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अच्छाईयां – १५

भाग – १५

जैसे जैसे गुलाबो के मुह से लब्स निकलते गए वैसे वैसे सूरज सच्चाई को समजमें आई | गुलाबो कह रही थी, ‘ देख सूरज, ये पुलिस इन्स्पेक्टर सही में कोई पुलिस वुलिस नहीं है, वो भी पप्पू का आदमी था | ये सब पप्पू की चालाकी है | यदि लड़की सही तरीके से मान जाए तो ठीक है वरना ऐसा भी ड्रामा कर लेते है |’

‘मगर इससे क्या होगा?’ सूरज अभी समझ नहीं रहा था |

‘वो लड़की अब उस पुलिस पर पूरा भरोसा करेगी | वो अब वहां जायेगी जहाँ ये नकली पुलिसवाला उसे ले जाएगा |’

‘यानी वो अब उसके घर नहीं जायेगी ? और ये उसे पप्पू के किसी दूसरे ठिकाने पर ले जायेंगे |’ सूरज अब कुछ कुछ समझने लगा | मगर फिर कुछ देर वो चुप रहा और फिर बोला, ‘तो ये लोग आगे करेंगे क्या ?’

‘उसे चांदनी होटल ले जायेंगे.... वहा ये पुलिसवाला उसे समझा के रखेगा... कुछ नशे की दवाईया कैसे भी करके पिला देगा और उसकी फिल्म बनेगी.... फिर उस लड़की के लिए दुनिया के दूसरे दरवाजे बंध कर देगा... कुछ भी करके ये लोग धंधा करवाएंगे या उसे ब्लेकमेल करेंगे |’ गुलाबो ऐसे कह रही थी जैसे की उसे पप्पू की दुनिया के बारे में सबकुछ पता हो |

‘गुलाबो, तुम इस हसीनाखाने में कब से हो ?’ सूरजने ऐसा प्रश्न किया जिसकी उम्मीद गुलाबो को नहीं थी इसलिए वो कुछदेर रुक सी गई |

‘क्या तुम मेरी इन्क्वायरी करने आये हो ?’ गुलाबोने ऐसे कहा की उसे अच्छा न लगा हो |

सूरज भी कुछदेर रुक सा गया और उन्होंने कुछ ठान लिया हो ऐसे बहार जाने लगा और बोला, ‘ गुलाबो अभी मैं निकलता हूँ |’

‘तूम उसे नहीं बचा पाओगे.. वो शातिर और खतरनाक लोग है |’ गुलाबो सूरज को समझा रही थी या चेतावनी दे रही थी वो सूरज को समझ में नहीं आया |

सूरज गुलाबो की बात सुनकर पलटकर बोला, ‘लेकिन तुम्हे ऐसा क्यों लगा की मैं उसे बचाने जा रहा हूँ ?’

‘हमारे लिए मर्दों को परखना कोई बड़ी बात नहीं है... और तुम्हारे कदमो से में कह शकती हूँ की तूम उस लड़की के पीछे जा रहे हो....!’ गुलाबोने बड़े विश्वास के साथ कहा |

‘तुम सही हो, मुझे लगता है की इस हसीनाखाने में से ऐसी चीखे अब नहीं आनी चाहिए |’ सूरज बहार जा रहा था, तभी गुलाबो दरवाजे पर आई और कोई उसे देख न ले ऐसे उसे वही पर ही रोक लिया |

‘देख सूरज तूम अन्दर कैसे आये वो मैं नहीं जानती मगर तुम्हारा यहाँ इस तरह आना जाना ठीक नहीं है... उस पीछे दरवाजे से निकल जाओ | यहाँ सबकी नजर से बचते रहना.... और ये रख लो...’ गुलाबोने उसे बाइक की चाबी दी |

‘हाँ...आगे तो तुम्हारी महफ़िलमें आनेवाले लोगो की भीड़ होगी...!! और उन सबकी नजर भी तुम पर जो होती है |’ सूरजने व्यंग से कहा |

‘आज कोई महफ़िल नहीं होगी..’ गुलाबोने तुरंत जवाब दिया |

‘क्यों ?’

‘आज मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी महफ़िल कब की ख़त्म हो गई...!!’

‘कब... ?’

