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लक्ष्य

Book Title - ?

Book Author - रूद्र


नमस्ते, मेरा नाम रूद्र है । धन्यवाद !! आप सभी का मुझे इतना प्यार देने के लिए, IMRrudra की सोच को पड़ने के लिए, समझने के लिए । IMRudra मेरी सोच है या कह सकते हैं मेरी ज़िंदगी में आये उन सभी उतार - चढ़ावों का एक दर्पण हैं जिसने मुझे हर कदम पर ज़िंदगी को समझने की एक सीख दी । मैं यह नहीं कहता मैं बहुत बेहतर हूँ । मैं यह भी नहीं जानता की मैं बहुत इंसान हूँ भी या नहीं । हां पर दुनिया को देखकर मुझे हमेशा तकलीफ होती है । जब भी अपने आस - पास किसी को तकलीफ में देखता हूँ तो जितने लोगों को में समझा सकता हूँ उन सभी को यह समझने कि कोशिश करता हूँ कि ज़िंदगी में कोई एक वजह जरूर ढूंढो जब आप बहुत तकलीफ में हो तो वो आप उसे महसूस करके खुश हो सकें ।


मुझे याद है में एक बच्चे से मिला । उसके अंदर बहुत सारे सवाल थे पर वो खामोश सा था ॥ में अक्सर यूँ ही उससे पूछ लिया करता था की अपनी ज़िंदगी से क्या चाहते हो । न जाने क्यों मुझे लगता था की वो अपनी दुनिया से बाहर आना चाहता है वो कुछ बेहतरीन कर सकता है । पर जब भी मेने उस बच्चे से पूछा क्या करना चाहते हो वो अक्सर जवाब दिया करता था में जीना नहीं चाहता । मेरे बहुत बार पूछा उससे की इसका कारण तो वो खामोश हो जाता था , जैसे उसे मुझसे कुछ नहीं कहना था । फिर में भी अपने काम में व्यस्त हो जाता था पर जब भी में उसके सामने आता उसकी आँखों में नमी दिखती थी । बहुत सी शिकायतें थी उसके पास पर शायद डरता था । क्यूंकि उसे लगता था कि उसकी तकलीफों से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता है । कहीं - न - कहीं वो अपनी जगह सही भी था । हम लोग आज कल ऐसी दुनिया में है जहा एक इंसान को सबसे ज्यादा डर दूसरे इंसान से है । हम उस इंसान को बुरा भला कह रहे होते हैं जो पुरे दिन हमारे साथ रहता है । इसलिए मैं जब भी मिला मेने ये कोशिश की कि में उसे उस डर से बाहर निकाल सकूँ । में एक बार बस समझाना चाहता था कि जिस दिन वो अपने दिमाग से उस बुराइयों को खत्म करेगा जो उसे आगे बढ़ने नहीं दे रही । उस दिन के बाद उसके अपने अंदर कुछ नया करने का साहस होगा । क्यूंकि मेरा मानना है, परेशानियाँ एक खाली गिलास की तरह होती है आप जितनी देर एक खाली गिलास को अपने हाथ में रखोगे आपकी तकलीफ बढ़ती जाएगी । अगर आप किसी खाली गिलास को ५ मिनट हाथ में रखेंगे आपको उसमे वजन कम महसूस होगा पर १ घंटे , २ घंटे या १ दिन और २ दिन अगर आप उस खाली गिलास को हाथ में रखेंगे तो आपको अब वो भारी महसूस होने लगेगा । आपकी तकलीफ बढ़ने लगेगी और जैसे ही आप उस गिलास को निचे रख देंगे तब आपको अच्छा लगेगा । इसलिए हमारा दिमाग भी बहुत छोटा सा होता है हम इसमें जो भी रखते हैं और जितनी देर तक रखते हैं यह दिमाग हमे उसी बात में उलझा कर रखता है । इसलिए मैं चाहता था एक बार ही सही पर एक बार वो तकलीफों, और परेशानियों से घिरे भृम से बाहर आकर खुद को फिर किसी अच्छी दिशा में मोड़ दे ॥
मुझे याद है मेरे हर बार समझाने पर भी जब उस बच्चे ने यही कहा कि में सच में जीना नहीं चाहता तो आखिरी में मेने कहा जब ज़िंदगी खुद के लिए जीना मुश्किल लगने लगे तब अपनी ज़िंदगी किसी और के लिए जीना शुरू कर देना चाहिए । ये शायद मेरी आखिरी कोशिश थी कि में उसे समझा सकता । और २ दिन बाद उसने मुझसे पूछा अच्छा आप एक बात बताइये इस दुनिया में सबसे मुश्किल से मुश्किल काम क्या है जिसे पाना बहुत मुश्किल हो में वो लक्ष्य हासिल करना चाहता हूँ । मैं मुस्कुराया और कुछ देर खामोश रहा क्यूंकि ये शायद उसकी शुरुआत थी और मेने कहा इस दुनिया का सबसे मुश्किल काम एक अच्छा इंसान बनाना है, मेने फिर कहा इस दुनिया का सबसे मुश्किल काम माफ़ करना है उस वक़्त, जब आप किसी को सजा देने के लिए सक्षम हों । इस दुनिया का सबसे मुश्किल काम वो है जब आप खुद को ऐसा बना सके जहा से आपको खुद की भी आवाज सुनाई न दे और और तब आप नीचे आकर किसी अनजान इंसान का हाथ पकडे और उसे उसके लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता उसे समझा सके ।


