इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है इसका किसी जीवित, जंतु, मानव संसाधन से कोई लेना देना नही है अगर ऐसा होता है तो ये मात्र एक सयोग होगा ,,, जय हिन्द,
इस कहानी को लिखने का उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं है ,, मात्र एक संदेश देना है,, ।
हर किसी को अपने देश अपने राष्ट्र से प्रेम होता है ,हमे भी भारत हिन्दू राष्ट्र से ,,, आज की जो कहानी है वो दो दोस्तो की कहानी है ,, जो भारत देश के अन्दर चल रहे जेहादी सोच को खत्म करने के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान जाते है ,,,,उनका उद्देश पाकिस्तान में बैठे उन आकाओं के मनसूबे को खत्म करना है जो भारत में , ऑनलाइन लव जेहाद और आतंकवादी सोच को बढ़ावा दे रहे है ,,,
अपना सब कुछ छोड़ कर दो दोस्त निकल पड़े है अपने उस सफर पर जिससे लौटना शायद संभव नहीं है ,, रॉ एजेंट जब आप ज्वाइन कर चुके है तो अब आपका यहां कोई नहीं ,, नया नाम ,, नया धर्म , नई भाषा, नए रिश्ते नया पहनावा, यही आपकी पहचान है ,,,,
हर युवा का एक सपना होता है की वो पढ़ाई पूरी करने के बाद एक अच्छी सरकारी जॉब प्राप्त करे ,, ।
और यही सपना हर बच्चे के मां बाप का होता है ,,कुछ देश के सेवा करना चाहते है , इस लिए वो देश की आर्मी ज्वाइन करते है , किसी को डॉक्टर बनना है तो किसी को वकील तो किसी को टीचर,तो किसी को कलेक्टर,,,,।
लेकिन सरकारी नौकरी हर किसी के नसीब में नहीं होती है , कुछ ऐसे भी युवा है जो ना सरकारी जॉब करते ना प्राइवेट जॉब ,वो खुद का बिजनेस करते है ,,,
आज की जो हमारी कहानी है वो सबसे अलग है , जिसको हर कोई नहीं कर सकता है ये वो सरकारी जॉब है जिसे हजारों लोगो में से एक दो ही करना पसंद करते है ,।
रॉ,, एजेंट,, अपने देश का होते हुए भी एक रॉ एजेंट अपने देश का नहीं होता है ,, पकड़े जाने पर देश की सरकार उसको कभी भी अपने देश का नागरिक नही मानती है , हा अगर वापिस दूसरे देश से लौट कर आता या अपने काम को अंजाम तक पहुंचा कर आता है तो देश की सरकार उसको सम्मानित करती है और उस पर गर्व भी ।,,,
रॉ एजेंट अजय सिंह तोमर और विजय सिंह ढोभल,दो दोस्तो की एक अनोखी कहानी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, सफर की शुरुवात करते है ,,,,,,,,,
नमस्कार दोस्तों,,,,, मै लेखक भगवत सिंह नरूका,,,,,,,,,
रात का समय था आसमान में चांद साफ नजर आ रहा था ,, तारे भी अपनी रोशनी जमीन पर बिखरा रहे थे , देहली मुंबई हाइवे पर एक गाड़ी बहुत तेजी से चली जा रही थी ,, तेज गाड़ी चलने को वजह से गाड़ी में बैठे आदमी के घने बाल हवा से टकरा रहे थे ।,, थार गाड़ी जिसके बड़े बड़े पहिए हवा को चीरते हुए आगे बढ़ रहे थे ।
गाड़ी में एक सीमित सीमा में हिन्दी फिल्म साजन का गान बज रहा था , जिसकी मधुर ध्वनि का मजा अजय सिंह तोमर ले रहा था ।
दिन के समय से अधिक मजा रात के समय में सफर करने में आता है ,ये सोचना अजय सिंह तोमर का है इस लिए वो हमेशा रात को ही सफर करते है ,,, देहली मुंबई हाइवे पर दूर दूर तक कोई नजर नही आ रहा था आस पास बसे गांवों की रोशनी जरूर दिखाई दे रही थी ,,
अजय सिंह तोमर का गांव _______चलने से एक घंटे पहले,,,,,,
घर के बाहर एक थार गाड़ी स्टार्ट खड़ी है जिस में एक लड़का बैग और अन्य सामान रख रहा है ,घर के आंगन में कुछ महिलाए आदमी खड़े है ,,
अजय सिंह तोमर के पिता ____ बेटा आज रात रात रुक जाता,, कल सुबह निकल जाना,,रात बहुत हो गई है ??
