Devil se Mohhabat - 4 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 4

The Author
Featured Books
  • પ્રેમતૃષ્ણા - ભાગ 15

    “ ના બેટા એવું કાઈ નથી . સંકેત અને સુર્યવંશી ની વચ્ચે કઇ પણ...

  • ભવ સાગર

    भज गोविन्दं भज गोविन्दं भज गोविन्दं मूढमते ।प्राप्ते सन्निहि...

  • શ્રાપિત પ્રેમ - 20

    મનહર બેન ના ચિઠ્ઠીથી રાધા આખો દિવસ ઉદાસ રહી અને તે રાત્રે પણ...

  • ભાગવત રહસ્ય - 129

    ભાગવત રહસ્ય-૧૨૯   તે સમયે નારદજી પ્રાચીનર્બહિ રાજા પાસે આવ્ય...

  • માટી

        માટી       નાનપણમાં હું અને મારી દોસ્તો સ્લેટ (પાટી)માં...

Categories
Share

Devil se Mohhabat - 4

-



जिसे देखकर अंजलि  झट से बेड से उठ,,,,, वह विराज का हाथ पकडते हुए,,,,,,तो तुम तो वही ,,,, मोल वाले लड़के हो ना ,,

🩵🩵🩵🩵

अब आगे_____
;क्योंकि अंजलि ने उसे ,,,,,एक हफ्ते पहले मोल में देखा था,,,,,वह तब से ही उसकी दीवानी हो गई थी ,,,,,उसे नहीं पता वह लड़का कौन था ,,,,,लेकिन ऐसा एक भी रात नहीं गई थी,,,,,,जब अंजलि ने उसे अपने सपने में नहीं देखा होगा,,,,,वह तो,,,,,उसके लिए एक राजकुमार की तरह लग रहा था ,,,

जिसकी अंजलि इतने दिनों से सपने देखते आ रही थी,,,,,,,लेकिन अफसोस- वह उसका राजकुमार के रूप में नहीं ,,,,,,एक रक्षा के रूप में ,,,,,उसके सामने खड़ा ,,,,,,उसकी जिंदगी तबाह करने को तैयार था,,,,,,,वह अपनी नफरत में सब कुछ भूल चुका था,,,,,,उसे सिर्फ और सिर्फ अपने कानों में ,,,,,,,अपनी मां और बुआ की चिखे,,,, और अपनी आंखों में अपनी मां की और बुआ की खून से लटपट,,,शरीर ही नजर आ रहा था,,,

उसे तो अंजलि से जैसे कोई लेना-देना था ही नहीं,,,,,, उसे तो बस अपने सामने खड़ी ,,,,,,इस लड़की के बाप को तबाह ,,,,और उसके आंसू देखते थे,,,,,जो इस लड़की के आंसुओं से होते हुए ही ,,,,पूरा होना था,,,

लेकिन अंजलि को आपना हाथ पकड़ता देख,,,,फिर विराज गुस्से से,,,,,,अपने हाथों की मुट्ठी बंद कर देता है ,,,,, और फिर विराज पीछे पलट ,,,अंजलि का चेहरा देखने के लिलि,,,,,थोड़ा नीचे झुक एक नजर ,,,,अंजलि के पूरे चेहरे को देख,,,,, एक चुटकी में,,,,,उसे अपना हाथ छोड़ा,,,,अंजलि का कड़ाई पकड़,,,,उसे गोल घुमा ,,,,,उसके बैक से लगा ,,,उसे अपने करीब खींच देता है

और वही आंजली तो जैसे,,,,किसी सपने में चली गई थी ,,,उसे नहीं पता था,,,,,,कि वह उसका हीरो नहीं,,,,,उसकी जिंदगी का विलेन है ,,,,,,,यह सोचते ही ,,,,अंजलि की धड़कनों की रफ्तार तेज हो जाती है ,,,,,,,,उसे नहीं पता कि वह एक ऐसे इंसान के सपने देख रही थी ,,,,,,,जिससे वह कभी नहीं हो सकती थी,,,,

जिससे उसे सिर्फ दुख मिलने वाला था,,,,,,,जिसे सोच अंजलि की आंखों में आंसू आ जाता है ,,,,,,और वह होठों से कुछ बोलते ही जा रही थी,,,,,,,कि तभी अंजलि को उसे ,,,,,,अपने गर्दन पर विराज की गर्म सांसों के साथ आवाज महसूस होती है,,,,तुमने मुझे मॉल में देखा तो फिर क्या

जिसे सुन अंजलि अपनी कापते होठों से ,,,कौन-कौन हैं आप ,,,,,अंजलि ने इतना ही कहां होगा ,,,,,,कि तभी विराज अंजलि को पलट ,,,,,उसे अंजलि के फेस को देखते हुए,,,,,,तुम्हें यह जानने की ,,,जरूरत नहीं है ,,,, उसके आवाज में ,,,,कुछ तो था ,,,,जो विराज को,,,,,उसे छोड़ने पर मजबूर कर दिया था

