जिन्नात की दुल्हन - Novels
by SABIRKHAN
in
Hindi Horror Stories
कोई अप्सरा की भांति गजब का नूर थाउसके चहेरे मे!
और उस नूरानी चहेरे ने खलिल के दिलो दीमाग मे एसी खलबली मचाई की आखिर उस नूरेनजर को अपनी नजरो का सुकून बना लिया !
रात काफी हो चुकी थी!
अबतक खलिल ...Read Moreअपने दोस्तों ने नहीं छोडा था!
सब तरह तरह की उससे माँगे कर रहे थे!
कोई अप्सरा की भांति गजब का नूर थाउसके चहेरे मे!
और उस नूरानी चहेरे ने खलिल के दिलो दीमाग मे एसी खलबली मचाई की आखिर उस नूरेनजर को अपनी नजरो का सुकून बना लिया !
रात काफी हो चुकी थी!
अबतक खलिल ...Read Moreअपने दोस्तों ने नहीं छोडा था!
सब तरह तरह की उससे माँगे कर रहे थे!
उसकी जगह कोई और उसके खुबसुरत बदन को आज मजे से लूट रहा था।
खलिल कितना बेबस था कि उस नजारे को देखने के अलावा वो कुछ कर भी तो नहीं सकता था।
वो सारी रात करवटे बदलता रहा।
गुलशन ...Read Moreछू ने का अब उसमे हौसला नही था।
सारी रात उसने वो नजारा देखा।
गजब की बात थी।
ना गुलशन थकी थी ना उससे रातभर खेलने वाला।
खलिल रातभर नही सोया।
जब सूब्हा चार बजे गुलशन थककर चूर हो गई।
अपने बदन को ढीला छोड़कर चहेरे पर परम तृप्ति और दर्द मिश्रित भाव लिए गुलशन इत्मिनान से अन्जान बनकर सोई थी।
शायद उसको वो भी पता नही था की उसके सारे ख्वाब उसकी जिंदगी मे आई बेहतरीन रातने छीन लिये थे।
एक ही रातमे उसने अपने जिगर के टूकडे को कोसो दूर कर दीया था।
उससे ये अन्जाने मे ही हुवा सही मगर बहोत तकलिफ हुई थी खलिल को
तब खलिल ने हिम्मत जुटाई।
खलिल का दिल भी जैसे उससे बगावत पर उतर आया था! भीतर उठे जंजावात को दबोच कर खलिल बाहर निकला!
अब्बा के रुम के स्नानागार में घूसकर खलिल ने स्नान किया!
दबे पाँव वहाँ से निकल रहा था तो
सुलतान ने ...Read Moreदेख लिया..!
उस दीन बडी जोरो से बारिश हो रही थी
रुकने का नाम नहीं !
बारिश में भीगना गुलशन को ठीक नही लगता था
वो चिपके से बरामदे में बैठकर मनहर उधास की गजले सून रही थी !
कि तभी उसके मोबाइल ...Read Moreरींग बजी!
जिया का नेईम स्क्रीन पर स्पार्क हो रहा था!
अपनी बेड पर गुलशन बीलकूल निर्वस्त्र पडी थी!
उसके दोनो हाथ किसीने जकड रखे हो ईस तरह उपर की और फैले हूये थे!
दोनो पैर भी विरुध्ध दिशा मे फैले थे और उन पैरो मे हल्की हल्की हिलचाल थी!
गुलशन दर्द से ...Read Moreबार कराह रही थी उसके होठ बार बार खुल रहे थे सिकूड रहे थे!
उन्हे समजते देर न लगी की गुलशन के साथ क्या हो रहा था!
उसके बिस्तर पर गुलशन के साथ जरुर कोई था !
वो किसी साये के साथ हम बिस्तर थी..!
या अल्लाह..!
उनके मुख से दर्द निकला जैसे!
वरना तेरा भी हश्र यही होगा..!
बोल करेगी ना पूरी मेरे दिल की तमन्ना..
उसके बोलने का तरीका सपाट और ईतना सख्त था की वो मना नही कर पाई
उसने अपनी मूडीं हिलाई।
वह अपनी बेबसी पर रोने लगी थी!
अब उसकी ...Read Moreमदद नही कर सकता था!
अब उसकी लाईफ उसके लिये अभिशाप बन चूकि थी!