इस बात के बाद में नहीं जानता कि उसकी ज़िंदगी में क्या बदलने वाला था । पर मेरी माँ कहती थी कि पेड़ तो कोई भी लगा देता है पर अगर जमीन में आपको पेड़ लगाने कि जगह दी जाए तो उस दिन उस जमीन में वो पेड़ लगाना जो आगे चलकर सभी के लिए लाभकारी हो । मैंने उस बच्चे कि ज़िंदगी में ऐसा कोई वादा तो नहीं किया कि चाँद तारे उसे मिल जाते, पर मुझे जब पेड़ लगाने का अवसर मिला तो मेने उसके अंदर वो बीज डाला जिसकी जड़े समय के साथ गहरी होती जाती ।


अब उसके लिए हर रास्ते पर तकलीफ होना तय था । बहुत से समंदर थे उसके रास्ते में जो उसे खुद पार करने थे पर में जानता था अब वो जो भी करेने वाली था उसका परिणाम बेहतरीन था ।


लक्ष्य सच में कोई जगह, कोई नाम या कोई उपहार नहीं है । ये तो वो ख़ुशी है जो आपके सफर की थकान भुलाने में आपकी मदद करती हैं । आप पुरे दिन में जो भी करते है वो सिर्फ इसलिए करते हैं क्यूंकि वो आपके लिए आपकी ख़ुशी है तो यकीं मानिये एक दिन आपकी ख़ुशी दुनिया को दिखेगी । इस दुनिया में हर वो काम जो आप कर रहे हैं उस काम की सफलता लक्ष्य है । एक बहुत आसान सा उदाहरण है । में खुद कार चलाता हूँ और में अपने ऑफिस के लिए उस कार से जब भी घर से निकलता हूँ तो उस समय मेरा लक्ष्य ऑफिस तक पहुंचना है । क्यूंकि आधे घंटे या एक घंटे का सफर में सिर्फ इसलिए तय करता हूँ क्यूंकि ऑफिस पहुंचकर मुझे शायद बहुते से काम और करने का अवसर मिले और ये आधे घंटे या १ घंटे का हर रोज का सफर जब ऑफिस में आकर रुकता है तो मुझे ख़ुशी होती है उन सभी लोगों से मिलकर जो मेरे साथ काम करते हैं । और यह ख़ुशी ही वह लक्ष्य की सफलता का एहसास है जो सफर की थकान का एहसास भी नहीं होने देती हैं । इसलिए आप अपनी ज़िंदगी में जो भी करे बेहतर करें । हर रोज आप किसी न किसी कार्य में सफल जरूर होते है । आप दिन में जितनी बार मुस्कुराते हैं तब एहसास करो कि कौनसी सफलता है जिसके वजह से आप अभी खुश है ।


यही ज़िंदगी है ।
Book Message – एक ऐसा लक्ष्य जो नैतिक आचरणों पर चलकर प्राप्त किया गया हो आज नहीं तो कल आपको भगवान् जरूर बना देता है ॥


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