Muzrim ya Mulzim? - 8 books and stories free download online pdf in Hindi

मुजरिम या मुलजिम? - 8

अच्युत यह सोच ही रहा था कि आखिर श्रुति सिर्फ और सिर्फ मित्तल के ही पीछे क्यों है। उसे कुछ जानकारी निहाल दत्त के बारे में भी तो निकलनी चाहिए लेकिन वह तो सिर्फ मित्तल के बारे में जानना चाहती है।
श्रुति और अंकुश अपने काम पर लगे हुए थे। उन्होंने आज दिन भर में जो कुछ भी मालूम किया था उसके बारे में वह एक रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। श्रुति ने अंकुश को अपर्णा दीक्षित के बारे में जानकारी निकालने को कहा इसलिए अंकुश उसी काम पर लगा हुआ था।
उसने अपना लैपटॉप निकाला और अपर्णा दिक्षित के बारे में सोशल मीडिया में सर्च करने लगा। उसने अपर्णा दीक्षित का फेसबुक आईडी और इंस्टाग्राम यहां तक की टिक टॉक के बारे में भी पता करने की पूरी कोशिश करने लगा।
तब तक श्रुति ने अपना एक रिपोर्ट तैयार कर दिया था जिसमें उसने आज जो कुछ भी पता लगाया था उसके बारे में एक डिटेल इंफॉर्मेशन कलेक्ट करके सब कुछ सेट कर दिया था। अब बस कल सवेरे उस एड्रेस पर जाना था जहां पर उसे अपर्णा दिक्षित से मिलना था।
श्रुति ने अंकुश की तरफ देखा तो अभी तक अपना काम कर ही रहा था कि तभी ऑफिस बॉय ने आकर उससे कहा।
" श्रुति मैम आपको बॉस ने बुलाया है।"
ऑफिस बॉय में यहां से कितना कहकर चला गया। श्रुति ने खुद ही अपने हाथ से अपने सर पर टपली मारी और कहा।
" काम के चक्कर में मैं तो भूल ही गई की अच्युत सर ने मुझे बुलाया है। उसने जल्दी से अपना काम समेट कर रखा और अच्युत के केबिन की तरफ चली गई। केबिन के अंदर जाते ही श्रुति ने फाइल टेबल पर रखी और कहा।
" थैंक यू सो मच सर क्या आपने मुझे इस काम के लिए परमिशन दे दी? आप खुद देख सकते हैं कि मैंने क्या-क्या पता किया है।"
अच्युत मोबाइल में कुछ काम कर रहा था उसने बिना आई कांटेक्ट किए उसको बैठने का इशारा किया। श्रुति ने बिना कोई सवाल की बैठना ठीक समझा इसलिए वह चुपचाप बैठ गई। श्रुति देख पा रही थी कि अच्युत उसकी तरफ कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है वह तो सिर्फ अपने फोन पर लगा हुआ है इसलिए श्रुति भी चुपचाप ही बैठ गई।
कुछ देर के लिए ऑफिस में सन्नाटा छाया रहा कि तभी श्रुति के फोन पर नोटिफिकेशन बेल सुनाई देने लगी। वैसे तो श्रुति ऑफिस वर्क के समय पर फोन देखना पसंद नहीं करती थी लेकिन खुद अच्युत सर भी अपने फोन पर बिजी थे इसलिए उसने भी अपना फोन निकालकर नोटिफिकेशन चेक करना ही बेहतर समझा।
उसने देखा तो उसकी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फ्रेंड रिक्वेस्ट की नोटिफिकेशन मैसेज आया हुआ था।उसने जैसे ही उसे ओपन किया तो उसने देखा कि यह फ्रेंड रिक्वेस्ट किसी और ने नहीं खुद अच्युत ने ही भेजी है। श्रुति ने आंखें फाड़ कर सामने बैठे हुए अच्युत की तरफ देखा।
अच्युत बिना उसके तरफ देखे फोन पर देखकर ही स्माइल कर रहा था। उसने फोन को टेबल पर रखा और अच्युत की तरफ देख कर पूछा।
" अच्युत सर अब यह क्या नया मजाक लगा रखा है? आपने मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट क्यों भेजी?"
अच्युत ने अपना चेहरा श्रुति की तरफ कर के कहा।
" मैंने सिर्फ तुम्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी इसमें मैंने कौन सा मजाक किया है? और वैसे भी तुम्हारे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मेल फ्रेंड्स कुछ ज्यादा ही है।"
श्रुति ने अपनी आंखें छोटी थी और घूरते हुए पूछा।
" एक लड़की को मेल फ्रेंड रिक्वेस्ट नहीं आएगी तो क्या फीमेल आएगी? वैसे इसमें मेरी कोई गलती नहीं है लोग मुझे देखकर ही मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट कर देते हैं। जैसे आपने अभी-अभी किया।"
अच्युत ने उसकी तरफ देख कर स्माइल करते हुए कहा।
" मैंने तो ऑफिस में हर किसी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी है क्योंकि इसी बहाने में अपने स्टाफ के नजदीक रह सकता हूं। वो क्या है ना कि कुछ स्टाफ हमसे कहते हैं कि हमारी नानी मर गई है हमारी मामी मर गई है और जाते हैं कहां गोवा और खंडाला। एक सोशल मीडिया ही ऐसी जगह है जहां पर लोग झूठ नहीं बोलते।"
अच्युत की बात सुनकर श्रुति ने हंसते हुए जवाब दिया।
" सर आपको किसने कहा कि लोग सोशल मीडिया में झूठ नहीं बोलते? लोग तो अपनी फेक आईडी तक बना कर रखते हैं जहां पर वह सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलते हैं।यहां तक कि लड़का लड़की बनकर लड़कियों का फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है और उनके साथ वह वाली बातें करता है।"
अच्युत ने अपने दोनों हाथ टेबल में टीका कर अपनी गर्दन श्रुति के नजदीक लाते हुए कहा।
" तुम्हें कैसे पता?"
