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मौलिक शेर - 1



नमस्कार दोस्तों.... ! यू तो हर इंसान की जिंदगी में कुछ ना कुछ ख़ास पल होते हैं.... जो खुशियों या ग़म के होते हैं उन्ही कुछ ख़ास पलों के एहसासो को मैंने शायरी में पिरोया हैं... जो पेश हैं "शेर -ए - शान" में..... !
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1. ना ये आसमा होता, ना ये ज़मीं होती
ना मै होता ना मिरि ये जिंदगी होती
गर माँ............... तुम ना होती.... !

ये मेरी माँ को समर्पित हैं जो अब इस दुनियां में नहीं हैं जिन्होंने मुझें इस काविल बनाया मै उनके इस एहसान को किसी भी तरह से नहीं चुका सकता हूं....
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2. खामोशिया रहती हैं साथ मिरे
दर्द ज़माने का सुनने के लिए.. !
------------------------------------------------------------------3. यहां परवाह करने वालों से ज्यादा
इस्तेमाल करने वालों का हुजूम हैं... !
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4. ना दुआ से जाएगा
ना दवा से जाएगा.. !
दर्द दिल का जो हैं
उनके आने से जाएगा... !!
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5. अश्क़ जो उनके हथेली पर मिरि सरक गये.. !
दर्द ए हालातों के मसले मिरे भी दरक गये... !!
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6. वो मिरि बातों से नहीं
मिरि मुस्कुराहट से परेशान हैं... !
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7. सच्चाई चेहरे की जो छुपा रखी हैं...!
इसीलिए तस्वीर किसी और की लगा रखी हैं.. !!
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8. वहां घर उसका महका था रौनक ए शहनाई में.. !
यहां रातें गुजरी हैं तन्हाई ही तन्हाई में.. !!
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9. अब और ना उलझ ए दिल
यहां और भी दिल उलझें हुए हैं.. !
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10. यहां तो परवाह करने वालों से ज्यादा
इस्तेमाल करने वालों का मज़मा हैं... !
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11. जिंदगी की इस दौड़ में
ना तो इतवार रहा
और ना एतवार रहा... !
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12. बात इतनी गहरी थी.. !
जो दिल में जाकर ठहरी थी.. !!
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13. उस हिज़ाब में क्या हैं, कैसा हैं मै नहीं जनता
बस यही जनता एक दिल हैं जो धड़क रहा हैं.. !
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14. वो इश्क़ का मज़ा कुछ और ही था
जो ज़िन्दगी भर की सजा दें गया... !
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15. उनसे कहो कि खामखा परेशान ना हो
अब मैंने आराम करने का बना लिया हैं... !
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16. आईना कोई ऐसा चाहिए जिसमें
मेरी सूरत होनी चाहिए.... !
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17. अगर ये उनका आजमाना हैं
तो फिर सताना किसे कहेंगे... !
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18. दुनियां मुझसे कहती हैं यार तुम मुस्कुराते बहुत हो
अपना दर्द छुपाते बहुत हो... !
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19. दो फ़िक्र करने वालों के बीच
मोहब्बत ही तो पनपती हैं... !
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20. मज़बूरियां, दूरियां पैदा करती हैं
मोहब्बत में
फिर भी आग मोहब्बत की लगा लेते हैं लोग.. !
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21. वो हर वक़्त तो मोहब्बत की बातें करते हैं.. !
फिर इश्क़ करने से क्यों डरते हैं... !!
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22. तलाश हैं एक शख्स की जो
मिरि आंखो में दर्द पढ़ सके... !
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23. ये दर्द दिल का हैं ज़नाब
ना किसी की दुआ से जायेगा
और ना दवा से..... !
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24. जो घड़ी तेरे संग गुजारी हैं.. !
वो ता-उम्र हम पर भारी हैं... !!
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25. मै कोई ग़ालिब नहीं
कि अपने सारे अल्फाज़
उस पर वार दूं... !
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26. एक वो हैं जिन्हे परवाह ही नहीं
एक हम हैं जो परेशान हैं उनके लिए... !
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27. अगर इस इश्क़ का रंग ना होता... !
तो प्यार करने वालो पर पहरा ना होता.. !!
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28. कुछ भी नहीं बस
उसकी चाहतो का
सैलाब हूं... !
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29. वो वक़्त भी अब कब आएगा
जब तेरी - मेरी मोहब्बत का
सैलाब लाएगा.... !
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30. ज़िन्दगी जब भी मेरी गर्दिश में हो जाती हैं.. !
करती हुई दुआ वो मिरे ख्वाबों में आ जाती हैं.. !
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31. वो अकेला पन भी क्या खूब हैं
जो मुझे अकेला रहना सिखा गया... !
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32. वो तन्हाई भी बड़ी अजीब हैं
रोज़ पास आकर पूछती हैं
मै क्यों हूं तेरे नसीब में... !
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33. वो फिर याद आने लगे हैं.. !
जिन्हे भूलने को हमें ज़माने लगे हैं... !!
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34. अब वो आहट भी
मिरि तन्हाइयों में
शोर करती हुई आ गयी... !
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35. ये ज़िन्दगी की तन्हाइयों के भी क्या झमेले हैं.. !
फिज़ूल की मोहब्बत में पढ़ कर हम अकेले हैं.. !!
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36. शिकायते तुम से नहीं तुम्हारी यादों से हैं... !
जो वे बजह मिरे ख्वाबों में आ जाया करती हैं.. !!
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37. आज कल वो मुझें हर मोड़ पर मिल जाया करती हैं
कहीं वो मिरि बद नसीबी तो नहीं....?
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38. यादें उसकी एहसास की तरह आती हैं...!
और एहसान जता कर चली जाती हैं... !!
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39. मुझें सिर्फ दो ही लोग पहचानते हैं
एक मेरा आईना दूसरी मिरि तन्हाई... !
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40. ना बदलूंगा मै ना बदलेंगी मिरि आदत.. !
चाहे जितना तूं करले मिरे बदलने की इवादत.. !!
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