Gumshuda ki talash - 22 books and stories free download online pdf in Hindi

गुमशुदा की तलाश - 22



गुमशुदा की तलाश
(22)



जॉर्ज के वाट्सऐप पर एक वीडियो मैसेज आया। जिस नंबर से वह आया था उसे जॉर्ज नहीं पहचानता था। फिर भी उसने वीडियो देखा। वह यह देख कर चौंक गया कि वीडियो उसके मैंशन में ही शूट हुआ था। अंत में वीडियो बनाने वाले ने कैमरा अपनी तरफ घुमा लिया था। उस शख्स ने ग्रे कलर की यूनीफॉर्म पहनी थी। उसने सर पर कैप इस तरह नीचे करके पहनी हुई थी कि उसका चेहरा ठीक से दिखाई ना दे।
जॉर्ज यह वीडियो देख कर बौखला गया। जब तक वह कुछ समझता उसी नंबर से एक मैसेज आया।
'सरप्राइज़्ड'
जॉर्ज ने फौरन एक मैसेज भेजा।
'हे यू बास्टर्ड....हू द हेल आर यू...'
जवाब आया।
'कॉल मी...'
जॉर्ज ने फौरन फोन किया। उधर से आती आवाज़ को वह पहचान गया।
"मदन...यू रास्कल..."
मदन ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा। उसके बाद अचानक चुप होकर गंभीर स्वर में बोला।
"जॉर्ज.... यह सब मैंने केवल ये दिखाने के लिए किया है कि अक्ल और ताकत किसी मामले में मैं तुमसे कम नहीं हूँ। इसलिए मुझसे मत उलझो। अगली बार मैं जब मैंशन में घुसूँगा तो तुम्हारी ईंट से ईंट बजा दूँगा।"
मदन ने फोन काट दिया। जॉर्ज मदन की इस धमकी से सकते में था। जब वह कुछ संभला तो दोबारा उसी नंबर पर कॉल किया। लेकिन अब वह नंबर लग नहीं रहा था।
मदन की इस हरकत से जॉर्ज बहुत अधिक चिढ़ गया था। मदन का इस तरह उसके किले में घुस कर फिर चले जाना उसे नागवार गुज़र रहा था। उसने भी मदन को सबक सिखाने का मन बना लिया।
मदन का एक कंसाइनमेंट आने वाला था। यह पिछले सभी कंसाइनमेंट्स से बहुत बड़ा था। ऐसे बड़े कंसाइनमेंट्स की डिलीवरी सदा मदन की देखरेख में होती थी। उसने एक प्राइवेट आईलैंड पर बीच कॉटेज खरीद रखा था। यह कॉटेज एकांत में था। यहीं वह ऐसे बड़े कंसाइनमेंट्स की डिलीवरी लेता था।
जिस रात कंसाइनमेंट आना था मदन पहले से ही वहाँ मौजूद था। वह और उसके साथी बेसब्री से उस फेरी के आने की राह देख रहे थे जिसमें माल था। फेरी रात के दो बज कर दस मिनट पर आनी थी। समय हो गया था।
समुद्र से टार्च की तेज़ रौशनी मदन पर पड़ी। फेरी आ चुकी थी। मदन के साथियों ने भी टार्च की रौशनी दिखा कर सब ठीक है का सिग्नल भेज दिया। फेरी किनारे की तरफ बढ़ चली।
स्पेशल टास्क फोर्स को ड्रग्स के एक बड़े कंसाइनमेंट के आने की खबर मिली थी। उन्हें पता था कि डिलीवरी कहाँ होनी है। बीच से कुछ ही दूर एक दूर एक मोटरबोट में बैठे सरवर खान और उनकी टीम सारी गतिविधियों पर नज़र रखे हुए थे।
कंसाइनमेंट लेकर फेरी किनारे पर पहुँची। मदन के साथी फेरी से माल उतारने के लिए आगे बढ़े। तभी सरवर खान की टीम ने धावा बोल दिया। अचानक पड़ी इस रेड से मदन और उसके साथी घबरा गए। सब भाग कर कॉटेज में घुस गए। दरवाज़ा भीतर से बंद कर लिया।
मदन अपने साथियों के साथ कॉटेज की तीसरी मंज़िल पर चढ़ गया। वह और उसके साथी ऊपर से गोलियां चलाने लगे। सरवर खान की टीम के लिए मुश्किल हो रही थी। मदन के लिए ऊपर से निशाना लगाना आसान था।
सरवर खान की टीम में उनके अलावा चार लोग थे। सब अपनी अपनी पोजीशन लेकर बैठ गए। लेकिन ऊपर निशाना लगाना कठिन हो रहा था। इसी बीच टीम के एक सदस्य के पेट में गोली लगी। सरवर खान समझ गए कि इस तरह से इन बदमाशों से निपटना मुश्किल होगा।
उन्होंने अपनी टीम के बाकी के सदस्यों से कहा कि हम जितना कॉटेज के नज़दीक जाएंगे उतना बदमाशों के लिए हमें देख कर निशाना लगाना कठिन होगा। वह और उनके साथी फुर्ती से बचते हुए कॉटेज के नज़दीक पहुँच गए। अब ऊपर से उन्हें देख पाना कठिन था। वह कॉटेज में घुसने का रास्ता देखने लगे। उन्होंने ध्यान से देखा। सभी खिड़कियां बंद थीं। वहाँ से भीतर जाना संभव नहीं था।
सरवर खान कॉटेज के पिछले हिस्से में गए। वहाँ एक नारियल का पेड़ था। उस पर चढ़ कर कॉटेज की दूसरी मंज़िल पर पहुँचा जा सकता था। सरवर खान की टीम में वेंकट था। वेंकट को नारियल के पेड़ पर चढ़ने का तजुर्बा था।