अजय सिंह तोमर ___ काम ही ऐसा आया,, निकलना तो अभी पड़ेगा,, ओर हा उनका कॉल इतनी रात अगर आया है तो कोई बहुत बड़ा काम होगा ,,और वैसे भी मुझे बिना वजह पापा जी कॉल नही करते है ,, जाना तो पड़ेगा,,
अपनी मां के पास जाता है और पैर छूता है ,,,उसकी मां उसके सर पर हाथ रख कर उसको चूम लेती है ,,,,एक महीना कब बीत गया पता ही नहीं चला,,, कितने सालो बाद तो आया है,,,, ,,,,,,और हा रास्ते में खयाल रखना ,गाड़ी तेज मत चलना,, मैने सुना तू बहुत तेज गाड़ी चलाता है सरिता दीदी बता रही थी मुझे ,,,,
अजय सिंह तोमर ____(मां के आसू साफ करते हुए) इतना भी तेज नही चलाता हु,,, वो तो उस दिन मां की ही गलती थी , भला चलती बाइक पर फोन पर बात करना जरूरी है क्या ,, जैसे ही फोन कान के लगाया और बाइक से नीचे,,, हाआआ,,,, ।
बहन अजय सिंह तोमर ______ पता भईया उस दिन हस हस कर पेट फटा गाय था मां का जब सरिता चाची मां को गिरने वाली बात बता रही थी ,,,और अब देखो कैसे आसू निकाल रही है ,,,,
अजय सिंह तोमर ______ मां,,, ये मां ,, इधर देख (अपने हाथो से चेहरे को लेते हुए,) तूने मुझे जन्म दिया है ,,मैं तेरे दिल की हर बात को समझ सकता हु,, मै बहुत भाग्यशाली हु जो मुझे तीन तीन मां ओ का बेटा बनने का अवसर मिला है ,, पहली जिसने मुझे जन्म दिया दूसरी जिसने पाला पोसा पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया की तीसरी मां भारत मां ,,जिसकी सेवा करने के काबिल बनाया,,,,,,,,
आखों में आंसू आ जाते है रोने लगता है ,उसकी मां उसके आंसू साफ करती है उसको गले लगा लेता है ,,,
अब चलो रात हो रही है ,,, पीछे से एक युवक बोलता है जो की सबसे छोटा भाई होता है ,,,,,
दरसल, अजय सिंह तोमर सबसे बड़ा लड़का है ,घर का जो अपने चाचा के साथ देहली में रहता है अजय सिंह तोमर के चाचा ने उसको बचपन से अपने साथ रखा था ,,,,
रामबाबू सिंह तोमर के घर में जब भी बच्चा जन्म लेता वो मर जाता था , तीसरा बच्चा जब आया तो उसको उसकी चाची की गोद में डाल दिया गया जो की देहली में रहती थी ,,,,, आपको पता होगा गांवो में आज भी ये परंपरा जारी है जब किसी के लगातार बच्चे जन्म लेते ही मर जाते है तो उसके समाधान के लिए गांव वाले कहते है की जो भी बच्चा पैदा होगा उसको किसी अन्य की झोली में दान कर देना चाहिए ,,जिससे संकट जो घर में वो दूर हो जाता है ,
इसी तरह खेल ऊपरवाले ने अजय सिंह तोमर के साथ खेला , अजय सिंह के जन्म होते ही उसके चाचा उसको देहली ले कर आ गए ,एक दिन का बच्चा जिसको अपनी मां से दूर कर दिया गया । ,, जब वो बड़ा हुआ समझदार हुआ तब उसको पता चला की उसकी जन्म देने वाली मां तो गांव में रहती है ,जिसने उसको पाला पोसा पढ़ाया वो उसकी चाची मां है ,,
,, अजय सिंह तोमर के जन्म के बाद रामबाबू सिंह तोमर के घर लगातार छ बच्चे पैदा हुए जो सब ठीक है । जिस में पांच बहन और एक लड़का जो सबसे छोटा होता है ,,,।
