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घरोंदा और अन्य कहानिया - भाड़ा

! भाड़ा !

मुंबई शहर सबसे बड़ी समस्या घर की है ! इतना बड़ा शहर है और इस वजह कुछ लोग उसमे भी रास्ते निकल लेते है !

आज कल बंद पडी और बन रही ईमारत के ढांचे भी कुछ लोगो के लिए घर बन गए है !

एक ऐसी ही एक पुरानी ईमारत जिसका बनना शूरु हुआ था मगर किसे लीगल झंझट के वजह से उसका काम बंद पडा गया और फिर कुछ लोगो ने उसे जरुरत मदो के लिए घर में तब्दील कर दिया !

आज हफ्ते का पहला दिन है और वहा भाड़ा वसूली के लिए मालिक के लोग आ रहे थे इसे लिए वह लोग डरे हुए थे ! वह रहने वालो में सभी जरूरतमंद मजदूर , भिखारी और काम की तलाश में भटकने वाले लोग थे ! जिनके खुद के खाने के लाले थे मगर छत भी उन्हें जीने के लिए जरूरी थी !

मगर उन लोगो में आज सबसे ज्यादा खौफ में थी रानी क्यूंकी ये उसका दूसरा हफ्ता था और इस हफ्ते उसके पास १५०० रुपये जमा नहीं हुए थे ! ना ही उसे कोई काम मिला था और ना ही उसे किसे ने भींख दी थे और जब उसके पास पैसे नहीं होते तो मालिक के भेजे गुंडे लोग उन्हें जबरन वसूली करते थे ये उसने सुना था मगर उसे ज्यादा पता नहीं था !

रानी एक अच्छे खासे परिवार से थी मगर जवानी में होश खोकर कुछ महीने पहले वो उसके पड़ोस के लड़के के साथ मुंबई शहर भाग आयी थी मगर उसकी बाद किस्मती से उस लड़के ने उसे धोखा दे कर उसके गहने और पैसे चुरा लिए और उसे ट्रैन में छोड़ भाग गया था ! और तब से लेकर आज तक तक वो खुद को लोगो से बचाते हुए जी रही थी ! यहाँ उसे एक कामवाली मौसी लायी थी जो उसे लोगो के घर में काम दिलाने वाली थी ! मगर आज दूसरा हफ्ता था के उसे किसे ने काम नहीं दिया था !

वो मन ही मन सोच रही थी के मालिक के लोगो से वो क्या कहेगी ! या फिर वो सोच रही थे के उसके पास बचा आख़री मंगल सूत्र जो उसने उस लड़के के नाम से पहना था उसे हे उन लोगो को दे दे !

इतने में ही उसके दरवाजे पर दस्तक हुइ ! उसने दरवाजा खोला तो कुछ उग्र से दीखने वाले लोग उसकी और देख रहे थे !

गुंडा : ए लड़की चल भाड़ा निकल !

रानी : भैया माफ़ करना मगर मुझे इस महीने भी कोई काम नहीं मिला ! मगर इस हफ्ते कोई न कोई काम मील हे जायेगा ! तो में आप को २ हफ्ते का भाड़ा और कुछ ब्याज भी एक साथ दे दंगी !

गुंडा : खामोश बहाना मत बना ! हमे अच्छी तरह से पता है ! आज हम तुझसे भाड़ा वसूल कर कर ही जायेंगे !

रानी : नहीं भैया में सच कह रही हूँ ! मेरे पास अभी कुछ भी पैसा नही है !

दूसरा गुंडा : तो छमिया अगर तेरे पास पैसे नहीं है तो हमे वो दे दे जो तेरे पास है !

रानी : भैया मेरे पास इस मंगल सूत्र के सिवा कुछ भी नहीं है !

एक गुंडा : भाई ये मंगल सूत्र वाली एक्सपीरियंस लगती है, आप कहो तो हनीमून मनाये इसके साथ !

गुंडा : ठीक है अगर ये भाड़े का पैसा नहीं देंगी तो आज वही करेंगे इसके साथ !

