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आपकी महेरबानी

कहानी की शुरुआत होती एक हाई वे से , जहा पे सूरज स्नेहा की गॉड में बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ है और तभी वह पे दूर से एक कार अति दिखती है उस कार को देखते ही स्नेहा घबरा जाती है और सूरज को लेकर कही छुप जाती है .सूरज बेहोशी की हालत में था तो उसके लिए वो पानी लेने जाती है और तभी विक्रम खन्ना की कार वह पे आती है और वो वह पे खून देखता है और खून के पीछे चलता है तो वह पे विक्रम खन्ना को सूरज बेहोश मिलता है सूरज को ऐसी हालत में देखकर विक्रम खन्ना सूरज को अपनी कार डालता है और चला जाता है , तभी सूरज पानी-पानी करता है और विक्रम कार कड़ी रखके उसको पानी पिलाता है उसी जगह पे गोपाल अपने दोस्तों को लेकर उस जगह पे पहोच जाता है और उसे भी वो खून के छींटे दीखते है पर वह पे उसे कुछ नहीं मिलता और गोपाल इधर-उधर देखने लगता की शायद उसे सूरज & स्नेहा कही मिल जाये पर तभी उसे दूर एक कार दिखती है ज ो विक्रम खन्ना की है ....और वो उस कार का पीछा करने के लिए अपनी कार में बैठता है तभी स्नेहा वह अति है और गोपाल को कार में बैठता देखती है और स्नेहा को लगता है की गोपाल , सूरज को लेके जा रहा है और स्नेहा उसका पिक्छा करती है पर नहीं हो प् रहा गोपाल भी विक्रम खन्ना की कार का पीछा करता है पर वो कार भी गोपाल के हाथ से निकल जाती है.बादमे स्नेहा को ऐसा लगता है की गोपाल ने सूरज को मार दिया होगा और वो उसे भी मार देखा.यही सोचके स्नेहा दूर एक सहर में एक अनाथ आश्रम ा कर रहने लगती है. स्नेहा को सिंगिंग का बहुत शोख था सो वो हर रोज वह पे सिंगिंग किया करती थी और विक्रम भी हर हप्ते वह पे डोनेशन करने के लिया आता रहता. विक्रम को स्नेहा का गाना पसंद आया था और इसीलिए वो हर रोज उसका गाना सुनने ने क लिए आने लगा तभी गोपाल को पता चल गया की स्नेहा कहा पे है और स्नेहा का लेने क लिए गोपाल ने अपने आदमी भेजे..तभी वह पे विक्रम खन्ना ा गया और उसने स्नेहा को उन गुंडों से बचाया...

सब ख़तम होने के बाद विक्रम स्नेहा से इन गुंडों के बारे में पूछा .तभी स्नेहा ने बताया की यह उसके भाई क आदमी थे जो उससे धुंध रहे है विक्रम स्नेहा को पूरी बात करने को बोलै तभी स्नेहा उसकी और सूरज की पूरी कहानी बताई. (फ़्लैश बैक)सूरज और स्नेहा की कहानी सुरु होती है कॉलेज के एनुअल डे ससुराज & स्नेहा एक ही कॉलेज में पढ़ते थे और सूरज कॉलेज के एक ग्रुप का प्रेजिडेंट था जो ग्रुप सभी कॉलेज की इवेंट मैनेज करता था. एक दिन कॉलेज मैंनुअल फंक्शन चल रहा था ...सूरज अपने काम में बस्सी था तभी उसको एक मीठी सी आवाज में गाना सुनाई दिया ...उसने फंक्शन में जेक देखा तो स्नेहा गाना गए रही थी सूरज को स्नेहा की आवाज बहुत अच्छी लगी और सूरज को गाना लिखने का बहुत सोख था पैर सूरज गाना नहीं गए सकता था..और धीरे धीरे दोनों एक दूसरे के कांटेक्ट में आने लगे..सूरज गाने लिखता गया और स्नेहा गांव को परफॉर्म करती गई.धीरे धीरे दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया....पर स्नेहा का भाई उस जगह का गुंडा था.