‘जब मोहन बंसरी बजा रहा था और मीरा नाच रही थी...?’ गुलाबोने पियानो की तरफ नजर दौडाते कहा |

‘कौन मोहन... कौन मीरा ? मेरी तो कुछ समझमें नहीं आ रहा... अभी निकलता हूँ... फिर आऊंगा...’ सूरज चुपके से पीछे के दरवाजे से निकलने लगा तभी गुलाबो बोली, ‘ अब कुछ दिन तक मुझे मत मिलना और मैं तुम्हे कहूँगी की हमें फिर कब और कहा मिलना है |’ सूरज को जाते जाते गुलाबोने कह दिया मगर सूरज तेजी से निकल गया था |

सूरज तूफान की तरह निकला और पीछे गुलाबो सोचती रही, ‘ इस मोहन को ही पता नहीं की ये मीरा आज पहलीबार नंगे बदन किसी के सामने नाची थी....! सारे लोग मेरे बदन को छूने के भी पैसे फेंकते है.. मैं सबको तड़पाती हूँ मगर ये तो मुझे तड़पाता है....!!!’

*************


सूरज उस पुलिस की जीप को ढूंढते ढूंढते होटल चांदनी के रस्ते पर निकल पड़ा | उसकी बाईक तेज रफ़्तार से चल रही थी और अँधेरा भी घना हो रहा था | गुलाबोने भी उसे अच्छी मोटरसाईकिल दी थी, शायद वो भी चाहती थी की इस लड़की का भविष्य इन हसिनाखाने की गलीओमे खो न जाए |

सूरज को आखिर वो जीप मिल ही गई | यानी गुलाबो सच कह रही थी | ये पुलिस उसको उसी रास्ते पर ले जा रही थी जो गुलाबोने कहा था | सूरजने अपनी रफ़्तार तेज की और जीप का ओवरटेक करके जीप के अन्दर देख लिया | अन्दर वो पुलिसवाला और लड़की दो लोग ही थे | अब लड़की के चहेरे पे कोई खौफ नहीं था, उसको सच्चाई का पता नहीं था इसलिए वो अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही थी | उसके बदन के कपडे अभी भी फटे हुए थे | उस लड़की पर हमदर्दी जताने के लिए उस पुलिसने उसे एक जेकेट दे रखा था | वो उसमे खुद को लिपटे हुए खुद जल्दी अपने घर पहुँच जाए ये सोच के इधर उधर देख रही थी |

वो पुलिसवाला स्मोकर था, उसकी सिगरेट ख़त्म हो चुकी थी उसका पाकिट भी खाली हो चूका था.. शायद उसमे नशेवाली सीगार थी | वो इधर उधर किसी को ढूंढ रहा था |

सूरजने फिर अपनी रफ़्तार कम की और उसके पीछे चुपके से जाने लगा |

थोड़ीदेर बाद जीप शहर के कुछ दूरी पर जाके रुकी | उस हाइवे पे एक छोटी सी दूकान थी | वो बोला, ‘ तूम नीचे मत उतरना मैं पानी की बोतल ले के आता हूँ |’

सूरजने देखा की यही उसके पास मौका है... मगर डर ये था की वो लड़की बिना पहचान के उसके साथ तो नहीं आयेगी इसलिए क्या करे...? आखिर उसने एक ही पल में कुछ सोच लिया | वो जीप के पीछे गया और वो लड़की सूने ऐसे बोला, ‘सुनो बहन, ये पुलिस नहीं है... ये उस बदमाश के आदमी ही है... ये तुम्हे किसी होटल में ले जा रहा है ... तुम यहाँ से निकलो...!’

सूरज को उस लड़की का चहेरा दिखाई दे रहा था मगर वो लड़की पीछे खड़े सूरज को देख नहीं पाती थी | उसे डर लगा तो उस पुलिसवाले को बुलाने के लिए चिल्लाने की कोशिश करने जा ही रही थी तो सूरज ड्राइवर साइडसे जीप के अन्दर आया और उसका मूंह बंध कर लिया और कहा, ‘ देख मेरे पास या तेरे पास वक्त नहीं है....मेरा विश्वास कर... देख तु इस शहर से काफी दूर है... और पुलिस थाना भी पीछे छूट गया है... कोई पुलिस अकेला नहीं होता... और इन्स्पेक्टर खुद ड्राइवर बन जाए ये सब दिखावा है.....! वो तुमको बेवकूफ बनाके उस हसीनाखाने से दूर होटल में ले जा रहा है....’