अब आप अजय सिंह तोमर की पिछली जिन्दगी को जान चुके ,,अब आगे ,,
दिल्ली मुंबई हाइवे _____ वर्तमान
रात के 12 बज चुके थे , अजय सिंह तोमर ने अपनी गाड़ी हाईव के किनारे लगे एक होटल के बाहर लगा देता है उसको बाथरूम जाना था ,,इस लिए राजपूताना हवेली होटल पर रुक जाता है ,,,जब वो बाथरूम से बाहर निकल आया तो देखा लोगो की एक भीड़ लगी हुई थी ,,उसने भीड़ में जाकर देखा एक आदमी एक 17 साल की लड़की के साथ जबरदस्ती करके गाड़ी में डाल रहे है ,,
वही थोड़ी दूर कुछ लोगो ने लड़की के मां बाप को पकड़ रखा था ,,सभी के हाथो में हथियार थे ,,
कोई भी उनका विरोध नही करना चाहता था ,,सब डरे हुए थे ,लड़की की मां रोए जा रही थी लड़की का पिता भीख मांग रहा अपनी बेटी की ,,
लेकिन वो बदमाश और भी खुखार हो जाते है , फिर उनको मारते पीटते है ,,
अजय सिंह तोमर ___(बच्ची के माता पिता से) हो क्या रहा ये ,,और ये लोग है कोन??
(तब तक एक बदमाश अजय सिंह को पकड़ कर एक तरफ कर देता है ) तू है कोन इसका भाई है इसका , चाचा है कोन??? चल निकल
(तभी जिसने लड़की पकड़ रखी वो जोर से बोला ) एक मिनट भोला,एक मिनट,,, इधर,, हा हा तू,,,
अजय सिंह उसके पास जाता है और उसके बिल्कुल पास खड़ा हो जाता है ,,अब अजय सिंह के सामने वो बदमाश छोटा नजर आ रहा था ,,,
अजय सिंह तोमर ___ हा बोल ,,,ये सब क्या है क्यू तुम इनको परेशान कर रहे हो ,,,
बदमाश ___ के चावे है तू,, इनका हिमायती बनने की कोशिश करे है के,, तू जानता मैं कोण सु,,,,, जोगेंद्र गुर्जर,,, क्या,, जग्गू गुर्जर,,,, ए भवानी इसको दो चार लगा और भागा यहां से ,,,
जेसे ही पीछे से एक बदमाश आता है उसे पकड़ने की कोशिश करता है अजय सिंह तोमर उसको एक लात मारता है वो वही गिर जाता है ,, फिर दूसरे को फिर तीसरे को ,,एक एक करके चार लोगो के मुंह लाल कर देता है ,,, जोगेंद्र गुर्जर अभी भी लड़की के बालो को पकड़ कर खड़ा हुआ था,,,,,
जोगेंद्र गुर्जर ____ (फायर हवा में करता हुआ ) रुक जा,,, बहुत हुआ तेरा ड्रामा,,, तू जो भी मै नही जानता की तू कोन है ,,तेरी भलाई इसी में , यहां से निकले,,, वरना लड़की को बाद में मारूगा पहले तेरे अन्दर छ की छ गोलियां डाल दुगा ,,, समझा ना,,
वहा खड़े लोग अब तीतर बितर हो गए ,सब अपनी अपनी गाड़ियों में बैठ गए कोई भाग खड़ा हुआ ,,,,,
अजय सिंह __अच्छा गोलियां डालेगा,,, छ,,,, रुक एक मिनट रुक ,,,, अजय सिंह अपनी कमर में हाथ डालता है और एक गन निकालता है और उसकी तरफ करता है ,,,,, जानता है ये कोन सी गन है ,, तेरी जब तक एक फायर करेगी,मेरी 30 राऊंड फायर करेगी ,, समझा ना,,ये बच्चों वाले हथियार लेकर लोगो में अपने आपको डॉन दाऊद इब्राहिम बना फिरता है ,,,,,,,।
