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स्टॉकर - 34




स्टॉकर
(34)



सारा खूबसूरत थी। अपनी कला में प्रवीण थी। कुछ ही समय में ओडिशी नृत्यांगना के रूप में उसकी अच्छी पहचान बन गई।
माने हुए आयोजक उसके डांस का कार्यक्रम करवाते थे। अधिकांशतः वहाँ अमीरों का आना ही होता था। वह उसकी कला को कितना समझ पाते थे कहना कठिन था। पर वो सारा के रूप के दीवाने अवश्य हो जाते थे। उसके शो के बाद उससे मिलने वालों का तांता लग जाता था। लेकिन सारा हर एक को अपने आसपास भी नहीं फटकने देती थी। केवल सही मायनों में रईस ही उसके पास पहुँच पाते थे।
कई रईसों के साथ सारा के रोमांस के किस्से प्रसिद्ध हुए थे। वह अपने इन प्रेमियों का प्रयोग अपने मंहगे शौक पूरा करने में करती थी। उसके प्रेमी उसके खूबसूरत जिस्म के साथ अपना दिल बहलाते थे। दोनों की ही ज़रूरत पूरी हो जाने पर रिश्ता अपने आप ही टूट जाता था।
पर अब तक सारा को लगने लगा था कि समय के साथ साथ उसकी खूबसूरती कम हो जाएगी। तब उसके इर्द गिर्द घूमने वाले भंवरे कोई और फूल तलाश लेंगे। इसलिए अब उसे किसी एक के साथ स्थाई रिश्ता बनाना चाहिए।
अतः जब उसका रिश्ता रॉबिन से हुआ तो वह बार बार उस पर शादी के लिए दबाव डालने लगी। रॉबिन वैसे तो मस्मौला किस्म का इंसान था। उसे किसी रिश्ते में बंधना पसंद नहीं था। पर सारा की खूबसूरती ने उसे दीवाना बना दिया था। वह उसके दबाव के आगे झुक गया। सारा और रॉबिन ने शादी कर ली।
एक वर्ष तक सबकुछ सही रहा। लेकिन उसके बाद सारा और रॉबिन के झगड़े शुरू हो गए। सारा से विवाह के बाद भी रॉबिन दूसरी औरतों से संबंध रखता था। जब सारा आपत्ति करती तो उनका झगड़ा होने लगता।
रॉबिन ने अपनी माली हालत के बारे में भी सच नहीं बताया था। कहने को तो वह टी स्टेट का मालिक था। पर उसके ऊपर बहुत सा कर्ज़ था। जब सारा को इस बात का पता चला तो उसे रॉबिन के साथ शादी के अपने निर्णय पर बहुत पछतावा हुआ।
सारा ने इस बात पर आपत्ति जताई कि रॉबिन ने उसे अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में क्यों नहीं बताया। रॉबिन का कहना था कि तुम ही शादी के लिए मेरे पीछे पड़ी थी। इससे क्या फर्क पड़ता है कि मेरी माली हालत क्या है।
सारा ने ये सोंच कर रॉबिन के साथ शादी की थी कि उसकी जायदाद के सहारे अपनी ज़िंदगी आराम से काट लेगी। लेकिन अब तो सवाल था कि यह जायदाद भी कितने दिन रॉबिन के पास रहने वाली है। वह रॉबिन से खुद को अलग करने के लिए छटपटाने लगी। एक दिन रॉबिन का घर छोड़ कर अपने पिता के पास चली गई।
रॉबिन उसके पिता के घर उसे लेने के लिए पहुँचा तो उसने साथ जाने से मना कर दिया। दो एक बार कोशिश करने के बाद रॉबिन भी चुपचाप बैठ गया।
जैकब बीमार रहते थे। अपनी बेटी का यूं अपने पति के घर से चला आना उन्हें ठीक नहीं लगा। उन्होंने सारा को समझाया कि वह रॉबिन के पास लौट जाए। सारा भी अपने पिता के घर पर नहीं रहना चाहती थी। वहाँ रह कर नया जीवन शुरू करना कठिन था। वह पिता का घर छोड़ कर आचार्य दुर्गाशरण के आश्रम में रहने चली गई।
आश्रम के अनुशासन में रहना सारा के लिए कठिन हो रहा था। वह अक्सर आश्रम के नियम तोड़ती रहती थी। आचार्य दुर्गाशरण जैकब के बारे में सोंच कर कुछ समय तक उसे माफ करते रहे। लेकिन सारा सुधरने वाली नहीं थी।
वैसे तो सारा भी आश्रम के माहौल से निकलना चाहती थी। पर आचार्य दुर्गाशरण ने उसे आश्रम छोड़ कर चले जाने की चेतावनी दे दी। सारा को दिल्ली की एक डांस एकेडमी में टीचर की नौकरी के बारे में पता चला। वह दिल्ली चली गई।
सारा ने एक नई पहचान अपना ली। अब सब उसे मेघना के नाम से जानते थे। वह एकेडमी में ओडिशी नृत्य सिखाने लगी।
मेघना मतलब भर का कमा लेती थी। लेकिन उसे आरामदायक जीवन की आदत पड़ गई थी। दिल्ली में अपनी छोटी सी तनख्वाह में वह ऐशो आराम का जीवन नहीं जी सकती थी। वह उस लाइफस्टाइल के लिए तड़प रही थी। पर उसे पाने की कोई राह नज़र नहीं आ रही थी।
जब उसकी मुलाकात शिव से हुई तो पहली ही नज़र में वह भांप गईं कि वह अंदर से बहुत तन्हा है। उसने बड़ी चालाकी से अपने आपको उसके सामने इस तरह पेश किया कि वह शिव की तन्हाई को दूर करने को बेकरार है। शिव उसके झांसे में आ गया।
कुछ ही मुलाकातों के बाद उसने मेघना से शादी कर ली।
मेघना अब शिव जैसे अमीर व्यक्ति की पत्नी थी।
वैसे तो मेघना अब ओडिशी नृत्य के कार्यक्रम नहीं करती थी। लेकिन दिल्ली में जो संस्था उसके कार्यक्रम आयोजित करती थी उसके पास कोलकाता में एक कार्यक्रम का प्रस्ताव लेकर आई। यह कार्यक्रम बड़े स्तर पर होना था। इससे मिलने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा बच्चों के लिए काम करने वाली एक स्वयंसेवी संस्था को जाने वाला था।
मेघना ने कार्यक्रम में यह कह कर भाग लेने से मना कर दिया कि वह अब स्टेज पर नृत्य नहीं करती है। पर शिव को जब यह बात पता चली तो उसने समझाया कि यह आयोजन एक नेक काम के लिए हो रहा है। अतः उसे मना नहीं करना चाहिए। शिव के ज़ोर देने पर मेघना मान गई।
रॉबिन मेघना को भुला चुका था। वह कनिका मित्रा के साथ लिव इन में रह रहा था। पर कनिका से उसका झगड़ा हो गया। कनिका ने उस पर मारपीट का इल्ज़ाम लगा कर पुलिस में शिकायत कर दी। पर कुछ ही समय बाद अपनी शिकायत वापस ले ली।
कनिका उसे छोड़ कर चली गई थी। उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही थी। उस पर वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप भी लगे थे। कुल मिला कर वह बहुत बुरी स्थिति में था।
एक दिन अखबार में उसने एक विज्ञापन देखा। कोलकाता में ओडिशी नृत्य का एक चैरिटेबल कार्यक्रम था। नृत्यांगना का नाम मेघना टंडन था। पर उसकी तस्वीर ने रॉबिन का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। तस्वीर सारा की थी।

