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सरकारी स्वच्छ्ता कार्यक्रम- व्यंग्य

कल शाम को ही मोबाइल पे मैसेज आया था,फिर मेल आया,फिर नोटिस लगा ऑफिस में और फिर उसकी प्रिंटेड कॉपीज सभी डिपार्टमेंट हेड्स को भी पहुँचाई गईं थी कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर 'स्वच्छता ही सेवा' कार्यक्रम के तहत 7 से 10 बजे 'बीच क्लीनिंग' का आयोजन किया गया है जिसमें सभी कर्मचारियों को बढ़-चढ़ के भाग लेना है।

जोश-जोश में वो 7 बजे 'बीच' पहुंच गया, नया-नया रंगरूट था।जोश से भरा हुआ ,सरकारी तौर तरीकों से मरहूम।आज कई दिनों बाद उसने सुबह का सूरज देखा, दूर समंदर के पानी से नहा-धो के निकलता हुआ।मछुआरे मछली पकड़ रहे थे, ठिलिया वाले,खोमचे वाले भी चाट पकौड़ी, मुरमुरे, चने आदि के लिए प्याज़ काटने में लगे थे।बूढ़े टहल रहेथे, बच्चे खेल रहे थे, औरतें सूर्य को अर्घ्य दे रही थीं ,लड़कियाँ पानी में नहा रही थी ,सेल्फी ले रही थीं, लड़के उन्हें देख रहे थे, फोटो ले रहे थे।

धीरे-धीरे लोग आने शुरू हुए। सात से आठ बज गया, कुछ 30-40 जुझारू लोग आ चुके थे,और खूबूसरत बीच और सुहाने मौसम में ग्रुप बना के ऑफिस की बातें कर रहे थे।

बिग बॉस जिन्हें आम जनता से ब्रिटिश अंदाज़ में 'साहब' सुनना पसंद था, करीब साढ़े आठ बजे अवतरित हुए।सोये हुए से माहौल में खलबली मच गई। तुरंत हरकत में आते हुए HR ने सबको टी शर्ट्स और कैप्स, बैनर्स. झंडे, तख्तियाँ (जिनके तीन चौथाई हिस्से से कंपनी का नाम और फिर गांधीजी का फोटो और फिर और नीचे सबटाइटल जैसा 'से नो टू प्लास्टिक', 'हमारा संकल्प प्रदूषण मुक्त भारत', 'स्वच्छ भारत, सुन्दर भारत' आदि आदि सुंदर लाइन्स लिखी हुई थीं), आदि बाँट दीं।
कंपनी का कैमरामैन पल-पल की खबर लेने लगा। लोकल न्यूज़पेपर्स और चैनल्स के लोग , जिन्हें पहले से ही कम्पनी के इस महान संकल्प और पर्यावरण प्रेम के बारे में सूचित कर दिया गया था, स्पेशल न्यूज़ के लिए बाइट्स लेने लगे।

'बीच' पे ही एक अस्थाई मंच बनाया गया था,माइक,कुर्सियों आदि की व्यवस्था की गई थी।पहले HR ने कंपनी के इतिहास और उसके CSR कार्यक्रमों के बारे में बताया, फिर आज के कार्य्रकम का विवरण दिया, 'साहब' का बुके देके स्वागत किया,'साहब' की तारीफ में कसीदे काढ़े, एक दो तड़कते-भड़कते चापलूसी से भरे हुए शेर सुनाये और उनके मुख़ारविंद से दो प्रेरक शब्द सुनने के लिए उनसे आग्रह किया। साहब ने HR का,जनता का, उपस्थित कर्मचारियों का,मीडिया का धन्यवाद किया और दो शब्द बोलने लगे। आधे घंटे बाद जब दो शब्द खत्म करते हुए और अधिक समय न लेते हुए उन्होंने सभी से सफाई में जुट जाने का आवाहन किया।