उनकी बाते सुन कर रानी के शरीर में कांटे दौड़ गए और वो घबरा कर कापने लगी, मानो वो गुंडे अब किसे भी पल उसे नोच खायेंगे और वो कुछ भी नहीं कर पायगे ! वो अपने आप अंतर मन में कोसने लगी, के क्यों उसने उसके माता पिता का नहीं सुना और होश खो कर उस अनजान लड़के के साथ भाग आयी और शायद उसकी इस हरकत का अब उसे एक बहुत हे बड़ा दंड मिलने वाला था !

मगर तभी वहा वो औरत आयी जो उसे उस जगह लेकर आयी थी ! उसने बीच में आ कर उस गुंडे के लीडर को कहा ! अरे भाउ ये लो इस लड़की का भाड़ा, और उसने १५०० रुपये उस गुंडे के हाथ में थमा दिए !

गुंडा : अरे लैला तू अगर इसका भाड़ा भरेगी तो तेरा भाड़ा कौन देगा !

लैला : आप मुझसे वसूल लो ! आप तो जानते है मुझे पता है के आप लोग कैसे वसूल करते है !

गुंडा उसके साथियो को इशारा करता है ! चलो रे तुम्हारी मौज का इंतजाम हो गया !

थोड़ी ही देर में वो सभी गुंडे लैला के साथ उसके कमरे में चले गए और उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया !

रानी को वहा जो भी कुछ चल रहा था वह एक बुरे सपने की तरह झककोर गया ! उसे बहुत गुस्सा भी आ रहा था और रोना मगर को करती भी क्या !

थोड़ी देर वो उसके दरवाजे पर ही स्तब्ध खड़ी रही और फिर एकाएक वह हिम्मत करके लैला के कमरे की तरफ गयी !

वहा एक दीवार की आड़ में छुप कर वहा लगी खिड़की से वो अंदर झांकने लगी !

उसने देखा लैला वह जमीन पर पड़ी हुइ एक दरी पर बैठी है !

और वो सभी गुंडे अधनंगे हो उसके आजु बाजु बैठे है ! उसे अंदर के आवाज सुनाई भी दे रहे है ! वो सभी उसपर भद्दे बोल बोल रहे है !

तभी एक गुंडा जो उनका लीडर था उसने लैला का सर उसके बालो से पकड़ कर उसकी और खींचा !

और उसके उसके गालो में उसने उसके नाखून गडा दिए ! लैला को दर्द हो रहा था मगर वो पता नहीं किस वजह से उसे सही जा रहे थी

गुंडा : हाय ! पता नहीं ऐसी गंदी जगह पर तेरे जैसा फूल कैसे खिल जाते है लैला !

जी चाहता है के तुज़हे ऐसे ही नोच कर मसल दू ! और उसने उसके बाकी नाखून भी और जोर से लैला के गालो में गड़ा दिए और तभी एक दूसरे गुंडे ने उसके मुँह पर हाथ रख कर उसके हाथ की जलती सिगरेट उसकी गले पर लगा दी, अब लैला के गालो पर खून साफ़ झलकने लगा, उस सिगरेट के जलन और नाखून के चुभने के दर्द से लैला झटपटाने लगी !

यह वहशीपन रानी से देखा नहीं गया और वो चीखे उसके पहले अपना मुँह हथेली से दबा कर उसके कमरे की और भागी ! उसने उसका कमरा अंदर से बंद कर लिया और फूट फूट कर रोने और अपने आप को कोसने लगी ! कुछ घंटे बीत जाने के बाद उसने अपना कमरा खोला तो देखा के लैला के कमरे का दरवाजा खुला है और वो लोग वहा से जा चुके है ! रानी लैला के कमरे की तरफ दौड़ी ! और वहा का नजारा उसे दहला गया !

लैला उसके कमरे में जमीन पर बेहोश सी पड़ी थी, उसके खुले बदन पर जगह जगह से नोचने और सिगरेट से जलाने के नीशान थे ! रानी ने उसे उसकी गोद में उठाया और सिसक सिसक कर रोने लगी और खुद को कोसने लगी !

रानी : दीदी मुझे माफ़ कर देना ! ये सब मेरी वजह से हुआ है ! काश के में आप के लिए कुछ कर पाती ! में आप को उन गुंडों के हवाले कर गइ मुझे माफ़ कर दो !

