LOW OF ATTRACTION - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

आकर्षण का सिद्धांत - 2

आकर्षण का सिद्धांत क्या है ?
आप जो अपनी आस पास देख रहे हो उस सब में आकर्षण का सिद्धांत होता है , जैसे कि वृक्ष, हवा, पानी,आकाश, पृथ्वी, पक्षी,जानवर, मनुष्य। हमारे आस पास एक अनंत शक्ति है, जो हम सब को जोड़ के रखती है। और हम इस शक्ति में रहते है । वो शक्ति है आकर्षण । जैसे कि वृक्ष अपना खोराक जमीन में रहे पोसक्तत्व को खींचकर बनाते है, पृथ्वी तालमेल से सूर्य के आस पास घूमती है, हम धरती पे चल सकते है । वैसे हि कुदरत में हर चीज एक दूसरे के साथ तल मेल से जुड़ी हुई है। अब आप मान लो कि आप एक चुंबक हो तो आपको पता है कि चुम्बक आपकी और आकर्षित होगा। वैसे ही आप अपनी जिंदगी में हर चीज अपनी और आकर्षित करते है। हमारे महान वैज्ञानिक सर आईएजेक न्यूटन ने कहा था की ब्रम्हांड की हर चीज के बीच आकर्षण होता है । जिससे वो दो चीज एक दूसरे के साथ जुड़ी होती है। और न्यूटन ने ए भी कहा था कि किसी भी वस्तु की अगर ऊपर से गिराए तो वो नीचे हि गिरेगी, इसी तरह आकर्षण का सिद्धांत काम करता है। आकर्षण का सिद्धांत ए नहीं देखता कि वो पदार्थ कितना बड़ा है या छोटा है , बस सिद्धांत तो सभी चीजों पे संतुलित रूप से लागू होता है। सभी इंसान पर लागू होता है , चाहे वो गरीब हो या अमीर। दुनिया की हर चीज पर आए सिद्धांत लागू होता है । आकर्षित करने की प्रबलता सिर्फ आप पर निर्भर है। ब्रम्हांड में हमारे सूर्य मंडल के हर ग्रह (बुद्ध, पृथ्वी, शुक्र,शनि,मंगड़)सूर्य के आस पास आकर्षण के कारण घूमते है। वैसे ही आकर्षण का नियम हमारे जीवन में बहुत महत्त्व रखता है। हम सब एक दूसरे के साथ ऐसे ही जुड़े हुए है।
हमारे आस पास जो कुछ भी हो रहा है, या जो भी हमारे जीवन में हुआ गए वो सब हमने हि आकर्षित किया है। ए आपको नागवार लगेगा कि हमने तो ए आकर्षित नहीं किया था , हमने नेगेटिव हालत को नहीं आकर्षित किया था । आप कहेंगे कि में क्यों खुद अपने परो पे कुल्हाड़ी मारूंगा ? लेकिन एक बार जो आप आकर्षण के सिद्धांत को समझ लेंगे और आपने जीवन में इस्तेमाल करना सुरु कर देंगे , तब आप अपनी जिंदगी खुद बनाएंगे। आपकी जिंदगी मानो बदल गई होगी। हर वक्त आप खुश रहेंगे, आपको दिल से शांति का अहेसास होगा। आप देखेंगे की आपकी जिंदगी में कैसे चमत्कार हो रहे है। आप हर नेगेटिव परिस्थिति को बदल सकेंगे और आपनी एक नई दुनिया देखेंगे । दुनिया को देखने का नजरिया बदलने लगेगा । ए रहस्य आपके जीवन के हर द्वार खोल देगा जहा पहले सिर्फ दीवारें थी।
" हम सब चुंबक की तरह है , जैसा होता है वैसा दूसरे चुंबक को आकर्षित करता है, वैसे ही हम वेसे हि बनते है और आकर्षित करते है जो हम सोचते है।" :- एनोनईमस
अब आप सोच रहे होगे की से आकर्षण केसे होता होगा ? हम कैसे किसी भी चीज को आकर्षित करसक्ते है ?
आप जो चाहते हो वो सब आपके अंदर मौजूद है सिर्फ आपको अपनी आंखे खोलने है।
लेखक :- Mansi Patel
ईमेल :- mansipatel952@gmail.com