सरवर खान ने अपने दूसरे साथी अजय को मोटरबोट में से रस्सी लाने को कहा। प्लान के हिसाब से वेंकट रस्सी लेकर नारियल पेड़ पर चढ़ दूसरी मंज़िल की बालकनी में कूद गया। उसने रस्सी बालकनी की रेलिंग पर बांध कर नीचे लटका दी। सरवर खान ने अपने साथियों को एक एक कर रस्सी के सहारे ऊपर चढ़ने को कहा। सबके चढ़ने के बाद सरवर खान ऊपर चढ़ने लगे।
मदन ने महसूस किया कि नीचे कोई हलचल दिखाई नहीं पड़ रही है। उसने अपने एक आदमी को पता लगाने के लिए भेजा। वह आदमी उतर कर दूसरी मंज़िल पर आया। जब वह पिछले हिस्से में गया तो उसने देखा कि सरवर खान और उनके साथी पिछली बालकनी पर पहुँच गए हैं।
वह फौरन अपने साथियों को सतर्क करने के लिए भागा। पर सरवर खान ने दौड़ कर उसे पकड़ लिया। उसकी गर्दन पर वार कर उसे बेहोश कर दिया।
सरवर खान और उनकी टीम सावधानी से आगे बढ़ने लगे। वह सीढ़ियों के पास पहुँचे ही थे कि ऊपर से एक और आदमी उतरता हुआ दिखाई दिया। उसकी निगाह वेंकट पर पड़ी। उसने गोली चला दी। गोली उसके कंधे को छूती हुई निकल गई। वेंकट ने भी गोली चलाई। वह उस आदमी के सिर पर लगी। वह वहीं ढेर हो गया।
गोलियों की आवाज़ सुन कर मदन सतर्क हो गया। अब उसके अलावा केवल एक आदमी ही बचा था। वह अपने आदमी के साथ सीढियों के ऊपर से गोली चलाने लगा। कुछ देर तक दोनों तरफ से गोलियां चलती रहीं। वेंकट पहले ही घायल था। सरवर खान की टीम का एक और साथी घायल हो गया। अब सरवर खान के साथ केवल एक साथी अजय बचा था।
उधर मदन के साथ जो आदमी था वह भी सरवर खान की गोली का शिकार हो गया। अब मदन अकेला था। सरवर खान ने अजय से कहा कि वह मदन को पकड़ने ऊपर जा रहे हैं। वह नीचे खड़ा रहे। अगर मदन किसी तरह नीचे भागने की कोशिश करे तो तुम उस पर गोली चला देना।
सरवर खान अपनी गन साधे एहतियात के साथ ऊपर चढ़ने लगे। जब वह सबसे ऊपरी सीढ़ी पर पहुँचे तो घात लगाए मदन ने अचानक उन पर गोली चलाई। पर गन खाली थी। मदन अब फंस चुका था। लेकिन मदन जल्दी हार ना मानने वालों में था।
सरवर खान ने उस पर गन तान दी। वह सीधे मदन की आँखों में देख रहे थे। मदन की आँखें गहरी काली थीं। उनमें सम्मोहन की शक्ति थी। सरवर खान को लगा कि जैसे वह उन आँखों की गहराई में डूबे जा रहे हैं। कुछ क्षणों के लिए वह अपनी सुध खो बैठे।
मदन ने इस स्थिति का लाभ उठाया और सरवर खान को अपने कब्ज़े में ले लिया। वह उन्हें लेकर नीचे उतरने लगा।
अजय ने देखा कि मदन ने सरवर खान को गन प्वाइंट पर ले रखा है। वह उन्हें लेकर नीचे उतर रहा है। वह यह देख कर घबरा गया। मदन ने उसे धमकाया कि कोई चालाकी किए बिना अपनी गन उसे दे दे। अजय के पास और कोई चारा नहीं था। उसने गन मदन को दे दी।
मदन ने उससे कहा कि वह हाथ पीछे कर घुटनों के बल बैठ जाए। अजय जब उसके निर्देश के हिसाब से बैठा तो मदन ने कंधे पर गोली मार कर उसे घायल कर दिया।
सरवर खान को मदन की इस हरकत पर बहुत गुस्सा आया। उन्होंने मदन से गन छीनने का प्रयास किया। पर मदन ने उन्हें गर्दन से पकड़ लिया।
वेंकट का बहुत सा खून बह चुका था। वह आधी बेहोशी की हालत में था। जब उसकी आँख खुली तो उसने सरवर खान को खतरे में देखा। उसने अपनी गन उठानी चाही तो मदन ने उसकी छाती में गोली मार दी।
सरवर खान को अपने कब्ज़े में लिए हुए वह ग्राउंडफ्लोर पर आ गया। वह उन्हें लेकर मेन डोर की तरफ बढ़ने लगा। उसने कहा।
"तुम सोंच रहे होगे कि मैं तुम्हें भी गोली मार कर खत्म क्यों नहीं कर दे रहा हूँ। तुम्हें इतनी आसानी से नहीं मारूँगा। तुमने पहले भी उस पुराने मकान में रेड कर मेरा माल पकड़ा था। आज भी तुम्हारी वजह से मेरा बहुत नुकसान हो गया। तुम्हारी टीम के हमला कर देने से वो फेरी वाला मेरा माल लेकर भाग गया। अब तुम्हें बंधक बना कर मैं अपना नुकसान पूरा करूँगा।"
सरवर खान जानते थे कि कॉटेज का मेन डोर भीतर से बंद है। अब या तो मदन खुद उन्हें गन प्वाइंट पर रख कर डोर खोलने को कहेगा या खुद कोशिश करेगा। यही मौका होगा जब उस पर कबिज़ हुआ जा सकता है।