Tum Bin Jiya Jaye na - 9 books and stories free download online pdf in Hindi

तुम बिन जिया जाए ना - 9

हेलो दोस्तों अभी तक आपने पढ़ा। विराट की मां विराट को लेकर बहुत परेशान रहती है क्युकी विराट ने कुछ दिनों से सही से खाना पीना नही खाया था। वो एक अलग ही दुनिया में रहने लगा था। तभी विराट की मां को पता चलता है, निशा के बारे में और वो निशा से मिलने उसके घर जाना चाहती है अब आगे......

"आंटी जल्दी आइए, मैं घर के बाहर आपका इंतजार कर रहा हूं" साहिल ने गाड़ी खड़ी करते हुए इसे फोन किया।

"हां ठीक है मैं बस आ रही हूं" समीरा ने फोन रखा और बाहर जाते हुए सपना से कह दिया विराट पूछे तो बता देना भाई को कि मैं अपने दोस्त के यहां जा रही हूं।

"जी मम्मी" सपना ने सर हिलाते हुए कहा।

वह गाड़ी में आकर बैठ गई और उसने गाड़ी चलाई समीरा के जिद करने पर साहिल ने समीरा को अंजलि के घर ले जा रहा था।

"वह दोनों दोस्त हैं, और घर में सिर्फ वही दोनों रहती है निशा यूनिवर्सिटी में पढ़ती है, विराट और निशा कहां मिले शायद किसी दोस्त की शादी में से देखा था, हां एक दो बार मुझे बताया था लेकिन इसके बारे में कुछ नहीं बताया" समीरा रास्ते में साहिल से निशा के बारे में पूछे जा रही थी। तभी वह दोनों अंजलि के घर पहुंचे।

"आंटी यह है उसका घर आप चलिए मैं गाड़ी पार्क करके आता हूं"

वह अपना अपने दिल में सौ साबले पाले घर के गेट के पास पहुंची दरवाजे की बेल बजाई अंदर से दरवाजा खुला।

"जी आप कौन???

"मेरा नाम समीरा है यह निशा का घर है ना, क्या मैं अंदर आ सकती हूं???

"जी जी आइए, माफ कीजिएगा मैंने आपको पहचाना नहीं" अंजलि ने उसे ड्राइंग रूम में बैठाते हुए कहा।

"क्या तुमने निशा हो??? समीरा ने इसकी बात का जवाब नहीं दिया और इसकी तरफ घूरते हुए सवाल किया।

"जी नहीं मैं इसकी दोस्त हूं, आप कौन हैं??? और निशा से क्या काम है??

"तुम निशा को बुलाओ ना वह कहां है??? समीरा ने इधर-उधर देखते हुए पूछा।

" लेकिन आप हैं कौन??? और बार-बार निशा के बारे में क्यों पूछ रही है??अंजली ने परेशान होते हुए पूछा।

"अंजलि यह मेरे दोस्त विराट की मां है" साहिल घर के अंदर आ गया था।अंजली इसे देख कर चौंक गई।

"तुम लोग यहां क्या लेने आए हो??? अंजलि जैसे परेशान सी हो गई।

"देखो बेटा मेरे बेटे की हालत बहुत खराब है, मेरा निशा से मिलना बहुत जरूरी है"अंजलि जैसे सोच में डूब गई थी इसे इतना मालूम हो चुका था कि विराट जिंदा है, लेकिन वह समीरा की बात समझ नहीं पाई।

"क्या हुआ आपके बेटे को" अंजलि ने झिझकते हुए पूछा।

"जाहिर है वह ठीक होने का बहाना कर रहा है, लेकिन मैं उसकी मां हू ना मुझसे इस की तकलीफ कैसे छुप सकती है, उसके चेहरे से बेबसी और मायूसी साफ झलक रही है, मन ही मन वह किसी से बातें करते हुए अपने दुनिया में गुम है, खाते-पीते सोते जागते जैसी अलग ही दुनिया में रहने लगा है, मैं निशा से मिलना चाहती हूं, और देखना चाहती हूं आखिर इसमें ऐसा क्या है, जिसकी वजह से मेरा होनहार बच्चा पागलों की तरह मन ही मन में सोच कर बैठा है, कौन?? है वह जो विराट के होश पर काबू किए हुए हैं, जो इसे जीने नहीं दे रही है" इसकी बातों से मायूसी झलक रही थी।