एसा अभिशाप जिसने उनकी सारी खुशिंयाँ को तबाह कर दिया था!
उनके जीवन मे थी सिर्फ चिखे.. कानो के परदे चीरने वाली गूंजे.. जो सिर्फ उन्हे सूनाई दे रही थी।
कभी सोचा नही था उन्होने की ये दिनभी देखना पडेगा !
तू मुजे खुश रखेगी तो तेरी जिंदगी मै बख्श दुंगा..!
बस तु अपनी बेटी को शादी के लिये तैयार कर.. मै अपना मकसद पूरा कर लूंगा..!
लेकिन प्रेम कहानी तो ईस हादसे से पहेले शूरू हो चूकिथी!
जिसका जराभी अंदेशे से गुलशन की माँ अलिप्त थी!
वैशाखी हवाओ का तपता हवामान शरीर को जला रहा था!
गरमी का मोसम उसके लिए हमेशां त्रासदायक था!
शहेरो के मुकाबले गांव का ...Read Moreमंद है फिरभी गांव बडे बडे कस्बो मे बदल रहे थे!
गुलशन को उसने पहेली बार कोलेज मे देखा था!
अगले पार्टमे हमने देखा की जिन्नात गुलशन केपिता की हत्या कर देता है और गुलशन की माँ को डराधमकाकर अपनी बात मनवाने को राजी कर लेता है धर मे रोने का नाटक करके वो सबको यकिन दिलाती है कि ...Read Moreपति की अचानक मोत हो गईदुसरी और गुलशन को अकेली देख उसको खलिल लिफ्ट ओफर करता है.. अब आगे*** *** *** *** *** **** ****** गुलशन ने अपने अकडू मिजाज मे खलिल को सूना दिया!"अगर मैं आपकि महेरबानी का ईनकार करू तो..? "तूम कर सकती हो..! मगर मै जानता हूं तूम ऐसा नही करोगी..!" खलिल ने भरपूर आत्मविश्वास से
जिन्नात गुलशन की अम्मी को बता रहा था!कि गुलशन कीसी लडके को जानती है जो उसे काफी पसंद करता है!"ठीक है मुजे लडके के पेरेन्टसे् भी मिलना होगा ना..? "तब जिन्नात ने जिक्र किया कीलडके की माँ तुम्हारे पास ...Read Moreआने वाली है उसके सामने यह बात रख देना..!वो मना नही कर पायेगी क्योकि वो दोनो पति पत्नी के लिये अपने बेटे की खुशी से बढकर कुछ नही है!"ठीक है..!" गुलशन की मा ने हामी भरीलडके की माँ को मिलने से पहेले अपनी देवरानी जेठानी को बुलाकर अपनी सेहत नादुरस्त है बताना..!सीने मे दर्द हो रहा है एसा बोलकर केहना
(अगले पार्ट मे हमने रुक्साना के बारे मे पढा.. जिसे स्कुल के पिछे बंद पडे खंडहर जैसे कमरे मे अपनी सहेलीयां के साथ जाने की वजह से जिन्नात उस पर हावी हो जाता है... असगर से ...Read Moreबाते सुलतान को जानने मिलती है... ..... अब आगे) 21 *************असगर के घर से सुलतान वापस लौटा तब उसके मन मे जो धुंध थी साफ हो गई थी!आईने की तरह सब कुछ साफ नजर आ रहा था!सायरा जी कुछ भी बताने से ईनकार कर रही थी.!मिन्स की वो काफी हद तक डरी हुई थी.!कही एसा तो नही की..? "सुलतान के दिमाग मे
खलील घर लौटा!तब वो काफी परेशान था!घर में चौखट पर अम्मी चहल कदमी कर रही थी!खलील को देखते ही उनकी जान में जान आई !बोली- न जाने सब को क्या हुआ है जो मुझसे कोई बात भी करना नहीं ...Read Moreऔर बिन बताए ही घर से बाहर निकल जाते हैं सब? बताओ खलील कहां गए थे तुम सुबह से? तुम्हारे जाते ही गुलशन भी चली गई थी! और तुम्हारे पापा वह भी तो दबे पाँव निकल गए!समझ में नहीं आता कि किस फिराक में है वह..?"फिलहाल अम्मी के दिमाग में कोई परेशानी खलील डालना नहीं चाहता था!