जोगेंद्र गुर्जर ___तू है कोन ,,, यहां पहले कभी देखा नहीं ,,, या फिर कहीं का डॉन तो नही जो यहां पोलिस से भागा फिर रहा है ,,,, अगर ऐसा कुछ है तो ,, आजा तेरा भाई जग्गू गुर्जर है ,,,,,(हल्का सा डरते हुए कहता है )
अजय सिंह तोमर ____ हाआआआ,,,,जरूरी नहीं हर हथियार रखने वाला बदमाश, गुंडे हो ,,, समझा,,, ओर तेरे जैसे सड़क छाप का इलाज मुझे बहुत अच्छे से आता ,,,,अब सीधे तरह से लड़की को छोड़,,और निकल ले ,,, वरना तेरे लिए और बाकी लोगो के लिए ये आज का दिन सही नही होगा ,,,,,,, क्या समझा,,,
जोगेंद्र गुर्जर ____लडकी तो नही छोड़ने वाला ,,, इसके बाप ने काम के लिए पैसे लिए थे ,, ब्याज लगा कर दो लाख रुपए के सात लाख हो गए है ,, इसको बोल पैसे दे या ये होटल के कागज,,,और लडकी ले जाए ,,,,
लड़की का बाप____साहब ये झूठ बोल रहा ,,कोई पैसा नही ,,दो लाख लिए जरूर थे लेकिन एक महीन में दे दिए थे वो भी डबल,,,
अब इसकी नजर मेरे होटल पर है ,,मेरी एक बेटी है साहब,,ये उसके साथ शादी करना चाहता है ,,,, वो भी जबरदस्ती से आए दिन होटल पर आकर हमें परेशान करता है ,,, आए दिन होटल में देर रात तक पार्टी शराब करता है ,,, मना करता हु तो मारने की धमकी देता है ,,,,
अजय सिंह तोमर ____अच्छा,,,, ओ सड़क छाप,,अब मेरा दिमाग किलियर हो गया,,अब लड़की छोड़,,,
जोगेंद्र गुर्जर ____(गुस्से) अगर जायदा होशियारी करी ना तो,,, तो इस लड़की का सर उड़ा दुगा,,,, चल पीछे हठ,,, भवानी गाड़ी स्टार्ट कर ,,,, चलता हू,, लडकी चाहिए तो कागज लेकर आ जाना,,,,,,, ओर तू,, जो भी है तुझे तो बाद में देख लेंगे,,, इसी मौत मारूंगा की घर वाले चेहरा पहचानने से मना कर देगे,,,,,
इतना कहता है ,, ओर गाड़ी की तरफ कदम बढ़ाता है ,, पीछे से अजय सिंह आवाज देता है ,,,,,,,, मैने बोला इस लडकी को छोड़ दे ,, लास्ट बार बोल रहा हु ,, वरना,,
जोगेंद्र गुर्जर ____वरना क्या,,, बाबू,, गोली चलाएगा,, तो चला ना तेरी एक गलती से एक बेकसूर लड़की मारी जायेगी ,,,
इतना कहना होता है ,, अजय सिंह तोमर,, गोली चला देता है और गोली सीधे जोगेंद्र गुर्जर के माथे पर लगती है ,,लड़की भाग कर अपने मां बाप के पास आ जाति है ,,, अजय सिंह अपनी गन पीछे कमर में लगा लेता है तुरंत,,,,
लड़की के मां बाप बहुत खुश होते है ,,और उसके सामने हाथ जोड़कर उसका धन्यवाद करते है ,,,,,आप जो भी हो हमारे लिए तो भगवान है जो खुद चल कर हमारी हिफाजत करने आए है कई सालो से इसका जुल्म सह रहे थे हम ,,,जब भी पोलिस के पास जाते ये वही पहुंच जाता था ,, पोलिस भी यहां की इससे बहुत डरती थी ,,,,,,,,इसको मार कर अपने इस इलाके को भय मुक्त कर दिया ,,,, बहुत बहुत आभार आपका,,,, बहुत बहुत धन्यवाद,,
कहानी आगे जारी रहेगी
धन्यवाद,, जय हिन्द जय अखण्ड भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
लेखक भगवत सिंह नरूका 🙏