श्रुति ने भी उसी तरह अपने दोनों हाथ टेबल पर टीकाया और अपनी गर्दन नजदीक लाते हुए जवाब दिया।
" ओबवियसली उसमें पता करने वाली कौन सी बात है? हर कोई जानता है। बस कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके मन में यह वह होता है कि लोग सोशल मीडिया में झूठ नहीं बोलते।"
कहते हुए उसने तिरछी नजर से अच्युत की तरफ देखा। अच्युत ने अपनी गर्दन पिछली और कुर्सी पर अपने आप को टिकाते हुए कहा।
" देखो यह बात मुझे भी पता है लोग अपनी फेक आईडी बनाते हैं और उसमें सिर्फ झूठ बोलते हैं। लेकिन ओरिजिनल आईडी होती है जहां पर वह लोग सिर्फ अपने फैमिली मेंबर को ऐड करते हैं वहां पर सिर्फ सच ही बोलते हैं। एनीवे मुझे किसी और का नहीं करना तुम मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लो। ताकि मैं तुम पर नजर रख सकूं।"
कहते हुए उसने बड़ी सी स्माइल श्रुति को पास की। श्रुति ने उसके स्माइल का जवाब स्माइल से देते हुए कहा।
" सॉरी सर लेकिन मैं किसी अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं करती हूं। वैसे मुझे लेट हो रहा है क्योंकि कुछ ही समय में ऑफिसर आवर खत्म हो जाएगा।"
कहते हुए श्रुति अपने जगह से खड़ी होकर वहां से जाने की लगी थी कि अच्युत ने उसे रोकते हुए कहा।
" आज शाम को क्या कर रही हो? आज शाम का डिनर हम साथ में करेंगे।"
श्रुति दरवाजे की तरफ मुड़ गई थी उसने अपनी गर्दन घुमा कर कहा।
" मुझे बाहर का खाना रास नहीं आता है इसलिए मैं खुद घर पर खाना बनाकर खुद खाती हूं।"
" ठीक है मैं अपने आप को तुम्हारे घर पर खाना खाने के लिए इनवाइट करता हूं। देखो मुझे मसालेदार खाना कुछ ज्यादा पसंद नहीं इसलिए मेरा खाना सीधा साधा होना चाहिए। और खाने के बाद मुझे मीठा खाने की आदत है और खाना पूरी तरह से खत्म होने के आधे घंटे बाद मुझे कॉफी चाहिए होती है।"
अच्युत की फरमाइश सुनकर श्रुति उसकी तरफ आंखें और मुंह फाड़ कर उसकी तरफ देखने लगी। इसकी फरमाइश खत्म होने पर श्रुति ने अपना हाथ कमर पर रख कर कहा।
" एक मिनिट आप कौन होते हो खुद को मेरे घर पर इनवाइट करने वाले? और वैसे भी मैं इतना अच्छा खाना नहीं बनाती हूं मेरा खाना खाकर हॉस्पिटल जाने का शौक हो तो फिर जरूर आना।"
अच्युत ने चेयर को हर राउंड राउंड घुमाते हुए कहा।
" मैं रात को ठीक 9:30 बजे खाना खाता हूं तो जल्दी से जाकर डिनर रेडी करो मैं कुछ देर में वहां पर पहोचता हूं।"
श्रुति अभी भी उसको देख रही थी लेकिन अच्छे अपनी आंखें बंद करके चेयर पर गोल-गोल घूम रहा था। श्रुति समझ गई कि वह किसी बात का जवाब देने के मूड में नहीं है इसलिए उसने बिना कुछ कहे वहां से निकलना ही जरूरी समझा।
उसका अपार्टमेंट काफी पुराना और छोटा सा था जहां पर उसका सिर्फ वन बैडरूम हॉल किचन का छोटा सा फ्लैट था। जैसे ही वह फ्लैट के अंदर गई उसने अपना सामान बिस्तर पर फेंका और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई। आधे घंटे के बाद में फ्रेश हो गई थी और सीधा किचन में चली गई।
उसने 9:00 बजे के पहले ही खाना तैयार कर दिया था और टेबल पर खाना रखते हुए उसने घड़ी की तरफ देखा। वह जल्दी से तैयारी करने के लिए चली गई। घड़ी में जैसे ही 9:30 बजे श्रुति के कारण में दरवाजे की बेल सुनाई देने लगी।
" हाउ पंक्चुअल!"
कहते हुए उसने दरवाजा खोला। सामने अच्युत हाथ में रेड रोज का बुके लेकर खड़ा था।दरवाजा खोलते ही वह अंदर आ गया और श्रुति के हाथ में देकर कहने लगा।
" हैप्पी बर्थडे माय स्वीटहार्ट।"
कहते हुए उसने सीधे ही श्रुति के होठों पर किस देनी शुरू कर दी। आखिर क्या रिश्ता है श्रुति और अच्युत के बीच में? आखिर क्या कारण है उनका इस रिश्ते को छुपाने के पीछे? क्या श्रुति अपर्णा दिक्षित से कुछ इंफॉर्मेशन निकल पाएगी?