियों के दल में आ गया, जिसका नेतृत्व बुद्धिमान भेड़िया अकेला के हाथों में था। जब शेर खान नामक बाघ ने यह सब दूर से देखा, तो उसे बहुत बुरा लगा। वही तो उस बच्चे को इन्सानों की बस्ती से चुराकर जंगल में लाया था।

भेडिया मम्मी और उनके बच्चे इस नन्हे जीव से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने फैसला किया कि वे उसे अपने साथ रखेंगे। भेड़िया मम्मी ने कहा, “आज से इसका नाम ‘मोगली’ होगा।” इस प्रकार मोगली अपने भेड़िया भाई-बहनों के बीच पलने और बढ़ने लगा। भेड़िया पापा ने अपनी पत्नी से कह दिया था कि हमें इस बच्चे को शेर खान से बचाकर रखना है। भेड़िया मम्मी मोगली की देखरेख इस तरह करती थीं, जैसे वह उनका अपना बच्चा हो। कुछ ही समय में मोगली सभी जानवरों का दोस्त बन गया।

इधर शेर खान हर समय मोगली को दूर से देखता रहता था। वह इन्सान के बच्चे को खाने के लिए उचित अवसर की प्रतीक्षा कर रहा था।

एक दिन बुद्धिमान भेड़िया अकेला, भालू बल्लू और पैंथर बघीरा एक साथ बैठे मोगली के बारे में बातें कर रहे थे। भेड़िया अकेला ने कहा, “हमें मोगली को जंगल की औलाद की तरह पालना होगा। बल्लू और बघीरा! तुम दोनों इसकी रक्षा करो तथा इसे जंगल के नियम-कानून सिखाओ।”

इस तरह कई साल बीत गए। मोगली भेड़ियों के बीच रहकर बड़ा हो गया। बल्लू अपने नए शिष्य मोगली का हर तरह से ख्याल रखता था। उसने उसे मेवे और शहद खोजना सिखाया। इसके अलावा उसने मोगली को कई जानवरों की बोली भी सिखाई। मोगली ने पेड़ों पर चढ़ना, नदी में तैरना और शिकार खेलना आदि भी सीख लिया था।

बघीरा ने मोगली को यह भी सिखाया कि इन्सानी जाल और फंदे आदि से कैसे दूर रहना चाहिए तथा उनसे कैसे छुटकारा पाना चाहिए। एक दिन एक नन्हा भेड़िया विवेकहीनता के कारण शिकारियों द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गया। शेर खान चाहता था कि वह उसे पकड़कर खा ले, लेकिन मोगली ने किसी तरह भेड़िये के उस बच्चे को बचा लिया। यह देखकर शेर खान मोगली से नाराज हो गया।

भालू बल्लू ने मोगली को कुछ जादुई शब्द भी सिखाए थे, जो जंगल में परेशानी के समय काम आ सकते थे। कुछ ही दिनों में मोगली ने उन जादुई शब्दों को याद कर लिया था। उस जंगल का कोई भी जानवर मोगली को नुकसान नहीं पहुंचा सकता था।

जब शेर खान को यह एहसास हो गया कि वह मोगली को नहीं पकड़ सकता, तो उसने फैसला किया कि वह बंदरों की मदद लेगा। बंदर लोग उस जंगल के सबसे खतरनाक जानवर कहे जाते थे।

एक दिन मोगली अपने बैठने के लिए मचान बना रहा था और बंदर लोग उसे देख रहे थे। जब दिन ढला, तो दो बंदर मोगली का अपहरण करके एक पहाड़ी पर ले गए, जहां जंगल बहुत घना था। मोगली चाहता था कि उसके वहां होने की खबर बघीरा और बल्लू को मिल जाए। जब उसने आकाश में उड़ती एक चील राणा को देखा, तो उसे जादुई शब्द याद आ गए। वह बोला, “हम सबका एक ही खून-मैं और तुम।” यह सुनकर चील राणा को एहसास हुआ कि मोगली खतरे में है और वह कोई अजनबी नहीं है। मोगली आगे बोला, “मैं मोगली हूं। क्या तुम पैंथर बघीरा और भालू बल्लू को बता दोगी कि बंदरों ने मेरा अपहरण कर लिया है। वे मुझे पहाड़ी के घने जंगल में ले आए हैं।” चील राणा ने हामी भरी और मोगली के दोस्तों को संदेश देने के लिए तेजी से उड़ गई।

