Mystery - Death ya murder - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

रहस्य - मौत या मर्डर - भाग 1


मुंबई में अर्जुन नाम का एक Detectiv रहता था वह बहुत ही चालाक और निडर था, वह हर केस को easily solve कर देता था, अर्जुन के साथ श्वेता और नेहा भी रहती थी, तीनो साथ मिलकर बड़ी से बड़ी केस को solve कर देता था |एक दिन विनोद नाम का एक आदमी सुबह 9 बजे अर्जुन के office में घबराते हुए आता है और कहता है

विनोद – Detective अर्जुन sir मैं विनोद हु, Businessman मुकेश का बेटा हु, मैं बहुत मुसीबत में हु मुझे आपकी मदद चाहिए |

अर्जुन – बताइये मैं आपकी क्या मदद करूं?

विनोद – मेरे पापा की अचानक आज Heart Attack से death हो गई है, मेरे पापा Heart पेशेंट थे लेकिन मुझे लग रहा है उनकी मौत नही हुई है उन्हें मारा गया है, पर मेरे पास इसका कोई सबूत नही है इसलिए मैं पुलिस के पास नही जा सकता और मुझे मर्डर का शक इसलिए है क्योकि दो दिन पहले उन्हें किसी ने फोन पर धमकी दी थी |

फिर अर्जुन अपनी टीम श्वेता और नेहा के साथ विनोद के घर आया, वहां जाकर तीनो सारे घर की जांच की, तीनो ने घर का एक एक कोने की जांच की, फिर कुछ देर बाद श्वेता ने Detective अर्जुन से कहा

श्वेता – Sir यहां सब कुछ देखकर एक नेचुरल death लगती है क्योकि दरवाजा अन्दर से बंद था आने जाने का कोई दूसरा रास्ता भी नही है, मौत की वजह भी Heart Attack है जो नेचुरल है लेकिन ये मर्डर है तो कैसे ?

अर्जुन – आसान है, नेहा तुम गेट की कुण्डी को चेक करो अगर कुण्डी लोहे की है तो ये मर्डर है और नही है तो नेचुरल death है |

नेहा – Ok, Sir कुण्डी लोहे की है |

अर्जुन – ओके मतलब मुकेश का मर्डर हुआ है अब मैं मर्डर और कुंडी का रिलेशन समझा देता हु, एक बहुत ही पुराना और Famous तरीका है जिसमे चुम्बक से लोहे की कुण्डी को सरका कर बंद कर सकते है वो भी बिना कमरे में आये और दूसरी बात ये है की मौत की वजह तो हार्ट अटैक है, तो इसका जवाब है फर्श पर गिरे गिलास की, इसमें जो पानी था उसमे ग्लूकोस और ड्रग्स मिला है जो हार्ट फेल कर देता है |

अर्जुन– इससे एक बात तो साफ़ है की ये एक मर्डर है और खुनी भी यही मौजूद है क्योकि खुनी घर के दरवाजो के बारे में और मुकेश जी के डेली रूटीन के बारे में अच्छे से जानता था इसलिए जो भी होगा जल्द पकड़ा जाएगा |

श्वेता – लेकिन Sir हमारे पास कोई क्लू भी नही है तो पता कैसे चलेगा ? मुझे तो कुछ समझ में नही आ रहा है |

अर्जुन – अपने आप पर विश्वास रखो, हम इस केस को solve करके ही रहेंगे |

फिर तीनो जांच में और तेज कर देते है, तीनो जी जान से इस केस को solve करने में लग जाते है फिर विनोद का कॉल आता है |

विनोद – हेलो अर्जुन Sir, मैं विनोद बोल रहा हु, मुझे अभी अभी एक चिटठी मिली है जिस पर लिखा है तूने Detective अर्जुन को बुलाकर बहुत बड़ी भूल कर दी है इसलिए अब तेरा टाइम खत्म, अर्जुन Sir मुझे बहुत डर लग रहा है वो मुझे मार देगा plz जल्दी कुछ करो |

फिर अर्जुन अपनी टीम के साथ जल्द से विनोद के पास जाता है और चिटठी को नेहा देखती है |