"देखिए आंटी!! निशा मेरे साथ नहीं रहती है"

"तो कहां रहती है??? मुझे बताओ मेरा इस से मिलना बहुत जरूरी है, मैं से पूछना चाहती हूं वह मेरे बेटे के साथ ऐसा क्यों करना चाहती है।

"देखिए आंटी, इसमें निशा कोई गलती नहीं है, इस के दिल में आपके बेटे के लिए कोई प्यार व्यार नहीं है, अच्छा यही होगा कि आप प्लीज आप इसका पीछा छोड़ दीजिए, एक आपका बेटा कम था इसे परेशान करने के लिए, जो अब आप भी इसके साथ आ गई है"

"लेकिन मैं इसे गलत नहीं कह रही, मैं बस इससे मिलकर इसे देखना चाहती हूं और उससे पूछना चाहती हूं इंकार की वजह जानना चाहती हूं, कि वह कियू वो इससे इतना नफरत करती है, क्या बुराई है विराट में"

"अच्छा तो है आपको अपने बेटे की बुराई और निशा की नफरत जानना है ना तो अपने बेटे से पूछे जाकर किस तरह इसने मेरी दोस्त....." अंजली गुस्से में लाल हो गई थी और विराट का निशा को किडनैप करने वाली बात बताने लगी थी कि साहिल ने अपने दोनों हाथ जोड़ लिए और अंजलि चुप हो गई, समीरा को इसकी जानकारी बिल्कुल भी नहीं थी और साहिल नहीं चाहता था कि यह बात पता चले और विराट के लिए कोई परेशानी खड़ी हो जाए या फिर खुद समीरा की तबीयत खराब हो जाए क्योंकि समीरा हार्ट की पेशेंट थी और खासकर अपने बच्चों के मामले में कुछ ज्यादा ही फिक्र होती थी। समीरा का यह बात जान जाने से न जाने से क्या हाल हो जाता साहिल के हाथ जोड़ने के बाद अंजलि चुप हो गई।

"ऐसा क्या कर दिया मेरे बेटे ने बोलो ना तुम चुप क्यों हो गई" वह अंजलि को झकझोरकर बार-बार पूछे जा रही थी।

"सीधी सी बात है हर किसी की अपनी लाइफ होती है, अपनी पसंद ना पसंद होती है, जरूरी नहीं कि आपके बेटे का जिस पर दिल आ जाए तो वह लड़की भी तुरंत तैयार हो जाए विराट की वजह से हुई वह यहां से चली गई है, आपके बेटे ने इसके जीना मुश्किल कर दिया था, लेकिन आंटी आज अगर मेरी दोस्त ने पढ़ाई छोड़ी है तो, अपने सपने अपनी मंजिल को बीच रास्ते में छोड़ कर चली गई है तो इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ आपका बेटा है, भले ही वह आपका काबिल बेटा हो, लेकिन निशा के दिल में इसके लिए कोई जगह नहीं है, माफ कीजिएगा मेरी बात आपको बुरी लगी हो तो, और आप भी मां है इसलिए अपने बेटे की चाहत पूरी करने निकली है लेकिन इससे हटकर एक औरत बन कर सोचिए क्या प्यार में तकलीफ देना सही होता है, मेरी आपसे रिक्वेस्ट है कि प्लीज निशा को मिलने या उसे ढूंढने की कोशिश भी मत कीजिएगा नहीं तो अच्छा होगा" अंजलि अब धीरे से बोल रही थी।

समीर समीर वहां से जा चुकी थी और अंजलि अपनी पैकिंग करने लगी थी लेकिन अब उसके अंदर एक बेचैनी सी होने लगी थी। क्या?? इसे यह सब यह सब निशा को बताना चाहिए या नहीं वह अगर विराट जिंदा है तो निशा की गोली मारने के बात बह घरवालों को क्यों नहीं बताई?? किियू बह इस कदर प्यार में पागल है, क्यों??जबकि निशा तो उसे बीच राह में जख्मी हालत में से छोड़ गई थी, क्या?? इसकी हालत सच में ऐसी हो गई है कि इसकी मां को यहां तक आना पड़ गया??यह सारे सवाल इसके मन में इस की परेशानी बढ़ा रहे थे।



