(Raj & Anushka)बारिश थम चुकी थी,लेकिन उनके दिलों की कशिश अभी भी उसी तरह बह रही थी।Raj और Anushka ने एक-दूसरे की आँखों में देखकरएक नई शुरुआत की छोटी-सी खामोशी को महसूस किया।लेकिन ज़िंदगी कभी भी सिर्फ़ आसान मोड़ नहीं देती…---अगला दिन — अचानक एक नई चुनौतीसुबह ऑफिस जाते समयAnushka की सहकर्मी रिया ने उसे रोक लिया।“Anushka… एक बात बोलूँ?कल तुम्हें Raj के साथ देखा।ध्यान रखना…”Anushka चौंक गई—“क्यों? क्या हुआ?”रिया ने धीरे से कहा“Raj हाल ही में एक बड़ी प्रोजेक्ट डील हारे हैं।ऑफिस में लोग कह रहे हैं कि वो काफी परेशान है…कहीं वो तुम्हें फिर से चोट ना पहुँचा दे।”Anushka ने बिना कुछ कहेसिर झुका लिया।दिल में हल्की चिंता उठी—क्या Raj सच में किसी परेशानी में है?---दूसरी तरफ… Raj की दुनिया में तूफानRaj अपने ऑफिस के केबिन में बैठा हुआलैपटॉप स्क्रीन पर नजरें गड़ाकर परेशान था।फाइलें बिखरी थीं,फोन लगातार बज रहा था।एक बड़ी डील कैंसल हो चुकी थीऔर राज के करियर पर सवाल खड़े हो रहे थे।Raj खुद को संभाल रहा था,लेकिन अंदर से टूट रहा था।उसी वक्तउसके फोन पर Anushka का नाम चमका।Raj ने गहरी सांस ली और कॉल उठाई—“हेलो, Anushka…”Anushka की नरम आवाज़ आई“Raj… तुम ठीक हो?कुछ बोलना चाहोगे?”Raj कुछ पल चुप रहा,फिर हल्की आवाज़ में बोला—“शायद नहीं…मैं नहीं चाहता कि तुम मेरी परेशानियों में फँसो।”Anushka को आघात लगा।उसने शांत लेकिन दृढ़ आवाज़ में कहा—“Raj, अगर ये नई शुरुआत है,तो मुश्किलें भी साथ में बाँटनी होंगी।तुम अकेले क्यों झेल रहे हो?”Raj ने आँखें बंद कर लीं।उसके दिल को वही गर्माहट महसूस हुईजो कभी खो गई थी।---शाम को… अनुष्का राज से मिलने उसके ऑफिस गईRaj चौंक गया—“तुम यहाँ?”Anushka ने मुस्कुराते हुए कहा“हाँ, क्योंकि रिश्ता सिर्फ़ आसान दिनों का नहीं होता।परेशानियों में साथ खड़े होने से हीदिल का रिश्ता मजबूत बनता है।”Raj की आँखों में नमी आ गई।उसने पहली बार किसी कोअपने टूटे हुए हिस्सों के साथइतना करीब पाया था।अनुष्का ने धीरे से उसका हाथ थामा—“Raj, हम साथ हैं…तो सब ठीक हो जाएगा।”और उस पलRaj ने महसूस किया किअनुष्का सिर्फ़ उसका प्यार नहीं…उसकी ताकत है के ऑफिस में बैठकर अनुष्का उसके पास थी—बिल्कुल वैसे ही जैसे उसे चाहिए थी।Raj की आँखों में थकान थी,लेकिन अनुष्का की मौजूदगीजैसे उसकी सारी घबराहट को धीरे-धीरे पिघला रही थी।---उस शाम की शुरुआत…अनुष्का ने उसके टेबल पर बिखरी फाइलें उठाईं।“Raj, पहले ये सब समझाओ…क्या वजह है इस प्रोजेक्ट के फेल होने की?”Raj ने गहरी सांस ली—“हमारी टीम में दो लोग अचानक छोड़कर चले गए,और क्लाइंट ने बहुत कम समय दिया था।मैं संभाल नहीं पाया…और अब बॉस मुझसे खुश नहीं है।”अनुष्का ने उसकी तरफ देखा—“निकाल देंगे?”Raj ने सिर झुका लिया“शायद… अगर मैं अगला प्रोजेक्ट जीत नहीं पाया तो।”अनुष्का के मन में हल्का डर आया,पर उसने अपने चेहरे पर वो डर नहीं आने दिया।उसने नरमी से कहा“Raj, हम इसे साथ में ठीक करेंगे।मुझे बताओ, तुम्हें क्या चाहिए?”Raj ने पहली बार बिना झिझक कहा“मुझे तुम चाहिए, Anushka…तुम्हारा साथ…”अनुष्का का दिल एक पल के लिए ठहर गया।उसने उसकी आँखों में देखकर धीरे से कहा—“मैं हूँ न, Raj…कहीं नहीं जाऊँगी।”---अगले दिन—एक नया मोड़ Raj अपने अगले प्रोजेक्ट के लिएएक बड़ी प्रेज़ेन्टेशन तैयार कर रहा था।क्लाइंट बहुत सख्त थाऔर बॉस बार-बार दबाव बना रहा था।अनुष्का ने खुद उसे मदद की पेशकश दी—“Raj, हम दोनों मिलकर रात तक काम कर लेंगे।”Raj ने हंसते हुए कहा—“Anushka, तुम अपनी जिंदगी भूल रही हो क्या?”