Sath Zindgi Bhar ka - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

साथ जिंदगी भर का - भाग 3

जानिए अब क्या होता है

एकांश आस्था की शादी हो गई थी सात फेरों के सात सात जन्मों के लिए एक दूसरे के हमसफर बने गए हैं उन दोनों को हमसफर बनने से कोई नहीं रोक पाया नहीं आती नहीं दोनों को हमसफर बना ही दिया

तो आप जानते हैं आगे की इनकी लव स्टोरी कैसे होती है तो आप लोग प्लीज पढ़ते रहे तेरा मेरा साथ हमेशा

एकांश आस्था की शादी हो गई सात फेरों के साथ वह सात जन्मों के लिए एक दूसरे के हमसफर बन गए एकांश और फैमिली के किसी भी मेंबर ने अभी तक आस्था को नहीं देखा था अपने बड़ों का आशीर्वाद देकर वह पहले इसके लिए आ गए पूरे रीति रिवाजों के साथ आस्था का ग्रह प्रवेश हुआ था अब सभी को आस्था को देखने की ख्वाहिश थी बहुत ही ज्यादा कि हमारी भाभी कैसी होगी हमारी कुंवर रानी सा कैसी होगी एकांश के लिए मेरी पत्नी कैसी होगी

अब सभी लोगों को आस्था को देखने की ख्वाहिश थी एकांश भी उसे देखने के लिए डेसपरेट हुआ जा रहा था हालांकि उसकी पर्सनालिटी ऐसी नहीं थी फिर भी उसका दिल और दिमाग दोनों काम नहीं कर रहे थे शायद उसे भी अपने हमसफर को देखने के लिए बेचैनी हो रही थी

चलो चलो जल्दी से मुंह दिखाई की रस्म करो

हमें हमारी बड़ी भाभी सा को देखना है रूद्र और हमें भी ऐश्वर्या और उतरा ने कहा घर के बड़े भी आस्था को देखने के लिए बेताब थे

बड़ी दादी सा आस्था के पास आई और

उसका घूंघट उठाया आस्था का चेहरा देखने के बाद सभी के चेहरे पर गुस्से से मिले जुले भाव आ गए यह क्या है अजिंक्य जी इनके कैसी बहू ले आए आप

हमारे कुंवर सा के लिए बड़ी दादी सा और नहीं तो क्या काका सा हमारे भाई सा के लिए लड़कियों की कमी थी क्या एक से एक बढ़कर एक से 1 लड़कियों ने मिल रही थी फिर भी आपने इतनी बदसूरत ऐश्वर्या के आगे कुछ बोलने से पहले ही अजिंक्य ने कहा ऐश्वर्या शायद आप भूल रहे हैं

कि आप घर के बड़ों के बीच में बात कर रही हैं वह भी इस घर की सबसे बड़ी बहू और कुंवर रानी सा के बारे में 😡😡😡😡😡अजिंक्य

सॉरी भाई साहब माफ कर दीजिए ऐश्वर्या को ऐसा नहीं कहना चाहिए था और इसकी सजा मैं खुद उसे दूंगी लेकिन वह गलत भी नहीं बोल रही अनीता हां भाई सा कुंवर सा को इतनी भी अच्छी और खूबसूरत लड़की मिल जाती फिर भी इस तरह की लड़की से आपने क्यों उनकी शादी करवाई सुनीता अजिंक्य जी खामोश रहे अब खामोश क्यों है अजिंक्य जी जवाब दीजिए

छोटी दादी सा बस अब और एक सवाल नहीं यकीनन हमने एक घर की औरतों को अपनी बात बोलने का फ्रीडम दिया है इसका मतलब यह नहीं है कि कोई हमारे बेटे पर सवाल उठाए उनके फैसले को गलत साबित करें दादा सा यह क्या कर रहे हैं आप वैसे भी किसी ने कुछ गलत नहीं कहा अभी तो लड़की ही ऐसी है तो सवाल तो उठेंगे ही ना बड़ी दादी

हमने कहा अब कोई सवाल नहीं होगा दादा सा ऐसा कैसे नहीं हुआ दादा सा हमें भी अपने सवालों का जवाब चाहिए एकांश जो इतनी देर से खामोश था उसने कहा उसकी आवाज साफ साफ पता लग रहा था कि वह कितने गुस्से में है अब आप हमसे सवाल करेंगे एकांश अजिंक्य बिल्कुल और हमारे हमें हमारे जवाब चाहिए एकांश

एकांश अजिंक्य जी चीखें आप भाई साहब को क्यों डांट रहे हैं काका सा उतरा और भाई साहब कुछ गलत भी नहीं बोल रहे हैं आपको ही सोचना चाहिए था कि इस कल लड़की को हमारी भाभी का बनाने से पहले ऐश्वर्या ऐश्वर्या खामोश खामोश रहिए आप हमारी सोच इतनी छोटी नहीं है कि किसी को रंग या रूप से जांच करें और हमारी बहन होने के हिसाब से आपको भी यह सोच रखनी चाहिए एकांश की वहीं गुस्से वाली रौब दार आवाज आई आप क्या क्या आप कहां क्या चाहते हैं भाई साहब