सूरज को लगा की इन शब्दों का असर उस लड़की पर हुआ | सूरजने उसे पूछा, ‘ वो नीचे क्यों गया है ?’ और उसके मूंह पर अपने हाथो की पकड़ ढीली की |

‘पानी लेने...!’

सूरज ने उस जीप के पीछे पडी तीन पानी की बोतल दिखाई और उसके साथ कुछ शराब की बोतले भी थी | ये सब दिखाके सूरज बोला, ‘ देख अब वो वापस आ रहा है... यदि तुम्हे मुझमे विश्वास हो तो आगे एक पुराना खँडहर आएगा वहा पे उसको रोकना अभी निकलना मुश्किल है... मैं पीछे ही हूँ... और उसको कुछ पता न चले उसका ख्याल रखना |’ सूरज को लगा की अब पुलिसवाला नजदीक आ गया है तो सूरज फिर अंधेरेमे खो गया |

‘क्या ये लड़की मुझमे विश्वास करेगी ?’ सूरजने भी दूर अंधेरे से उस जीप की ओर देखता रहा |

वो लड़की फिर सो गई हो ऐसे ही चुप थी | जीप स्टार्ट हुई और सूमसाम रास्तो पर तेजी से दौड़ने लगी | सूरज उसके पीछे ही था |

‘साब, आप मुझे कहा ले जा रहे हो ?’ वो लड़की ने उस पुलिसवाले से तहकीकात शुरू की |

वो नशे में था इसलिए बोल नहीं पाया मगर इतना बोला की, ‘थोड़े ही दूर थाना है वहां पर...!’

उस लड़की को यकीन हो गया की शहर तो पीछे रह गया और इस सूमसाम रस्ते पर थाना हो ऐसा लगता नहीं था | उसका शक अब यकीन में बदल रहा था | कुछ देर के बाद दूर एक खँडहर दिखाई दिया | आखिरकार लड़कीने सूरज की बात मान ली और उसने अपनी छोटी उंगली दिखा के जीप रोकने को कहा |

‘यहाँ नहीं रुक शकते... अँधेरा काफी है...!’ उसने रुकने से मना किया... उसके मुंह से बेहद शराब की बदबू आ रही थी |

‘मुझे रुकना पड़ेगा... जोरो से लगी है.... सिर्फ दो मिनिट...!’ आखिर उस लड़कीने उसे मना लिया... जीप की स्पीड कम हुई और वो नीचे उतरी | थोड़े दूर पीछे की और गई और वो इन्तजार करने लगी |

वो शख्स भी चोकन्ना था, नशेमे भले था मगर वो उस पर नजर रखने के लिए वो भी उतरकर उसको देख रहा था की वो कही भाग न जाए | उस वक्त सूरज की बाइक पीछे आई | सूरजने सिच्युएशन देख ली | ऐसे तो उस लड़की को बैठा के ले जाना मुश्किल था इसलिए वो उस पुलिसवाले के पास गया और आगेवाले गाँव का पता पूछने लगा | सूरज ने देख भी लिया की उसके पास बन्दूक या कोई हथीयार नहीं है |

वो लड़की वापस आई और जहा बाइक था उस और आने लगी | अब उस शख्श को कुछ गलत हो रह है ऐसा अंदाजा आने लगा तो उसने लड़की को पकड़कर धक्का मार के जीप में बैठाने लगा |

‘क्यु साब जबरजस्ती कर रहे हो इस पर...?’ सूरजने उसे रोकना चाहा |

उस शख्सने तुरंत सूरज को एक मुक्का लगाया ओर चिल्लाया, ‘ ***** तुम्हारी बहन लगती है क्या...??? ***** तुम अपना काम कर और फूटो यहाँ से ****** ?’ उसके मूंह से गालीयाँ निकलने लगी |

सूरज के मूंह पे चोट तो लगी मगर वो संभल गया और दूसरे ही पल में उसको जोर से लात मार दी | शायद उसे हमला होगा ऐसा अंदाजा नहीं था इसलिए वो खुद को बेलेंस कर नहीं पाया और उस लात से मार खा कर उलटा ही एक बड़े पत्थर पे जा गिरा | उसके शिर के पीछे के भाग पे उस पत्थर की नोंक घुस गई थी | सूरज को भी नहीं पता था की ऐसा होगा | वो कुछ देर तडपने लगा और उसके शिर से काफी खून निकलने लगा | कुछदेर उसका शरीर शिथिल हो गया... वो मर चूका था |

