Tadap Ishq ki - 9 books and stories free download online pdf in Hindi

तड़प इश्क की - 9

अब आगे........

अधिराज वापस मुडकर एकांक्षी के करीब जाकर कहता है...." बताओ फिर....."

" तुम वही हो..." एकांक्षी आगे कुछ कहती उससे पहले ही उसका ध्यान अधिराज के शोल्डर पर गया जहां उसने दूसरे हाथ के सहारे उसे पकड़ रखा था....

एकांक्षी जल्दी से अपने बैग में कुछ देखती है लेकिन उसे कुछ खास चीज नहीं मिली इसलिए वो जल्दी से अपने स्कार्फ को निकालकर अधिराज के शोल्डर पर बांधते हुए कहती हैं...." बहुत दर्द हो रहा है..."

अधिराज का ध्यान एकांक्षी की बैचेनी पर था जो उसके चेहरे पर दिख रहा था....

अधिराज के कुछ न बोलने से एकांक्षी उसके चेहरे की तरफ देखकर कहती हैं...." तुम्हें मेरी वजह से इतनी चोट लगी है और तुम हाॅस्पिटल जाने की बजाय यहां से जा रहे हो...."

अधिराज मुस्कुराते हुए कहता है...." ये तो हल्की सी चोट है..." आगे अपने आप से कहता है...." जो तुमने हमारे लिए सहा था उससे कम ही है... क्यूं वैदेही तुमने हमारी प्राणों की रक्षा क्यूं की ...हमें मर जाने देती कम से कम हम तुमसे यूं वियोग तो न सहते .....हम तुम्हें सब स्मरण करवाएंगे किंतु समय के साथ साथ..."

अधिराज की आंखों में नमी देखकर एकांक्षी कहती हैं..." तुम किसी खास को ढूंढ रहे हो क्या...?...जो तुम्हें अभी तक मिला नहीं...."

अचानक एकांक्षी से किसी को ढूंढ़ने वाली बात सुनकर अधिराज हैरत भरी नजरों से देखते हुए कहता है...." तुम्हें ऐसा क्यूं लग रहा है...?.. वैसे तुम मुझे कैसे जानती हो...."

" तुम ही तो कल रात को मिले थे,, मुझे याद है और तुमने ही कहा था वो म्यूजिक जल्दी ही तुम्हें सुनने को मिलेगा।.."

" काफी तेज दिमाग की हो..."

एकांक्षी एटिट्यूड में कहती हैं..." वो तो मैं हूं... प्लीज़ तुम मुझे उलझाओ मत, मैं वैसे भी बहुत परेशान हूं.....तो मिस्टर स्ट्रेंजर जल्दी बताओ कौन हो तुम....?..."

अधिराज साफ मना कर देता है ....." मैंने कहा न अभी समय नहीं है.... तुम्हारे इस दुपट्टे के लिए धन्यवाद...."

एकांक्षी उसके चेहरे को देखते हुए कहती हैं...." तुम बहुत प्योरली हिंदी बोलते हो..."

एकांक्षी की बात को अनसुना करते हुए अधिराज आगे बढ़ने लगता है ,, एकांक्षी गुस्से में पैर पटकती हुई कहती हैं..." रूड कहीं का ... ऐसे चेहरा छिपा रहा है जैसे कोई सेलिब्रिटी हो..."

तभी एकांक्षी कुछ सोचकर एक शातिराना अंदाज में हंसते हुए कहती हैं..." अब देखती हूं कैसे अपना चेहरा नहीं दिखाते...."

एकांक्षी जोर चिल्लाने लगती है......" हेल्प... प्लीज़ बचाओ मुझे...." अचानक एकांक्षी के चिल्लाने से अधिराज पीछे मुड़कर देखता है तो एकांक्षी चेहरे पर हाथ रखकर घुटनों के बल बैठी हुई थी.... अधिराज जल्दी से उसके पास जाता है और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए पूछता है..." क्या हुआ तुम्हें...?...इस तरह चिल्लाई क्यूं...?...."

एकांक्षी के कोई जबाव नहीं देने पर वो उसे थोड़ा सा हिल्लाता है तो एकांक्षी बेहोश होने का नाटक करके वहीं गिरने लगती है जिससे अधिराज तुरंत उसे संभालता है....

एकांक्षी एक आंख खोल के उसके चेहरे को देखते हुए अपने हाथ को उसके मास्क की तरफ बढ़ाती...... जिसे अधिराज तुरंत समझ जाता है और उसके हाथ को पकड़कर कहता है..." ये क्या नाटक है तुम्हारा..."

