Pahli Baar..... Tum - Part 3 in Hindi Love Stories by Priyam Gupta books and stories PDF | Pahli Baar..... Tum - Part 3

Featured Books
Categories
Share

Pahli Baar..... Tum - Part 3





उन दोनों की बातों को अब हफ़्ते भर हो चुका था।

हर दिन के छोटे-छोटे पल

जैसे एक-दूसरे को चुपचाप करीब ला रहे थे—

बिना किसी वादा, बिना किसी इज़हार के।


लड़की खुद को बदलते हुए महसूस कर रही थी।

अब वो लाइब्रेरी में जाते ही

पहले उसे ढूंढती, खुद को नहीं।

कैंटीन के शोर में भी

उसे बस उसकी आवाज़ सुनाई देती।

क्लास में notes बनाते समय भी

उसके दिमाग में वही बैठा रहता—

उसकी हल्की-सी मुस्कान,

वो गहरी आँखें,

और वो सुकून भरी बात—


“Tum perfect nahi ho… par tum khoobsurat ho.”


ये शब्द जैसे उसकी रगों में उतर गए थे।

शायद पहली बार किसी ने उसके अंदर की लड़की को देखा था,

ना कि उसकी कमियों को।


लेकिन लड़की अभी भी डरती थी—

डर कि कहीं ये सब उसका वहम न हो।

कहीं लड़का सिर्फ एक अच्छा दोस्त न हो।

कहीं वो खुद को गलत समझ न ले।


इसी उलझन के बीच

एक शाम बादलों ने पूरे शहर को घेर लिया।

बारिश शुरू होने वाली थी…

वो महीन-सी हवा जो रूह को छू जाती है,

सब कुछ पहले से ही cinematic लग रहा था।


लड़की लाइब्रेरी के बाहर खड़ी थी,

उसे लगा कि लड़का शायद आज नहीं आएगा…

लेकिन पीछे से एक आवाज़ आई—


“Tum gila-shikva to mujhe se nahi karti na…?

Aaj itni udaas kyu lag rahi ho?”


लड़की मुड़ी—

और वो वही था।

बारिश की पहली बूंद उसके बालों पर गिरती,

और उसकी आँखों में वही गहराई…

जैसे दुनिया की हर चीज़ उस पल रुक गई हो।


लड़का धीरे-धीरे उसके पास आया

और बिना सोचे,

उसने लड़की की किताबें उसके हाथ से ले लीं।

हौले से बोला—


“Chalo… baarish hone wali hai.

Waisi baarish jisme koi baat chupi nahi reh paati.”


लड़की चौंक गई।

क्या वो उसकी महसूसों को समझता था?

या उसकी आँखों ने ही सब कुछ बता दिया था?


बारिश अब तेज़ होने लगी थी।

दोनों थोड़ी दूरी पर सड़क के किनारे खड़े थे,

पर उनकी धड़कनों की दूरी अब पहले से कहीं कम थी।


लड़का अचानक बोल पड़ा—


“Tum mujhse door kyun rehti ho?”


लड़की का दिल जोर से धड़कने लगा।

बारिश की बूंदें तेज़ हो रही थीं,

और साथ ही उसका डर भी।


धीरे से बोली—


“…main… main khud ko enough nahi samajhti.”


लड़का एकदम चुप हो गया।

कुछ पल लड़की का चेहरा देखता रहा,

जैसे उसकी टूटन को पढ़ रहा हो।

फिर वो थोड़ा आगे आया,

इतना कि उसके शब्द सीधे लड़की की रूह को छू जाएँ—


“Tum…

mere liye hamesha se enough thi.”


लड़की की सांसें अटक गईं।

उसने सोचा नहीं था कि कोई यूँ उसकी कमियों को अपनाएगा।


फिर लड़का उसके बहुत करीब आकर बोला—


“Tum chahe jitna bhi bhaago…

tumhari aankhon ne mujhe sab bata diya.”


लड़की नज़रें झुका लेती है।

उसका दिल उसके बस में नहीं।

बारिश की आवाज़,

उसकी धड़कन,

लड़के की मौजूदगी—

सब मिलकर एक इज़हार की दहलीज बना रहे थे।


लड़के ने आखिरकार वो कह ही दिया

जो लड़की सुनने से डरती थी,

पर मन ही मन चाहती जरूर थी—


“I love you.”


लड़की के पूरे शरीर ने उस पल को महसूस किया।

वो ठंडी हवा,

वो तेज़ बारिश,

और उसके सामने खड़ा वो लड़का

जो उसे उसकी कमियों सहित चाहता था।


लड़का आगे बोला—


“Perfect tum nahi…

par real tum mujhe chahiye.”


लड़की की आँखें भर आईं।

वो बोल नहीं पा रही थी,

पर उसके होंठों पर एक काँपती हुई मुस्कान आ गई।


उसने धीरे से कहा—


“Main bhi… tumse door nahi reh paati.”


लड़का मुस्कुराया,

उसने उसके चेहरे से बारिश की बूंद हटाई

और फिर एक लाइन कही

जिसने लड़की को हमेशा के लिए बदल दिया—


“Toh phir… mujhe apni zindagi me hona do.”


और उसी पल,

उसी बारिश में,

उनकी अधूरी मोहब्बत ने अपने पहले शब्द कहे—


“Yes.”


—End of Part 3—