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सच्चा प्रेम !

एक लड़का जो हमेशा अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहता था नये - नये सपने देखना उसकी दिनचर्या थी . वह घर में ही रहता और अपने परिवार के साथ सफल जीवन जी रहा था .
वह करीब 8 वी  कक्षा में था जब उसे अपने से उम्र में बड़ी लड़की से प्रेम हुआ ...

वह लड़की भी लड़के को जानती थी जब भी वह लड़का रास्ते से निकले उस लड़की को देखते हुये जाये ..
ऐसा चलते - चलते बहुत समय बीत गया लड़के ने उस लड़की से दोस्ती करली और वह उसी पर ध्यान देने लगा सुबह हो , शाम हो वह जाकर उसी के पास बैठता और उससे बाते करता उनकी दोस्ती काफी गहरी हो गयी वह लड़का बहुत खुश था ..

लड़का बहुत भोला - भाला था और बहुत छोटा था लड़की को देखते हुये  लड़की किसी और से प्रेम करती थी .  लड़की ने लड़के का इस्तेमाल किया अपने स्वार्थ के लिये वह अपने प्रेमी के लिए उस लड़के के हाथो कुछ भिजवाती रहती लड़का सीधा था वह नहीं जानता था ये सब वह जो कहती यह उसकी ख़ुशी समझ कर सब बात मानता था ..

एक वर्ष बाद वह लड़का लड़की को प्रोपोज़ कर देता है वह लड़की बोलती है ऐसा नहीं हो सकता वह लड़का बहुत रिक्वेस्ट करता है लेकिन वह लड़की नहीं मानती .. वह लड़का निराश होता हुआ वहां से चला जाता है और मंदिर में जाकर बहुत रोता भगवान से प्रार्थना करता उसके लिये हर दुआ मांगता .. लड़के ने द्वारा प्रयास किया लेकिन वह लड़की नहीं समझी ... वह लड़की दुसरे से प्रेम करती थी


लड़का उस लड़की से नफरत करने लगा वह उसकी सकल भी नहीं देखना चाहता था . लड़के ने संकल्प लिया अब में इस लड़की से बात नहीं करूँगा अब में पढ़ाई कर बहुत बड़ा आदमी बनूँगा लड़के ने तीन वर्ष लड़की से बात नहीं की
वह 12 वी कक्षा में अच्छे नम्बरो से पास हुआ .. उसके घर वाले आगे पढ़ाई के लिये शहर भेज रहे थे .. जब उस लड़की से मुलाकात हुई और दो मिनट हाल चाल पूछ कर वह वहां से चला जाता है . लड़का अपनी माँ का लाडला था ..


लड़का पढ़ाई के लिए शहर निकल जाता हैं वहां कुछ दिन उसे बहुत बुरा लगता है लेकिन वह एग्जिस्ट कर लेता हैं लड़का जब 6 माह बाद अपने गांव जाता हैं .. कुछ दिन बाद उसकी मुलाकात उस लड़की से होती हैं वह लड़की उसे पत्र देती है जिसमे लिखा था में तुमसे प्यार करती हु वह अपने पहले प्रेमी को भुल कर उस लड़के को चाहने लगती है ..


वह लड़का भी उसे अपना लेता है वह लड़का बचपन से उसे चाहता था उसने सोचा और दोनों बहुत नजदीकियां बढ़ गयी उनमे लव बहुत था .. वह एक - दुसरे से लड़ते झगड़ते फिर एक हो जाते वह एक दुसरे के बिना नहीं रह सकते थे एक बार लड़की की तबियत ख़राब हो जाती है लड़का बहुत परेशां होता है उसका पीलिया निकलने का नाम नहीं ले रहा था लड़का मंदिर में जाता है और प्रार्थना करता है जाकर उसे प्रसाद खिलाता है और लड़की की तबियत में थोड़ा सुधार आता है कुछ दिन बाद वह ठीक हो जाती है .... लड़का लड़की के प्रेम को एक वर्ष हो गया ..


लड़की एक दिन बोलती मुझसे शादी कब करोगे .लड़का अभी शादी के लिए तैयार नहीं था उसके घर बाले उसे पढ़ाना चाहते थे उस लड़के के घर बाले चाहते थे की उनका लड़का पहले जॉब करे फिर शादी .. इसी तरह लड़की को शादी के लिए लड़के बाले देखने आते है और वह लड़की को पसंद कर लेते है कुछ दिन बाद ये सूचना लड़के को मिलती है लड़का बहुत दुखी होता है और भगवान से प्रार्थना करता हैं हे भगवान ! कैसे भी करके शादी रुकवा दे ...

क्या यह लड़का सही हैं? इसे इसका प्यार मिलना चाहिये..

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                                              धन्यवाद !!