"निशा एक बात बोलूं" इसने चाय का कप देते हुए कहा।

"मुझे तुम्हारी फिक्र हो रही है"

"वह तो आपको होती है, इसमें इतना सोचने वाली क्या बात है?? लाडली बेटी जो हूं आपकी"

"हा लेकिन अब तुम बड़ी हो गई हो तुम अपने आगे की जिंदगी के बारे में तो सोचो" मिसेज खुराना अब बिल्कुल इसके सामने बैठ गई थी।

"मामा मैंने आपसे पहले भी कहा है, फिर से वही बात लेकर बैठ गए" निशा ने नाराज होते हुए बोला।

"देखो बेटा मैंने सोचा था, तुम अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पैरों पर भी खड़ी हो जाओगी, कुछ बन जाओगी पर अगर तुम पढ़ाई नहीं करने का फैसला कर ही लिया है, तो मैं सोच रही हूं कि अब तुम शादी कर लो" मिसेज खुराना ने निशा के बाल सहलाते हुए बड़े प्यार से बोली।

"शादी?? अच्छा तो अब मैंने पढ़ाई छोड़ दी है तो आप मुझे इसकी सजा देना चाहती है, इतनी जल्दी मुझे खुद से अलग करना चाहती है" इसने मिसेज खुराना का हांथ खुद से अलग करते हुए बोला

"नहीं बेटा शादी कोई सजा नहीं है, और तुमने यह कैसे सोच लिया कि मैं ऐसा कर सकती हूं" क्या हुआ निशा यह कैसा?? सवाल है बेटा एक न एक दिन तो तुम्हें शादी करनी है ना हमेशा मैं तुम्हारे साथ नहीं रहने वाली कभी ना कभी तो मर जाऊंगी ना"

"आप ही रहेंगे हमेशा मेरे साथ आप कहीं नहीं जा रहे हैं मुझे छोड़कर" वह कहते हुए अपनी मां के गले लग गई।

"लेकिन बेटा औरत मर्द के बिना अधूरी होती है, हर किसी को जीवन साथी की जरूरत पड़ती है, इतनी सारी जिंदगी अकेली नहीं गुजार सकती"

"आपने भी तो गुजार ली ना अकेले पापा के बिना, मैं भी अकेली गुजार लूंगी।

"लेकिन मेरे पास जीने की वजह तुम हो माना तुम्हारे पापा आज मेरे साथ नहीं है, इनकी कमी और ऐसा कोई पूरा नहीं कर सकता, लेकिन मेरे पास तुम थी तुम्हारी फिक्र तुम्हारी परवरिश में कैसी और कब समय गुजर गया मुझे पता ही नही चला"

"तो अब मेरे पास आप है ना आपके साथ वक्त गुजर जाएगा मेरा भी"

"निशा तुम मेरी बात क्यों नहीं समझ रही हो"

"मामा मैं अपनी जिंदगी में किसी मर्द को शामिल नहीं करना चाहती, मुझे नफरत हो गई है अब"

"लेकिन हर मर्द बुरा नहीं होता बेटा, दुनिया में अच्छे लोग भी हैं और जरूरी नहीं कि तुम कुछ बुरे लोगों की वजह से सारे ही मर्दों को बुरा समझो, और मैं हमेशा से ही तुम्हारे अच्छे नसीब के लिए भगवान से प्रार्थना करती हूं मेरी तो बस यही चाहत है कि तुम्हें जो भी मिले वह शरीफ मिले बिल्कुल तुम्हारे पापा की तरह"

"लेकिन मम्मा हर मर्द पापा के जैसा नहीं होता" निशाने हसरत भरी निगाहें अपनी मां को देखा।

क्या निशा शादी करने के लिए रेडी हो जाएगी.... जानने के लिए पढ़िए अगले पार्ट में.....1