स्नेहा के घर में से उसको सिंगिंग की पेर्मिशन नहीं थी और स्नेहा को तो अपना करियर सिंगिंग में ही बनाना था. उसने घर पे बहुत संजय बूत कोई मैंने को रेडी ही नहीं था और वो सूरज क सामने रोने लगी तभी सूरज के फैसला कर लिया था की चाहे कुछ भी हो वो स्नेहा को सिंगर बनके ही रहेगा और इसी तरह दोनों ने गाना लिखना और गण चालू ही रखा.एक दिन गोपाल को पता चल गया की स्नेहा अभी भी सिंगिंग करती है और इसमें उसकी हेल्प सूरज करता है. कुछ दिन तो सब चला बाद में एक दिन गोपाल कॉलेज में पहोच गया और सूरज से लड़ाई सुरु कर दी...तभी सूरज के दोस्त बिच में ए और दोनों को भागने का बोलै और सूरज & स्नेहा वह से भाग गए.(स्टार्टिंग ऑफ़ मूवी)

स्नेहा ने अपनी पूरी कहानी विक्रम खन्ना को बतादि और इससे विक्रम को लगा की यहाँ पे स्नेहा का रहना ठीक नहीं है और वो स्नेहा को अपने घर ले गया.जहा पे विक्रम और उसकी ग्रैंड माँ दोनों ही रहते थे बाकि विक्रम का इस दुनिया में कोई नहीं था सिवाय उसकी दादी.विक्रम को भी लगा की स्नेहा को आगे सिंगिंग करनी चाहिए और इसी लिए उसने अपने एक फ्रेंड अरिजीत को हेल्प के लिए बोलै जो बहुत ही फेमस सिंगर भी था और विक्रम अच्छा दोस्त भी था. अरिजीत ने स्नेहा को गाना गाने के लिए बोलै और स्नेहा ने वही गाना सुनाया जो सूरज ने लिखा था.कुछ दिन बिट गए और स्नेहा ने अरिजीत से और अच्छा कैसे गए वो सीखना चालू कर दिया था .एक दिन विक्रम उस लड़के को मिलने हॉस्पिटल पहोचा जिसको उसने हाईवे पे से बचाया था (सूरज).जब विक्रमसूराज से वापस मिला तब सूरज डेरी में कुछ लिख रहा था.विक्रम वो डेरी देखि तब उस डेरी में वही लिखा था जो गाना स्नेहा ने गया था. तभी विक्रम ने सूरज से उसकी बीती ज़िंदगी के बारे में पूछा और उसको पता चला की यह वही लड़का है जिससे स्नेहा प्यार करती है पैर स्नेहा को तो ऐसा लगता है की वो लड़का मर चूका है.तब विक्रम ने सूरज को स्नेहा के बारे में बताया पर सूरज ने विक्रम स्नेहा से सूरज ज़िंदा है ऐसा बताने के लिए मन किया क्युकी जब सूरज के साथ हादसा हुआ था तभी इसके शरीर के अंदर पार्ट कुछ चोट लगी थी जिसकी वजह से सूरज को अब दूसरा हार्ट चाहिए था वर्ण वो अब ज्यादा दिन नहीं जी पायेगा. और सूरज नहीं चाहता था की स्नेहा को इसके बारेमे पता चले क्युकी बहुत मुश्केली क बाद वही अपने सपनो की तरफ आगे बढ़ पइठि .बाद में बस सूरज गाना लिख लिख के विक्रम को देता रहा और स्नेहा उस गाने को गति रही.. धीरे धीरे स्नेहा को अच्छी खशी सक्सेस मिल चुकी चुकी

एक दिन उसके लाइव कॉन्सर्ट में स्नेहा का भाई (गोपाल) & उसकी माँ ा गए और स्नेहा को वापस घर आने के लिए बोलै पर अभी तक उसने जो सूरज के साथ किया था उसको भूल नहीं पायी थी और घर वालो को बोल दिया की वो उसके लिए मर चुके है... तभी गोपाल का दिमाग फिरसे गया पर वह पे भीड़ और प्रेस वाले भी इतने थे की गोपाल वह पे कुछ कर नहीं सकता था.इस लाइव कॉन्सर्ट के दौरान विक्रम खन्ना एक कांफ्रेंस के लिए आउट ऑफ़ कंट्री गए हुए थे और वह पे वो एक डॉक्टर से मिले ताकि सूरज की कुछ हेल्प कर सके.पर कही कुछः भी उम्मीद नहीं थी.कही से भी सूरज के लिए हार्ट नहीं मिल रहा था.