Rishta Chiththi ka - 5 in Hindi Letter by Preeti books and stories PDF | रिश्ता चिट्ठी का - 5

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रिश्ता चिट्ठी का - 5

प्रोफेसर!

कैसे हैं आप? आज ये सवाल आप मुझसे पूछ लेते काश! तो बता पाती, जलन से भरी हुईं थीं मैं!!! अच्छा हुआ उससे नहीं मिले आप!! वो, जिसने आपको, आपके प्यार को अपनी ज़िन्दगी में एहमियत नहीं दी, और तो और आपको खेद भी था अपने बर्ताव को लेकर?? इतने अच्छे क्यों हैं आप? एक बात कहूं, उसका होना ना होना मेरे लिए मायने ही नहीं रखता। हाँ, ज़्यादा ही बोल रही मैं, क्या करूँ कुछ और मेरे बस में नहीं है!!

मेरी तरह आपके भी दो मन हैं, सुन कर अच्छा लगा। कितनी समानताएं हैं हमारी सोच में ना, कभी कभी किसी बात पर जब ऐसा नज़र आता है तो अनायास एक मंद सी मुस्कान होंठो पर बिखर उठती है। आपके जैसी तो कत्तई नहीं बन सकती इस जन्म में, लेकिन हाँ ये आते जाते एहसास काफी हैं खुशफ़हमी में रहने के लिए।

अर्ज़ किया है, " तेरे लहज़े में लाख मिठास सही, मुझे ज़हर लगता है तेरा औरों से बात करना!"

माफ़ करियेगा, आज ना जाने क्या क्या आपसे बोले जा रही थी शाम की सैर के वक़्त और अभी भी (शेर के लिए माफ़ी ) आ गया मन में तो कह दिया, रोका नहीं गया ।

वो क्या है ना,अंदर का डर रह रह कर हावी हो रहा था, भूल जाउंगी सब कुछ? कैसी होगी भूलने के बाद की ज़िन्दगी? ये सब कहकर अपना मन हल्का करना है मुझे, लेकिन ये लड़ाई मेरी है। चाहते हुए भी ये बात आपसे ना कह पाना अंदर ही अंदर मार रहा मुझे.....

उसके ऊपर, इस हफ्ते 3 और नमूने देखने हैं! और उनमें से एक फाइनल करना है!!! वरना मम्मी जान ले लेंगी। सच में ले लेंगी। कहते ना, If looks could kill!!! मम्मी का वही हाल हो जायेगा। कसम से सोच सोच कर और दिमाग़ की दही हो गयी है। उन तीन में से एक मेरा नमूना, मतलब मेरा पति बन जायेगा!!!!!!

सोच रहे होंगे ना, ऐसी बीमारी की शुरुवात और इसी में शादी भी? चिंता मत करिये, लाख कमियां हैं मुझमें लेकिन धोकेबाज़ी नहीं! जिसे मैं पसंद आयी, या जो मुझे, उसे सब सच बता कर ही बात आगे बढ़ने दूंगी।

और हाँ,
अब केक की फोटो देख कर डांट मत लगाने का सोचियेगा। आज डॉक्टर ने मना कर दिया ना तो ऐसा लग रहा था जैसे आज ही खाना है बस!! होता है ना, जब किसी काम के लिए मना किया जाता है तो वही काम करने का सबसे ज़्यादा मन करता है!!! बस वैसे ही हो गया। छुप छुपा कर लायी थी, मम्मी देख लेतीं तो बैंड बज जाता मेरा!!

आपकी वो ज़ुखाम वाली भारी सी आवाज़ सुनने का इतना मन है, लेकिन खुश हूं आप ठीक हो गए। सच!!

Lucky Mrs Professor! 7 जन्मो का लाइसेंस मिल गया उन्हें आपके संग रहने का। वरना एक आध जन्म में हम भी लाइन में खड़ा होना चाह रहे थे.... शब्दों का रिश्ता है प्रोफेसर, पूरा फायदा उठा लुंगी मैं..... बस यूँही सुनते रहिएगा, सुनना बंद मत करियेगा।

आपकी आवाज़ सुनने के इंतज़ार में...
आपकी
Dr T
03/01/2023)