वो लड़की उसकी ओर देख रही थी | सूरज भी कुछ देर चुप हो गया मगर फिर उसे संभालते हुए उस लड़की को बाइक पे बैठाके दूर निकल गया |

रास्ते में सूरज ने उसको सारी हकीकत समझाई और इस रात को हंमेशा के लिए भूल जाना ऐसा कहकर कुछ पैसे देखे उसे दूसरे शहर के स्टेशन पर छोड़ दिया | दोनों उस शख्स के मौत के बाद बैचेन थे इसलिए वे एकदूसरे का नाम तक पूछना भी भूल गए थे |

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उस ओर यानी चांदनी होटल में बैठे पप्पू और उनके सभी साथी देर रात तक इंतज़ार करते रहे | मगर उनका आदमी लड़की को लेके नहीं आया तो वो उसको गालिया दे रहे थे |

‘साल्ला... लड़की और जवानी दोनों उसको मील गई तो वो दूसरी होटल में चला गया होगा... शायद वो खुद को पुलिसवाला कहके उसका पहेले वो फायदा उठाएगा और फिर हमारे पास लाएगा |’ पप्पुने आखीरमें सबको वापस जाने को कहा | उस लड़की का दूसरे दीने देखेंगे | पप्पू और उसके सभी आदमी को पता नहीं था की उधर उसके एक आदमी की मौत हो गई है |

खँडहर के पास पुलिस वर्दिमे गीरा हुआ आदमी किसीने देखा तो सीधा पुलिस को बुलाया | पुलिस आई उसकी तहकीकात हुई तो उस जीप में से शराब, ड्रग्स और बहुत सारी अश्लील फिल्मो की सीडीयां मिली | पुलिस को तो वो देख के लगा की ये लूंट का मामला नहीं है मगर ये शख्स ड्रग्स और पोर्न सीडी का व्यापार करता होग, खून किसी गेंगवोर के कारन होगा मगर इसमे से पुलिस को बहुत सारा माल मिलेगा वो तय था |

दूसरे दिन अखबारमें, शहरमें हो रहा है ड्रग्स का कारोबार, नकली पुलिस कर रहा था ड्रग्स और पोर्न सीडी का बड़ा व्यापार, एक अनजान आदमी की किसीने की हत्या, शहरमे बढ़ रहा है क्राइम.... ऐसे कई सारे न्युझ हेडलाइन बनके अखबार में छप गई |

पप्पू तो ये पढ़कर हैरान हो गया था |

क्या एक लड़की उसे मार के भाग शकती है ? और उस खँडहर के पास वो रुका क्यों ? लड़की मारकर कहाँ गई ? क्या किसी और ने उसे भगाया ? पप्पू के दिमाग में कई सारे सवाल तेजी से दौड़ रहे थे | सच ये भी था की पुलिस को पता चल गया होगा की ये मेरा आदमी है इसलिए उनको भी पैसे दे के इस केस को बंध करना पड़ेगा और कुछ ही दिनों में हमारे बोस भी आ रहे है इसलिए इस लफड़े को जल्द से जल्द सुलझाना या ख़त्म करना होगा |

पप्पूने आखिरकार कुछ सोचा और अपने आदमीओ को उस लड़की की तलाशमें भेजे और वो खुद पुलिस को मिलने चला |

उधर गुलाबोने इस खबर को पढ़ा तो वो खुद हैरान हो गई | गुलाबो को अंदाजा नहीं था की इसमे खून भी हो जाएगा | उसके साथ कोई लड़की के बारे में कुछ नहीं लिखा था यानी की सूरज उस लड़की को छुड़ा के ले जाने के बाद या सूरज के साथ मारामारी के कारण ये मर गया होगा...! इस खून में पप्पू, ड्रग्स सप्लायर और दूसरे लोगो की भी तहकीकात होगी, इसलिए सूरज के लिए खतरनाक मामला हो जाएगा..... इसकी मौत के कारण सूरज यकीनन फंसनेवाला है शायद पुलिस के हाथो में या तो पप्पू के हाथोमे.... मुझे उसे ये रास्ते पे नहीं जाने देना था....!! मगर वो होगा कहाँ...? वो जब मुझे मिलेगा तो ही पता चलेगा की सच क्या है ?

और बोस भी आनेवाले है..... गुलाबो इस खून के बाद कई सारी पहेलियाँ उलझा रही थी....

क्रमश:.....

डॉ. विष्णु प्रजापति, कड़ी