लेकिन क्यों ,,,,और तुम हो कौन और ,,,,,मुझे मुझे यहां क्यों लेकर आए हो

जिसे सुन विराज अपनी भवे उठा ,,,,,तुम्हें लगता है,,,,मैं तुम्हारे इन सवालों का जवाब दूंगा ,,,,,,और फिर अंजलि से अपनी नज़रें हटा,,,,उसकी तरफ पीठ कर खड़े हो,,,,,,अब तक कुछ खाया क्यों नहीं ,,,,क्या तुम्हें मरने का बहुत शौक है

उसने इतना ही कहा होगा ,,,,कि तभी अंजलि दोबारा इसका मतलब मुझे यहां कैद करने वाला कोई और नहीं ,,,,आप हैं ,,,,,आपने मुझे यहां क्यों कैद किया ,,,,क्या रीजन है,,,,,मुझे यहां लाने का,,,,,यहां कहते हुए ,,,,,,अंजलि चीख पड़ी थी,,,,अब तो जैसे अंजलि के अंदर से,,,,डर ही चला गया हो,,,

और वही विराज अंजलि की ऊंची आवाज सुन,,,,,पीछे पलट अंजलि को फेस को पकड़,,,,उसके गालों को दबाते हुए ,,,,,उसके चेहरे को अपने चेहरे के करीब ला,,,,,,उसके होठों की तरफ देखते हुए,,,,,खबर दार ,,,,,,अगर दोबारा तुमने मेरे सामने ऊंची आवाज में बात की तो ,,,,,,मैं तुम्हारी जुबान खींच लूंगा ,,,,,,,यह कहते हुए विराज की नजर ,,,,आब भी अंजलि के होठों पर थे ,,,,,जो भिराज के इस तरह दबाने से ,,,,हार्ट शेप में तब्दील हो गई थी

और वही अंजलि विराट के ऐसा करने से ,,,,,दर्द से उसकी आंखें बंद हो जाती है ,,,,,,उसे नहीं पता कि,,,,यहां क्या हो रहा है,,,,,लेकिन उसे तकलीफ हो रही थी ,,,,और सामने खड़ा जिसका,,,,,अंजलि अब तक नाम तक नहीं जानती थी,,,,वह इंसान उसका पहला क्रश था,,,,जिसके साथ वह ,,,,,अपने सपने बोन रही थी ,,,,,अब उसे उसी के साथ,,,डर लग रहा था

जिसे देखते हुए अंजलि के आंखों में नमी और होट कांपने लगते हैं ,,,,,और वही विराज की नजर आब भी उसके होठों पर थी ,,,,,,जिसे देख विराज बगैर वक्त गवाए ,,,,,वह खुद नीचे झुके,,,,,अंजलि कू होठों पर हॉट रख है,,,,,उसे चूमना लगता है ,,,,,,वह तो जैसे अब उसके फोटो को छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था,,,,,,,,और वही अंजलि अपनी आंखें फाड़े ,,,,अपने सामने खड़े ,,,,उसके होठों को लगातार चुमते,,,,विराट को देखी जा रही थी ,,,,की कुछ सेकेंड बाद ही,,,अंजलि अपने हाथों को उठा,,,,,विराज के कंधों पर मरते हुए ,,,उसे खुद से अलग करने लगती है

जिसे महसूस कर विराज अंजलि के दोनों हाथों को पकड़ ,,,,,,उसके बैग से लगा,,,,,,और अपने दूसरे हाथ से अंजलि के कमर पर रख,,,,,,उसके हल्का सा ढाबा ते हुए,,,,,,उसे पीछे की तरफ से जाने लगता है

जिससे अंजलि और भी ज्यादा छटपटाने लगी थी ,,,,,,की तभी विराट बगैर देरी किए ,,,,अंजलि के शर्ट के बटन खोल अलग कर देता है ,,,,,,,जिसे महसूस करें अंजलि और भी ज्यादा छटपटाने लगती है ,,,,,, जिससे विराज बगैर देरी किया ,,,,,,,,वह दोबारा उसके कमर को दबा,,,,,धीरे से ,,,,,,,अपने हाथों को ऊपर की तरफ जाने लगता है और उसे और भी ज्यादा पजेसिव हो किस करने लगता है

आज के लिए बस इतना

तो देखते हैं कि विराज अंजलि के साथ यह सब क्यों कर रहा है क्या है अंजलि के करीब जाना भी विराज की एक प्लानिंग है जाने के लिए पढ़ते रहे



🩵🩵🩵🩵🩵🩵🩵