Safalta ke 30 Sutra books and stories free download online pdf in Hindi

सफलता के 30 सूत्र

पहला सूत्र - सफलता किस के लिए?

◆आप के लिए

सफलता आपकी है आपके लिए ही हैं पर सफलता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित बातें महत्वपूर्ण हैं।

  • सफलता पाने की प्रबल इच्छा।

  • सफलता पाने की विधि।

  • सफलता प्राप्त होने तक निरंतर प्रयास।


आप इस कंटेंट को पढ़ रहे हैं यही प्रमाण है कि आप सफल होना चाहते हैं परंतु उचित मार्ग उचित विधि ना मिलने के कारण आप असमंजस में हैं और आप सफलता प्राप्त करने के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए भी तत्पर हैं।

परंतु सफलता किसी कीमत को चुकाने से नहीं बल्कि अपनी प्रबल इच्छा, सफलता प्राप्त करने की सही विधि और निरंतर प्रयास से सफलता प्राप्त होती है। आप ऐसा सोचते हैं कि कुछ कीमत देकर के सफलता प्राप्त की जा सकती है तो आप खुद को धोखा दे रहे हैं।

हम यहां सफल बनाने के लिए 30 सूत्र बताएंगे यदि आप उन्हें सीख लेंगे तो मैं 100% कह सकता हूं आप एक सफल व्यक्ति बन जाएंगे।

हम केवल आपको सूत्र बता सकते हैं रास्ता बता सकते हैं परंतु उस पर चलना आपको ही पड़ेगा मेहनत आपको ही करनी पड़ेगी और आप ही सफलता प्राप्त करेंगे।

◆अवरोध खत्म करें

आप ने एक नाविक की कहानी सुनी होगी। वह नदी के रास्ते अपने गंतव्य(अपने पहुँचने के स्थान) तक जाने के लिए पूरी रात मेहनत से चप्पू चलता है लेकिम सुबह होने पर देखता है कि वह उस स्थान से टस से मस तक नही हुआ क्यों? क्योंकि उसने उस रस्सी(अवरोध) को नही काटा जो नाव को खूंटे से बंधे हुए थी।

ठीक यही स्थिति बहुत लोगों की होती है जो मेहनत तो बहुत करते है लेकिन सफल नही हो पाते उनके साथ भी यही समस्या होती है वह उनकी सफलता के मार्ग के बंधनों के काटते नही है।

हर बात को करने तथा समझ समझने के 2 तरीके होते हैं एक सकारात्मक दूसरा नकारात्मक।

मान लीजिए किसी को धनवान बनना है तो उसे अपनी आय बढ़ाने होगी या फिर अपने व्यय को कम करना पड़ेगा। दोनों ही रास्ते में उसमें धन वृद्धि होगी। लेकिन यहां महत्वपूर्ण है जो सफल व्यक्ति होते हैं वह धन कमाने के साथ-साथ अपने लिए को कम करते हैं यदि वह धन तो अधिक कमाए और वह भी अधिक करते जाएं तो स्वभाविक है धन अर्जन कम ही होगा।

इस उदाहरण से समझ में आता है कि जिसे सफल बनाना है उसे मेहनत के साथ साथ अपने अवगुणों को दूर करना होगा जिन अवगुणों की वजह से उसकी मेहनत सफल हो जाती है सफलता के मार्ग पर व्यक्ति के अवगुण ही सबसे बड़ी बाधा होते हैं।

मान लीजिए कोई व्यक्ति मेहनत तो बहुत करता है लेकिन उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो उसकी भाषा मधुर ना हो तो उसके साथ काम करने वाले लोग उसे दूरियां बना लेंगे और उसका बॉस यह संस्था उसे वह स्थान नहीं देगी जिसके लिए वह मेहनत कर रहा है और दूसरी ओर जो व्यक्ति मेहनत भी करता है और उसका स्वभाव भी ठीक हो बात करने में मधुरता हो तो वह सफलता जल्दी प्राप्त कर लेता है।

ऐसे ही एक आलसी विद्यार्थी जो बिना विधि के बिना समय सारणी के मेहनत करता है और कभी कभी तो बहुत कठोर परिश्रम करता है फिर भी सफल नहीं होता या जितने अंक वह लाना चाहता है नहीं आ पाते दूसरी ओर वह विद्यार्थी जो समय सारणी के अनुसार योजना बना करके मेहनत करता है वह पहले वाले से ज्यादा अंक प्राप्त करता है।

