Junoon - ishq ya badle ka..- 12 books and stories free download online pdf in Hindi

जुनून - इश्क या बदले का... - 12

अगली सुबह...💞💞💞

सिमरन आज जल्दी ही उठ गई थी । इसी लिए वो रेडी होके नीचे चली जाती है। जब वो नीचे आती है तो उसे कोई नहीं दिखता तो वो समझ जाती है कि अभी तक सब सो रहे है।



तो वो घर के मंदिर कि तरफ़ चली जाती है। चाहे दादी कितनी भी मॉर्डन जमाने कि क्यों ना हो । पर सिमरन जानती है कि वो पूजा पाठ में भी बोहोत मानती है। और रोज़ सुबह पूजा करती है।

इसीलिए सिमरन मंदिर में जाके वहां कि साफ़ सफाई अच्छे से कर देती है । फिर वो कान्हा जी कि फूलों कि माला को बदल देती है । और सारे दियों मे घी डाल कर , पूजा कि थाली को भी अच्छे से सजा देती है । और बोहोत ही खूबसूरत फूलों कि रंगोली बना देती है।

मंदिर काम हो जाने के बाद वो किचन कि तरफ चली जाती है। जो आरव देख लेता है । दरअसल आरव अपने रोज रूटिंग के हिसाब से वो जिम करके अपने रूम कि तरफ़ जा रहा था । तब उसने सिमरन को मंदिर से बाहर निकलकर किचन कि तरफ जाते हुए देखा। वो ज्यादा उसपे ध्यान दिए बिना अपने कमरे में चला जाता है , फ्रेश होने के लिए।

जब सिमरन किचन मे जाती है , तो ऑलरेडी घर के सैफ ब्रेकफास्ट बना ना शुरू कर चुके थे । सिमरन जाके उनकी मदद करने लगती है । तो सैफ उसे मना करते हुए कहेत है कि वो सब कर लेंगे । उसे काम करने कि जरूरत नहीं है। लेकिन सिमरन नहीं मानती और उनकी थोड़ी बोहोत हेल्प कर देती है । ब्रेकफास्ट बनाने में ...

किचन से बाहर निकल कर , जब वो हॉल में आती है , तब भी उसे कोई नहीं दिखता तो वो वापिस अपने कमरे में चली जाती है।

लगभग 7:00 बजे पूरा परिवार मंदिर में इकठ्ठा हो जाता है।

मंदिर कि सजावट को देखकर पूरी फैमिली हैरान थी । क्योंकि आज से पहले कभी भी किसी ने भी मंदिर को इतनी खूबसूरती से नहीं सजाया था । दादी सारे सर्वेंट्स को पूछती है कि ये सजावट किस ने कि पर किसी को नहीं पता था, कि ये किस ने किया था ।

वही आरव समझ चुका था , कि ये सब सिमरन ने किया है । वो भी हैरान था । उसे ये सब काम भी आते हैं। वरना उसे तो लगता था कि मैडम को उससे लड़ने के अलावा कुछ नहीं आता ।

कुछ देर में सिमरन भी नीचे मंदिर में आ जाती है। आरव सिमरन को देखकर अपनी दादी से केहता है ।

किसी भी सर्वेंट्स से पूछने कि कोई जरूरत नहीं है , दादी ये काम आपकी लाडली गेस्ट कम पोती ने किया है। वो इस तरह केहता है , कि समाज पाना मुश्किल है कि वो तारीफ कर रहा है या ताना मार रहा है।

सब लोग आरव को हैरानी से देखते हैं। फिर सिमरन को दादी सिमरन से कन्फॉम करने के लिए पूछती है तो सिमरन बस अपनी गर्दन हा मे हिला देती है ।।। तो दादी खुशी से उसे गले लगा लेती है । फिर सब मिलकर पूजा करते हैं।

डाइनिंग टेबल पर सब आके बैठ जाते है। और ब्रेकफास्ट करने लगते है। आरव अपने मोबाइल को स्क्रॉल करते हुए करेले का जूस पी रहा था। सिमरन उस ऐसे आरम से करेले जा जूस पीते हुए देख अजीब सा मुंह बनाती है । और मन में कहेती है । ( ये सनकी आदमी कितने आराम से करेले का जूस पी रहा है , जैसे ये कोई करेले का नहीं बल्कि मैंगो शेक हो । इसी लिए ये इतना कड़वा है कि जब भी मुंह खोलता है । बस जेहर ही उगलता है । लेकिन हमे क्या...?...

इतना सोचके वो अपने सर को जटक देती है । और फिर से ब्रेकफास्ट पर कॉन्सेंट्रेट करती है।

उतने में ही घर कि डोर बेल बजती है। एक मेड दरवाज़ा खोलती है । तो सामने रवी खड़ा था , (रवी आरव का असिस्टेंट है ये बात घर में सब को पता है) वो रवी को डाइनिंग रूम कि तरफ ले जाती है। रवि सब कि देखकर उन्हे ग्रिट करता है।

तो वही सिमरन रवी को यहां देखकर उसे uncomfortable फिल होता है। क्योंकि उसे कल उसके और आरव के बीच जो कुछ भी हुआ वो सब याद आने लगता है । अनजाने मे ही उसकी नज़रे आरव की नजरों से टकरा जाती है। तो वो झट से अपनी नज़रे उस पर से हटा लेती है । और अपना ब्रेकफास्ट करने लगती है । उस को ऐसे देख आरव के चेहरे पर अपनेआप ही हल्की सी स्माइल आ जाती है। जो कोई और नहीं देख पाता क्योंकि सब अपना ब्रेकफास्ट करने में बिज़ी थे । लेकिन रवी देख लेता है । उसे अपने बॉस कि हरकते इन दों दिनों में कुछ ज्यादा ही अजीब लगने लगी थी । लेकिन उसे अपने बॉस से कुछ पूछने कि या बोलने कि हिम्मत नहीं होती ।

आरव बिना रवी को देखे उससे पूछता है...?...

अभी तक तुम लोग क्या इंटरव्यूज ही ले रहे हो ..?.. या किसी को हायर भी किया है ।

आरव का सवाल सुन रवी अपना सर झुकाते हुए केहता है ।

सॉरी सर , लेकिन अभी तक हमे ऐसा केंडिडेट नहीं मिला , जो आपकी पर्सनल सेक्रेटरी बनने के लायक हो !!

रवि कि बात सुन सब लोग कनफ्यूज हो कर रवी से पूछते है कि क्या बात है । तो रवि उन्हे सारी बात बता देता है ।

रवि कि पूरी बात सुन कर , दादी सिमरन को एक नजर देखते हुए आरव से कहती हैं।

अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लम ना हो , तो क्यू ना तुम सिमरन को ही अपनी पर्सनल सेक्रेटरी बनालो ..?..

दादी कि बात सुन सिमरन जो खा रही थी , वो उसके गले में ही अटक जाता है। और वो खांसने लगती है।

To be continued.....