Jinnat ki Dulhan - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

जिन्नात की दुल्हन-4

उस दीन बडी जोरो से बारिश हो रही थी

रुकने का नाम नहीं !

बारिश में भीगना गुलशन को ठीक नही लगता था

वो चिपके से बरामदे में बैठकर मनहर उधास की गजले सून रही थी !

कि तभी उसके मोबाइल की रींग बजी!

जिया का नेईम स्क्रीन पर स्पार्क हो रहा था!

"सूब्हा ईसको क्या काम पड गया..? "

ये सोचते हुये गुलशन ने कॉल रिसीव करके रिसीवर अपने कान से सटा दिया!

हैल्लो गुलशन..!

"हा बोल जिया..!"

जल्दी मेरे घर आजा.. तूजे एक बात बतानी है..!

आन्टी को बता देना!

बहार जाना है शायद देर भी हो सकती हैं..!

उसकी आवाज हडबडाई हुई थी!

ठीक है आती हूं..!

सामने से कॉल कट गई!

गुलशन फटाफट रेडी हो गई!

श्वेत पंजाबी ड्रेस मे वो परि लग रही थी!

उसकी पूरी बोडी परफ्यूम से महक उठी थी

हाथो में वैसी ही मेंचिंग चूडीयां थी..!

गले मे महंगा डायमंड नैकलेस और कानो मे डायमंड के ही ईयरिंग्स..!

हाथो में चमचमाता हुवा छोटा सा पर्स ..!

अम्मी के पास पहूची तो उसे देखते ही अम्मीने पूछा!

"कहीं बाहर जा रही हो बेटी..? "

"हा मा..! जिया के घर जा रही हूं..!

फोनपर बहोत हडबडाई हुई उसकी आवाज थी!

पता नहीं क्या बात हुई होगी..? "

मेरी फिक्र मत करना..!

जल्द वापस लौटूंगी..!

रेनकोट पहन कर अपनी एक्टिवा पर वो निकल पडी!

रास्ते में जगह जगह पानी भर गया था!

लगभग 10 मिनट बाद गुलशन जिया के घर पहूची तो जिया अपने कमरे में परेशान सी चक्कर काट रही थी!

गुलशन को देखकर उसका चहेरा खिल गया!

जिया की दादी अम्मी वही मोजुद थी!

उन्हें सलाम करके वो जिया से मिली!

"बोल क्या बात है...!"

"आ चल बैठ..!"

उसने गुलशन को सोफे पर बिठाया!

अपने माथे से पसीना पोछती हूई बोली!

मेरे चाचा की लडकी है.. 6 साल पहले शादी हूई हैं उसकी!

संतान मे उसको पाँच साल की बच्ची है !

फिलहाल वो अपने मैके मे आई हुई हैं!

तो मैं मम्मी के साथ उसे कल मिलने पहूची!

तब चाची ने जो बाते बताई वो मेरे लिए हैरतअंगेज थी

विश्वास करना भी मुश्किल था!

पर बार बार एक जैसी घटना से चाचा चाची काफी डर गये थे!

"एसा क्या होता था..!"

गुलशन को जानने की उत्सुकता हूई!

चाय गुलशन को थमाते हुए चाचीने बात की दौर संभाली!

उसकी छोटी बच्ची रेशम दो दीन से किसी को देख डरकर चिख उठती थी!

और रोती हुई अपना चहेरा छुपा लेती थी!

उसे चिखने की वजह पूछने पर वो अपनी उँगली से जिस ओर ईशारा करती वहा!

हमे कुछ नजर आता नही था!

पर वो केहती है!

वहां श्वेत कपडो मे कोई लंबा ईन्सान खडा है!

और वो उसे धूरा है..!"

उस बच्ची के साथ हो रहे बार बार ये हादसे को कोई समझ नही पाया था कि कल एक घटना ने चाचा चाची को झकझोर कर रख दिया!

सूब्हा घंटा भर हो गया था!

बच्ची चाची के पास थी!

मगर काफी देर से उसकी 'मा' नजर नही आ रही थी!

फिर चाची को अचानक याद आया!

घंटे भर पहेले वो कपडे सूखाने छत पर गई थी!

वहाँ से वो..!

चाची गबराकर भागी..!

सीढी चडने लगी!

सीढी के उपले छौर पर नजर पडते ही!

चाची की धडकने रुक गई जैसे!

वहा चाची की लडकी बेहोश पडी हुई थी!

चाची चिखी!

चाचाजी ने संभाल कर लडकी को घर मे ले आये!

तब से उसने बोलना छोड दीया है !

किसी को भी जैसे पहचानती न हो एसे

टूकूरटूकूर देखती रहेती है वो सबको!

आज उसे जलाली बाबा की मजार पर ले जाना है!