बल्कि जब समझ में आता है कि कोई उससे इस कदर मोहब्बत करता है तो इंसान अपने मतलब के लिए उसे यूज़ करने तक की धृष्टता करता है !
आज जिया ने भी वही किया.!
मगर अमन इस वक्त जिया के ...Read Moreकाम आया!
इस बात को लेकर काफी खुश नजर आ रहा था.!
उसके जेहन में पास्ट में डूबे कुछ पलछीन झिलमिल होने लगे!
जीया की सादगी पर वह मरता था!
काफी दिनों से दिल में उठी बात से जिया को अवगत कराना था!
दिन बीत रहे थे !
ऐसे उसे लग रहा था वह जिया को कुछ नहीं बता पाया तो पागल हो जाएगा!
मर जाएगा!
श्याम का वक्त था..!सुल्तान के चेहरे पर 12:00 बजे हुए थे!उसे लग रहा था कि खलील की परेशानी का हल ढूंढ निकालेगा!मगर !उसकी यह सोच बचकानी साबित हुई थी.!खलील ने जब उसे आगाह करते हुए कहा! कि आप जिन्नात ...Read Moreरास्ते में रुकावट नहीं बनेंगे..!और मैं आपको खोना नहीं चाहता..!तब सुल्तान अपने आप को कितना लाचार समझने लगा.!चाह कर भी वह बेटे की मदद नहीं कर सकता था.!हर एक कदम पर जिन्नात निगाहे गड़ा कर बैठा था.!मगर फिर भी सुल्तान को खलील की बात अच्छी नहीं लगी.!अपने खून को इस तरह हालात से जूझता हुआ सुल्तान नहीं देख सकता
बहोत ही शातिर दिमाग पाया था उसने..!गुलशन को उपर के एक कमरे मे धर दबोचा.!खलिल की अम्मीके शरीर का सहारा लेकर सुलतान को ध्वस्त करने उसने अपनी चाल चली थी!एन वक्त पर खलिल के सामने सुलतान प्रकट न ...Read Moreहोता तो जरुर जिन्नात कामियाब हो जाता!अपनी बाजी पलटते देख कर वो क्रोधित हो उठा!वैसे जिन्नात दुगनी चाल चल रहा था!अपनी वैशी ताकत और दरिंदगी के आगे दोनो बाप बेटे को घूटने टेकने पर मजबूर कर देगा!ऐसे ख्याल से बार-बार चाल बदलकर वह सामने आ रहा था!जब उसकी चाल धरी की धरी रहे गई तो वो और अधिक आक्रमक हो
लखनपुर आते ही हम आपको नींद से जगा देंगे..!
उसने अपनी समंदर से भी गहेरी आँखे अमन पर टीकाई..!
पता है अमन.! हमारी लाईफ मे खलिल न होते तो हम आप पर जान कुरबान कर देते..! ...Read More
जिया ने भावुक होकर ईतना कहा था!अमन का दिल मानो तर हो गया!
बस मुजे सबकुछ मिल गया जिया..!
अमन बोला था
मुझे रब से या आपसे कोई शिकायत नही अब..!
आप के दिल मे जरा सी जगह पा ली उससे बडी दौलत हमारे लिये कोई नही है..!
अब जिंदगी आसान हो गई..!
प्लीज आप सो जाओ..!
अमन ने बीना झिझक जिया की आँखो पर हाथ रखा!
जिया ने पलके झुका ली थी.!
जिया की नजदिकियां से अमन को सूकुन मिला था.. !
जिया का मन घृणा से भर गया था! दूर-दूर काले घने अंधेरे में वह पेड़ डरावना नजर आ रहा था!जिस पर एक लंबी पंखों वाला बडा पक्षी बैठने की नाकाम कोशिश कर रहा था!क्योंकि वृक्ष पर कुछ था जो ...Read Moreपर बार-बार झपट रहा था!न जाने क्यों एक पल के लिए जिया को लगा जैसे वह डरावना पक्षी उनका ध्यान भंग न करना चाहता हो..? पर अब जिया रुकने वाली नहीं थी!मन में ठान कर उसने अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाए!अमन की हार्टबीट काफी बढ़ गई थी!मौत से डर कर पीछे हटने वालों में से जिया नहीं थी! हॉस्पिटल