बस अब और कोई भी बीच में नहीं बोलेगा सिर्फ हम बात करेंगे और यह आपके कुंवर सा का आदेश है एकांश

सब खामोश हो गए एकांश को अपने आप को कुंवर सा कहलाना बिल्कुल पसंद नहीं था वह हमेशा खुद को आम ही मानता था ना कि राजा लेकिन उसका अपने आपको कुंवर सा कहलाना सब को यह बताने के लिए काफी ताकि वह किस कदर गुस्से में है और उसके गुस्से से दरवाजे भी डरते थे बाबा की आस्था की उम्र क्या है

एकांश जी अजिंक्य जी को जिस बात का डर था वही हुआ आपने सुना नहीं हमने क्या कहा आस्था की उम्र क्या है एकांश अब सब का ध्यान आस्था की और गया डरी सहमी सी आस्था नीचे सर झुका रोते हुए खड़ी थी

उसके चेहरे को कद काठी के साथ समझ आता था कि वह अभी बच्ची है अजिंक्य जी ने कुछ नहीं कहा तो एकांश आस्था की ओर बढ़ गए आप बताएं आप की उम्र क्या है एकांश आस्था और घबरा गए एकांश को वह समझ गया था एकांश ने अपनी आवाज का टोन शांत किए हुए पूछा

आपकी उम्र बताइए एकांश

15 साल आस्था ने रोते हुए कहा एकांश के साथ -साथ सभी बहुत हैरान थे

बाबा साहब बताइए ऐसी कौन सी वजह थी कि आपने हमारी शादी 15 साल की लड़की से करा दी बताइए एकांश जोर से चीख और सब डर गए तो आपने इतने बड़े हो गए हैं कि अपने बाबा सा से सवाल करेंगे नहीं बाबा सा आपका बेटा आपके सवाल करें इतना बड़ा कभी नहीं होगा

यह सवाल आप से यहां के कुंवर साहब पूछ रहे हैं और आपको जवाब देना होगा एकांश हम ने वचन दिया था अजिंक्य जी बात कुछ और है सिर्फ एक वचन के लिए हमारे बाबा सा इतना बड़ा गुनाह नहीं कर सकते जो शख्स लड़कियों के एजुकेशन के लिए उनकी हक के लिए लड़ता है लड़कियों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सफल बनाने के लिए अपनी प्रॉपर्टी का आधा हिस्सा दान कर सकता है वह किसी लड़की का इतना कम उम्र में उसकी शादी नहीं करवा सकता और वह भी एक अनाथ लड़की

एकांश सही कहा आपने हमने यह शादी ऐसे नहीं करवा दे इसके पीछे हमारा मकसद था आस्था की मां को वचन दिया था हालांकि हिफाजत का उनके जाने के बाद अकेली हुई थी यह बिल्कुल इसलिए हमने आस्था की जिम्मेदारी ली और उस आपसे इनकी शादी करवा दी हमें पता है हमारा एकांश उनकी जिम्मेदारी अच्छे से निभा सकता है नहीं बाबा का बात कुछ और है

यही सच है अजिंक्य अभी पता चल जाएगा क्या करें और क्या नहीं एकांश ने कहा और जोर-जोर से खींच कर आकाश और अजय को बुलाया

हमें सुबह आस्था के बारे में सब कुछ पूछा था और आपने बड़ी चालाकी से बात डाल दी थी आपको आस्था के बारे में सारी जानकारी मालूम थी तो यह भी पता होगा कि वह उम्र की छोटी है फिर भी यह बात आपने हमें बताना जरूर क्यों नहीं समझी वजह जान सकते हैं

कुंवर सा वह आकाश सिर्फ सच सच बोलिए हमारी और आस्था की शादी का सजा में जाना है अकाउंट अजय आकाश को दोनों खामोश रहे एकांश ने कहने पर उन्होंने सारा मामला पता करवाया उन्हें एकांश की कुंडली के बारे में पता चल चुका था

और यह भी सिर्फ आस्था के साथ ही वजह से उनका मृत्यु योग कर सकता है उन्हें सारी बातें आकाश को बता दी प्रकाश के साथ सभी सभी घरवाले बहुत हैरान थे अपने अपने आप के अंधविश्वास के चलते हमारी शादी करवा दी बेटा मिनट में इसी वजह से तो आस्था की मां की मौत नहीं हो गई शायद उन्होंने शादी के लिए मना कर दिया था और आपने एकांश आज आप हम पर इल्जाम लगा रहे अजिंक्य

संजय कैसे मौत हो गई थी इनकी मां की सर पर चोट लगने की वजह से कुंवर सा अजय एकांश ने अजिंक्य को देखा

ऐसे मत देख ही कुंवर सा मानते हैं कि हमने उनकी हालत का फायदा उठाया और आस्था से आपकी शादी तय कर दी आस्था से आपकी शादी तय कर दी लेकिन सिर्फ आपके लिए कुंवर सा हम लोग अपनी पत्नी को खो चुके हैं