अनुष्का गंभीर हुई—“एक रिश्ता तभी आगे बढ़ता हैजब हम एक-दूसरे की मुश्किलें बाँटते हैं।”Raj उसे देर तक देखता रहा।उसकी आँखों में प्यार, भरोसाऔर एक नई ऊर्जा चमकने लगी।---रात 11 बजे — कॉन्फ़्रेंस रूमदोनों साथ बैठे थे।फाइलें, लैपटॉप, कॉफी—और बीच-बीच में चोरी-छिपी हंसी।अचानक Raj ने कहा—“अगर मैं ये जीत गया न…तो ये तुम्हारी वजह से होगा।”अनुष्का मुस्कुराई—“और अगर तुम हारे,तो फिर भी मैं तुम्हारे साथ रहूँगी।”Raj ने धीरे से उसका हाथ पकड़ा“Anushka, तुमने मेरी दुनिया वापस दे दी है।”उसका हाथ थामते हीअनुष्का का दिल धड़क उठा,लेकिन उसने हाथ वापस नहीं खींचा।---रात और गहरी हुई…काम पूरा हो चुका था।Raj ने राहत की सांस ली—“तुम न होती, तो ये रात मेरे लिए नर्क थी…”अनुष्का हल्के से बोली—“और तुम न होते…तो मेरी जिंदगी में कोई रंग नहीं होता।”Raj धीरे से हँसा।“तो… हम दोनों एक-दूसरे को पूरा करते हैं?”अनुष्का ने नजरें नीची कर लीं,लेकिन उसकी खामोशी उसके दिल का जवाब थी सुबह की ठंडी हवा मेंRaj अपने ऑफिस की ओर जा रहा था।आज उसके करियर का सबसे बड़ा दिन था—उसकी प्रेज़ेन्टेशन,और उसके भविष्य का फैसला।लेकिन इस बार Raj अकेला नहीं था।उसके दिल में एक सुकून था—क्योंकि अनुष्का उसके साथ खड़ी थी…चाहे वो उसके साथ ऑफिस न जा रही हो,पर उसका हौसला, उसकी दुआRaj को अंदर से मजबूत कर रही थी।---ऑफिस में — माहौल तनाव भराक्लाइंट्स मीटिंग रूम में बैठ चुके थे।राज के बॉस की आँखों में कड़वाहट और उम्मीददोनों का अजीब सा मिश्रण था।Raj ने फाइलें खोलीं,लैपटॉप लगाया,और गहरी सांस ली।तभी—उसके फोन पर एक मैसेज आया:"Good luck Raj…You’ve got this.Anushka"Raj की उंगलियाँ ठहर गईं।यह एक छोटा-सा मैसेज था,लेकिन उसके लिए ताकत की तरह काम किया।वो हल्का सा मुस्कुराया और अंदर चला गया।---प्रेज़ेन्टेशन शुरू हुईक्लाइंट्स सख्त चेहरे लिए बैठे थे।Raj बोल रहा था—क्लियर, आत्मविश्वास सेऔर खास बात ये थी किअनुष्का की मदद सेउसने हर सवाल का जवाब पहले से तैयार कर रखा था।क्लाइंट ने पूछा,“अगर आपको यह प्रोजेक्ट मिल गयातो आप सॉल्यूशन कैसे deliver करेंगे?”Raj ने बिना घबराए जवाब दिया—“Not alone,but with a team that believes in me.And with a vision that never fails.”क्लाइंट के चेहरे पर पहली बारएक संतोष भरी मुस्कान उभरी।---मीटिंग खत्म… बाहर निकला तो बॉस खड़ा था Raj घबराया।शायद बॉस फिर कुछ कड़वा बोलेगा।लेकिन बॉस बोला“Raj…This was impressive.You might have just saved your job.”Raj की आँखों में चमक थी।दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं।वह दीवारों के बीच भीअनुष्का की आवाज़ सुन रहा था—"तुम कर सकते हो Raj…"उसने बाहर निकलते हीसबसे पहले अनुष्का को कॉल किया—“Anushka…I did it!”अनुष्का की मुस्कान फोन में भी महसूस हो रही थी“मुझे पता था, Raj.”एक पल को दोनों चुप हो गए।लेकिन वो चुप्पीअब दूरियों वाली नहीं थी—बल्कि दिलों की गहराई वाली थी।---शाम — दोबारा मुलाकातRaj ने अनुष्का को पार्क में बुलाया।हवा में हल्की ठंड थी।दोनों पेड़ के नीचे बैठ गए।Raj ने धीरे से कहा—“तुम जानती हो Anushka,आज की जीत मेरी नहीं… हमारी है।”अनुष्का ने उसकी तरफ देखा—“Raj, साथ होना मतलब यही होता है।”Raj धीरे-धीरे करीब आया और बोला—“क्या मैं पूछ सकता हूँ…क्या हम दोबारा शुरू कर सकते हैं?बिना डर के…बिना गलतफहमी के…?”अनुष्का का दिल तेज़ धड़कने लगा।उसने हल्के से सिर झुकाया,फिर उसकी आँखों में देखा—“हाँ, Raj…इस बार दिल से,और हमेशा के लिए।”एक हल्की-सी मुस्कान,एक सुकून भरी खामोशी,और हवा में घुलता हुआ उनके रिश्ते का नया अध्याय…next part पढ़ने के लिए मुझे फॉलो करे..