तभी एक दिन जब वो घर में कुछ फाइल धुंध रहा तब उसके हाथ में एक फाइल आयी जो विक्रम खन्ना की मेडिकल रिपोर्ट थी. वो उस दिन की फाइल थी जब उसका कार एक्सीडेंट हुआ था पर तब उसको ज्यादा चोट नहीं आयी थी और उसकी दादी ने भी ज्यादा कुछ बताय नहीं था. पर विक्रम को उस फाइल में कुछ अजीब लगा तो वो अपने डॉक्टर के पास वो फाइल लेके गया और उस फाइल की डिटेल पूछी तब डॉक्टर ने बताया की आपके शरीर के अंदर एक ही किडनी हैएक्सीडेंट के दौरान आपकी एक किडनी फ़ैल हो चुकी थी.. उसने घर एके अपनी दादी से सब पूछा तभी उसकी दादी ने भी सब सच बता दिया की हाँ विक्रम के शरीर के अंदर एक ही किडनी है और ुसिक्की वजह से उसको बार बार वीकनेस ा रही है और डॉक्टर ने यह भी बताय की वो ज्यादा से जयादा और १ साल रह सकते थे...अब बात यह थी की सूरज क पर २ मोनथस का टाइम था और विक्रम खन्ना क पास १ साल का टाइम था....विक्रम भी स्नेहा से प्यार करने लगा था और सूरज भी स्नेहा से बहुत प्यार करता था पर स्नेहा तो हमेशा शी सूरज की ही थी.तभी विक्रम ने सोचा क में राहु या न राहु बीएस मेरा प्यार इस दुनिया में रहने चाइए तभी उसने अपने हार्ट सूरज को डोनेट करने का फैसला किया जिसकी वजह से स्नेहा को और सूरज को अपना प्यार मिल जाये और विक्रम माँ प्यार भी उसके हार्ट के ज़रिए दुनिया में ज़िंदा रहे.कुछ दिन हुए और विक्रम ने सूरज को बोल दिया क उसके लिए एक हार्ट मिल चूका है पर किसका है यह नहीं बताया....सूजरा का ऑपरेशन हुआ और विक्रम का हार्ट उसकी बॉडी में लगे गया. सूरज सबसे पहले उसका शुक्रिया करना चाहता था जिसने उसको हार्ट डोनेट किया सो तभी डॉक्टर ने बताया की विक्रम ने उसको हार्ट डोनेट किया है और उसके लिए एक चिट्ठी भी राखी है जिसमे स्नेहा का पता लिखा था और स्नेहा के साथ अपनी ज़िन्दगी आगे बढ़ने का बोलै.पर उसको विक्रम की ग्रैंड माँ के बारे में भी पता था तो वो सबसे पहले विक्रम के घर गया क अब विक्रम की ग्रैंड माँ का कोई नहीं है और यह लाइफ भी विक्रम की दी हुई है.तो स्नेहा बादमे पर विक्रम की ग्रैंड माँ पहले.और उसने अपने साथ विक्रम की ग्रैंड माँ को भी ले जाने का फैसला किया तभी उसके हाथ में विक्रम डेरी आयी और उसको पता चला की विक्रम भी स्नेहा से बेइंतहां प्यार करता था और इसी लिए स्नेहा को खुश देखने क लिए उसने अपना हार्ट डोनेट किये ताकि स्नेहा और सूरज एक साथै रह सके. वो विक्रम की ग्रैंड माँ को लेकर स्नेहा क पास गया पहले तो स्नेहा को विश्वास ही नहीं हुआ और बादमे सूरज ने स्नेहा को पूरी कहानी बताई और विक्रम के सभी उपकार बताये....जब ये बात चल रही थुइ तभी स्नेहा का भाई वह पहोच गया था पर घर से बहार से सब सुन रहा था..तब उसको लगा की इन दोनों को ऊपर वाला भी अलग नहीं कर सका...अगर मोत भी इन्हे अलग नहीं कर पायी तो में क्या चीज़ हु और यही सोच कर वो वापस लोट गया........आज भी स्नेहा और सूरज अपने मंदिर में भगवन की जगह विक्रम का फोटो रखके उसे पूजते है....कहते है न की भगवन ने फरिस्ते तो बनाये है पर किस वक़्त किस रूप में ए वो कोई नहीं बता सकता हाँ.... सूरज और स्नेहा के लिए विक्रम फरिस्ते से भी ज्यादा था जिसने न ही स्नेहा और सूरज का सपना पूरा किया पर दोनों को अपनी मंज़िल भी दी...हैट्स ऑफ़ तो विक्रम KHANNA.