फिर सभी नीचे एकत्र हुए,बीच के किनारे सड़क पे एक जागरूकता रैली निकाली गई,जिसमें जनता ने इतनी जोरदार तरीक से प्लास्टिक के खिलाफ नारे लगाए, कि बेचारी प्लास्टिक डर के मारे नालियों के अंदर, झाड़ियों के पीछे और समंदर के अंदर जा छुपी।

फिर सबने 15 मिनट विचार विमर्श कर योजना बनाई कि कैसे और कहाँ से सफाई शुरू करनी है।
अब ये शुरू क्यों नहीं कर रहे? पता चला कि फोटोग्राफर पेशाब झाड़ियों के पीछे पेशाब करने गया है।(अरे 'बीच' पे टॉयलेट्स कौन बनवाता है रे!!)।

सफाई शुरू हो गई। साहब ने कहा ,ओह्ह, यहाँ तो बहुत मिट्टी और बालू है इसे साफ करवाना पड़ेगा, और उसे उठाके डस्टबिन में भरने लगे।HR ने समझाया,'सर ये 'बीच' है, यहाँ मिट्टी और बालू नार्मल है। हाँ, प्लास्टिक नार्मल नहीं है।
पर ये गंदी पन्नियाँ और पानी के गंदे डिस्पोज़ल गिलास साहब थोड़े ही उठायेंगे।तो उनके लिए थोड़े फूल, बुके का कवर बिखरा दिए गए।साहब ने फोटोग्राफर को देखते हुए कचरा उठाया।फिर कुछ कैंडिड पोज़ लिए गए।

स्वच्छता कार्यक्रम के पोज़ उसी तरह तय हैं जैसे शादी में दुल्हन की मेंहन्दी भरे हाथ दिखाने के होते हैं।मसलन, कूड़ा उठाते हुए, उसे कचरापेटी में डालते हुए,हाथ मटकाते हुए लोगों के समझाते हुए, सूरज की तरफ देखते हुए,पसीना पोंछते हुए,ठिलिया वालों से हाथ मिलाते हुए,उन्हें ज्ञान बांटते हुए।

बाकी जनता से ज्यादा कूड़ा नहीं उठ पा रहा है।कूड़ा कैसे उठाएं, हाथ में तो झंडा है।और कंपनी का झंडा, शीश कटवा देंगे पर झंडा नहीँ झुकने देंगे।

आखिर अधिक धूप देखते हुए और साहब के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए पौने दस पे कार्य स्थगित कर दिया गया, और जलपान वितरण का प्रोग्राम शुरू हो गया।HR ने पूरी और बेहतरीन तैयारी की थी।सबको नाश्ता बाँट दिया गया।नाश्ते में एक पॉलिथीन में एक डब्बा जिसमें पूरी-सब्जी,छोटी चॉकलेट, जूस का पाउच और 250ml की पानी की बोतल थी।
पर ये जनता जागरूक थी, इसलिए इन्होंने इसे ऐसे ही नहीं फेंका, एक गंदी सी जगह देख के वहीं ढेर लगा दिया।जहाँ इन लोगों ने आज एकत्रित किये गए 10 किलो कचरे का ढेर लगाया था।(वजन कैसे हुआ?मित्र बड़े-बड़े लोग किलो में ही कचरा उठाते हैं,और एक एक पन्नी उठाते समय 5 ग्राम और 10 ग्राम का कैलकुलेशन लोगों के दिमाग में चलता रहता है।)

फिर समापन समारोह भी उसी ऊर्जा और क्रम से मनाया गया।साहब ने भाषण में लोगों की सराहना की और कहा कि हालांकि आज समयाभाव की वजह से अधिक काम नही हो पाया, पर समस्या पर काफी सार्थक ढंग से विचार विमर्श हुआ है और जागरूकता आई है।और अगली बार वो सफाई भी करेंगे।

और ऐसे स्वच्छ्ता से सेवा जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न हो गया।