चाचा चाची मान रहे है की घरमे कोई बूरी शक्ति का साया है!

चाचीने अपनी बात खत्म की!

गुलशन को अब भी ईस बात पर यकीन नही था की कोई बूरी शक्ति एसे परेशान कर सकती है !

"कब ले जाना है उसे दरगाह पर..?"

गुलशन पुरा माजरा जानना चाहती थी!

बस तूजे साथ लेना था मै तैयार हू..!

चलो..! "

संभल कर जाना बेटी..!

जिया की दादीअम्मीने दोनो के पीछे लपकते हुए कहा!

गुलशन की एक्टिवा पर दोनो चाची के घरकी और निकल पडी!

तब गुलशन को पता नही था की उसका ईतना सजसँवर कर निकलना उसे कितने बडे खतरे मे डालने वाला था.!

जिया ने फोन करके चाची को बता दिया था कि हम आ रहे हैं!

चाचा चाची लड़की को गाड़ी में लेकर तैयार बैठे थे!

जिया और गुलशन जैसे ही वहां पहुंची की फटाफट Activa खड़ी करके उनके साथ दोनों बैठ गई!

लड़की चुप बैठी थी!

उसको कहीं ले जाया जा रहा है उस बात की जैसे उसे भनक भी नही थी!

सब बाबा की मजार पर पहुंचे!

सब ने वुजू बनाया!

और फिर चाची लड़की को लेकर मजार के इर्द-गिर्द सात चक्कर घुमाने लगी!

उसके हाथों से छल्ला (धागा) मजार की जाली पर बंधवाया!

फिर जब उसे वूजु के होज से कोने कोने से उसको पानी पिलाया तो वो चिख उठी!

"मार डाला रे मूजे मार डाला..!"

उसके हलख से जैसे मर्दानी आवाज निकली!

कौन लाया मूजे यहाँ..?

किसने मूजे यहाँ लाकर बाँधा..? "

जिया गुलशन के कान में फूसफूसाई..!

तूजे भूतप्रेत जिन्नात पर यकीन नही है ना..?

ईसलिये तूजे मै साथ लाई..! लडकी में अभी असर मौजूद है.. अपने फोन से शूट करले..!

पूरा माजरा घर जाकर सबको दिखाना!"

गुलशन को जिया की बात सही लगी!

लडकी चिख रही थी!

चिल्ला रही थी!

गुलशन ने अपने फोन से वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू किया!

वह लड़की बड़ी बड़ी आंखें निकाल रही थी!

सब को खुली धमकी दे रही थी!

मुझे यहां लाकर बांधने वालों को मैं बख्शुंगा नहीं!

हलक से जबान निकाललूंगा सबकी!

उसकी बड़ी-बड़ी आंखें देखकर जिया डर रही थी!

गुलशन के लिए तमाशा हैरान कर देने वाला था!

लड़की के शरीर में जिन्नात हावी था! उसका मतलब यही था कि छोटी बच्ची को जो शक्स नजर आ रहा था वह जिन्नात ही था!

यह बात साफ हो गई थी उसने अपनी गर्दन हिला हिला कर बचाओ मुझे!

बचाओ..! मत जलाओ..! जाने दो मुझे...! छोड़ो मुझे...!

ऐसे बचने की गुहार लगाई!

लगभग आधे घंटे तक उसने हाजरी भरी!

उसको घर लाया गया!

तब वह काफी हद तक ठीक थी!

उसकी आंखों पर से वजन हट गया था! वह चाचा चाची को पूछ रही थी की आखिर उसको क्या हुआ था..?

क्यों उससे जलाली बाबा की मजार पर लाया गया था..?

मगर किसी ने उसे हकीकत से अवगत नहीं कराया!

गुलशन अपनी Activa पर वापस घर लौट आई थी!

और अपने कमरे में बैठकर बार-बार उस वीडियो को देख रही थी की!

तभी एक खौफनाक घटना घटी मोबाइल पूरा वाइब्रेट होने लगा जैसे उसको लगा! धुवां बन कर कुछ बाहर निकल रहा था!

टकटकी लगाए वह देखती रही एक पल के लिए उसको लगा था की शार्ट सर्किट की वजह से मोबाइल खराब हो गया है! मगर हकीकत कुछ और थी!

उसकी आंखों में चमक आ गई!

और कंधों पर कोई बैठ गया हो ऐसे भारी वजन उसने महसूस किया!

जब वह बेड पर लेटी तब उस बात से वह नावाकिफ थी की उसके बदन को कोई सहला रहा था!

और ये सिलसिला कहां जाकर रुकने वाला था!

मोबाइल से ऐसा शूटिंग करना उसकी जिंदगी के लिए सबसे बड़ी गलती साबित हुई!

(क्रमश:)

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