एकांक्षी तिल्लमिल्लाती हुई खड़ी हो जाती है...." तुम इतने रूड क्यूं हो...?... देखो एक लड़की इतने प्यार से कह रही है और तुम हो की नखरे दिखा रहे हो.... वैसे अपना नाम तो बता सकते हो न...."

अधिराज उसके मासूम से सवाल को सुनकर अंदर ही अंदर हंस रहा था लेकिन खुद को उसके सामने रूड दिखाकर जाने लगता है......

एकांक्षी फिर से चिल्लाती हुई कहती हैं...." तुम बहुत खडूस इंसान हो ....नाम भी नहीं बता सकते, चेहरा भी नहीं दिखा सकते.... बड़े अजीब हो तुम..."

अधिराज उसकी बातों पर हंसता हुआ वहां से चला जाता है... एकांक्षी मुंह बनाकर वहां से चली जाती हैं..... अधिराज एक बार पीछे मुड़कर देखता है,,,, एकांक्षी के जाने के बाद वो वापस पक्षी रुप में आकर उसके पीछे चला जाता है.....

एकांक्षी काॅलेज में एंटर होती है लेकिन खोई खोई सी बस चले जा रही थी,,,,किरन उसको देखकर जल्दी से उसके पास आकर कंधे पर हाथ मारते हुए कहती हैं..." ओ मैडम कहां खोई हुई है.... कबसे बुला रही हूं...""

एकांक्षी उसको देखकर मुस्कुरा देती है और फिर चलने लगती है....किरन उसके साथ साथ चलते हुए उससे कहती हैं...." तू कल की बात को लेकर परेशान हैं क्या..?... डोंट वरी यार मिल जाएगा वो म्यूजिक तुझे....."

एकांक्षी उसके हाथ को अपने कंधे से हटाते हुए कहती हैं..." मुझे म्यूजिक नहीं चाहिए...."

किरन उसके अचानक आए बदलाव को जानकर उससे पूछती है...." इतने सालों से जिस म्यूजिक को ढूंढ रही थी आज अचानक मना कैसे कर दिया...?.."

" मुझे वो मास्क मैन मिस्ट्री सोल्व करनी है...कहीं से भी आ जाता है और हेल्प करके बिना कुछ कहे, सुने बिना चला जाता है...."

अचानक किसी मास्क मैन का नाम सुनते ही किरने अपने आप से कहती हैं...." अब ये कौन आ गया...?...अभी तक तो हम म्यूजिक ढूंढ रहे थे आज अचानक मास्क मैन ढूंढेंगे...ओह गॉड ये लड़की है या पहेली..."

एकांक्षी उसे तिरछी नजर से घूरते हुए कहती हैं...." तू कुछ सोच रही है मेरे बारे में..."

" नहीं कुछ भी नहीं..." किरन अचानक हड़बड़ा जाती है

" हां मुझे पता है तू जरुर कुछ उल्टा ही बोल रही होगी...."

किरन उसे समझाते हुए कहती हैं...." मैं तेरी फ्रेंड हूं, तेरे बारे में उल्टा क्यूं सोचूंगी..."

" चल ठीक है,, मुझे पता है तू कितनी भोली है..." इतना कहकर एकांक्षी क्लास रूम में एंटर होती है...

वहीं किरन उसके सामने आकर कहती हैं...." देख तू न परेशान मत हुआ कर मुझे तो मुझे परेशान करने वाली एकांक्षी अच्छी लगती है...."

एकांक्षी उसे घूरते हुए साइड से अंदर क्लास रूम में पहुंचती है.....क्लास रूम में सब आपस में ग्रुप बनाकर कुछ खुसरफुसर कर रहे थे अचानक एकांक्षी को देखकर चुप हो जाते हैं......

एकांक्षी उन सबके बिहेवियर को शक भरी नजरों से देखते हुए वहीं अपनी सिट पर बैठ जाती है , किरन भी उसके साथ बैठती हुई सबको देखती हुई एकांक्षी से कहती हैं..." ये सब चोरों की तरह बातें क्यूं कर है...?.. हमारे आते ही चुप हो गये..."

तभी उनकी बैंचमेट आकर एकांक्षी से कहती हैं...." एकांक्षी तुम्हें पता है कौन आने वाला है....?..."

" कोई आए न आए मुझे इससे क्या..?..."

" नहीं एकांक्षी विक्रम मल्होत्रा आने वाला है..."

विक्रम मल्होत्रा का नाम सुनते ही एकांक्षी के हाथ से पैन गिर जाता है और वो थोड़ा पैनिक हो जाती है....




................to be continued.............