अब अपने बेटे को नहीं खो सकते और आप माने या ना माने यह सच है कि आपके जान को धोखा है और आपको इसे सिर्फ आस्था की कुंडली के सरकारी है बता सकते हैं अजिंक्य और आस्था का क्या बाबा सा एकांश

हमें उनकी फिक्र नहीं है क्योंकि हम जानते हैं कि उनकी जिंदगी में आपके जैसा हमसफ़र हैं और आप उनकी बहुत अच्छे से देखभाल करेंगे अजिंक्य जी ने कहते हुए एकांश के कंधे पर हाथ रखना चाहा लेकिन एकांश वहां से हट गया

सॉरी बाबा सा लेकिन आपकी इस गलती के लिए हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे कभी नहीं एकांश वहां से चलता गया और धीरे-धीरे कर सभी घरवाले भी

अजिंक्य ने आस्था के सर पर हाथ रख और दाई मां से कहकर उसे कमरे में भेजा कमरे में आकर फिर एक बार फिर आस्था के आंसू बहने लगे ना जाने कितनी देर से और होती रही और वैसे ही जमीन पर सो गई अगले दिन से सबकी नॉर्मल लाइफ शुरु हो गई अगर किसी की जिंदगी में बदलाव आया तो था वह था एकांश और आस्था

एकांश ने अपने बाबा और दादा साथ दोनों की बात करना छोड़ दिया था यहां तक कि घर में से वह किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे उसे मिसअंडरस्टैंडिंग हुई थी कि उन दोनों ने आस्था की मां को मरवा डाला

वह भी अंधविश्वास के चलते उसकी जान बचाने के लिए तो बहुत गिल्टी फील कर रहा था इस प्रोजेक्ट के लिए वह इतने सालों से मेहनत कर रहा था वह प्रोजेक्ट उसे मिल गया था तो बस वह उसी में बिजी हो गया था सिर्फ काम और काम है उसने अपना रूटीन बना लिया था

आस्था तो मानो हंसना और बोलना भूल ही गई थी दाई मां के साथ वह कभी-कभी बातें करती वह भी उनके बहुत बोलने पर अकेले कमरे में बैठे बैठे हो खामोश हो गए हो जाएगी यह सोचकर दाई मां उसे बाहर ले जाती आज सभी उनके साथ पैलेस के गार्डन में जाने लगी लेकिन वहां भी वह खामोश ही रहती

दाई मां के कहने पर वह किचन में गई और सबके लिए खाना बनाने लगी अब बस यही इसका रूटीन हो गया था तीनों वक्त का खाना बनाना और खाली समय में गार्डन में जाकर बैठना

रूद्र को आस्था की हालत देखी नहीं जा रही थी वह जब भी वक्त मिलता उसके साथ आकर गार्डन में बैठता रूद्र काफी बातूनी होने की वजह से वह हमेशा उससे बात करता हूं और आस्था सिर्फ सर हिला कर हां या ना में जवाब देती बाकी घरवालों तो उसकी तरफ देखते भी नहीं थे जिनके अनेक कहने पर दाई मां रूद्र आस्था को नार्मल करने के लिए ट्राई कर रहे थे

बट इसका कुछ भी फायदा नहीं हो रहा था देखते देखते उनकी शादी को एक महीना हो गया लेकिन इन दिनों में दोनों ने एक दूसरे को एक बार भी नहीं देखा

तुम्हें चोरी करते हुए बिल्कुल शर्म नहीं आई पता नहीं क्या सोच कर काका साने तुम्हारी शादी भाई सा से करवाती ऐश्वर्या ने गुस्से में कहा और आशा डरकर से होती रहेगी वहां ऑफिस में इस दैट यू आई कांट बिलीव एकांश हैरत से अपने सामने देख रहा था हम अभी घर जा रहे हैं कहकर वह घर से निकल गया

क्यों घर वालों ने आस्था को चोर कहा और किस बात पर एकांश को भरोसा नहीं हो रहा था अगर जानना है तो

Stay connected and give lots of lots of lots of comment

और एक बात अगले पाठ में एकांश और आस्था एक दूसरे के हमसफर बनने के लिए अपना पहला कदम उठाएंगे तो आप भी उन्हें अपना बहुत सारा प्यार दीजिए और मुझे स्टीकर रेटिंग एंड कमेंट एंड लाइक प्लीज थैंक यू सो मच

मेरे चैनल में आप सभी लोगों का आने वाले सभी लोगों का बहुत-बहुत स्वागत है और अगर आपको इस कहानी में कोई भी दिक्कत है तो आप मुझे मेरी Instagram आईडी पर DM कर सकते


khushbu____920 my Instagram I'd



Hey guys ......

आपके लिये न्यू स्टोरी लिख रही हु

...... लेकिन इसे कब पोस्ट करना हे ये आपके कमेंट पर डिपेंड हे

........ अगर आपको ये स्टोरी रीड करने के लिये पसंद आयी तो बहोत सारे

COMMENT किजीये

ताकी इसका पार्ट जल्दी जल्दी पोस्ट कर सकू

Thankyuuuu

" और इस डेस्टिनी का पाठ कल तक आ जाएगा "

Plzz guys support my first story

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To be continued .......... .......... .......

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