Galatee - The Mistake - 20 books and stories free download online pdf in Hindi

गलती : द मिस्टेक  भाग 20

दो दिन बीत गए थे। भौमिक के कहे अनुसार परमार ने साहिल, वंशिका, मेधा और मानसी को भौमिक के ऑफिस में बुला लिया था। हालांकि अब तक भौमिक ऑफिस नहीं पहुंचा था, इसलिए परमार भौमिक के केबिन में उसका इंतजार कर रहा था। वहीं साहिल, वंशिका, मेधा और मानसी एक दूसरे कमरे में बैठे थे। हालांकि वे सभी पूरी तरह से सामान्य नजर आ रहे थे। वे चारों आपस में बात कर रहे थे।

मेधा ने वंशिका से कहा- यार वंशिका पुलिस हमसे क्या पूछताछ करना चाहती है ? पहले भी बुलाया था और फिर हमें भेज दिया था। अब फिर से बुला लिया है। हम कॉलेज जाकर पढ़ाई करें या थाने में बैठकर पुलिस के सवालों का जवाब दें ?

मेधा पुलिस का काम पूछताछ करना है। अगर हम पुलिस की कोई मदद कर सकते हैं तो अच्छा ही है ना। वंशिका ने मेधा की बात का जवाब देते हुए कहा।

देखों हमें जो पता होगा वो हम बात देंगे और जो हमें नहीं पता उसके बारे में कह देंगे कि हमें नहीं पता। उसमें इतना सोचने की क्या बात है। साहिल ने वंशिका की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।

मानसी ने भी साहिल की बात सहमति जताते हुए कहा- हां ब्लिकुल सही बात है। हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है, हमने कोई क्राइम तो किया नहीं है।

इन सभी लोगों की बातचीत के दौरान ही भौमिक ऑफिस आ जाता है। भौमिक के आते ही परमार ने उसे बताया सर आपके कहे अनुसार मैंने साहिल, वंशिका, मेधा और मानसी को ऑफिस बुला लिया है। अब आप उनसे बात कर सकते हैं।

भौमिक ने परमार से कहा- हां मैं उनसे बात करता हूं अब तुम ये बताओ कि वो शाह का क्या हुआ ? उसकी मीटिंग कब खत्म होगी और वो मुंबई कब आएगा ?

सर मैं अभी उसकी अपडेट लेता हूं और फिर आपको बताता हूं। परमार ने भौमिक की बात का जवाब दिया।

भौमिक ने ओके कहा और परमार से कहा तुम एक काम करो सबसे पहले साहिल को यहां ले आओ। पहले उससे बात करते हैं।

पर सर अगर इन लोगों का भी व्यवहार अचानक से बदला तो ? परमार ने शंका जाहिर की।

भौमिक ने कुछ देर सोचा और फिर कहा- परमार एक बार सभी से पूछताछ तो करना ही होगी, क्या पता इनमें से कोई हमें कोई सुराग दे दे। हमें कातिल तक पहुंचे और कत्ल का कारण जानने के लिए कम से कम एक सुराग की जरूरत है। जब तक वो सुराग हमें नहीं मिलता हमारी जांच आगे ही नहीं बढ़ पाएगी।

परमार ने भौमिक की बात पर स्वीकृति दी।

तुम्हें पता है मैं दो दिन पहले भी हवेली गया था। करीब तीन घंटे तक हवेली में एक सुराग की तलाश में घूमता रहा पर मुझे वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। कातिल इतना शातिर है कि एक भी सुराग या कोई भी निशान हमारे लिए छोड़कर नहीं गया है। उस पर ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने केस को पूरी तरह से उलझा दिया है। समझ नहीं आ रहा है कि इस केस की जांच हत्या के रूप में की जाए या आत्महत्या के रूप में की जाए। इसलिए सभी से एक बार पूछताछ तो करना ही होगी।

भौमिक की बात सुनने के बाद परमार ने कहा- ठीक है सर। मैं साहिल को लेकर आता हूं। उम्मीद करता हूं कि वो कोई सुराग हमें दे। इतना कहने के बाद परमार दूसरे कमरे में चला जाता है और कुछ ही देर में वो साहिल को लेकर भौमिक के केबिन में आ जाता है। साहिल भौमिक के ठीक सामने रखी कुर्सी पर बैठ जाता है और भौमिक को हेलो कहता है। भौमिक ने भी उसके हेलो का जवाब दिया और कहा-

देखो साहिल मैं अब कुछ भी घुमा-फिराकर बात नहीं करना चाहता हूं। मेरा सिर्फ एक ही प्रश्न है, उस हवेली में हुए चार कत्ल के बारे में तुम जो कुछ भी जानते हो वो मुझे बताओ।

क्या साहिल हवेली में हुए कत्ल के बारे में कुछ जानता है ? क्या वो भौमिक को कत्ल के बारे में कोई जानकारी दे पाएगा ? अगर साहिल से भी भौमिक को कोई जानकारी नहीं मिलती है तो वो आगे क्या करेगा ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।