नेहा – ये चिटठी तो टाइप करके लिखी गई है और विनोद ने भी किसी को चिटठी फेकते हुए नही देखा तो हमे आगे क्या करना चाहिए |

अर्जुन – हमे माली सुरेश के पास जाना चाहिए ये चिटठी उसी ने ही लिखी है क्योकि इसमें से क्लोरिन की स्मेल आ रही है जिसका इस्तेमाल स्विमिंग पूल में किया जाता है और स्विमिंग पूल की सफाई सुरेश ही करता है |

फिर सब माली सुरेश के घर चले जाते है, वहां जाते ही उन्होंने देखा की माली खुद को गोली मारकर आत्म-हत्या कर ली है और पास में एक रिकॉर्डर भी मिला है जिसमे उसने अपनी बात रिकॉर्ड की है, उस रिकॉर्डर को ऑन करके सभी सुनते है |

उस रिकॉर्डर में माली सुरेश बोलता है – मैं सुरेश हु, मुकेश साहब ने मुझे चोरी करते हुए देख लिया था इसलिए मैंने उनकी हत्या कर दी और हत्या के अफ़सोस के कारण मैं आत्म-हत्या कर रहा हु |

फिर सभी यह सुनकर शॉक में पड़ जाते है तभी अर्जुन कहता है

अर्जुन – ये suicide नही है माली का मर्डर हुआ है, मेरे ये कहने के दो कारण है, पहला कारण है रिकॉर्डिंग में इसकी आवाज सुनकर साफ पता चलता है की वो नशे में है लेकिन यहा कोई बाटल या गिलास नही है और दूसरी वजह है अगर माली गोली लगने के कारण मर गया तो रिकॉर्डिंग किसने की |

अर्जुन– इन सबका एक ही मतलब है, माली की बात किसी दूसरी जगह रिकॉर्ड की गई है और वहा चली गोली से माली की मौत नही हुई है माली सिर्फ एक मोहरा है हमे गुमराह करने के लिए, इससे तो साफ पता चलता है की खुनी कोई और ही है, नेहा जल्दी से पुलिस को इन्फॉर्म करो मर्डर का पता चल गया है, मर्डर मुकेश जी के नौकर ने किया है |

उसके बाद अर्जुन सारे सबूतों के साथ नौकर को गिरफ्तार करवा देते है |

विनोद – thanks Detective अर्जुन, मैं जानता था आप खुनी जरुर पकड़ेंगे, पर आपको कैसे पता चला की नौकर ही खुनी है ?

अर्जुन – मुझे ड्राइवर पर शक तब हुआ जब मैं तुम्हारे फोटो एल्बम देख रहा था, उसमे ड्राइवर की वाइफ को देखा, उसकी वाइफ ने पार्टी, फंक्शन में काफी ब्रांडेड कपड़े पहने और गहने और साथ ही हाथ में 3 लाख रुपये की कीमत का बैग |

अर्जुन – मैंने जब उसकी इतनी महंगी वेशभूषा की छान बिन की तो पता चला की ड्राइवर के बैंक अकाउंट में बहुत बड़ी रकम है और खोजने पर पता चला की वो सारे पैसे आपके पापा मुकेश जी के ब्लैक मनी के पैसे है, उन्होंने income टेक्स से बचने के लिए पैसे ड्राइवर के अकाउंट में डाल दिए, ड्राइवर उन सारे पैसे को हथियाना चाहता था इसलिए मुकेश जी को मार दिया और नेचुरल death दिखाने की कोशिश की |

अर्जुन – अगर ये suicide या मर्डर होता तो जाँच होती और सारा पैसे पकड़ा जाता लेकिन जब उसने देखा की मैं मर्डर कर चूका हु तो उसने दूसरी चल खेली, माली को अपने घर पर शराब पिलाकर बाते रिकॉर्ड कर ली और इन सबका अहम सबूत मिला ड्राइवर के घर में लगे झूमर से |

अर्जुन – मैं जब ड्राइवर के घर पूछताछ के लिए गया तो मुझे एक आवाज आई जो माली की रिकॉर्डिंग और मुकेश जी के फ़ोन के बैकग्राउंड में थी जो हवा के कारण उस झूमर में आ रही थी, बस इतने साबुत काफी थे उसके लिए |