बंदर लोग मोगली को बंदरों के देश में ले गए। जब पैंथर बघीरा और भालू बल्लू को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने ‘कॉ’ नामक अजगर से मदद मांगी। कॉ ने पहले तो इनकार कर दिया, लेकिन जब उन्होंने उसे मोगली के बारे में बताया, तो वह उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गया। फिर वे सभी अपने अभियान पर निकल पड़े। उन्हें किसी भी स्थिति में मोगली को बचाकर वापस लाना था। पैंथर बघीरा और भालू बल्लू को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने ‘कॉ’ नामक अजगर से मदद मांगी। कॉ ने पहले तो इनकार कर दिया, लेकिन जब उन्होंने उसे मोगली के बारे में बताया, तो वह उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गया। फिर वे सभी अपने अभियान पर निकल पड़े। उन्हें किसी भी स्थिति में मोगली को बचाकर वापस लाना था। पैंथर बघीरा और भालू बल्लू को मोगली से बहुत प्यार था |

शीघ्र ही वे तीनों बंदरों के देश में जाकर छिप गए। वे उस जगह से मोगली और उसके आसपास घेरा डाले खड़े सैंकड़ों बंदरों को देख सकते थे।

कुछ देर बाद कॉ ने कहा, “अब समय हो गया है। चलो, मोगली की जान बचाने चलें।”

बघीरा अपने ताकतवर पंजों से बंदरों को नोचने लगा। वे पीड़ा के कारण चिल्लाने लगे। लेकिन कुछ बंदरों ने बल्लू पर हमला कर दिया। ऐसे में कॉ बाहर आया और अपनी पूंछ से बंदरों पर करारा वार करने लगा। सारे बंदर डरकर भाग गए। इस प्रकार बल्लू ने चैन की सांस ली। फिर अजगर कॉ ने किसी तरह उस जगह को तोड़ दिया, जहां मोगली को बंदी बनाया गया था। मोगली वहां से आजाद होकर एक पेड़ के पीछे छिप गया।

अचानक बघीरा को बहुत से बंदरों ने घेर लिया। कुछ बंदरों ने मोगली को दूसरी जगह बंद कर दिया। तभी मोगली को याद आया कि बंदरों को पानी से बहुत डर लगता है, अतः वह चिल्लाकर बोला, “बघीरा, पानी में कूद जाओ।” बघीरा ने ऐसा ही किया और बंदरों के हमले से बच गया।

मोगली बंदरों की कैद से आजाद हो गया। एक दिन वह घूमता हुआ जंगल के आखिरी छोर तक जा पहुंचा, जहां उसे एक इन्सानी बस्ती दिखाई दी। वह बस्ती में गया। वहां उसकी भेंट मेसुआ नामक एक औरत से हुई, जिसके बेटे को बहुत समय पहले एक बाघ उठा ले गया था। मोगली गांव में ही मेसुआ के पास रहने लगा। मोगली को गांव में जानवरों के झुंड की देखरेख का काम सौंपा गया।

एक दिन मोगली के एक भेड़िया भाई ने गांव में आकर उसे बताया कि शेर खान उसे मारने की योजना बना रहा है।

मोगली जानता था कि शेर खान अपनी दुश्मनी कभी नहीं भूल सकता, इसलिए उसे समाप्त करना बहुत जरूरी है। ऐसी स्थिति में उसने उसे मारने के लिए मन-ही-मन में एक योजना बनाई और उसमें अपने सभी भेड़िया भाइयों को भी शामिल कर लिया | मोगली ने अपने भेडिया भाइयों की मदद से शेर खान को एक घाटी में आने के लिए तैयार कर लिया।

जब शेर खान घाटी में पहुंचा, तो मोगली ने घाटी के दोनों ओर से भैंसों का एक-एक रेवड़ छोड़ दिया। वह स्वयं भी एक भैंस पर बैठा था। शेर खान भैंसों के पैरों तले कुचलकर मर गया। मोगली ने चैन की सांस ली।

वह निर्भय होकर गांव में रहने लगा। अब उसे किसी भी जानवर का भय नहीं था। लेकिन एक दिन गांववालों ने मोगली पर जादूगर होने का इल्जाम लगाकर उसे गांव से बाहर निकाल दिया। मोगली जंगल में वापस आ गया, लेकिन अब उसके पास रक्त फूल था-लाल रंग का फूल यानी अंगारे।

अब मोगली जवान हो गया था। भेड़िया अकेला की मौत के बाद मोगली उदास रहने लगा और दूसरे जंगलों में जाकर घूमने लगा। एक बार फिर उसकी भेंट मेसुआ से हुई। उसने मेसुआ को सारी बात बताई। तब मेसुआ को यकीन हो गया कि उसके जिस बेटे को बाघ उठा ले गया था, वह मोगली ही है। मेसुआ ने उसे अपने खोए हुए बेटे की कहानी सुनाई। तब मोगली ने उसके साथ ही रहने का निर्णय किया।

इसके बाद मोगली अपने इन्सानी परिवार के साथ खुशी-खुशी अपना जीवन बिताने लगा। लेकिन वह जंगल के अपने साथियों को कभी नहीं भूला, जिन्होंने कदम-कदम पर उसकी सहायता की थी।