Tera Lal Ishq - 21 in Hindi Crime Stories by Kaju books and stories PDF | तेरा लाल इश्क - 21

The Author
Featured Books
Categories
Share

तेरा लाल इश्क - 21

ऐसे सुबह सुबह अचानक से अपने सामने उस सूटबूट पहने आदमी को देख वो हड़बड़ाया और जो मुंह में आया बोलते जा रहा था। अब आगे,,,,

वो आदमी सोफे पर बैठते हुए "डोर ओपन था तो आ गया और ये क्या हाल बना रखा है??" 

मिकी खीसे निपोर "हे हे हे वो बस नहाने ही जा रहा था की मेरा फेवरेट शो आ गया तो देखने बैठ गया,,,आप बताइए कैसे आना हुआ???" 

"अरे यार हम अभी ऑफिस में नही तेरे घर पर है तेरा बेस्ट फ्रेंड हु इतनी फॉर्मिलिटी क्यों बिहेव कर रहा ?" वो आदमी आराम से सोफे पर बैठते हुए बोला।

"सॉरी यार,,,बस ऑफिस के रूल्स फॉलो करते हुए आदत पड़ चुकी है,,,अब छोड़ ये सब तू बता यू अचानक प्रकट होने का कारण ???" मिकी ने पुछा।

  "एक इंपॉर्टेंट बात करनी थी और साथ ही तुम्हारे लिए गुड न्यूज भी लाया हु" वो आदमी सीरियस लुक बनाकर बोला।

ये मिकी का बेस्ट फ्रेंड मितेश गायपाल उम्र 30, मुंबई का सबसे फेमस न्यूज रिपोर्टर और मिकी का बेस्ट फ्रेंड होने के साथ सीनियर भी  इसकी सिर्फ एक ही नियत है  मतलब और फायदा 
दूसरो का फायदा उठाकर ही यहां तक पहुंचा है जब तक के इसके फायदे की बात न हो ये मुंह उठाकर  किसी के पास नही जाता और अभी फायदे के मतलब से ही तो मिकी के घर पर सुबह सुबह प्रकट हुए है जनाब और एक आखिर बात बहुत नीच किस्म का इंसान हैं। 
मिकी तो इसे अपना सबकुछ मानता है पर बिचारा सच्चाई से बिल्कुल अनजान हैं।
"क्या न्यूज है स,,, म मतलब मीतू" मिकी हड़बड़ाते हुए बोला।
स्कूल कॉलेज हर टाइम मीतू मीतू करता रहता था। पर जब से उसका मीतू उसका ही सीनियर बना है तबसे उसे बहुत हिचकिचाहट होने लगी है क्युकी रूल नियम से वो बंधा है।

"तुम ऐसे हिचकिचा क्यों रहे हो जैसे मैं कोई अजनबी हु मैने कहा ना अभी हम घर पर है" मितेश मुंह बनाकर बोला।

मिकी हंसकर बात टालते हुए "नही ऐसी कोई बात नही है आ,,मतलब तुम बताओ बात क्या है,,,? मतलब कैसी news?" 

मितेश मुद्दे पर आकर बोला "काला भंडार का नाम सुना है?" 

"ओह गॉड,, ये तो वही एरिया है ना जिसपर लोग शक पर शक कर रहे पर अब तक कोई सच नही जान पाया" मितेश के मुंह से काला भंडार का नाम सुन मिकी हैरानी से बोल पड़ा।


"क्युकी छान बीन नही हो पा रही और उपर से पुलिस का इलाका जो है इतनी आसानी कोई कैसे हाथ घुसा सकता हैं" मितेश हाथ बांध कर बोला।

मिकी भी सीरियस हुए "Hm,,,बहुत से न्यूज रिपोर्टर की टीम वहा गई पर,,,"

"पर सब जिस शक का सच जानने गए वो  उसी शक के साथ वापस लौट आए किसी को नहीं पता क्या गोलमाल चल रहा उधर" मितेश बिच में उसकी बात पूरी करते हुए बोला।

मिकी नासमझी से सर खुजाते हुए "तो यही बात करने आए थे तुम ? गुड न्यूज क्या ये भी बता दें?" 

मितेश रहस्यमई तरीके से बोला "तो सुन मुझे एक बात पता चली है की इतने सारे न्यूज रिपोर्टर जाते तो  इतनी भीड़ हो जाती हैं की इस्पेकटर मुरीद सबको भगा देता और किसी के हाथ कुछ नहीं लगता"

मिकी भौहें नचाए "तो इसमें मैं क्या कर सकता हु ?तुम मुझे क्यों बता रहे ये सब?"