रानी के आंसू गर्म लैला के मुँह पर पड़े और उसे होश आ गया !

लैला खुद को सँभालते हुए उठी और रानी से लिपट कर रोने लगी !

लैला : बेटी ! ये मेरे साथ पहली बार नहीं हुआ है, में आज से पहले कई बार उन दरिंदो का खिलौना बन चुकी हूँ ! मगर आज मैंने देखा के तू भी उसी खतरे में है जिसमे में कभी थी और उस वक़्त मुझे बचने वाला कोई नहीं था ! मगर मैंने सोचा के अगर आज में तुझे बचा सकू तो मेरा जीवन धन्य हो जायेगा,अगर में तेरे साथ ये होने देती तो खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाती ! इस लिए मैंने अपने आप को उनके हवाले कर दिया !

रानी बेटा ये दुनिया बुरी है मगर इस ज़माने के थपेड़े सह कर ये लैला अब इतनी कमजोर नहीं रह गइ है के एक बेटी को ना बचा सके !

रानी ने मन ही मन भगवान को याद किया ! अब रानी ने एक दरी ले कर उस पर लैला को सुलाया ! फिर उसने वही रखे एक बर्तन में स्टोव पर गरम पानी किया ! लैला को उठा कर उसका शरीर एक कपडे और उस गरम पानी से साफ़ किया उसके जख्मो पर खोपरे का तेल और हल्दी लगाइ !

आज रानी को रह रह कर उसे उसके माँ बाबूजी की बहुत याद आ रही थी ! मगर उसे उनकी मौजूदगी लैला में महसूस हो रही थी और शायद लैला को भी रानी में उसकी अजन्मी बेटी नज़र आ रही थी, क्युकी लैला के शराबी पती की मारपीट के दौरान उसका बच्चा उसकी ही कोख में मर गया था ! और उसका पती उसे सरकारी अस्पताल में मरने की हालत में छोड़ भाग गया था !

उस दिन के बाद उन्होंने वो जगह छोड़ दी और एक दूसरी जगह दोनों एक साथ रहने लगी ! कुछ ही दिनों में दोनों ने एक दूसरे की मदद से अपने आप को संभाल लिया, अब लैला फिर से लोगो के घरो में बर्तन मांजने का काम करने लगी और रानी को भी जल्द ही एक होटल में वेटर की नौकरी मिल गयी !

कुछ दिन बीत ने का बाद एक खबर उन्हें पता चली के जिन गुंडे ने उन्हें बार बार तंग किया था उन्हें पुलिस ने उनके सेठजी के खून और लूट के मामले में गिरफ्तार किया है और उन्हें अब फांसी होने वाली है !

ये खबर सुन कर दोनों भी खुश हुइ और उस दिन पास के मंदिर में जा कर दोनों ने भगवान की पुजा कर उन्हें बहुत बहुत धन्यवाद दिया !

दोनों की जिंदगी में अड़चने तो काम नहीं थी मगर अब उन्हें एक दूसरे का साथ था ! सो जल्द ही उन्होंने कुछ पैसा इकट्ठा किया और कुछ भले लोगो की मदद से एक छोटा सा होटल शुरू कर दिया जो जल्द हे अच्छा चलने लगा और दोनों के जिंदगी सुधर गइ !

ये केवल दो अबलाओ की कहानी नहीं है ! ये उन सभी नारियो की कहानी है जिन्हे आज बचाने वाला कोई चाहिए ! भगवान तो है ही मगर इंसान अगर इंसान के काम आये तभी तो इंसान वो कहलाने के लायक है, नहीं तो जानवर और इंसानो में कोई फर्क नहीं !

रानी और लैला की ये कहानी ये सीखती है के हमे किसी भी हाल में अपने आप को संभाल कर एक नए हौसले के साथ जिंदगी के कठिन से कठीन पल से जूझते हुए नए जीवन के शुरुवात करनी चाहिए ! और समाज को भी एक साथ सभी लोगो को सुरक्षा और आगे बढ़ने के मौके देने चाहिए !