तो सफलता प्राप्त करने के अपने अवगुणों को दूर करना होगा।

अपने लक्ष्य के प्रति जागरूक बने।

सफलता प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम आवश्यक होता है अपने लक्ष्य को हमेशा मन में रहे और उसके प्रति हमेशा जागरूक बने रहें असफल होने वाले व्यक्तियों में देखने में आता है जोश में आकर वह अपना लक्ष्य तो निर्धारित कर लेते हैं परंतु अपने लक्ष्य के प्रति सदैव सचेत नहीं रहते और कुछ समय बाद उनका लक्ष्य दूर हो जाता है।

मान लीजिए धावकों के बीच दौड़ हो रही हो तो कोई धावक ऐसा जो प्रारंभ में तो सबसे आगे दौड़ता है और निरंतर आगे बढ़ता जाता है लेकिन कुछ समय बाद वह सोचता है कि अब वह सबसे आगे हैं अब तो वह जीत ही जाएगा और अपने लक्ष्य के प्रति निरंतरता से भटक जाता है उसी क्षण पीछे दौड़ने वाला धावक जो अपने लक्ष्य के प्रति सचेत है और निरंतरता बनाए हुए हैं उसे आगे निकल जाता है और प्रतियोगिता को जीत लेता है ठीक इसी प्रकार कुछ असफल लोग होते हैं जो सफलता से चंद कदम दूर हिम्मत हार जाते हैं निरंतरता को तोड़ देते हैं जिससे वह सफलता तक पहुंचते-पहुंचते रह जाते हैं अतः हमें अपनी सफलता के लिए अपने लक्ष्य के प्रति हर क्षण निरंतरता बनाए रखनी चाहिए सचेत रहना चाहिए।

◆योजना बनाएं

जो व्यक्ति सफलता चाहते हैं तो उन्हें हर हाल में अपने लक्ष्य के प्रति योजना बनानी ही पड़ती है आज तक दुनिया में जो भी व्यक्ति सफल बने हैं वह सभी अपनी योजनाओं के माध्यम से ही सफल बन सकें हैं किसी भी व्यक्ति को सफल होने से उसकी गरीबी उसकी, उसका परिवेश, या अन्य समस्याएं रोक नहीं सकती यदि वह योजना से अपना कार्य करें तो। कहते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने जीवन काल में कोई भी युद्ध नहीं आ रहा जिसके पीछे का रहस्य केवल इतना है कि वह हर युद्ध में एक नई योजना तैयार करते थे और कठोर परिश्रम जिसके कारण वह कभी युद्ध नहीं हारे। यहां प्रश्न यह भी है यदि कठोर परिश्रम किया जा रहा है और सफलता को प्राप्त करने के लिए निरंतरता भी बनी हुई है तो फिर योजना किस लिए?

एक व्यक्ति को अपने गांव से कुछ कार्य हेतु शहर जाना हो जिसके लिए दो रास्ते हैं एक वह रास्ता जिससे गांव और शहर की दूरी मात्र 12 किलोमीटर है दूसरा वह रास्ता जिससे शहर की दूरी 20 किलोमीटर है अब यदि वह व्यक्ति बिना योजना के 20 किलोमीटर वाले रास्ते पर मेहनत करके जाता है तो उसका समय तो बर्बाद होता ही है मेहनत भी ज्यादा करनी होती है। उस व्यक्ति को शहर को जाने से पूर्व सोचना चाहिए कि किस प्रकार समय को बचाया जा सकता है और मेहनत कम करके शहर तक पहुंचा जाए यदि वह यह विचार करें क्यों ना कोई दूसरा रास्ता खोजा जाए तो वह उस छोटे रास्ते को खोज लेगा यह तभी संभव है जब वह कार्य करने से पूर्व योजना बनाएं ।

प्रत्येक सफल व्यक्ति अपने लक्ष्य को पहुंचने से पूर्व योजना बनाते हैं और कई बार उसे परीक्षण करते हैं तब सफलता के मार्ग पर अपना कदम बढ़ाते हैं जिससे वह व्यक्ति सफल बन पाते हैं।

तो हर उस व्यक्ति को जो अपने कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पाना चाहते हैं उन्हें कार्य करने से पूर्व योजना बनानी चाहिए जिससे सफलता को प्राप्त किया जा सके।

आज के सूत्र में केवल इतना ही लेकर आएंगे आप सभी के लिए अपना दूसरा सूत्र।