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प्यारी दुनिया... - 5 - (लाल रौशनी ... आँखों से ओर कायरा का निशान)

एपिसोड 5 ( लाल रौशनी ... आँखों से ओर कायरा का निशान )
अबीर की नजरें कनिका पर से हटने का नाम ही नहीं लें रही थी | वो एक तरफ कनिका को देखता तो वहीँ दूसरी तरफ कायरा को | कनिका से आती भीनी भीनी खुशबू ... अबीर को उस रात वाली लड़की की याद दिला रही थी | ओर अब अबीर को कायरा को देख .... कुछ अलग सी फीलिंग आ रही थी | नाजाने क्यूँ .... कायरा से बार करके ... अबीर को कुछ अपना सा महसूस हुआ | ओर उस फीलिंग से ... अबीर को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था | अबीर को पता था ... की शायद कनिका को नहीं पता की ... वो कौन है | कनिका के वहां से जाने के बाद ... अबीर का ड्राईवर जो ... अबीर के इस नए बिहाविएर से परेशान था ... ओर डर के मारे कांप भी रहा था ... वो अबीर से अपनी हक्लाती हुई आवाज़ में बोला |
ड्राईवर : सर .. सर हम मीटिंग के लिए लेट हो रहे हैं |
ड्राईवर की बात सुन ... अबीर मनो अपनी सुकून की यादों से बहार आया .... ओर उसका औया वापिस कोल्ड हो गया | उसकी कोल्ड आँखें जब ड्राईवर पर पड़ी ... तो वो ड्राईवर जो पहले ही कांप रहा था ... वो मन ही मन सोचने लगा .. “क्या मैंने सोते हुए शेर को जगा दिया ? हे भगवन .... मुझे आज बचा लेना” ओर चुपचाप जाकर अपनी गाड़ी में बैठ गया | अबीर भी कुछ देर कनिका ओर कायरा को देखता रहा .... वो देख रहा था ... की कायरा बार बार पिच्छे मुड़ मुड़ कर .. अबीर को बाय कर रही थी | जिसे देख .... एक तरफ कनिका परेशा हो रही थी ... वो वहीँ दूसरी तरफ ... अबीर के फेस पर फिर से एक प्यारी सी स्माइल आ गई थी |
फिर अबीर सिद्ध जाकर अपनी कार में बैठ गया | ओर ड्राईवर ने गाड़ी शुरू की ... ओए वहां से दोनों चले गये |
वहीँ दूसरी तरफ ... रिया ने जब कनिका को वापिस आते देखा ... तो वो कनिका से बोली |
रिया : शूकर है यार ... तू वापिस आ गई | सुन मुझे वापिस जाना है | ऑफिस का टाइम हो गया है |
कनिका : तू कहे तो ... मैं ड्राप कर दूँ |
कनिका : धन्यवाद ....
फिर कनिका , रिया ओर कायरा भी वहां से चले गये | पुरे रस्ते भर कायरा बहुत खुश थी | रिया ने जब कायरा को इस तरह देखा ... तो वो कायरा से बोली |
रिया : क्या हुआ कायरा ... आप आज बहुत खुश लग रहे हो ?
कायरा : ( मासूमियत से ) हाँ मासी .... आज मैं बहुत खुश हूँ |
कनिका को पता था ... की कायरा इतनी खुश क्यूँ है | कनिका मन ही मन खुद से बोली | “हाँ खुश क्यूँ नहीं होगी .... अनजान लोगों से मिलना तो ... मेरी बेटी का मनपसंद काम है .... क्या ही होगा इसका ...” पर कनिका कुछ बोली नहीं | ओर वहीँ कायरा मन ही मना खुद से बातें कर रही थी .... “ वो अंकल की आँखें .... वो तो वहीँ आँखें थी ... जो ममा ने उस तस्वीर इमं बनाई थीं ... तो क्या वो अंकल मेरे पापा हैं .....” कनिका ने अबीर पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था .... पर कायरा ने तो अब मन ही मन ठान लिया था ... की जो भी हो जाए ... वो अब पता तो कर के ही रहेगी ... की उसके पापा कौन है |
कायरा बहुत तेज़ दिमाग की थी ... कभी कभी तो कनिका भी ... कायरा की बैटन को सुन ... हैरान हो जाती थी | उसे किसी से डर नहीं लगता था | ओर कायरा की हरकतें ... अमनो किसी लेजेंड से कम नहीं थी | 2 साल की उम्र में ही .... कायरा वो सब कर लेती थी ... जो आज के 20 साल के बच्चे भी नहीं कर पाते थे | पर कनिका एक ओर बात से परेशान थी | कायरा के शरीर पर एक निशान था .... जो कनिका को बहुत बोदर करता था | डॉक्टर्स ने तो कनिका से यही कहा था ... की वो कायरा का बर्थ मार्क है | पर कनिका को कभी इस बात पट भरोसा नहीं हुआ | कायरा को कभी कभी उस निशान में बहुत दर्द होता था | वो निशान कायरा की गर्दन के पिछले साइड में था | वहीँ दूसरी तरफ ...
अबीर अपने ऑफिस में था .... तभी उसने अपनी पॉकेट में हाथ डाला ओर ... दो बाल निकाले .... उस बाल को देखते ही ....अबीर ने अपनी आँखें बंद की ... ओर फिर जब उसने अपनी आँखें खोलीं ... तो उसकी आँखें लाल तारे की तरह चमकने लगीं ... अबीर की आँखों से लाल रौशनी निकलने लगी .... ओर वो रौशनी उन बालों पर पड़ते ही .... कनिका ओर कायरा का चेहरा नज़र आने लगा |