"अबे घोंचू दिमाग लगा के सोच,,,सोच अगर कोई अकेला गया और न्यूज इखट्टी किया तो कितनी बड़ी बात होगी क्राइम रिपोर्टर का पोस्ट मिल सकता हैं उसे" (मितेश उसके चारों तरफ घूमते हुए बोले जा रहा था और उसकी एक बात सुन मिकी की आखें उम्मीद की चमक लिए फैलती जा रही थी।)

यहां इनकी कहानी चल रही थी तो वहा काला भंडार में मुरीद अपनी अलग ही कहानी रचाने की जल्दी में था।


"जल्दी जल्दी जल्दी जल्दी करो सब नामुरादो,,, सारा माल जल्दी समेटो वो दो कौड़ी के जासूस कभी भी यहां पहुंच सकते है हिम्मत तो देखो सालो की मेरे होते हुए काला भंडार में जासूसी करने घूस आए और भनक तक नहीं लगने दी" मुरीद अपने आदमियों पर भड़का जा रहा था।

"फिर तो उन्हे दो कौड़ी के जगह दो लाख करोड़ रुपए के जासूस बोलना चाहिए" जंगली बड़ा सा लकड़ी का बक्सा कंधे पर उठाए बोला तो सभी उसे घूरने लगे।

"चुप साले जल्दी जल्दी हाथ चला सुबह होने से पहले यहां से निकलना है वरना,,," कबाड़ी गुस्से में फुसफुसाकर इतना ही  बोला । की 

"वरना क्या ?" जंगली भूलते हुए बोला।

"वरना पकड़े गए ना तो जेल और फासी से पहले ही ऊपर टपक जाएंगे" चमड़ी उसकी बात का जवाब दिया।

जंगली भूलते हुए कन्फ्यूज होकर "लेकिन उपर टपकेंगे क्यू?" 

"ए इस भूलेरा का मुंह बंद करवाओ वरना,,,वरना गन फैक्ट्री के गन से ही इसके मुंह को दाग दूंगा" मुरीद गुस्से से तिलमिलाया।
कबाड़ी और चमड़ी डर से हड़बड़ाए हुए जंगली को उठा कर ले गए और सभी आदमी  फटा फट बॉक्स को गुप्त अड्डे से निकाल ट्रक पर लादने लगे। 

फ्लैश बैक
भागते हुए आया वो वो करने वाला आदमी यही बताने आया था की मीडिया का जासूस मुंबई के उन सिक्रेट जासूसों के हाथ लग गया है।

मुरीद गुस्से में झुंझलाया "अबे जल्दी बोल ना वो?वो? कौन???जल्दी बोल वरना,,," 

"सर वो मिडिया का,,,वो जासूस जो हमारे चंगुल से बच भागा था वो,,,"    वो आदमी आगे बोलता की
चमड़ी बीच में बोल पड़ा "बच भागा था नही भाग ही गया"

वो आदमी गुस्से से "नही ये हमारी गलतफेमी थी वो काला भंडार में ही कही छुपा बैठा था"

मुरीद के साथ सभी हैरानी से उस आदमी को देखते हैं।

"तू सच कह रहा है?" मुरीद बेयकिनी से बोला।

आगे वो आदमी असल मुद्दे पर आते हुए "सर मैंने अपनी आंखो से देखा था काले कपड़ों से लिपटे दो आदमी थे जिनमें से एक ने एक अंधमरे आदमी को कंधे पर उठा रखा था और अजीब बात ये है की अचानक ही उसका दुसरा साथी गिर पड़ा  तो उसके साथी ने उसे भी दुसरे कंधे पर रख कर लिया  और काला भंडार से बाहर की तरफ जाने लगा"

"इसमें अजीब बात क्या है? बॉयफ्रेंड बॉयफ्रेंड होंगे इसलिए प्यार जता रहे तेरे में अलग बात होगी इसलिए तुझे खुजली मच रही,,, साला कबाब में हड्डी" जंगली उस आदमी को देख नाक मुंह सिकोड़ कर बोला। उसकी बात सुन सभी अपना सिर पीट लिए।

"तो तू मूवी का सीन समझ कर देखता रहा?" मुरीद उसे आखें तरेर कर देखते हुए बोले।

तो वो आदमी सर पकड़े बोला "नही सर,,,मैं पीछा करता रहा लेकीन अचानक ही वो लोग गायब हो गए? पता नहीं कहा चले गए???"

"नही पता का क्या मतलब है? " कबाड़ी की बात सुन 
वो आदमी बोला "नही पता का मतलब नही पता" 

"तुम पीछा कर रहे थे या झक मार रहे थे जो नही पता" चमड़ी दात पिस्ते हुए बोला। 

आगे क्या होगा? जाने के लिए बने रहे स्टोरी के साथ।🤗मिलते हैं अगले मजेदार Ep में।😁