रॉबिन सोंच में पड़ गया। सारा गोम्स मेघना टंडन कैसे बन गई। अवश्य यहाँ कोई बड़ी बात है। उसने अपने स्तर पर पता करने का प्रयास किया। उसे पता चला कि मेघना टंडन उत्तर प्रदेश के एक मशहूर कार डीलर की पत्नी है। उस कार डीलर का नाम शिव टंडन है। वह अपने शहर के अमीरों की सूची में तीसरे नंबर पर आता है।
रॉबिन का दिमाग तेजी से काम करने लगा। उसके दिमाग में एक योजना ने जन्म लिया।
वह मेघना का नृत्य देखने कोलकाता पहुँच गया। शो के बाद वह मेघना से मिला।
मेघना को लगता था कि रॉबिन उसे भूल चुका होगा। पर उसे अपने सामने देख कर वह घबरा गई। रॉबिन ने उससे कहा कि वह कुछ बात करना चाहता है। इसलिए वह कुछ देर के लिए उसके साथ चले। मेघना भी उससे बात कर कुछ बातें स्पष्ट करना चाहती थी। उसने कहा कि वह अभी नहीं चल सकती है। उसका पति उसकी प्रतीक्षा कर रहा है।
रॉबिन कोलकाता में एक छोटे से होटल में ठहरा था। उसने मेघना को वहाँ का पता देकर मिलने के लिए बुलाया।
मेघना ने शिव से कहा कि वह अपनी एक सहेली से मिलने जा रही है जो आजकल कोलकाता में रहती है। शिव अपने होटल में आराम करना चाहता था। पर वह मेघना को उसकी सहेली के पास ले जाने को तैयार हो गया। मेघना ने उसे समझाया कि वह आराम करे। वह पहले भी कई बार कोलकाता आ चुकी है। अतः उसे दिक्कत नहीं होगी।
मेघना रॉबिन से मिलने उसके होटल पहुँच गई।